हमारे कॉस्मिक इतिहास में अब २३ अगस्त २०२३ स्वर्णाक्षरों में अंकित होगा! इस दिन भारत ने असंभव को सम्भव करते हुए चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफलता दिखाई! लेकिन, रुकिए – जबकि अधिकांश भारतीय एक दूसरे को बधाई दे रहे थे और मूनवॉक कर रहे थे (ठीक है, माइकल जैक्सन वाला नहीं, लेकिन काफी करीब), इस अंतरिक्ष गाथा में एक अद्भुत मोड़ आया। कुछ लोगों ने इस अवसर को अपने स्टाइल में मनाने का निर्णय लिया, जिससे चर्चा के लिए विषय मिल गया, और मीमर्स को महीनों के लिए बेहिसाब कॉन्टेंट!
तैयार हो जाइये मित्रों, क्योंकि हम भारतीय राजनीति के हास्य ब्रह्मांड की यात्रा पर निकलने वाले हैं! कांग्रेस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह टाइम ट्रेवल में सबसे कुशल क्यों है! भले ही भारत 22वीं सदी में प्रवेश कर ले, इनके घडी की सुई नेहरू युग में ही अटकी रहेगी! उन्हें अब भी लगता है कि जल्द ही नेहरू युग वापिस आएगा, और इनके पुराने दिन वापिस आएंगे! ऐसा नास्टैल्जिया तो कभी कलकत्ता छाप कम्युनिस्टों को न हुआ!
एक कांग्रेस मंत्री मीडिया के समक्ष आता है और टीम को उनकी महान अंतरिक्ष सफलता के लिए बधाई देता है। अच्छा लगता है, है ना? अपने स्पेस हेलमेट को थामे रखें, क्योंकि राजस्थान के कांग्रेस मंत्री अशोक चांदना ने चंद्रयान 3 के “यात्रियों” को उनकी भव्य चंद्र लैंडिंग के लिए बधाई दी! कौन नोलन, काहे का नोलन, ये हैं अपने भविष्य के कॉन्टेंट सम्राट!
“चन्द्रयान में जो यात्री गये हैं मैं उन्हें सलाम करता हूँ”
यह है राजस्थान के मंत्री अशोक चाँदना 🤦🏻♂️ pic.twitter.com/BZ1Ig1GQWR
— Ashish (@aashishNRP) August 23, 2023
ये तो कुछ भी नहीं है! ज़रा इसपे ध्यान दीजिये! “जब पिछली बार राकेश रोशन चंद्रमा पर उतरे थे, तो इंदिरा ने उनसे पूछा था कि वहां से भारत कैसा दिख रहा है?” देवियो और सज्जनो, ये सुवाक्य टीएमसी की सुप्रीम लीडर ममता बनर्जी के मुख से निकले हैं! वह इस इंटरगैलेक्टिक स्टैंड-अप रूटीन में स्टार कॉमेडियन की तरह है, जो यह सुनिश्चित करती है कि मेमर्स के पास आने वाले हफ्तों के लिए सामग्री का असीमित भंडार हो।
लेकिन रुकिए, और भी बहुत कुछ है! मल्लिकार्जुन खड़गे के सुर्खियों में आते ही कॉस्मिक कॉमेडी एक ऐतिहासिक मोड़ ले लेती है। वह कोई अंतरिक्ष प्रेमी नहीं है; वह वही व्यक्ति हैं जो इस चंद्र पलायन की सफलता का श्रेय किसी और को नहीं बल्कि जवाहरलाल नेहरू को देते हैं – यह सही है, वही नेहरू जो 1964 में इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब, मैं कोई गणितज्ञ नहीं हूं, लेकिन यहां कुछ गड़बड़ है। शायद किसी को खड़गे को याद दिलाना चाहिए कि इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) को आधिकारिक तौर पर 1969 में लॉन्च किया गया था – नेहरू के परलोक सिधारने के पूरे पांच वर्ष बाद!
#WATCH | Congress President Mallikarjun Kharge on success of #Chandrayaan3 landing on Moon
"The success of Chandrayaan 3 is the collective success of every Indian. It is a matter of pride for all of us. 140 crore Indians witnessed yet another achievement in this six-decade-old… pic.twitter.com/SSfewsBr4V
— ANI (@ANI) August 23, 2023
जहाँ हम चन्द्रमा पर इसरो के इस अद्वितीय कृत्य का उत्सव मनाते हैं, इन नायकों को भी स्मरण रखें, जो हमारे देश के हास्यरस को कदापि कम नहीं होने देते! याद रखें, अंतरिक्ष अंतिम सीमा हो सकता है, लेकिन राजनीतिक हास्य की सीमाएँ अनंत हैं!
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