भारत की परंपरा हमेशा से जल को पूजनीय मानती आई है, लेकिन आधुनिक दौर में जल संरक्षण एक बड़ी चुनौती बन गया है। हर साल 22 मार्च को मनाया जाने वाला विश्व जल दिवस हमें जल के महत्व और इसके संरक्षण की आवश्यकता की याद दिलाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जल संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने का संदेश दिया है।
On World Water Day, we reaffirm our commitment to conserve water and promote sustainable development. Water has been the lifeline of civilisations and thus it is more important to protect it for the future generations! pic.twitter.com/Ic6eoGudvt
— Narendra Modi (@narendramodi) March 22, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा, “जल सभ्यताओं की जीवन रेखा है, इसलिए इसे भविष्य की पीढ़ियों के लिए बचाना जरूरी है।” यह संदेश केवल एक औपचारिक बयान नहीं, बल्कि भारत की जल नीति और उसकी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी सोच को भी दर्शाता है। जल संकट के बढ़ते खतरे के बीच, भारत सरकार की जल जीवन मिशन जैसी पहलें जल संसाधनों को बचाने और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
विश्व जल दिवस पर मुख्यमंत्रियों का जल संरक्षण का आह्वान
योगी आदित्यनाथ का संकल्प:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्व जल दिवस पर जनता को शुभकामनाएं देते हुए जल संरक्षण का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने X पर लिखा, “विश्व जल दिवस की बधाई! आइए, जल को बचाने का संकल्प लें और स्वच्छ व समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ें।” उनका संदेश पानी की महत्ता को रेखांकित करता है और लोगों को इसके संरक्षण के लिए जागरूक होने की प्रेरणा देता है।

सीआर पाटिल का अभियान:
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने भी इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और जल संरक्षण की जिम्मेदारी को रेखांकित किया। उन्होंने लिखा, “जल – प्रकृति का अनमोल वरदान – न केवल जीवन का आधार है, बल्कि हमारी संस्कृति, कृषि और भविष्य की समृद्धि का मूल स्रोत भी है।” उन्होंने लोगों से पानी की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने की सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि हरियाणा के पंचकूला में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ “जल शक्ति अभियान: कैच द रेन 2025” का शुभारंभ हो रहा है। इस वर्ष की थीम “जल संचय, जनभागीदारी: जन जागरूकता की ओर” है, जिसे उन्होंने एक राष्ट्रीय आंदोलन करार दिया।
पुष्कर सिंह धामी का संदेश:
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को विश्व जल दिवस की शुभकामनाएं देते हुए लिखा, “उत्तराखंड पवित्र नदियों का उद्गम स्थल और जल संपदा से भरपूर है। यह हमारी धरोहर है, जिसे बचाना हमारा कर्तव्य है।” उन्होंने जल के उचित उपयोग को सतत विकास का आधार बताया और कहा कि राज्य सरकार जल संसाधनों को सुरक्षित रखने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। साथ ही, उन्होंने लोगों से पानी बचाने का संकल्प लेने की अपील की।
मोहन यादव का जल बचाने का संदेश:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी जल संरक्षण पर जोर देते हुए अपने संदेश में लिखा, “जल है तो कल है। विश्व जल दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं। आइए, प्रकृति के इस अनमोल तोहफे को बचाएं और समृद्ध भविष्य बनाएं।” उन्होंने जल को सिर्फ एक संसाधन नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अमूल्य विरासत बताया और इसके संरक्षण की जरूरत पर बल दिया।