TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ‘The journey within’: श्रीखंड कैलाश से आत्मबोध तक की यात्रा

    ‘The journey within’: श्रीखंड कैलाश से आत्मबोध तक की यात्रा

    कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया

    कर्नाटक में फिर बदल रही है सियासी तस्वीर, सत्ता को लेकर हलचल तेज

    भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव

    उत्तराखंड की तर्ज पर हरियाणा विधानसभा में उठी लिव – इन – रिलेशनशिप को कंडीशनल बनाने की मांग

    बंग्लादेश युवक हत्या

    बांग्लादेश में हिंदू मज़दूर की हत्या: मैमनसिंह में भीड़ की हिंसा, जांच में जुटी पुलिस

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    sajid akram

    सिडनी हमलावर साजिद अकरम का इंडिया लिंक, तेलंगाना पुलिस ने किया खुलासा

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    goa mukti diwas

    गोवा मुक्ति दिवस: राष्ट्रीय सम्मान और संकल्प का प्रतीक

    kakori hatyakand

    क्रान्ति की मशाल : काकोरी कांड के अमर नायक पंडित रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

    kakori hatya kand

    बलिदान दिवस : देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले अमर

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ‘The journey within’: श्रीखंड कैलाश से आत्मबोध तक की यात्रा

    ‘The journey within’: श्रीखंड कैलाश से आत्मबोध तक की यात्रा

    कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया

    कर्नाटक में फिर बदल रही है सियासी तस्वीर, सत्ता को लेकर हलचल तेज

    भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव

    उत्तराखंड की तर्ज पर हरियाणा विधानसभा में उठी लिव – इन – रिलेशनशिप को कंडीशनल बनाने की मांग

    बंग्लादेश युवक हत्या

    बांग्लादेश में हिंदू मज़दूर की हत्या: मैमनसिंह में भीड़ की हिंसा, जांच में जुटी पुलिस

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    sajid akram

    सिडनी हमलावर साजिद अकरम का इंडिया लिंक, तेलंगाना पुलिस ने किया खुलासा

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    goa mukti diwas

    गोवा मुक्ति दिवस: राष्ट्रीय सम्मान और संकल्प का प्रतीक

    kakori hatyakand

    क्रान्ति की मशाल : काकोरी कांड के अमर नायक पंडित रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

    kakori hatya kand

    बलिदान दिवस : देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले अमर

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

साम्यवादी, इस्लामी, रूपांतरण माफिया प्रभावित केरल में केवल आदि शंकराचार्य ही हिंदू धर्म की समीक्षा कर सकते हैं

'आदि शंकराचार्य के बड़े योगदान के लिए आने वाली पीढ़ियां हमेशा उनकी ऋणी रहेंगी'

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
3 September 2022
in चर्चित, मत
PM Modi
Share on FacebookShare on X

हाल ही में केरल यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई महत्वपूर्ण स्थलों की यात्रा की। बृहस्पतिवार को ही उन्होंने ‘आदि शंकर जन्म भूमि क्षेत्रम’ में प्रार्थना की जो केरल के एर्णाकुलम जिला में स्थित कलाडी गांव में आदि शंकराचार्य की जन्म स्थली है।

पीएम मोदी का ट्वीट बहुत कुछ कहता है

नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “मैं श्री आदि शंकर जन्मभूमि क्षेत्रम जाकर बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं। यह निश्चित तौर पर एक खास जगह है। महान आदि शंकाराचार्य द्वारा हमारी संस्कृति की रक्षा के लिए दिए गए बड़े योगदान के वास्ते आने वाली पीढ़ियां हमेशा उनकी ऋणी रहेंगी” –

संबंधितपोस्ट

खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

बिहार में मोदी का महासंकल्प: रोड शो से जन-जन तक ‘राष्ट्रवादी विकास यात्रा’

बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन में दरार: कांग्रेस-राजद विधायकों के इस्तीफे से भाजपा को मिला बलt

और लोड करें

I feel very blessed to be at the Sri Adishankara Janmabhumi Kshetram. It is indeed a special place. Generations to come will remain indebted to the great Adi Shankaracharya for his rich contribution towards protecting our culture. pic.twitter.com/5VCwxcEbFq

— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2022

पीएम मोदी ने आदि शंकराचार्य के महत्व को गिनाते हुए कहा कि उनकी धरोहर को श्री नारायण गुरु, चट्टम्पी स्वामीकल और अय्यंकाली जैसे कई संत एवं समाज सुधारक केरल से बाहर ले गए। आदि शंकराचार्य अपने ‘अद्वैत’ दर्शन को लेकर जाने जाते हैं। परंतु आदि शंकराचार्य के महत्व को पीएम मोदी इतना क्यों रेखांकित कर रहे हैं? आखिर ऐसा क्या है उनमें जो किसी अन्य में नहीं? असल में जब बौद्ध धर्म भारत में अपनी जड़ें मजबूत कर रहा था, और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सनातन धर्म की महिमा अब क्षीण हो रही है, तो ये आदि शंकराचार्य ही थे जिन्होंने अखंड भारत में धर्म की ध्वजा को पुनर्स्थापित करने का बीड़ा उठाया।

25 वर्षों के लघु अंतराल में उन्होंने ईश, केन, कठ, प्रश्न, मुण्डक, मांडूक्य, ऐतरेय, तैत्तिरीय, बृहदारण्यक और छान्दोग्य उपनिषदों पर भाष्य लिखें। 16 वर्ष की आयु में उन्होंने ब्रह्मसूत्र पर भाष्य लिखा। पश्चिम में द्वारका, उत्तर में बद्रीनाथ, पूर्व में जगन्नाथ पुरी और दक्षिण में श्रृंगेरी, 4 पुरियों में मठों की स्थापना कर, उन्होंने धर्म की दिग्विजय का उद्घोष किया। यह मान्यता है कि 4 दिशाओं में चार मठों की स्थापना का उद्देश्य इस सत्य को स्थापित करना था कि धर्म का शासन राजनीतिक संस्थाओं से श्रेष्ठ है।

केवल 32 की आयु में जो कार्य उन्होंने किए, उतना तो शायद सम्पूर्ण जीवन में कोई योद्धा, कोई राजनीतिज्ञ, कोई बुद्धिजीवी समस्त भारतवर्ष के लिए नहीं कर पाया। आज भी भारतवर्ष के शूरवीर सेवकों में आदि शंकराचार्य का नाम सम्मान सहित लिया जाता है, जिन्होंने अपना सर्वस्व मां भारती की सेवा में अर्पण कर दिया।

द कश्मीर फाइल्स के इस संवाद से आप भली भांति समझ सकते हैं, कि आदि शंकराचार्य के भारत निर्माण में क्या भूमिका थी, “फिर मैंने देखा, शंकराचार्य केरल से पैदल चलते हुए कश्मीर पहुंचे, केरल से कश्मीर। उनके पास कोई पुष्पक विमान तो था ही नहीं, सो He literally walked। उन्होंने सालों हिमालय की गोद में बैठकर शोध किया, क्योंकि दर्शन में जो शोध वे कर रहे थे वह केवल स्वर्ग में संभव थी, यानी कश्मीर!” वो आदि शंकराचार्य ही थे जिन्होंने चार ज्योतिर्मठ की स्थापना की।

और पढ़ें- पुरी शंकराचार्य के विरुद्ध विष उगलने के लिए भाजपा सांसद ने लगाई मीडिया की क्लास

ताम्रपत्र अभिलेख में क्या लिखा गया है

उनके ताम्रपत्र अभिलेख में शंकर का जन्म युधिष्ठिराब्द २६३१ शक् (५०७ ई०पू०) तथा शिवलोक गमन युधिष्ठिराब्द २६६३ शक् (४७५ ई०पू०) सर्वमान्य है। इसके प्रमाण सभी शांकर मठों में मिलते हैं।

आदि शंकराचार्य जी ने जो चार पीठ स्थापित किये, उनके काल निर्धारण में उत्थापित की गयी भ्रांतियां-

  1. उत्तर दिशा में बदरिकाश्रम में ज्योतिर्पीठ: स्थापना-युधिष्ठिर संवत् 2641-2645
  2. पश्चिम में द्वारिका शारदापीठ- यु.सं. 2648

3.दक्षिण शृंगेरीपीठ- यु.सं. 2648

  1. पूर्व दिशा जगन्नाथपुरी गोवर्द्धनपीठ – यु.सं. 2655

आदिशंकर जी अंतिम दिनों में कांची कामकोटि पीठ 2658 यु.सं. में निवास कर रहे थे।

शारदा पीठ में लिखा है –

“युधिष्ठिर शके 2631 वैशाखशुक्लापंचम्यां श्रीमच्ठछंकरावतार:।

……तदनु 2663 कार्तिकशुक्लपूर्णिमायां ……श्रीमच्छंकरभगवत्पूज्यपादा…… निजदेहेनैव…… निजधाम प्राविशन्निति।

अर्थात् युधिष्ठिर संवत् 2631 में वैशाखमासके शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को श्रीशंकराचार्य का जन्म हुआ और युधि. सं.2663 कार्तिकशुक्ल पूर्णिमा को देहत्याग हुआ। [युधिष्ठिर संवत् 3139 B.C. में प्रवर्तित हुआ था]

चार धार्मिक मठों में दक्षिण के शृंगेरी शंकराचार्य पीठ, पूर्व (ओडिशा) जगन्नाथपुरी में गोवर्धन पीठ, पश्चिम द्वारिका में शारदामठ तथा बद्रिकाश्रम में ज्योतिर्पीठ भारत की एकात्मकता को आज भी दिग्दर्शित कर रहा है। कुछ लोग शृंगेरी को शारदापीठ तथा गुजरात के द्वारिका में मठ को काली मठ कहते हैं। उक्त सभी कार्य को सम्पादित कर 32 वर्ष की आयु में केदारनाथ तीर्थ में यह ब्रह्मलीन हुए।

और पढ़ें- आदि शंकराचार्य सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान के प्रतीक हैं और उन्हें केदारनाथ में पुनर्स्थापित किया गया है!

आदि शंकराचार्य का इतना राजनीतिक उल्लेख क्यों?

परंतु प्रश्न तो अब भी व्याप्त है – आदि शंकराचार्य का इतना राजनीतिक उल्लेख क्यों? किसलिए? असल में केरल को ‘God’s own Country’ यानी ईश्वर का अपना देश कहा जाता है, क्योंकि अनेक धर्मों ने यहीं से भारत में प्रवेश किया था। यहीं पर भारत के सर्वप्रथम मस्जिद एवं गिरजाघर का निर्माण भी हुआ था और मंदिरों की कभी कोई कमी ही नहीं थी। अनेक तीर्थों की भूमि है केरल, परंतु अब यहां पर कम्युनिस्टों एवं इस्लामिस्टों का कुशासन व्याप्त है, जो बस कैसे भी करके इस राज्य को नोच खाना चाहते हैं।

अब यह कम्युनिस्ट इस्लामिस्ट गठजोड़ काफी सफल भी रहा है, जिसमें सेक्युलर बुद्धिजीवी भी अपना भरपूर योगदान देते रहते हैं। इनके कारण जो केरल कभी संस्कृति, इतिहास एवं विज्ञान के क्षेत्र में भारत का प्रतीक चिन्ह हुआ करता था, वह अब भारत की नैतिक दुर्दशा का प्रतीक चिह्न है। कहने को यह राज्य 100 प्रतिशत साक्षर, लेकिन नैतिक और सांस्कृतिक रूप से यह 100 प्रतिशत निरक्षर है।

ऐसे में आदि शंकराचार्य के कीर्ति का प्रचार प्रसार कराना अपने आप में एक क्रांतिकारी निर्णय है, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। लगभग एक वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ धाम में जगतगुरू आदि शंकराचार्य की क्लोराइड से बनी एक मूर्ति का अनावरण किया। यह मूर्ति केदारनाथ धाम के विकास के लिए बनी वृहत्तर योजना के अंतर्गत बनायी गयी है। 35 टन वजनी मूर्ति की ऊंचाई 12 फीट है, इसे 130 टन के एक पत्थर को काट कर बनाया गया है। कटाई के दौरान लगातार नारियल पानी का प्रयोग किया गया है, जिससे आदि शंकराचार्य की मूर्ति काफी चमकदार और चिकनी बनी है। मूर्ति निर्माण में विशेष रूप से नारियल पानी का प्रयोग इसलिए हुआ है कि मूर्ति की चमक जगतगुरू आदि शंकराचार्य के तेज को प्रतिबिंबित कर सके।

पीएम मोदी के अभिभाषण के अनुसार, “हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश अपने पुनर्निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है। इस कड़ी में हम आदि गुरु शंकराचार्य को एक नयी प्रेरणा के तौर पर देख सकते हैं, क्योंकि देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तैयार कर रहा है। हमने इसकी समय सीमा भी तैयार की है। तो लोग इस पर सवाल उठाते हैं कि ये जो तय किया है, यह हो भी पाएगा कि नहीं…तब मेरे मुंह से यही निकलता है कि समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है।’

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि यदि केरल को कोई कम्युनिज़्म एवं इस्लामिस्टों के प्रकोप से मुक्त कर सकता है, तो वह केवल आदि शंकराचार्य की यश एवं कीर्ति है, जिसे चहुंओर फैलाने में पीएम मोदी कोई प्रयास अधूरा नहीं छोड़ रहे हैं।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: आदि शंकराचार्यनरेंद्र मोदीश्री आदि शंकर जन्मभूमि क्षेत्रम
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

नीतीश कुमार के 5 जवान टीम भाजपा में शामिल

अगली पोस्ट

UN ने शिनजियांग में उइगर मुसलमानों पर अत्याचारों को मानवता के विरुद्ध अपराध घोषित किया लेकिन OIC चुप है

संबंधित पोस्ट

सैरंग राजधानी मिजोरम को सीधा दिल्ली से जोड़ती है
चर्चित

असम में हाथियों से टकराने के बाद सैरंग राजधानी एक्सप्रेस पटरी से उतरी, 8 हाथियों की मौत, सभी यात्री सुरक्षित

20 December 2025

दिल्ली को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल से जोड़ने वाली सैरंग राजधानी एक्सप्रेस आज तड़के हादसे का शिकार हो गई। ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना तब हुई जब...

लोकसभा में पेश SHANTI बिल में क्या-क्या है?
चर्चित

SHANTI बिल: नरेन्द्र मोदी सरकार की परमाणु ऊर्जा नीति, विकसित भारत की भविष्य दृष्टि

19 December 2025

केंद्र सरकार ने भारत के परमाणु ऊर्जा कानूनों में व्यापक सुधार और स्वतंत्रता के बाद पहली बार निजी क्षेत्र की भागीदारी को सक्षम करने के...

संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 
चर्चित

संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

13 December 2025

13 दिसंबर 2001—वह तारीख जिसे भारत कभी नहीं भूल सकता। आज से 24 वर्ष पहले ठीक इसी दिन देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था- संसद भवन...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited