TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    पीएम मोदी, मोहन भागवत और योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा की स्थापना की

    धर्मध्वजा स्थापना और राम मंदिर की पूर्णता अर्थात् – भारत के स्वत्व जागरण की पुनर्यात्रा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    पीएम मोदी, मोहन भागवत और योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा की स्थापना की

    धर्मध्वजा स्थापना और राम मंदिर की पूर्णता अर्थात् – भारत के स्वत्व जागरण की पुनर्यात्रा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बेनेगल नरसिंह राऊ: भारतीय संविधान के वास्तविक रचयिता

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने क्यों कहा था कि इनके बिना संविधान का निर्माण संभव नहीं था?

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
27 February 2023
in इतिहास
बेनेगल नरसिंह राऊ

Source: Hindustan Times

Share on FacebookShare on X

बेनेगल नरसिंह राऊ: “आपको लगता है कि सारा प्रयास मेरा है, परंतु ऐसा नहीं है। अगर ऐसे अभूतपूर्व व्यक्तित्व का साथ नहीं होता, और उनका मार्गदर्शन नहीं होता, तो मुझसे ये काम अकेले संभव नहीं था” ये शब्द थे संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के प्रमुख डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जिन्हे कई लोग भारतीय संविधान के प्रणेता मानते हैं। परंतु स्वयं अंबेडकर ने इस बयान के माध्यम से स्पष्ट किया था कि संविधान का संकलन उनके अकेले के बस का नहीं था। तो आखिर वे विभूति थे कौन, जिनके कारण संविधान का संकलन संभव हो पाया?

इस लेख में बेनेगल नरसिंह राऊ के बारे में पढ़िए, जिनके बिना संविधान का निर्माण करीब-करीब असंभव था।

संबंधितपोस्ट

क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

और लोड करें

संविधान सभा के सलाहकार

जब भारतीय संविधान की रचना का कार्यभार संवैधानिक सभा को सौंपा गया तो स्वतंत्र भारत की कार्यवाहक सरकार ने एक ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन किया। जिसका नेतृत्व डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कर रहे थे। प्रशासनिक और क़ानूनी विशेषज्ञों की इस समिति में शामिल थे बेनेगल नरसिंह राव, के एम मुंशी, एन गोपालस्वामी आयंगर, अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर,सैयद मोहम्मद सादुल्लाह, मैसूर के दीवान एन. माधव राऊ और डीपी खैतान।

ये बेनेगल नरसिंह राऊ ही थे जिन्होंने संविधान को उसका मूल स्वरूप देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन्हें प्रमुख तौर पर संविधान सभा के सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था और इन्होंने सच्चिदानंद सिन्हा एवं राजेन्द्र प्रसाद को अपनी सेवाएँ प्रदान की।

और पढ़ें: जस्टिस हंसराज खन्ना: वो न्यायाधीश जिसने जिसने सबकुछ गंवा दिया लेकिन इंदिरा गांधी के विरुद्ध खड़ा रहा

बेनेगल नरसिंह राऊ का जन्म कर्नाटक के साउथ केनेरा ज़िले के कारकल में 26 फ़रवरी, 1887 को हुआ था। बीए की पढ़ाई के बाद वो कैंब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिट्री कॉलेज में पढ़ने गए। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इम्पेरियल सिविल सर्विसेज़ ऑफ इंडिया यानी ICS को अपनी सेवाएँ दी एवं कुछ समय के लिए वे जम्मू एवं कश्मीर के विशेष सलाहकार के रूप में भी नियुक्त हुए।

अरविंद इलैंगवान बीएन राऊ की जीवनी में, विशेषकर उनके कैम्ब्रिज में बिताए दिनों के बारे में लिखते हैं, “उन दिनों जवाहरलाल नेहरू भी वहाँ के छात्र थे। उन्होंने अपने पिता मोतीलाल नेहरू को लिखे पत्र में लिखा था – यह लड़का अत्यंत चतुर है।

मैं उसे सिर्फ़ कक्षा में आते-जाते ही देखता हूँ। मेरा विश्वास है कि वो अपना एक-एक क्षण अध्ययन में ही व्यतीत करता है। उनके निधन पर लोकसभा में श्रद्धांजलि देते हुए जवाहरलाल नेहरू ने अपने छात्र जीवन के इस प्रसंग को याद किया था”।

राजेंद्र प्रसाद ने कहा था धन्यवाद

भारत के संविधान को दुनिया के सबसे बड़े लिखित संविधानों में से एक माना जाता है जिसमें 448 अनुच्छेद, 25 खंड, 12 अनुसूची और 105 संशोधन शामिल हैं। उन्होंने अकेले ही फ़रवरी, 1948 तक संविधान का प्रारंभिक मसौदा तैयार कर लिया था जिसे लंबी चर्चा, बहस और संशोधन के बाद 26 नवंबर, 1949 को पारित कर दिया गया था।

संविधान पर हस्ताक्षर करने से पहले संविधान सभा के अध्यक्ष डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने राऊ को धन्यवाद देते हुए कहा था कि उन्होंने न सिर्फ़ अपने ज्ञान और पांडित्य से संविधान सभा की मदद की है बल्कि दूसरे सदस्यों को भी पूरे विवेक के साथ अपनी भूमिका निभाने में मदद की है। राऊ संविधान सभा के आधिकारिक सदस्य नहीं थे, लेकिन वो मसौदा कमेटी के सबसे महत्वपूर्ण सलाहकार थे।

और पढ़ें: ब्रिटिश साम्राज्य ने रखी थी ‘खालिस्तान’ की नींव, जानिए वो इतिहास जो अबतक छिपाया गया

परंतु बात केवल यहीं तक सीमित नहीं थी। बेनेगल नरसिंह राऊ वाक्पटुता एवं कूटनीति के भी धनी थे। बहुत कम लोग जानते हैं कि केवल कश्मीर ही नहीं, अपितु हैदराबाद के विषय पर भी जवाहरलाल नेहरू एवं उनके अनुचरों ने एक कमेटी गठित की थी।

इसमें इस बात पर ज़ोर दिया जा रहा था कि हैदराबाद के विषय को यूएन तक लेके जाएँ और इसी कमेटी में बीएन राऊ भी सम्मिलित थे। परंतु किन्ही कारणों से ये कमेटी अपनी मंशा में सफल नहीं हो सकी। इसके दो ही कारण हो सकते हैं या तो सरदार पटेल का दृढ़निश्चय बहुत कारगर रहा या फिर बेनेगल राऊ भी इस विषय पर नेहरू के समर्थक नहीं थे।

शायद इन्ही कारणों से संविधान बन जाने के बाद 25 नवंबर, 1949 को डाक्टर राजेंद्र प्रसाद ने कहा था, “संविधान बनाने का जो श्रेय मुझे दिया जा रहा है, वास्तव में मैं उसका अधिकारी नहीं हूँ. उसके वास्तविक अधिकारी बेनेगल नरसिंह राऊ हैं जो इस संविधान के संवैधानिक परामर्शदाता हैं और जिन्होंने मसौदा समिति के विचारार्थ संविधान का मोटे रूप में मसौदा बनाया”।

इसके अतिरिक्त 1960 में प्रकाशित बी शिवा राव की पुस्तक ‘इंडियाज़ कॉन्स्टीट्यूशन इन द मेकिंग’ के प्रस्तावना में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने लिखा था –

“अपने ज्ञान और अनुभव के कारण बेनेगल नरसिंह राऊ संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार पद के लिए अपरिहार्य व्यक्ति थे। उन्होंने संविधान सभा के सदस्यों के लिए आवश्यक सहायक सामग्री खोजी और उसे साधारण आदमी की समझ के लिए आसान शब्दों में प्रस्तुत किया। संविधान सभा के अधिकतर सदस्य स्वाधीनता सेनानी थे, जिन्हे संविधान की जटिलताएं मालूम नहीं थीं”।

“उनमें कमाल की योग्यता थी”

 

“राऊ ने दुनिया के लिखित और अलिखित संविधानों का गहन अध्ययन कर समय समय पर अपने दस्तावेज़ों में उपयोगी तथ्य और तर्क दिए और उसे सदस्यों के लिए उपलब्ध कराया। अगर डॉक्टर भीमराव आंबेडकर संविधान निर्माण के विभिन्न चरणों में एक कुशल पायलट की भूमिका में थे, तो बेनेगल राऊ वो व्यक्ति थे जिन्होंने संविधान की एक स्पष्ट परिकल्पना दी और उसकी नींव रखी. संवैधानिक विषयों को साफ़-सुथरी भाषा में लिखने की उनमें कमाल की योग्यता थी।”

बी. शिवाराव की संपादित पुस्तक ‘इंडियाज़ कांस्टीट्यूशन इन द मेकिंग’ में 29 अध्याय हैं जिसमें अधिकतर में बेनेगल नरसिंह राऊ के वो दस्तावेज़ शामिल हैं जो उन्होंने संविधान निर्माण में मदद पहुंचाने के लिए लिखे थे। संविधान सभा की बहस में जब कभी विवाद के विषय उठे राऊ का परामर्श लिया जाता था जो सदैव उनके गहरे अध्ययन पर आधारित होता था।

परंतु राजेन्द्र प्रसाद के ये शब्द सुनने के लिए बेनेगल नरसिंह राऊ संविधान सभा में मौजूद नहीं थे क्योंकि तब तक उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और वो संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि बन गए थे।

उन्हे अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस में बतौर जज नियुक्त भी किया गया। परंतु गिरते स्वास्थ्य के पीछे बेनेगल नरसिंह राऊ अधिक समय इस पद पर नहीं टिक सके, और लगभग एक वर्ष के अंदर ही 1953 में ज्यूरिख में उनका देहावसान हो गया।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: Benegal Narsing RauBenegal Narsing Rau Constitutionबेनेगल नरसिंह राऊबेनेगल नरसिंह राऊ का इतिहास
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

कांतारा का प्रीक्वल आ रहा है, इसके बारे में कुछ विशेष जानकारियां जान लीजिए

अगली पोस्ट

“माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा”, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव की धज्जियां उड़ा दी

संबंधित पोस्ट

बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है
इतिहास

क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

26 November 2025

इतिहास की एक बड़ी विशेषता ये है कि वो नायकों और खलनायकों को परिभाषित करने का जिम्मा आने वाली पीढ़ियों पर छोड़ देता है, और...

26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस
इतिहास

संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

26 November 2025

भारत में संविधान दिवस  प्रतिवर्ष  26 नवंबर को मनाया जाता है। यह मात्र एक स्मृति-दिवस नहीं, बल्कि उस ऐतिहासिक क्षण का उत्सव है जब 1949...

श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति
Uncategorized

श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

25 November 2025

कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि मंगलवार को एक अद्वितीय आध्यात्मिक भाव से भर उठी, जब श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर राज्य...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited