TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    बिहार में महागठबंधन नहीं, महालठबंधन, सत्ता की चाह में आपस में ही भिड़ रहे नेता

    बिहार में महागठबंधन नहीं, महालठबंधन, सत्ता की चाह में आपस में ही भिड़ रहे नेता

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तान

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तान

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    बिहार में महागठबंधन नहीं, महालठबंधन, सत्ता की चाह में आपस में ही भिड़ रहे नेता

    बिहार में महागठबंधन नहीं, महालठबंधन, सत्ता की चाह में आपस में ही भिड़ रहे नेता

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तान

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तान

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    डॉ. मुखर्जी से मोदी तक: भारतीय जनसंघ का विचार भारत का स्वरूप कैसे गढ़ गया

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    शनिवार वाड़ा की मर्यादा भंग: मराठा गौरव के प्रतीक स्थल पर नमाज, हिंदू अस्मिता के अपमान की कहानी

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

संभाजी का अपमान, औरंगज़ेब का गुणगान: पत्रकार कविश अज़ीज़ की मानसिकता देखिए, हिन्दुओं को हारी हुई सभ्यता साबित करने का प्रयास

विवादित ट्वीट

himanshumishra द्वारा himanshumishra
21 February 2025
in क्राइम
Kavish Aziz's Tweet

Kavish Aziz का 'छावा' पर जहर

Share on FacebookShare on X

यह तथाकथित मुख्यधारा की सेक्युलर मीडिया न तो निष्पक्ष है और न ही धर्मनिरपेक्ष। असल में यह एक विशेष वर्ग के कट्टरपंथी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सेक्युलरिज्म का ढोंग रचती है। आपने अक्सर देखा होगा कि कैसे ये मीडिया संस्थान अपराधी मौलवियों को बचाने के लिए उन्हें तांत्रिक बताकर पेश करते हैं और तथ्य तोड़-मरोड़कर परोसते हैं। जब पूरा पेड़ ही ज़हरीली सोच से सींचा जाए, तो उसके फल भी ज़हरीले ही होंगे और ऐसे ही एक ज़हरीले फल का नाम है कविश अज़ीज़(Kavish Aziz)।

कविश अज़ीज़(Kavish Aziz) सिर्फ़ एक नाम भर नहीं है—बल्कि यह उस सोच का प्रतीक है जिसने पत्रकारिता जैसे पेशे को अपने कट्टर विचारों का माध्यम बना डाला। आपको जानकर हैरानी होगी कि कविश उन मीडिया संस्थानों का हिस्सा रह चुकी हैं, जिन्हें देश की जनता निष्पक्ष और विश्वसनीय मानती है। जी हाँ, अमर उजाला और दैनिक भास्कर जैसे प्रतिष्ठित अख़बारों ने कभी इस व्यक्ति को अपने मंच पर स्थान दिया था। सोचिए, जब ऐसे व्यक्ति संपादकीय कक्ष में बैठते हैं, तो उनकी कलम से निकले शब्द किस दिशा में जाते होंगे? यह संयोग नहीं है कि इन्हीं अख़बारों में हिंदू मान्यताओं को अपमानित करने और इस्लामिक कट्टरपंथ को बचाने वाली खबरें बार-बार देखने को मिलती थीं। जब पत्रकारिता के नाम पर ऐसी विषैली सोच अपनी जड़ें जमा लेती है, तो समाज में जहर घुलना तय है।

संबंधितपोस्ट

‘क्रूर था अकबर’: बाबर, अकबर, औरंगज़ेब और शिवाजी पर क्या कहती है NCERT की नई किताब?

दारा शिकोह: उपनिषद पढ़ने वाला मुगल जिसका सिर कटवाकर औरंगज़ेब ने पिता शाहजहां को किया था पेश

अब हाई कोर्ट पहुंचा औरंगजेब का मामला, कब्र उखाड़ फेंकने को लेकर दाखिल हुई अर्जी

और लोड करें

अगर आप कविश अज़ीज़(Kavish Aziz)का X हैंडल देख लें, तो उसकी सोच किसी पत्रकार की नहीं, बल्कि इस्लामिक कट्टरपंथी प्रचारक की लगेगी। हाल ही में इसने भारतीय इतिहास के महानायक, हिंदू हृदय सम्राट छत्रपति संभाजी महाराज ‘छावा'(Chhaava) के लिए अपमानजनक शब्द कहे और सैकड़ों मंदिरों के विध्वंसक औरंगज़ेब का महिमामंडन करने की कोशिश की। सवाल उठता है—क्या यही है भारतीय मीडिया का असली चेहरा? क्या अमर उजाला और दैनिक भास्कर जैसे संस्थानों में अब भी ऐसे लोगों की घुसपैठ बनी हुई है?

यह सिर्फ़ सोशल मीडिया तक सीमित बात नहीं है। अगर आज ये तथाकथित पत्रकार खुलेआम हिंदू महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं, तो सोचिए कि जब ये मुख्यधारा मीडिया में काम करते थे, तब उनके लेख और रिपोर्ट कितने पक्षपातपूर्ण रहे होंगे। यह मामला सिर्फ़ एक व्यक्ति का नहीं है—बल्कि यह उस पूरी ब्रिगेड की सोच का प्रतिबिंब है, जो सेक्युलरिज्म की आड़ में हिंदू धर्म और संस्कृति पर प्रहार करती आई है।

Kavish Aziz का विवादित ट्वीट

हाल ही में रिलीज़ हुई फ़िल्म ‘छावा'(Chhaava) ने देशभर के सिनेमाघरों में धूम मचाई है। यह फ़िल्म हिंदू वीर योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज के अदम्य साहस और बलिदान की कहानी बयां करती है। फ़िल्म के एक दृश्य में मुगल आक्रांता औरंगज़ेब द्वारा महाराज को दी गई अमानवीय यातनाएं दिखाई गई हैं—जहाँ उनके शरीर को लहूलुहान करने के बाद घावों पर नमक रगड़ा जाता है, नाखून नोचे जाते हैं और अंत में लोहे की सरिया डालकर उनकी आँखें निकाल ली जाती हैं। यह दृश्य हर हिंदू हृदय को व्यथित कर देता है।

कविश अज़ीज़(Kavish Aziz) ने इस मार्मिक दृश्य पर ट्वीट करते हुए लहूलुहान छत्रपति संभाजी महाराज को “आर्ट” और अत्याचारी औरंगज़ेब को “आर्टिस्ट” कह डाला। ज़रा सोचिए—जिस आक्रमणकारी ने भारत की संस्कृति और सनातन परंपरा को नष्ट करने के लिए हजारों मंदिरों को ध्वस्त किया, संतों का सरेआम नरसंघार किया और हिंदू राजाओं पर अत्याचार किए, उसका इस तरह महिमामंडन करना किस समाज के लिए स्वीकार्य हो सकता है? लेकिन शायद यही वह सोच है जो नकली सेक्युलरिज्म के चोले में छिपी कट्टर मानसिकता के भीतर पलती है—जहाँ हिंदू महापुरुषों का अपमान करना और इस्लामिक आक्रांताओं का महिमामंडन करना सामान्य बात मानी जाती है।

Kavish Aziz's Tweet
Kavish Aziz’s Tweet

 

इस विवादित ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। हर ओर से अज़ीज़(Kavish Aziz) के इस बयान की कड़ी आलोचना होने लगी। लोगों ने उसे “रिपीट ऑफेंडर” कहकर धिक्कारा, क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब उसने इस तरह का बयान दिया है। इस मामले को लेकर पूर्व पत्रकार दिव्या गौरव त्रिपाठी ने लखनऊ के मड़ियांव थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है। बावजूद इसके, अब तक अज़ीज़ ने न तो माफी मांगी है और न ही खेद प्रकट किया है।

सोचने वाली बात है—जब ऐसे पूर्वाग्रह से ग्रस्त लोग पत्रकारिता जैसे ज़िम्मेदार पेशे में काम करते हैं, तो उनकी रिपोर्टिंग और लेखन कितना निष्पक्ष और विश्वसनीय हो सकता है? क्या ऐसे लोग जनता के सामने सच्चाई ला सकते हैं? शायद नहीं।

अमरउजाला ने मौलवी को बताया था तांत्रिक

यह कोई पहली बार नहीं है जब तथाकथित सेक्युलर मीडिया ने सच को तोड़-मरोड़ कर पेश किया हो। हाल ही में 7 फरवरी को एक घटना ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा—जहाँ लोनी पुलिस ने 65 वर्षीय मौलाना फिजू को बार-बार दुष्कर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया। यह मौलाना इकराम नगर का निवासी था और उस पर आरोप है कि उसने 30 वर्षीय महिला और उसकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ घिनौनी हरकतें कीं। लेकिन इस दिल दहला देने वाली घटना की रिपोर्टिंग में भी सेक्युलरिज्म का मुखौटा ओढ़े मीडिया संस्थानों ने अपने दोहरे मापदंड का परिचय दिया।

अमर उजाला ने इस अपराधी मौलाना को “तांत्रिक” बता दिया! सोचिए ज़रा—क्या यह सिर्फ एक भूल थी, या एक सोची-समझी चाल? आखिर क्यों बार-बार जब किसी मौलवी पर आरोप लगता है, तो उसे तांत्रिक या अन्य हिंदू पहचान के नाम से दिखाने की कोशिश की जाती है? क्या यह महज संयोग है कि इस तरह की हेरफेर The Hindu और अमर उजाला जैसे मीडिया संस्थानों में बार-बार देखने को मिलती है? नहीं! यह वही मानसिकता है जो तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करती है ताकि किसी विशेष समुदाय की छवि पर आँच न आए, जबकि हिंदू साधु-संतों के मामलों में यही मीडिया बिना किसी संकोच के उन्हें ढोंगी और पाखंडी करार दे देती है।

‘हिंदू स्कूलों और मंदिरों को तोड़ दिया जाए’: औरंगजेब

क्योंकि बात हो रही है औरंगजेब के महिमामंडन की, तो आइए इतिहास में भी झांककर देख लेते हैं कि सच क्या है। औरंगजेब का नाम सुनते ही दिल में एक सिहरन-सी दौड़ जाती है। सत्ता की भूख ने उसे इतना निर्मम बना दिया था कि उसने अपने ही खून के रिश्तों का गला घोंट दिया। दारा शिकोह—वही दारा, जिसने कभी बेकाबू हाथी के सामने खड़े होकर औरंगजेब की जान बचाई थी, उसी भाई का सिर कलम करवाना और फिर उस कटे हुए सिर को एक बक्से में बंद करके पिता शाहजहां के पास भिजवाना—यह सिर्फ सत्ता की भूख नहीं थी, यह इंसानियत को रौंद देने वाली वह दरिंदगी थी जिसकी गूंज आज भी इतिहास के पन्नों से सुनाई देती है। सोचिए, एक पिता की आंखों के सामने उसके बेटे का कटा हुआ सिर रखा जाए, तो दिल पर क्या बीतेगी? यह घटना औरंगजेब के क्रूर हृदय का सबसे भयावह उदाहरण है।

लेकिन उसके अत्याचार यहीं नहीं रुके। 9 अप्रैल 1669 को उसने आदेश दिया—‘हिंदू स्कूलों और मंदिरों को तोड़ दिया जाए’—यह फरमान सिर्फ पत्थरों की दीवारें गिराने के लिए नहीं था, बल्कि यह हिंदू समाज की आत्मा पर प्रहार था। इस आदेश के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर समेत सैकड़ों मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया। इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने अपनी किताब ‘हिस्ट्री ऑफ औरंगजेब’ में इस घटना का सटीक उल्लेख किया है। यही नहीं औरंगजेब के दरबार के लेखक साकी मुस्तैद खान ने भी अपनी किताब ‘मआसिर-ए-आलमगीरी’ के चैप्टर 12 में इसका विवरण दिया है। इतना ही नहीं, 1965 में प्रकाशित वाराणसी गजेटियर के पेज नंबर 57 पर भी इस आदेश के प्रमाण दर्ज हैं।

इतिहास के इन पन्नों को पलटते समय दिल में एक सवाल उठता है—क्या आज भी उसी मानसिकता के निशान हमारे समाज में मौजूद हैं? जब तथाकथित सेक्युलर मीडिया कट्टरपंथी सोच को बचाने में जुटी दिखाई देती है और हिंदू धर्म के महापुरुषों का अपमान करने वालों को संरक्षण देने का प्रयास करती है, तो यह औरंगजेब के आदेशों की गूंज जैसा ही प्रतीत होता है। चाहे वह कविश अज़ीज़(Kavish Aziz) का विवादित ट्वीट हो या अमर उजाला द्वारा मौलवी को तांत्रिक बताने की कोशिश—इन घटनाओं से यही संदेश मिलता है कि आज भी सच को तोड़-मरोड़कर पेश करने की प्रवृत्ति जीवित है। फर्क बस इतना है कि आज यह तलवार और ताकत के बजाय शब्दों और प्रोपेगेंडा के माध्यम से किया जा रहा है।

लेकिन भारत अब बदल रहा है। छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान की गाथा आज सिनेमा के माध्यम से लोगों के दिलों तक पहुंच रही है। यह उसी हिंदू समाज का प्रतीक है जिसने सदियों तक अत्याचार सहने के बावजूद अपनी संस्कृति और स्वाभिमान को जीवित रखा। यही कारण है कि आज जब कोई इस विरासत का अपमान करता है, तो समाज उसे चुपचाप सहन नहीं करता। कविश अज़ीज़ के ट्वीट पर उपजा जनाक्रोश इस बात का प्रमाण है कि अब यह देश न तो झूठे सेक्युलरिज्म के नाम पर हिंदू धर्म के अपमान को स्वीकार करेगा और न ही कट्टरपंथी सोच का महिमामंडन करने वालों को माफ करेगा।

 

स्रोत: छावा, संभाजी महराज, कविश अज़ीज़, अमरउजाला, दैनिक भास्कर, औरंगजेब, छावा कलेक्शन, Chhava, Sambhaji Maharaj, Kavish Aziz, Amar Ujala, Dainik Bhaskar, Aurangzeb, Chhava Collection
Tags: Amar UjalaAurangzebChhavaChhava CollectionDainik BhaskarKavish AzizSambhaji Maharajअमरउजालाऔरंगजेबकविश अज़ीज़छावाछावा कलेक्शनदैनिक भास्करसंभाजी महराज
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘बेल्स पाल्सी’ के चलते 2 मिनट भी नहीं बोल पा रहे महाराष्ट्र के मंत्री; कितनी खतरनाक है यह बीमारी और क्या हैं लक्षण?

अगली पोस्ट

मथुरा का बिगुल फूँका, सूर्यवंश की नगरी बनेगी मॉडल सोलर सिटी: यूपी का अबतक का सबसे बड़ा बजट

संबंधित पोस्ट

देशद्रोह के आरोपी की चुनावी आकांक्षा — लोकतंत्र की आज़ादी या उसकी विडंबना?
क्राइम

देशद्रोह के आरोपी की चुनावी आकांक्षा, लोकतंत्र की आज़ादी या उसकी विडंबना?

15 October 2025

देश में लोकतंत्र को अक्सर “जन की शक्ति” कहा जाता है। लेकिन, क्या यह शक्ति इतनी उदार होनी चाहिए कि वह उन्हीं लोगों को मंच...

IRCTC घोटाले में आरोप तय: चुनाव से पहले लालू-तेजस्वी की सियासी जमीन खिसकी
क्राइम

IRCTC घोटाले में आरोप तय: चुनाव से पहले लालू-तेजस्वी की सियासी जमीन खिसकी

13 October 2025

बिहार की राजनीति एक बार फिर उस मोड़ पर आ खड़ी हुई है, जहां भ्रष्टाचार और वंशवाद की धुंध के बीच ‘सत्ता की नैतिकता’ का...

गाजा में शांति, पर पाकिस्तान में जिहाद की आग: TLP ने लाहौर को किया लहूलुहान
एशिया पैसिफिक

गाजा में शांति, पर पाकिस्तान में जिहाद की आग: TLP ने लाहौर को किया लहूलुहान

13 October 2025

गाजा की धरती पर जब बमों की आवाज़ थमी, जब वर्षों बाद वहां की हवा में पहली बार राहत की सांस घुली, तब पाकिस्तान की...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21

How Stalin is planning to divide the nation through a poisonous agenda?

00:06:44
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited