TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    प्रधानमंत्री मोदी

    BJP ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों को पूरे सप्ताह उपस्थित रहने के दिए निर्देश, क्या लोकसभा में कुछ बड़ा होने वाला है?

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    प्रधानमंत्री मोदी

    BJP ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों को पूरे सप्ताह उपस्थित रहने के दिए निर्देश, क्या लोकसभा में कुछ बड़ा होने वाला है?

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

श्री औरोबिन्दो: निस्संदेह एक उत्तम भारतीय बुद्धिजीवी जिन्हे कभी उनका उचित सम्मान नहीं मिला

भारत के बौद्धिकता के गुमनाम आधारस्तम्भ

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
4 August 2023
in इतिहास
श्री औरोबिन्दो: निस्संदेह एक उत्तम भारतीय बुद्धिजीवी जिन्हे कभी उनका उचित सम्मान नहीं मिला
Share on FacebookShare on X

जब भारतीय बुद्धिजीवियों की बात हो, तब आपके मस्तिष्क में किनके नाम आते हैं? एपीजे अब्दुल कलाम, अमर्त्य सेन, शशि थरूर जैसे लोगों के ना? अगर तनिक पीछे जाएँ, तो स्मरण में स्वामी विवेकानंद, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, या फिर मोहनदास करमचंद गाँधी जैसे लोगों का नाम आएगा. परन्तु ऐसे गणमान्य सदस्यों में एक ऐसे व्यक्ति का नाम पीछे छूट जाता है, जो बौद्धिक क्षमता और वैचारिक दृष्टिकोण में इनमें से कइयों से मीलों आगे थे, परन्तु किन्ही कारणों से उनकी कीर्ति पुडुचेरी से आगे बढ़ ही नहीं पाई. जी हाँ, हम उन्ही श्री अरविन्द घोष यानी स्वामी औरोबिन्दो की बात कर रहे हैं, जिन्होंने भारतीय जनमानस पर एक अमिट छाप छोड़ी, पर इतिहास के पुस्तकों में जिनकी चर्चा लगभग नगण्य होती है.

प्रारम्भ से ही विद्रोही

श्री औरोबिन्दो का व्यक्तित्व कैसा था, ये आप उनके बचपन की कथाओं से ही जान सकते हैं. श्री अरबिंदो का जन्म 15 अगस्त, 1872 को कलकत्ता (अब कोलकाता), भारत में हुआ था। वह कृष्ण धुन घोष और स्वर्णलता देवी के चार पुत्रों में से तीसरे थे। उनके पिता, कृष्ण धुन घोष, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के कट्टर समर्थक थे, और ब्रह्म समाज से काफी प्रभावित थे। वे चाहते थे कि उनके बच्चे ब्रिटिश रीति-रिवाजों और विचारधाराओं को अपनाएँ, इतना कि घर में वार्तालाप तक अंग्रेज़ी में होती थी, ताकि भारतीयता का एक अंश भी उनमें पनप न पाए.

संबंधितपोस्ट

‘जंगल में जन्मीं बेटियां, सांपों से दोस्ती और अध्यात्म’: 8 वर्षों से भारत के जंगलों में छिपी रूसी महिला की कहानी, जानें भावुक संदेश में क्या लिखा?

विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन: देश की स्वतंत्रता के लिए बम बनाने वाले शब्दों के संत ‘अज्ञेय’ की क्रांतिकारी कहानी

और लोड करें

परन्तु युवा औरोबिन्दो अलग ही मिटटी के बने थे. प्रारम्भ में नास्तिक सोच रखने वाले अरविन्द धीरे धीरे अज्ञेयवादी यानी agnostic हो गए. इनकी प्रारंभिक शिक्षा लोरेटो कॉन्वेंट, दार्जिलिंग और बाद में सेंट पॉल स्कूल, लंदन में हुई। उन्होंने शैक्षणिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अंग्रेजी, फ्रेंच, लैटिन और ग्रीक सहित कई भाषाओं में उल्लेखनीय दक्षता प्रदर्शित की।

औरोबिन्दो ने अपने घर के नौकरों से हिंदुस्तानी में बात करना सीखा, और अपने पिता की अनेक इच्छाओं के बाद भी उन्होंने ब्रिटिश शासन की अंध स्वीकृति पर सवाल उठाया और भारतीय संस्कृति के प्रति अपने पिता की उपेक्षा से उनका मोहभंग बढ़ता गया। औरोबिन्दो का असर उनके अनुज बरिंद्र कुमार घोष, जो कई मामलों में उनसे भी कट्टर राष्ट्रवादी बन गए.

बौद्धिक जागृति और स्वतंत्रता की आस

अपने पिता के आदेश पर औरोबिन्दो घोष ने इम्पीरियल सिविल सर्विसेज़ में आवेदन किया. परन्तु इनके मानस में राष्ट्रवाद की कोपलें फूटने लगी, और उन्हें अंग्रेजों की दासता स्वीकार न थी. अरबिंदो की बौद्धिक जागृति और राष्ट्रवाद को तब अभिव्यक्ति मिली जब वह महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ III के लिए काम करने के लिए बड़ौदा चले गए। महाराजा के प्रगतिशील शासन के तहत, अरबिंदो को अपने विचारों का पता लगाने और भारतीय संस्कृति में गहराई से उतरने के लिए एक अनुकूल वातावरण मिला।

और पढ़ें: काँवड़ यात्रा के वह आर्थिक लाभ जो कोई वामपंथी आपसे साझा नहीं करना चाहता!

बड़ौदा में अपने समय के दौरान, औरोबिन्दो ने भारतीय स्व-शासन और ब्रिटिश उत्पीड़न से मुक्ति की वकालत करते हुए राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर बड़े पैमाने पर लिखना शुरू किया। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्यवाद की आलोचना की और भारतीय मानस को मानसिक पराधीनता से मुक्त करने की दिशा में काम किया। यहीं इन्होने राष्ट्रवाद के अपने विचार को बढ़ावा दिया, और हिंदी, मराठी जैसी भाषाओँ का स्व अध्ययन किया.

क्रांतिकारी और दूरदर्शी उद्यमी

भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति अरबिंदो की प्रतिबद्धता ने उन्हें उस समय की क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। वह अनुशीलन समिति और जुगांतर सहित कई गुप्त क्रांतिकारी समाजों से जुड़े थे, जिन्होंने सशस्त्र प्रतिरोध के माध्यम से ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने की मांग की थी।
इसके अतिरिक्त अरबिंदो एक दूरदर्शी उद्यमी भी थे, जिन्होंने नभारत के भविष्य को आकार देने में बौद्धिक स्वतंत्रता और शिक्षा की शक्ति को पहचाना। उन्होंने युवाओं में राष्ट्रीय गौरव की भावना पैदा करने और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए युवा क्लबों और पुस्तकालयों की स्थापना की।

“वन्दे मातरम्” और “कर्मयोगिन” जैसे राष्ट्रवादी समाचार पत्रों के संपादक के रूप में, उन्होंने अपने लेखन का उपयोग जनता को प्रेरित करने और स्व-शासन और आध्यात्मिक परिवर्तन के विचारों का प्रसार करने के लिए किया। उनके लेखन में भारत की आध्यात्मिक विरासत और दुनिया को उच्च चेतना की ओर ले जाने की इसकी क्षमता के प्रति उनका विश्वास प्रतिबिंबित होता है।

परन्तु अरबिंदो घोष की विद्वत्ता का परिचय अलीपुर बम काण्ड में देखने को मिला. इनपर राजद्रोह का आरोप लगाया गया, और इन्हे प्रमुख आरोपियों में से एक बनाया गया. परन्तु इन्होने अपना पक्ष ऐसे रखा और अपनी बुद्धिमता का वो प्रमाण दिया कि अनेक ‘साक्ष्य’ होने के बाद भी ब्रिटिश शासन इनपर केवल सरकार विरोधी लेख लिखने का ही दोष सिद्ध कर पाई. इसके अतिरिक्त उन्होंने अपने कई साथियों का दंड भी काम करवाने में भूमिका निभाई, जिनका किसी भी स्थिति में मृत्युदंड मिलना लगभग तय था.

आध्यात्मिक परिवर्तन और पुडुचेरी की यात्रा

कुछ समय जेल में बिताने के बाद औरोबिन्दो घोष को एक अनोखा अनुभव हुआ. वे अध्यात्म की और मुड़ने लगे. उन्होंने महसूस किया कि स्वतंत्रता के संघर्ष के साथ-साथ आंतरिक क्रांति की भी आवश्यकता है – व्यक्ति और समाज का गहरे स्तर पर परिवर्तन। 1910 में, वह सक्रिय राजनीति से हट गए और खुद को आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए समर्पित करने के लिए पॉन्डिचेरी पहुंचे, जो उस समय एक फ्रांसीसी बस्ती थी, चले गए। उन्होंने श्री अरबिंदो आश्रम की स्थापना की, जो एक आध्यात्मिक समुदाय है जहां दुनिया भर के साधक एक साथ आ सकें और चेतना की उच्च अवस्था की दिशा में काम कर सकें।

पांडिचेरी में अपने वर्षों के दौरान, श्री अरबिंदो गहन आध्यात्मिक अभ्यास और गहन ध्यान में डूब गए। उन्होंने “इंटीग्रल योग” नामक एक अद्वितीय आध्यात्मिक दर्शन विकसित किया, जिसका उद्देश्य आध्यात्मिक और भौतिक सहित जीवन के सभी पहलुओं को एक सामंजस्यपूर्ण संपूर्णता में एकीकृत करना था।

राजनीति से पूर्ण संन्यास न लिया

राजनीति से हटने के बावजूद, श्री अरबिंदो का स्वतंत्रता आंदोलन पर प्रभाव गहरा था। उनके विचार और लेखन स्वतंत्रता सेनानियों और विचारकों को समान रूप से प्रेरित करते रहे। एक प्रमुख क्रांतिकारी और राष्ट्रवादी नेता, वीर सावरकर, भारत के आध्यात्मिक और बौद्धिक जागरण के बारे में अरबिंदो के दृष्टिकोण से काफी प्रभावित थे। एक अन्य प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राष्ट्रीय सेना के नेता, सुभाष चंद्र बोस, अरबिंदो की आध्यात्मिक शिक्षाओं और जागृत भारत के दृष्टिकोण से गहराई से प्रेरित थे। इतना ही नहीं, श्री औरोबिन्दो उन चंद लोगों में से एक थे, जिन्होंने मोहनदास करमचंद गाँधी के खोखले वादों और उनके विचारों की पोल पट्टी खोलने में कोई प्रयास अधूरा नहीं छोड़ा. गाँधी के लाख अनुरोध के बाद भी उसे पुडुचेरी अथवा अपने आश्रम के आसपास भी फटकने नहीं दिया.

औरोबिन्दो का विचार स्पष्ट था,

“मेरा मानना है कि गांधी नहीं जानते कि जब कोई व्यक्ति सत्याग्रह या अहिंसा अपनाता है तो उसके स्वभाव में वास्तव में क्या होता है। वह सोचता है कि इससे मनुष्य शुद्ध हो जाते हैं। लेकिन जब मनुष्य पीड़ित होते हैं, या स्वयं को स्वैच्छिक पीड़ा के अधीन करते हैं, तो क्या होता है कि उनका महत्वपूर्ण अस्तित्व मजबूत हो जाता है। ये हलचलें केवल प्राणिक सत्ता को ही प्रभावित करती हैं, किसी अन्य अंग को नहीं। अब जब आप दमन करने वाली ताकत का विरोध नहीं कर सकते तो कहते हैं कि आपको कष्ट होगा। वह पीड़ा महत्वपूर्ण है और यह शक्ति देती है। इस प्रकार पीड़ित व्यक्ति को जब शक्ति मिलती है तो वह और भी बदतर उत्पीड़क बन जाता है”

और पढ़ें: नहीं, TATA ने अपनी पहली MUV कार का नाम सूमो पहलवानों के नाम पर नहीं रखा

इसके अतिरिक्त गाँधी के तुष्टिकरण सम्बन्धी नीतियों पर उन्होंने लिखा, “आप ऐसे धर्म के साथ सौहार्दपूर्ण ढंग से रह सकते हैं जिसका सिद्धांत सहिष्णुता है। लेकिन उस धर्म के साथ शांति से रहना कैसे संभव है जिसका सिद्धांत है “मैं तुम्हें बर्दाश्त नहीं करूंगा”? आप इन लोगों के साथ एकता कैसे रखेंगे? निश्चित रूप से हिंदू-मुस्लिम एकता इस आधार पर नहीं हो सकती कि मुसलमान हिंदुओं का धर्मांतरण करते रहेंगे जबकि हिंदू किसी मुसलमान का धर्मांतरण नहीं करेंगे । आप ऐसे आधार पर एकता का निर्माण नहीं कर सकते।”

ऐसे रत्न को कैसे हमने गँवा दिया?

ये राष्ट्र का दुर्भाग्य है कि जिस व्यक्ति के आदर्शों और दर्शन को हमें साष्टांग प्रणाम करना चाहिए था, उसे पुडुचेरी और कुछ इतिहास प्रेमियों के अतिरिक्त भारत में शायद ही कोई जानता होगा. शायद इस उपेक्षा का एक कारण अरबिंदो के विचारों की जटिलता में निहित है, जो स्वतंत्रता संग्राम के पारंपरिक राजनीतिक और सामाजिक आख्यानों से परे हैं। आध्यात्मिक परिवर्तन और चेतना के विकास के बारे में उनका दृष्टिकोण कुछ लोगों के लिए पूरी तरह से समझना चुनौतीपूर्ण रहा होगा। एक अन्य कारक सक्रिय राजनीति से उनकी स्वैच्छिक वापसी हो सकती है, जिससे यह गलत धारणा पैदा हुई कि उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के उद्देश्य को छोड़ दिया है। हालाँकि, अरबिंदो का ध्यान केवल बाहरी क्रांति से आंतरिक परिवर्तन की ओर स्थानांतरित हो गया था, यह मानते हुए कि सच्ची स्वतंत्रता केवल मानव चेतना में गहन परिवर्तन के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकती है।
एक महान बौद्धिक और दूरदर्शी श्री अरबिंदो ने अपना जीवन भारत की सेवा और मानवता के विकास के लिए समर्पित कर दिया। उनके विचार, लेखन और आध्यात्मिक दर्शन सत्य, स्वतंत्रता और उच्च चेतना के चाहने वालों को प्रेरित करते रहते हैं।

अब समय आ गया है कि राष्ट्र इस गुमनाम नायक के योगदान को स्वीकार करे। श्री अरबिंदो का जीवन और विचार उच्च उद्देश्य और मानवता के लिए बेहतर भविष्य चाहने वालों के लिए आशा और मार्गदर्शन का प्रतीक बने हुए हैं। उनकी विरासत का सम्मान करना और उसे संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इस बौद्धिक दिग्गज की प्रतिभा आने वाली पीढ़ियों के लिए चमकती रहे।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: ArguablyContributiongreatest Indian intellectualinfluence.legacyliteratureMysticismnever got his duephilosopherPhilosophyPoetRecognitionreformerSpiritualitySri AurobindothinkerVisionary
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी का सच अब छिप नहीं सकेगा

अगली पोस्ट

वो मनुष्य जो भारतीय फुटबॉल के पुनरुत्थान के लिए सर्वाधिक तत्पर है!

संबंधित पोस्ट

हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’
इतिहास

हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

12 December 2025

संघ प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंडमान निकोबार में वीर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण किया। ये कार्यक्रम वीर सावरकर...

भारतीय दर्शन और संविधान
इतिहास

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

2 December 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में नागरिकता (Citizenship) का विचार आधुनिक “राज्य–नागरिक” (State–Citizen) ढाँचे से भले अलग रहा हो, पर इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और बहुआयामी...

तालोम रुकबो
इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

1 December 2025

कुछ ऐसे राष्ट्रनायक हुए हैं, जिनके योगदान को सामने लाने में इतिहास ने हमेशा कोताही बरती है। अरुणाचल प्रदेश के तालोम रुकबो भी उन्ही में...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited