पैगंबर का कार्टून पब्लिश कर मुस्लिम जगत में विवाद भड़काने वाली फ्रेंच कार्टून मैगज़ीन “शार्ली हेब्दो” ने अब तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन का कार्टून छाप कर तुर्की में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। “शार्ली हेब्दो” ने अपने बुधवार के संस्करण में फ्रंट पेज पर एर्दोगन का मज़ाक उड़ाते हुए यह कार्टून छापा। इस कार्टून में एर्दोगन एक T-Shirt और underpants पहने बैठे हुए हैं, और वे बियर पीते हुए पास में हिजाब पहने एक महिला के साथ अतरंग हैं । कार्टून में एर्दोगन को “ओह! Prophet” कहते हुए दिखाया गया है, और इसका शीर्षक दिया गया है “एर्दोगन: प्राइवेट में, वे बहुत मज़ाकिया हैं!”
Erdogan : dans le privé, il est très drôle !
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— Charlie Hebdo (@Charlie_Hebdo_) October 27, 2020
अब इस कार्टून के सार्वजनिक होने के बाद तुर्की में बवाल मच गया है। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन के करीबी ने एक बयान में कहा “सांस्कृतिक भेदभाव और नफ़रत फैलाने वाले इस कार्टून का हम जमकर विरोध करते हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति का मुस्लिम विरोधी एजेंडा अब रंग ला रहा है। शार्ली हेब्दो ने हमारे राष्ट्रपति का अपमान करने वाली बेहद विवादित फोटो को छापा है।” शार्ली का यह कार्टून ऐसे वक्त में आया है जब पहले ही कार्टून के मुद्दे पर फ्रांस और मुस्लिम जगत के बीच एक जोरदार टकराव देखने को मिल रहा है।
बता दें कि शार्ली हेब्दो वही मैगज़ीन है जो पहले Prophet Mohammad का कार्टून छापकर विवादों में रह चुकी है और इसलिए वर्ष 2015 में इस मैगज़ीन के दफ्तर पर एक आतंकी हमला भी हो चुका है। हालांकि, इस वर्ष इस मैगज़ीन ने दोबारा उन कार्टून्स को छापने का फैसला लिया था, जिसके बाद फ्रांस में फिर कट्टरपंथी इस्लाम बनाम अभिव्यक्ति की आज़ादी की बहस छिड़ गयी है। इसके बाद जब हाल ही में एक 18 साल के खूंखार आतंकवादी द्वारा फ्रांस के एक अध्यापक की हत्या की गयी, तो फ्रांस के राष्ट्रपति ने कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए “कार्टून को नहीं छोड़ने” की बात कह डाली, जिसके बाद मुस्लिम जगत और खासकर तुर्की और पाकिस्तान जैसे देशों में फ्रांस का खासा विरोध देखने को मिल रहा है।
खुद एर्दोगन फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करने की मांग उठा चुके हैं और वे Macron को अपने दिमाग का इलाज कराने की नसीहत भी दे चुके हैं। इसी बीच अब शार्ली ने एर्दोगन के कार्टून को छापा है, जिसके बाद तुर्की को फ्रांस पर हमला बोलने का एक और कारण मिल गया है। शार्ली हेब्दो के कार्टून का यह विवाद बढ़कर अब भू-राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। तुर्की और पाकिस्तान जैसे देश अब जहां फ्रांस के खिलाफ रुख अपनाए हुए हैं तो वहीं यूरोपियन यूनियन अब फ्रांस के समर्थन में आ खड़ा हुआ है।
शार्ली हेब्दो अभिव्यक्ति की आज़ादी की आड़ में ऐसे कथित “मुस्लिम विरोधी” कार्टून छाप रहा है। हालांकि, अब लगता है कि एर्दोगन के खिलाफ फ्रांस की इस लड़ाई में भी शार्ली हेब्दो मैदान में कूद गया है, जो तुर्की को एकदम पसंद नहीं आ रहा है। तुर्की की प्रतिक्रिया को देखकर यह आसानी से कहा जा सकता है कि बड़ी-बड़ी ताकतों को आए दिन धमकी देने वाले एर्दोगन आज एक कार्टून से भयभीत होकर एक दूध पीते बच्चे की तरह बिलबिला रहे हैं। हालांकि, उनकी इस प्रतिक्रिया का शायद ही फ्रांस और शार्ली हेब्दो पर कोई प्रभाव पड़े!