TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

    कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

    बिहार में मोदी का महासंकल्प: रोड शो से जन-जन तक ‘राष्ट्रवादी विकास यात्रा’

    बिहार में मोदी का महासंकल्प: रोड शो से जन-जन तक ‘राष्ट्रवादी विकास यात्रा’

    अमित शाह के चेलों-चमचों…”, तेजस्वी की धमकी और बिहार के ‘जंगलराज’ की यादें

    अमित शाह के चेलों-चमचों…, तेजस्वी की धमकी और बिहार के ‘जंगलराज’ की यादें

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    जंगलराज बनाम सुशासन की वापसी! बिहार में बीजेपी का शब्द वार, ‘महालठबंधन’ की छवि को ध्वस्त करने की सुनियोजित रणनीति

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    सॉफ्टवेयर इंजीनियर से कट्टर जिहादी तक: जुबैर की गिरफ्तारी ने खोले अल-कायदा और आईएस के डिजिटल नेटवर्क के पते

    सॉफ्टवेयर इंजीनियर से कट्टर जिहादी तक: जुबैर की गिरफ्तारी ने खोले अल-कायदा और आईएस के डिजिटल नेटवर्क के पते

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बरी मस्जिद विवाद और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी: जब सुप्रीम कोर्ट ने तन्हा अब्दुल रहमान को दी स्पष्ट चेतावनी

    बाबरी मस्जिद विवाद और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी: जब सुप्रीम कोर्ट ने तन्हा अब्दुल रहमान को दी स्पष्ट चेतावनी

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

    कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

    बिहार में मोदी का महासंकल्प: रोड शो से जन-जन तक ‘राष्ट्रवादी विकास यात्रा’

    बिहार में मोदी का महासंकल्प: रोड शो से जन-जन तक ‘राष्ट्रवादी विकास यात्रा’

    अमित शाह के चेलों-चमचों…”, तेजस्वी की धमकी और बिहार के ‘जंगलराज’ की यादें

    अमित शाह के चेलों-चमचों…, तेजस्वी की धमकी और बिहार के ‘जंगलराज’ की यादें

    ट्रंप से फेस टू फेस होने से बचना चाहते हैं पीएम मोदी, जानें कांग्रेस के इस आरोप में कितना है दम

    जंगलराज बनाम सुशासन की वापसी! बिहार में बीजेपी का शब्द वार, ‘महालठबंधन’ की छवि को ध्वस्त करने की सुनियोजित रणनीति

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    ड्रैगन की नई चाल: पैंगोंग के उस पार खड़ा हुआ चीन का सैन्य किला, भारत भी कर रहा ये तैयारियां

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    इस्तांबुल में पाकिस्तान की कूटनीतिक हार: जब झूठ, दोहरापन और ‘ब्लेम इंडिया’ की नीति ने उसे दुनिया के सामने नंगा कर दिया

    सॉफ्टवेयर इंजीनियर से कट्टर जिहादी तक: जुबैर की गिरफ्तारी ने खोले अल-कायदा और आईएस के डिजिटल नेटवर्क के पते

    सॉफ्टवेयर इंजीनियर से कट्टर जिहादी तक: जुबैर की गिरफ्तारी ने खोले अल-कायदा और आईएस के डिजिटल नेटवर्क के पते

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    12 दिनों तक सूखती रहेगी मुनीर की हलक: जब पाकिस्तान की सरहदों पर गरजेगा भारत का ‘त्रिशूल’

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बरी मस्जिद विवाद और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी: जब सुप्रीम कोर्ट ने तन्हा अब्दुल रहमान को दी स्पष्ट चेतावनी

    बाबरी मस्जिद विवाद और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी: जब सुप्रीम कोर्ट ने तन्हा अब्दुल रहमान को दी स्पष्ट चेतावनी

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सनातनियों ने किया सम्मान, मुगलों ने की छेड़खानी, अंग्रेजों ने बहिष्कृत, भारत में किन्नरों की कहानी

सनातन धर्म में हमेशा ही सम्मान के पात्र रहे हैं मुगल

Ruchi Mehra द्वारा Ruchi Mehra
15 September 2022
in प्रीमियम
kinnar
Share on FacebookShare on X

किन्नरों की स्थिति आज के आधुनिक समय में भी बहुत बुरी हैं, हमेशा से ही इन्हें दोयम दर्जे का समझा जाता रहा है। कई लोग इन्हें घृणा के भाव से देखते हैं। जिस सम्मान के किन्नर अधिकारी हैं उसके लिए वो न जाने कब से संघर्ष कर रहे हैं। इसके विपरीत कई लोग तो उनका अपमान करने में या फिर उनका उपहास उड़ाने में भी पीछे नहीं रहते हैं। किन्नरों को पूरे समाज से ही काट दिया जाता है जिसके कारण यह वर्ग अलग-थलग होकर रहने को विवश हो जाता है।

किन्नरों की स्थिति हमेशा से ऐसी नहीं थी

प्रश्न यह है कि क्या किन्नरों की स्थिति हमेशा से ही ऐसी थी? यदि हम ध्यान दें तो सनातम धर्म में किन्नरों को बहुत सम्मान दिया जाता था किंतु मुगल काल में इनकी स्थिति दयनीय होती चली गयी। मुगलों ने किन्नरों के साथ बहुत अमानवीय व्यवहार किए। वहीं जब ब्रिटिशों का शासन देश में आया तो किन्नरों को इस प्रशासन ने देश से ही पूरी तरह से मिटा देने के प्रयास किए।

संबंधितपोस्ट

‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

महाकुंभ: भारत की सांस्कृतिक विरासत की अक्ष्क्षुण यात्रा

जन-जन तक पहुंचेंगे गीता के उपदेश; कुरुक्षेत्र में CM सैनी ने किया ‘अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव’ का आगाज

और लोड करें

सबसे पहले बात सनातन धर्म की करते हैं। सनातन धर्म में किन्नरों का बहुत महत्व रहा हैं। आप यह तो जानते होंगे कि सनातन धर्म से जुड़े लोग किन्नरों के आर्शीवाद को वरदान मानते हैं। वहीं इनके अभिशापों से भयभीत भी रहते हैं। मांगलिक कार्यों पर किन्नरों का आर्शीवाद शुभ माना जाता हैं। मान्यताओं के अनुसार किन्नरों को भगवान श्रीराम ने ही यह वरदान दिया था। इसके पीछे एक कथा है जो राम जी के वनवास से जुड़ी हैं।

जब प्रभु श्रीराम अयोध्या छोड़कर वनवास पर जा रहे थे तो उस समय उनकी प्रजा जिसमें किन्नर समुदाय भी आता था उनके पीछे-पीछे चलने लगी थी। प्रजा को अपने पीछे आते देख श्रीराम ने कहा कि सभी नर, नारी और बच्चे लौट जाएं। परंतु इनमें से किसी भी श्रेणी में नहीं आने वाले किन्नर 14 वर्षों तक वहीं रुके रहे। जब 14 वर्षों बाद वनवास काटकर और लंका पर विजय प्राप्त करके श्रीराम अयोध्या लौटे तो उन्होंने देखा कि सभी तो चले गए परंतु किन्नर उनकी वहीं प्रतीक्षा कर रहे थे। प्रभु श्रीराम किन्नरों की भक्ति देख बहुत प्रसन्न हुए और उन्हें वरदान दिया कि उनका आर्शीवाद हमेशा फलित होगा।

और पढ़ें- हम कम से कम 150 वर्ष तक का जीवन जी सकते हैं, बस यह करना होगा

भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप की हम पूजा करते हैं। भगवान शिव एक बार अर्धनारीश्वर रूप में प्रकट हुए थे, जो न तो पूर्ण रूप से पुरुष थे और न ही पूर्ण रूप से स्‍त्री। भगवान श‌िव ही क‌िन्नरों को सृष्ट‌ि में लाने वाले माने जाते हैं।

अब जानते हैं शिखंडी के बारे में जिनकी भूमिका महाभारत काल में महत्वपूर्ण रही है। सत्यवती और शांतनु के पुत्रों चित्रांगद और विचित्रवीर्य के विवाह के लिए काशीराज की पुत्रियों अंबा, अंबिका और अंबालिका को बलपूर्वक भीष्म के द्वारा हस्तिनापुर ले आया गया। परंतु जब भीष्म को ज्ञात हुआ कि अंबा के मन में शाल्व नरेश के लिए प्रेम है तो उन्होंने अंबा को शाल्व नरेश के पास भेज दिया। लेकिन शाल्व नरेश ने जब अंबा को किसी की परित्यक्ता कहकर उसे नहीं स्वीकारा तो वो हस्तिनापुर लौट आयी। यहां अंबा ने भीष्म के भाई से विवाह करने के लिए कहा लेकिन यहां भी उसे निराशा हाथ लगी क्योंकि भीष्म यह कह कर इस विवाह को नहीं होने दिया कि अंबा के मन में तो किसी और के लिए प्रेम है। इन घटनाओं के लिए अंबा ने भीष्म को दोषी ठहराते हुए स्वयं के साथ ही उन्हें विवाह करने के लिए कहा लेकिन भीष्म का तो आजीवन ब्रह्मचर्य का प्रण था तो उन्होंने भी अंबा से विवाह करने से मना कर दिया। इसके बाद अंबा ने भीष्म से प्रतिशोध लेने के लिए घोर तप किया और अंत में उसकी मृत्यु हो गयी।

पंचाल नरेश द्रुपद के घर अंबा का पुनर्जन्म हुआ और उसका नाम शिखंडनी रखा गया। शिखंडनी ने भगवान कार्तिकेय की आराधना की और पुरुष बनने का वरदान मांगा। भगवान कार्तिकेय ने कहा कि मैं तुम्हें पुरुष बनने का वरदान तो नहीं दे सकता लेकिन तुम्हारे अंदर पुरुष के गुण अवश्य दे सकता हूं। इस तरह शिखंडनी शिखंडी बन गयी जिसके अंदर स्त्री और पुरुष दोनों गुण विद्यमान थे। इसी शिखंडी ने अपने प्रतिशोध को पूरा करते हुए महान योद्धा भीष्म का महाभारत के युद्ध में वध कर दिया।

इसके अतिरिक्त महाभारत में भी कई-कई बार किन्नरों के बारे में बात हुई है। यहां तक कि अर्जुन, जिन्हें महाभारत काल का सबसे शक्तिशाली योद्धा माना जाता हैं, उन्हें एक श्राप के कारण किन्नर बनना पड़ा था। बताया जाता है कि पांडव जब अज्ञातवास पर गए थे तब अर्जुन ने एक वर्ष के लिए बृहन्नला नाम के किन्नर का रूप धारण किया था। बृहन्नला बनकर अर्जुन ने राजा विराट के यहां एक सेवक के रूप में काम किया। तब राजा विराट की पुत्री उत्तरा को उन्होंने नृत्य सिखाया था।

किन्नरों में भगवान श्रीकृष्ण की बहुत आस्था होती हैं, अधिकतर किन्नर श्रीकृष्ण को पूजते हैं। आपको कृष्ण जी से जुड़ी कई कहानियों में भी किन्नर की चर्चा मिल जाएगी। दक्षिण भारत में किन्नर एक दिन के लिए अरावन से शादी भी करते हैं। इसके पीछे का कारण भी महाभारत से जुड़ा है। महाभारत की कहानी के अनुसार अरावन अर्जुन और उलुपी के पुत्र थे। युद्ध के समय देवी काली को प्रसन्न करने के लिए अरावन अपनी बलि तक देने को तैयार हो गए थे। परंतु वो अविवाहित नहीं मरना चाहते थे। हालांकि कोई भी राजा अरावन से अपनी बेटी का विवाह करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि उन्हें अपनी बेटी के विधवा होने का डर था। ऐसे में श्रीकृष्ण ने मोहिनी रूप धारण कर अरावन से विवाह रचाया था। इसलिए किन्नर भी एक दिन के लिए अरावन से विवाह करते हैं और अगले ही दिन मृत मानकर विधवा हो जाते हैं। इन सबसे स्पष्ट हो जाता हैं कि सनातन धर्म में किन्नरों को महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता रहा है।

और पढ़ें- 2029 तक कैसे दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत?

मुगल और ब्रिटिश काल में किन्नरों की स्थिति

परंतु फिर आया मुगल शासन और यहीं से किन्नरों की स्थिति बुरी होने लगी। ऐसा सुनने को मिल जाता है कि मुगलों के समय में किन्नर बहुत अच्छी स्थिति में थे लेकिन वास्तविकता तो कुछ और ही है।  इतिहास देखें तो पता चलता है कि मुगल काल में किन्नरों की स्थिति अत्यधिक दयनीय थी। जब भी मुगल सेना किसी युद्ध में जीत जाती थी तो हारी हुई सेना के सैनिकों को बंदी बना लिया जाता था और फिर उनके गुप्तांग काटकर उन्हें किन्नर बना दिया जाता था। वो ऐसा मानते थे कि किन्नर बनने के बाद वो स्त्रियों के साथ संबंध नहीं बना सकेंगे और इस तरह वो अपना परिवार नहीं बना सकेंगे।

इतिहासकार के एस लाल की पुस्तक ‘द मुगल हरम’ मुगलों के इस काले सच को उजागर करती है। जबरन किन्नर बनाए जाने के बाद इन्हें मुगल हरम में रखा जाता था। कई इतिहासकार मानते हैं कि कई मुगल बादशाहों के इन किन्नरों के साथ शारीरिक संबंध भी थे। वहीं इतिहासकारों की किताबों में यह भी उल्लेख मिलता है कि महमूद गजनवी अपने यौन सुखों के लिए कम उम्र के युवाओं का प्रयोग किया करता था। इसमें से कईयों को तो जबरन किन्नर बनाया गया था।

मुगलों से पीछा छूटा, तो भारत पर ब्रिटिशों ने अपना कब्जा जमा लिया। 200 वर्षों तक भारत पर शासन करने वाले ब्रिटिश काल में किन्नरों की स्थिति और बुरी हो गयी थी। ब्रिटिश अधिकारी यह मानते थे कि किन्नर शासन करने योग्य नहीं हैं। अंग्रेज इन्हें घृणा भाव से देखते थे और भिखारी, समलैंगिक और वेश्या तक कहते थे। 1871 के विवादित क्रिमिनल ट्राइब्स कानून ने पूरी की पूरी स्थिति ही परिवर्तित कर दी थी। इस कानून के तहत कई जातियों, जनजातियों को जन्मजात अपराधी माना गया, जिसमें किन्नर भी शामिल थे।

ब्रिटिश शासन के दौरान किन्नरों को अपना नाम जबरन दर्ज कराना पड़ता था। यहां तक कि इन्हें सार्वजनिक रूप से नाचने-गाने की अनुमति तक नहीं थी। ऐसा करने पर किन्नरों को गिरफ्तार कर लिया जाता था। केवल इतना ही नहीं कोई किन्नर महिलाओं के कपड़े तक नहीं पहन सकते थे। अगर वो कभी महिलाओं के कपड़े में दिख जाते थे तो अंग्रेजों की पुलिस उनके कपड़े उतरवा देती या उनके बाल तक काट देती थी। अपहरण, बधियाकरण और धारा 377 के तहत केस दर्ज कर पुलिस इन्हें प्रताड़ित किया करती थी। वहीं, 1870 के मध्य में गाजीपुर के किन्नरों के भूख से मरने की शिकायत भी दर्ज होने लगी थीं। इस बीच ब्रिटिश अधिकारियों ने उनके साथ गाने-बजाने वाले बच्चों को भी उनसे अलग करना शुरू कर दिया था।

असल में ब्रिटिश किन्नरों के अस्तित्व को ही पूरी तरह से मिटाना चाहते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि औपनिवेशिक काल के उच्च पदस्थ अधिकारी यह मानते थे कि किन्नरों का छोटा सा समूह ब्रिटिश सत्ता प्रतिष्ठानों को खतरे में डाल सकता था। हालांकि किन्नरों ने उन्हें उनके इस कार्य में सफल नहीं होने दिया, वे अंग्रेजों की पुलिस से बचते-बचाते, छिपते-छिपाते जी रहे थे। अंत में वो किसी तरह अपने अस्तित्व को मिटाने में सफल रहे।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: अर्जुनकिन्नरमहाभारतहिजड़ा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मोहम्मद शमी को मुसलमान होने के कारण टी20 वर्ल्ड कप टीम से बाहर कर दिया गया हैं?

अगली पोस्ट

खालिस्तानियों को ट्रूडो के खुले समर्थन के कारण स्वामीनारायण मंदिर पर हमला हुआ

संबंधित पोस्ट

कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक
चर्चित

कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

29 October 2025

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार के लिए यह क्षण किसी राजनीतिक झटके से कम नहीं है। राज्य की धारवाड़ बेंच ने सरकार के उस विवादास्पद सरकारी...

बरी मस्जिद विवाद और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी: जब सुप्रीम कोर्ट ने तन्हा अब्दुल रहमान को दी स्पष्ट चेतावनी
इतिहास

बाबरी मस्जिद विवाद और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी: जब सुप्रीम कोर्ट ने तन्हा अब्दुल रहमान को दी स्पष्ट चेतावनी

29 October 2025

भारत में धार्मिक संवेदनाओं का संरक्षण केवल नैतिक या सांस्कृतिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि संविधान और कानून की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दृष्टि से सुप्रीम कोर्ट...

बिहार में बज गया चुनावी बिगुल: जानें विधानसभा चुनाव 2025 का पूरा शेडयूल
प्रीमियम

बिहार में बज गया चुनावी बिगुल: जानें विधानसभा चुनाव 2025 का पूरा शेडयूल

6 October 2025

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का आखिरकार एलान हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

The Night Before Kashmir’s Fate Was Decided — The battle of Kashmir and Role of RSS |

The Night Before Kashmir’s Fate Was Decided — The battle of Kashmir and Role of RSS |

00:07:40

How Pakistan’s ISI Is Using Western Vloggers to Wage a Narrative War Against India

00:07:04

Why Mahua Moitra Agreed with a Foreign Hate-Monger Who Insulted Hindus!

00:07:31

The Nepal Template: How BBC Is Subtly Calling for ‘Gen Z’ Riots in India?

00:08:13

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

00:06:22
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited