एक भी अनुच्छेद बहसों से बाहर नहीं रहा, एक एक वाक्य पर बहसें हुईं। उसके बाद ड्राफ्ट को फिर से सुधारा गया और 14 नवम्बर, 1949 को पेश किया गया।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

संविधान किसी एक व्यक्ति की देन नहीं, संविधान सभा में 38 सदस्य थे SC/ST: आज़ादी से पहले ही तैयार हो गया था प्रारूप

एक भी अनुच्छेद बहसों से बाहर नहीं रहा, एक एक वाक्य पर बहसें हुईं। उसके बाद ड्राफ्ट को फिर से सुधारा गया और 14 नवम्बर, 1949 को पेश किया गया।

Anand Kumar द्वारा Anand Kumar
26 November 2024
in इतिहास, चर्चित, ज्ञान, राजनीति
जवाहरलाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, बाबासाहब भीमराव आंबेडकर

संविधान सभा की 3 समितियों के अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू थे, दो के डॉ राजेंद्र प्रसाद और एक के जवाहरलाल नेहरू

Share on FacebookShare on X

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 51(ए) भारतीय जनता के कर्तव्यों में वैज्ञानिक सोच को शामिल करने को कहता है। अगर वैज्ञानिक सोच और तर्कसंगत सोच (साइंटिफिक टेम्पर और रैशनल थिंकिंग) की बात शुरू की जाए तो एक बार ये देखना होगा कि संविधान को लेकर हमारी सोच कितनी तर्कसंगत है? इस प्रश्न पर ध्यान जाते ही आपका ध्यान सोशल मीडिया पोस्ट्स पर भी जायेगा। एक बड़ी सी लिबरल कहलाने वाली, स्वयं को प्रगतिशील बताने वाली जमात आज आपको बाबा साहेब आंबेडकर को संविधान निर्माता के रूप में याद करते दिख जाएगी। उनके लिखे पर तर्क याद दिलाते भी कुछ पोस्ट होंगे। संख्या में बहुत कम ऐसी तथ्यपरक पोस्ट देखते ही याद आ जाता है कि संविधान निर्माताओं की सोच के विरुद्ध जाकर, उनके सोच की धज्जियाँ उड़ाकर हम संविधान दिवस भी मनाते हैं।

अधिकांश जो नैरेटिव चलते हैं, उनका तर्क और तथ्य से नहीं, केवल भावनाओं को भड़काने और वोट बैंक की राजनीति से सम्बन्ध होता है। उदाहरण के तौर पर संविधान निर्माण से जुड़ी तिथियों से देखना शुरू कीजिये। सी. राजगोपालाचारी ने औपचारिक रूप से 15 नवम्बर, 1939 को भारत का संविधान बनाने के लिए संविधान सभा के गठन का प्रस्ताव रखा था। फिरंगी हुकूमत ने अगस्त 1940 में जाकर (करीब एक वर्ष बाद) ये प्रस्ताव मान लिया और संविधान सभा बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ। गौर कीजिये कि ये तो 1942 के अत्यंत हिंसक ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ से काफी पहले की बात है। यानी पूर्ण स्वतंत्रता से पहले भी भारतीय लोग अपना एक अलग संविधान बनाने के विषय में सोच चुके थे। सिर्फ प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाने से संविधान सभा नहीं बनी थी, उसके लिए और छह वर्षों का समय लगा। अंततः अगस्त 1946 में जाकर संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव (मतदान से) हुआ।

संबंधितपोस्ट

‘राहुल बाबा की पोल खुल गई’: ऊपर भारत का संविधान, अंदर सारे पन्ने कोरे… अमित शाह ने क्यों किया जिक्र?

70 वां संविधान दिवस: अधिकारों से पहले कर्तव्यों को क्यों ऊपर रखना चाहिए

और लोड करें

इस प्रक्रिया से जो संविधान सभा बनी उसमें 389 सदस्य थे। यानी, संविधान बनाने का श्रेय एक व्यक्ति को भी नहीं दिया जा सकता। इन सदस्यों में अनुसूचित जातियों के 33 सदस्य थे और जनजातियों के 5 प्रतिनिधि थे। इसलिए ये कहना कि संविधान नहीं होता तो अनुसूचित जातियों/जनजातियों को कोई अवसर नहीं देता या पिछड़ों को कुर्सी पर नहीं बैठने देता, ये नए गढ़े हुए एक राजनैतिक झूठ से अधिक नहीं। संविधान सभा में पंद्रह महिलाएँ थीं, एक महिला मुस्लिम भी थी। इसलिए महिलाओं को अधिकार भी संविधान से नहीं उससे पहले से मिलने लगे थे। भारत अपने मूल स्त्रियों को सम्मान देने वाले स्वरूप में बहुत तेज गति से आया क्योंकि यहाँ की संस्कृति ही वही थी। दूसरे लोकतंत्र जहाँ महिलाओं को मताधिकार मिलने में सौ-पचास साल लगे, उनसे इसकी तुलना नहीं की जा सकती। जैसा बाकी जगहों पर होता है, वैसा ही वैचारिक विरोध यहाँ भी रहा, लेकिन उसके लिए न किसी का सर काटा गया, न किसी को पत्थरों में चुनवाया गया।

ये जो संविधान सभा बनी थी, उसके प्रमुख डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे। जातीय राजनीति के आज के दौर में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जाति उतना बड़ा वोट बैंक नहीं होती इसलिए शायद ही कोई नेता आज आपको डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को याद करता दिखेगा। आप संविधान के अनुच्छेद 51 (ए) के बारे में एक बार फिर से सोच सकते हैं। इस संविधान सभा ने 13 दिसम्बर, 1946 को संविधान का ड्राफ्ट बाने का काम शुरू कर दिया। काम कैसे क्या जाएगा, संविधान बनाते समय किन उद्देश्यों को ध्यान में रखा जायेगा, इसके लिए एक उद्देश्य संकल्प का प्रस्ताव पारित किया गया और काम शुरू हुआ। अलग-अलग विषयों के लिए 22 समितियों का गठन किया गया जिसमें से 8 प्रमुख और उनके अधीन 14 उपसमितियां बनी। मुख्य समितियों में से 3 की अध्यक्षता नेहरु कर रहे थे, 2 के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्वयं थे, 2 की अध्यक्षता सरदार पटेल ने की और एक के अध्यक्ष डॉ. अम्बेडकर बने।

इन समितियों ने अप्रैल से अगस्त 1947 के बीच अपनी रिपोर्ट जमा कर दी जिनपर चर्चाएँ भी हुई। यानी कि संविधान कैसा बनने वाला है, उसका प्रारूप भारत के अगस्त 1947 में स्वतंत्र होने से पहले ही आ चुका था। ये चर्चाएँ 30 अगस्त 1947 को समाप्त हुईं। इन्हीं रिपोर्ट्स के आधार पर BN राऊ ने अक्टूबर 1947 तक में एक ड्राफ्ट संविधान बनाया। BN राऊ संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार थे। उन्होंने ये ड्राफ्ट संविधान सभा की सात सदस्यों वाली ड्राफ्टिंग समिति को सौंपा। इस ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष डॉ. अम्बेडकर थे। जरूरी सुधार आदि करने के बाद ड्राफ्टिंग कमिटी ने संविधान का मसौदा 21 फरवरी, 1948 को संविधान सभा के सामने पेश किया। इस मसौदे को जनता के सामने रखा गया और फिर इसपर टीका-टिप्पणी, आलोचना, सुधार आदि शुरू हुए। एक स्पेशल कमिटी ने आये हुए सुझावों को जांचा, जनता की राय लेकर बदलाव हुए और फिर से ड्राफ्टिंग कमिटी ने मसौदा सुधार कर पेश किया। इसके बाद कहीं जाकर 4 नवम्बर, 1948 को संविधान सभा की औपचरिक बहसें शुरू हुई।

एक भी अनुच्छेद बहसों से बाहर नहीं रहा, एक एक वाक्य पर बहसें हुईं। उसके बाद ड्राफ्ट को फिर से सुधारा गया और 14 नवम्बर, 1949 को पेश किया गया। फिर से बहसें हुई और अंततः जब एक आम राय बनी तब जाकर 26 नवम्बर, 1949 को भारतीय संविधान पर आम सहमती बनी। संविधान के अंतिम स्वरूप पर 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के सभी सदस्यों ने हस्ताक्षर किये और इस तरह 26 जनवरी को संविधान को लागू करके भारत एक गणराज्य बना।

इस तरह जो संविधान बनकर भारत में लागू हुआ उसकी प्रस्तावना में ‘समाजवाद’ या फिर ‘पंथनिरपेक्ष’ जैसे शब्द भी नहीं थे। अम्बेडकर पूरे देश पर एक राजनैतिक विचारधारा (समाजवाद या साम्यवाद जैसी) थोपने के सख्त विरुद्ध थे। वैज्ञानिक सोच तभी हो सकती है जब व्यक्ति तर्कपूर्ण विचारों से जांचकर अपनी राजनैतिक सोच स्वयं विकसित करे। पंथनिरपेक्ष शब्द डॉ. अम्बेडकर के निधन के करीब दो दशक बाद, 42वें संशोधन से प्रस्तावना में घुसा दिया गया।

आज जिस सेक्युलर का अर्थ कुछ लोग धूर्ततापूर्ण तरीके से धर्मनिरपेक्ष बताते हैं, वो असल में पंथनिरपेक्ष है, धर्मनिरपेक्ष है ही नही। संविधान दिवस पर संविधान से जुड़े दूसरे मिथकों के अलावा हमें ऐसे बदलावों से भी लड़ने की तैयारी करनी चाहिए जो देश पर आपातकाल लागू करके संविधान को रोकने वाले नेताओं ने लागू किये थे। विरोध की इस आजादी के बिना तो आजादी अधूरी है!

स्रोत: संविधान दिवस, Constitution Day, Dr Rajendra Prasad, डॉ रैन्द्र प्रसाद
Tags: Constitution DayDr Rajendra Prasadडॉ राजेंद्र प्रसादसंविधान दिवस
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

खतरे में राहुल गांधी की नागरिकता: हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जबाव, दोहरी नागरिकता रखने का है आरोप

अगली पोस्ट

पाकिस्तान के मंदिर: बंटवारे के पहले जहां लगती थी भक्तों की भीड़, बिना मूर्ति सालों वीरान रहा वो स्वामीनारायण मंदिर

संबंधित पोस्ट

दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क
आयुध

दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

11 November 2025

दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण विस्फोट ने न केवल हमारी राजधानी की रफ्तार और सुरक्षा की संवेदनशीलता को झकझोर कर रख दिया...

राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति
आयुध

राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

11 November 2025

दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य में हालिया घटनाएं स्पष्ट संकेत दे रही हैं कि पड़ोसी बांग्लादेश अब अपनी दिशा बदल चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ...

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07

‘White Collar Terror’: Is The 0.5 Front Within The Country Activated?

00:10:07

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

00:06:48

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited