पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से विकास किया है। पिछले 1 वर्ष में भारत में ‛अल्ट्रा-हाई-नेटवर्थ-इंडिविजुअल्स‘ अर्थात ऐसे लोग जिनकी संपत्ति 30 मिलियन डॉलर या 226 करोड रुपए से अधिक कीमत की हो, उनकी संख्या में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि वैश्विक स्तर पर यह वृद्धि 9% ही रही है। भारत में बिलेनियर की संख्या 1 वर्ष में 140 से बढ़कर 166 हो गई है। इन 166 बिलेनियर लोगों की कुल संपत्ति में 1 वर्ष में 26% की वृद्धि हुई है और इनकी संयुक्त संपत्ति 750 billion-dollar हो चुकी है।
भारत के तीव्र आर्थिक विकास का प्रतीक गौतम अडानी के रूप में भी दिखाई देता है जो अब विश्व के पांचवें सबसे अमीर व्यक्ति बन चुके हैं। अडानी की कुल नेटवर्थ (Gautam Adani Net Worth) 123.1 अरब डॉलर आंकी गई है। अडानी ने Berkshire Hathaway के वॉरेन बफेट (Warren Buffett) को पीछे छोड़ते हुए यह स्थान हासिल किया। अब बफेट 121.7 अरब डॉलर की कुल अनुमानित नेटवर्थ (Warren Buffett Net Worth) के साथ छठे स्थान पर खिसक गए हैं।
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भारत के उद्योगपति
दुनिया के 10 सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में भारत के दो उद्योगपति, क्रमशः पांचवें स्थान पर गौतम अडानी और आठवें स्थान पर मुकेश अंबानी शामिल हैं। अंबानी की कुल नेटवर्थ (Mukesh Ambani Net Worth) 103.70 अरब डॉलर आंकी गई है. Tesla और SpaceX के प्रमुख एलन मस्क इस लिस्ट में पहले स्थान पर हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 269.70 अरब डॉलर आंकी गई है। जेफ बेजोस 170.2 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं। फ्रांस के बर्नार्ड अर्नाल्ट और उनके परिवार की कुल संपत्ति 166.8 अरब डॉलर आंकी गई है और इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर काबिज हैं। चौथे स्थान पर बिल गेट्स हैं जिनकी कुल संपत्ति 130.2 अरब डॉलर है।
अडानी का जन्म 24 जून 1962 को एक गुजराती जैन परिवार में शांति लाल और शांति अदानी के यहाँ अहमदाबाद, गुजरात में हुआ था। उनके 7 भाई-बहन हैं और उनके माता-पिता गुजरात के थराद शहर से गुजरात के उत्तरी भाग में चले गए थे। उनके पिता एक छोटे कपड़ा व्यापारी थे। अडानी व्यवसाय के इच्छुक थे, लेकिन वह अपने पिता के कपड़ा व्यवसाय से नहीं जुड़ना चाहते थे। शेठ चिमनलाल नगीनदास विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री के लिए दाखिला लिया, लेकिन दूसरे वर्ष के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय छोड़ दिया। पढ़ाई छोड़कर एक हीरा व्यापारी के यहाँ नौकरी शुरू की, उसके बाद भाई के साथ उनकी प्लास्टिक फैक्टरी का काम शुरू किया। दोनों भाइयों ने मिलकर प्लास्टिक फैक्टरी को आगे बढ़ाया और धीरे-धीरे अडानी एक्सपोर्ट का कार्य शुरू हुआ।
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विश्व स्तर पर भारत के अरबपतियों की बढ़ती तादाद
1991 में भारत में उदारीकरण शुरू हुआ और 1994 में गुजरात सरकार द्वारा मुंद्रापोर्ट के कार्य संचालन के लिए निजी कंपनियों को ठेका देने का निर्णय किया और यह टेंडर मिला अडानी समूह को। यहां से अडानी समूह का बंदरगाह प्रबंधन के क्षेत्र में प्रवेश हुआ और आज यह विश्व मे बंदरगाह प्रबंधन की सबसे बड़ी कंपनी है। आज मुंद्रापोर्ट भारत का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह है। एक हीरा व्यापारी के यहां नौकरी करने से शुरू करके गौतम अडानी ने अपने बल पर अपनी कंपनी को इतना बड़ा किया है कि आज विश्व के 50 देशों में इस कंपनी का व्यापार फैला हुआ है।
अडानी समूह और रिलायंस की तरह अगले कुछ वर्षो में भारत में बहुत सी बड़ी कंपनियां पैदा होंगी। भारत 2021 में विश्व स्तर पर अरबपतियों की आबादी में तीसरे स्थान पर था। हालांकि, भारत में वृद्धि दर सबसे अधिक है। कई कंपनियां इस वर्ष यूनिकॉर्न बनी हैं। भारत सरकार ने कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और वर्ष 2035 तक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान स्तर से बहुत ऊपर ले जाने के लक्ष्य निर्धारित हुए हैं। ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि अगले 10 वर्षों में भारत में गौतम अडानी और मुकेश अंबानी जैसे कई अन्य नाम सामने आएंगे।
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