लगता है अभिनेत्री स्वरा भास्कर एबीपी न्यूज़ के शिखर समागम पर हुई धुलाई के सदमे से नहीं उबर पायी हैं। सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर अपने अधकचरे ज्ञान के कारण रूबिका लियाकत द्वारा क्लास लगाए जाने के बाद से सभी को आशा थी कि बौराई स्वरा ट्विटर पर अपने अधकचरे ज्ञान का legendary रक्षण करेंगी, और यहां इन्होंने बिलकुल निराश नहीं किया।
कुछ समय तक ट्विटर पर मौन साधने के बाद स्वरा भास्कर ने एक बार फिर विक्टिम कार्ड खेलना शुरू किया। हर बार मोहतरमा यह सिद्ध करना चाह रही थी कि वे ‘गोदी मीडिया’ की शिकार हुई है, और ये सब दक्षिणपंथी प्रोपगैंडा की चाल है।
अरे भाई इतना दिमाग तो ‘ससुराल सिमर का’ में सास बहू का नहीं चलता होगा जितना स्वरा भास्कर का चलता है। खैर, इस रॉयल मेल्टडाउन की शुरुआत ठीक इवेंट पर ही प्रारम्भ हो गई। स्वरा ने आरोप लगाया कि रूबिका दर्शकों का मनोरंजन कर रही थीं और सारी जनता उनका पक्ष ले रही थी, अर्थात एबीपी न्यूज़ और हिंदुस्तान शिखर समागम ने श्रोताओं को ‘संघियों’ से भर दिया था। ये कुंठा उनके ट्विटर प्रोफाइल पर भी साफ दिखी, जहां स्वरा दीदी ने रीट्वीट्स की झड़ी सी लगा दीं। लाईमलाइट की भूख जो न करा दे।
इस रीट्वीट फेस्ट की शुरुआत हुई एक कथित आलोचक एना एमएम वेटिकाड के ट्वीट से, जहां मोहतरमा ट्वीट करती हैं कि कैसे 3 मिनट का वीडियो नहीं बता सकता है कि रूबिका ने यह विवाद जीता है। ‘दर्शकों को पूरी वीडियो देखनी चाहिए, ताकि गोदी मीडिया की सच्चाई पता चले”
ABP News tweets a 3minute clip of an anchor called #RubikaLiyaquat interviewing #SwaraBhasker, creating a false impression that she silenced Bhasker. This larger clip of the Q&A exposes Liyaqat as #Modi–#Shah's spokesperson: https://t.co/YHx8KORu9q #Journalism2020 #CAA_NRC_NPR https://t.co/9ZxQqCbDzL
— Anna MM Vetticad (@annavetticad) February 23, 2020
फिर क्या था, डूबते को मानो तिनके का सहारा मिल गया। जिस भी व्यक्ति ने स्वरा के legendary logic को प्रणाम किया, स्वरा ने उसे तुरंत retweet कर दिया। एक ट्वीट में जहां इन्होंने Taapsee Pannu ke befitting replies के अनुसरण करने का प्रयास किया, तो वहीं दूसरे रीट्वीट में उन्होंने अपने पुराने दलीलों को सार्थक करने का प्रयास किया। अब ये और बात है कि दोनों प्रयास बुरी तरह से फ्लॉप रहे।
Here is the end of a scrapping match where where I was given multiple choice question :) :) :)
The only edited clip that sums up what Godi media doesn’t want to acknowledge! 🙏🏿🌷 pic.twitter.com/I02zzwo62b— Swara Bhasker (@ReallySwara) February 23, 2020
This thread is everything that godi media will not let you say.. https://t.co/1euZzNjMxo
— Swara Bhasker (@ReallySwara) February 23, 2020
परंतु बात यहीं पर नहीं खत्म हुई। स्वरा भास्कर ने रूबिका को नीचा दिखाने के लिए श्रुति सेठ असलम तक का रीट्वीट कर दिया। पर जो नुकसान होना था, वो तो हो चुका। इसी को कहते हैं खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे!
♥️♥️♥️♥️♥️ https://t.co/wWRjq68BmW
— Swara Bhasker (@ReallySwara) February 23, 2020
अब स्वरा भास्कर अपने अटेन्शन के लिए इतना लंबा चौड़ा कैम्पेन चलाये, और ध्रुव राठी जैसे लोग मदद न करें, ऐसा हो सकता है क्या? जनाब ने ट्वीट किया, “स्वरा भास्कर ने उम्दा जवाब दिया है। कोई भी सीएए या एनआरसी का समर्थक मेरे साथ डिबेट करना चाहता है, तो करे, पहले ये बताओ कौन झूठ बोल रहा है? मोदी झूठ बोल रहा है या अमित शाह झूठ बोल रहा है?” –
Swara Bhasker gives a fitting reply.
If any CAA-NRC supporter wants to debate, first tell us who is lying? Is Modi lying or is Amit Shah lying? pic.twitter.com/P7I7nn0rJV
— Dhruv Rathee (@dhruv_rathee) February 23, 2020
ठीक है जी, हम लोग डिबेट करने को तैयार हैं, बस डिबेट हारने पर मेरी तरह बाकियों को ब्लॉक न कर देना।
अच्छा भाई, बस, अब और नहीं। हमें भी पता है कि हमारे दर्शकों की सहनशीलता की भी एक सीमा होती है, और स्वरा भास्कर की तरह हम उसका अपमान नहीं कर सकते। यदि आप फिर भी देखने को इच्छुक है, तो अपने रिस्क पर स्वरा की ट्विटर टाइमलाइन का चक्कर लगा आयें, क्योंकि स्वरा भास्कर के ट्वीट्स को झेलने का Insurance टीएफ़आई नहीं देती।
🤣🤣🤣♥️♥️♥️♥️♥️🤣🤣🤣🤣 #SwaraBhasker #RubikaLiyaquat https://t.co/8gmjX88f6d
— Swara Bhasker (@ReallySwara) February 23, 2020
अब स्वरा भास्कर के ट्विटर प्रोफाइल से इतना तो साफ होता है कि वे अपने सो कॉल्ड अपमान के लिए रूबिका लियाकत को नीचा दिखाना चाहती थी, और उसके लिए इनके चाटुकारों ने पीएम मोदी के साथ रूबिका के इंटरव्यू के क्लिप्स निकालना शुरू किया। अब मुझे एक बात समझ में नहीं आती, कि आखिर स्वरा भास्कर ने ऐसा कौन सा कीर्तिमान रचा है कि उन्हें भी पीएम मोदी जैसी सुविधाएं चाहिए? फिर दर्शकों को ‘संघी’ की संज्ञा देकर स्वरा ने सिद्ध कर दिया कि ‘नाच न जाने आँगन टेढ़ा’।
परंतु इतनी कोशिशों के बाद भी स्वरा भास्कर किसी को भी अपने ‘विक्टिम कार्ड’ से नहीं इंप्रेस कर पायी। उन्हें केवल उन्हीं लोगों का समर्थन प्राप्त हुआ, जो स्वरा दीदी की तरह अपरिपक्व, अव्यवहारिक और संवेदनहीन हैं। स्वरा भास्कर से लॉजिक और संयम की उम्मीद करना माने दीवार से सिर भिड़ाने के बराबर है।