TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कर्नाटक में तख्तापलट की तारीख नजदीक, क्या नवंबर तक मुख्यमंत्री रह पाएंगे सिद्दारमैया?

मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के राजनीतिक सलाहकार बीआर पाटिल ने क्यों दिया इस्तीफा? क्या कर्नाटक में नया खेला होने वाला है?

Sambhrant Mishra द्वारा Sambhrant Mishra
7 February 2025
in राजनीति
शिवकुमार vs सिद्दारमैया- कौन बनेगा मुख्यमंत्री

शिवकुमार vs सिद्दारमैया- कौन बनेगा मुख्यमंत्री (image source: PTI)

Share on FacebookShare on X

कर्नाटक में कांग्रेस के अंदरखाने दो गुटों के बीच की लड़ाई फिर खुलकर सामने आ गई है। सीएम सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार के खेमे फिर आमने-सामने आ गए हैं। डिनर पार्टियों की इस राजनीति ने शीर्ष नेतृत्व के भी कान खड़े कर दिए हैं। इसकी शुरूआत हुई बीते महीने, जब 8 जनवरी को बेंगलुरु के रेडिसन ब्लू होटल में एससी-एसटी समुदाय के मंत्रियों की एक पार्टी रखी गई, लेकिन अचानक दिल्ली से एक फोन आया और इस पार्टी को रद्द कर दिया गया। बताया गया कि ये फ़ोन कांग्रेस के एक महासचिव (रणदीप सुरजेवाला) की तरफ़ से किया गया था। सूत्रों के मुताबिक सुरजेवाला ने कर्नाटक इकाई को आलाकमान का मैसेज दिया और बताया कि शीर्ष नेतृत्व नहीं चाहता कि ऐसी कोई मीटिंग हो।

हालांकि ये बैठक रद्द क्यों हुई? इसकी वजह थे डी.के शिवकुमार। रिपोर्ट्स की मानें तो शिवकुमार ने दिल्ली दरबार पहुंचकर शिकायत की और कहा कि सिद्दारमैया अलग-अलग वर्गों के मंत्रियों की डिनर पार्टी कर रहे हैं, लेकिन उन्हे भरोसे में लिए बिना।

संबंधितपोस्ट

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’

जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

और लोड करें

डी.के. शिवकुमार ने पार्टी आलाकमान से स्पष्ट कहा कि ऐसी बैठकों से पार्टी में फूट का गलत संदेश जा रहा है, साथ ही मीडिया को निगेटिव रिपोर्टिंग का मौका भी मिल रहा है। 8 जनवरी को आयोजित जिस बैठक को लेकर ये विवाद हुआ था वो गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बुलाई थी, जिन्हें मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का दाहिना हाथ माना जाता है। दलित मंत्रियों-विधायकों की मीटिंग से पहले 2 जनवरी को ओबीसी वर्ग के मंत्रियों की भी ऐसी ही एक डिनर मीटिंग की जा चुकी थी। 2 जनवरी को हुई ये बैठक मंत्री सतीश जरकिलो के आवास पर आयोजित हुई थी।

माना जा रहा है कि ये बैठकें सिद्दारमैया गुट इसलिए आयोजित कर रहा था ताकि सरकार में अपनी पकड़ मजबूत की जा सके, वो भी बिना डी.के. शिवकुमार को भरोसे में लिए। इन बैठकों के बाद से ही कर्नाटक कांग्रेस में ताजा राजनीतिक संकट पैदा हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को ख़ुद सामने आकर एक बयान जारी करना पड़ा, और पहली बार ये स्वीकार करना पड़ा कि मुख्यमंत्री पद का फॉर्मूला ढाई-ढाई साल के लिए ही तय हुआ था और वो इस समझौते से बंधे हुए हैं।

अब जब सिद्दारमैया ने सार्वजनिक रूप से इस समझौते को स्वीकार कर लिया है, तो फिर सवाल उठने लगा है कि क्या ढाई साल बिता लेने के बाद सिद्दारमैया, डीके शिवकुमार के लिए कुर्सी छोड़ेंगे? क्योंकि सिद्दारमैया ने18 मई 2023 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और इस नाते उनके ढाई साल इसी नवंबर में पूरे हो जाएंगे।

लेकिन कर्नाटक कांग्रेस की कहानी इतनी भी सीधी-सपाट नहीं है, क्योंकि इसी बीच मागड़ी विधायक एचसी बालकृष्ण ने दो टूक कह दिया कि डीके शिवकुमार जल्द ही मुख्यमंत्री बनने वाले हैं।

मुख्यमंत्री बनने से क्यों चूक गए डीके शिवकुमार 

कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार के बीच कुर्सी की लड़ाई कब से और क्यों चल रही है? डी.के मुख्यमंत्री बनने से क्यों चूक गए? इसकी तह तक जाएं तो 2023 के विधानसभा चुनाव में जब 135 सीटों के साथ बहुमत से कांग्रेस सत्ता में आई तो मुख्यमंत्री बनने को लेकर सिद्दरमैया और डीके शिवकुमार के बीच होड़ देखने को मिली। डी.के के समर्थक उन्हें इसलिए मुख्यमंत्री देखना चाहते थे, क्योंकि पूरे चुनाव में उन्होंने चाणक्य की भूमिका निभाई। शानदार चुनाव प्रबंधन कर पार्टी को जीत दिलाई और पार्टी की चुनावी फंडिंग का भी ध्यान रखा। दरअसल डी.के की गिनती देश के सबसे अमीर नेताओं में होती है, जिनके पास 800 करोड की तो घोषित संपत्ति हैं…बाकी का भगवान जाने…. उधर, पार्टी के रणनीतिकारों का मानना रहा कि डीके जनाधार वाले नेता नहीं सिर्फ इलेक्शन मैनेजर हैं, जबकि सिद्दारमैया जनाधार के मामले में शिवकुमार से 21 ठहरते हैं।

सिद्दरमैया के समर्थकों के मुताबिक़ कर्नाटक में उनकी पिछड़ी जाति और मुस्लिम गठजोड़ की राजनीति बेहद कामयाब रही है। राज्य की पिछड़ा- कुरबा जाति से आने वाले सिद्दरमैया के साथ पिछड़े, मुस्लिम और दलित तीनों हैं। इतना ही नहीं राज्य में मुख्यमंत्री बनने की लालसा लिए हुए दो और सीनियर नेताओं- सतीश जरकिहोली और जी परमेश्वरा का समर्थन भी सिद्दारमैया के साथ है। शिवकुमार की बात करें तो उनके साथ उनकी जाति के वोक्कालिगा नेता और साथ में लिंगायत नेता भी जुड़े हैं। लेकिन कांग्रेस आलाकमान का मानना था कि लिंगायत मतदाता परंपरागत रूप से भाजपा के वोटर रहे हैं, और वोक्कालिगा ने भी भले ही इस बार कांग्रेस को वोट किया लेकिन हर बार ऐसा ही हो- कहा नहीं जा सकता।

शिवकुमार vs सिद्दारमैया
शिवकुमार vs सिद्दारमैया (Image Source: India tv)

खैर सिद्दारमैया गुट आलाकमान को समझाने में सफल रहा कि डी.के नहीं बल्कि सिद्दारमैया को सीएम बनने से ही कर्नाटक के जातीय समीकरण अच्छी तरह साधे जा सकेंगे। पहले तो सिद्धारमैया गुट का मकसद सिर्फ इतना था कि डी.के शिवकुमार को किसी भी तरह मुख्यमंत्री बनने से रोका जाए। इसमें सफलता मिली तो फिर सिद्दारमैया गुट डी.के शिवकुमार को और कमजोर करने में जुट गया, ताकि भविष्य में भी वे सिर न उठा सकें और उनकी दावेदारी को कमजोर किया जा सके। इसके बाद सिद्दारमैया गुट ने एक व्यक्ति-एक पद का फॉर्मूले का शोर मचाना शुरू कर दिया। क्योंकि डी.के डिप्टी सीएम होने के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं। सिद्दारमैया गुट का मानना है कि मुख्यमंत्री के सामने डिप्टी सीएम की कोई बड़ी हैसियत नहीं होती। यहां तक कि उनकी फाइलों को भी CMO में रोका जा सकता है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष की ताकत को रोक पाना मुश्किल है। क्योंकि सरकार भले ही सिद्दारमैया चला रहे हैं, लेकिन संगठन में तो डी.के के ही चल रही है। ऐसे में डी.के को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के लिए अभियान भी चलाया जाने लगा।

इस अभियान के बाद अब डी.के शिवकुमार के समर्थक भी कहां चुप बैठने वाले थे। उन्होंने सिद्दारमैया को अपने नेता का त्याग गिनाना शुरू कर दिया। डी.के समर्थकों ने दलील दी कि वो तब से पार्टी के लिए त्याग करते आ रहे हैं, जब एन. धरम सिंह कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने और वो चाहते तो वर्ष 2023 में ही टॉप लीडरशिप को ब्लैकमेल कर मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन उन्होंने सिद्दारमैया की राह में कांटे नहीं बिछाए बल्कि उन्हे सीएम बनने दिया। डी.के शिवकुमार के समर्थकों के मुताबिक़ ये भी पार्टी के लिए उनका बड़ा त्याग था। इसी बीच नए साल की शुरुआत होते ही कर्नाटक में कांग्रेस में लॉबिंग तेज हो गई। हालात इतने बिगड़े कि सिद्दारमैया को भी झुकना पड़ा और उन्होंने सत्ता हस्तांतरण यानी पॉवर ट्रांसफर की बात भी स्वीकार की और यह भी कहा कि अंतिम निर्णय पार्टी नेतृत्व को लेना है। इस बीच सिद्दारमैया के करीबी और उनके राजनीतिक सलाहकार बीआर पाटिल ने एक फरवरी को इस्तीफा दिया तो राजनीतिक संकट और गहरा गया।

 

कलबुर्गी जिले के अलांद से चार बार के विधायक हैं बी.आर पाटिल

सूत्रों के मुताबिक पाटिल पार्टी की आंतरिक गुटबाजी के शिकार हो गए, जिसके कारण सिद्दारमैया सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। सिद्दरमैया जब उन्हें मंत्री बनाने में सफल नहीं हुए तो दिल रखने के लिए उन्हें अपना राजनीतिक सलाहकार बना लिया। लेकिन, मंत्री रहने का भौकाल अलग ही होता है। सलाहकार का महत्व तो तभी है, जो उसकी सलाह पर अमल भी हो। बस क्या था कि पाटिल ने उचित महत्व नहीं मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद से कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में अंदरखाने की लडाई फिर तेज हो गई है।

बताया जाता है कि पाटिल कलबुर्गी की जिस सीट से विधायक है, वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का इलाका है। कलबुर्गी से ही खरगे के बेटे प्रियांक खरगे उनकी राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं। लेकिन पाटिल और प्रियांग खरगे में पटती नहीं है। कहा जाता है कि खरगे के वीटो लगा देने के कारण ही पाटिल मंत्री नहीं बन सके। दरअसल, कलबुर्गी में प्रियांक का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते मुख्यमंत्री के क़रीबी होने के बावजूद पाटिल ख़ुद को दरकिनार महसूस कर रहे हैं। वर्ष 2023 में सरकार बनने के बाद पाटिल को मंत्री बनाने की बात हुई थी, लेकिन उनकी जगह कलबुर्गी से प्रियांक और एक अन्य विधायक शरन प्रकाश को मंत्री पद मिल गया। यहां पूरी कोशिश के बाद भी सिद्दारमैया की नहीं एक नहीं चली।

 

सिद्दरमैया के घोटाले में फंसते ही डी.के & कंपनी हुई मजबूत

पिछले साल 4000 करोड़ के मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री के फंसते ही डी.के एंड कंपनी की मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी और मजबूत हो गई। सिद्दारमैया के खिलाफ केस भी दर्ज हो चुका है। वो इस केस को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट भी पहुंचे, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। MUDA केस की वजह से सिद्दरमैया की अब तक रही बेदाग छवि को गहरा धक्का लगा है। इसीलिए माना जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व इस साल नवंबर में सिद्दारमैया का ढाई साल पूरा होते ही डीके शिवकुमार पर दांव खेल सकता है या फिर दोनों की लड़ाई में किसी तीसरे के हाथ बाजी लग सकती है।

एक और अहम बात है कि कुछ ऐसा ही फॉर्मला छत्तीसगढ़ में भी तय हुआ था, जहां भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव को ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने की बात तय हुई थी, लेकिन भूपेश बघेल पूरे पांच साल तक बने रहे और सिंहदेव को साइडलाइन कर दिया गया। बाद में चुनाव में कांग्रेस को इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी थी। कांग्रेस नेतृत्व ने इस घटना को सबक के तौर पर लिया होगा तो फिर कर्नाटक में परिवर्तन हो सकता है।

वैसे सिद्दारमैया और शिवकुमार के बीच मतभेद कोई नया नहीं है। सिद्दारमैया के पहले कार्यकाल में भी मतभेद रहा है। साल 2015 में सिद्दारमैया ने पहले कार्यकाल में जाति जनगणना भी कराई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट को आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया। इसकी वजह भी डी.के शिवकुमार का विरोध ही था। बहरहाल, अब सवाल उठता है कि कर्नाटक में सिद्दारमैया कितने दिनों के मेहमान रह गए हैं? क्या ढाई साल पूरा होने पर ही वो गद्दी से उतरेंगे? या फिर घमासान रोकने के लिए कांग्रेस आलाकमान पहले ही चेहरा बदलेगा या फिर डीके शिवकुमार और सिद्दारमैया की लड़ाई में जरकिहोली या जी परमेश्वर या फिर किसी दूसरे की लॉटरी निकलेगी?

स्रोत: शिवकुमार vs सिद्दारमैया, डी के शिवकुमार, सिद्दरमैया, कर्नाटक, कांग्रेस, मैसूर घोटाला, Shivakumar vs Siddaramaiah, D.K. Shivakumar, Siddaramaiah, Karnataka, Congress, Mysore Scam
Tags: CongressD. K. ShivakumarKarnatakaMysore ScamShivakumar vs SiddaramaiahSiddaramaiahकर्नाटककांग्रेसडी के शिवकुमारमैसूर घोटालाशिवकुमार vs सिद्दारमैयासिद्दरमैया
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

एक दो नहीं चार बार यमराज को चकमा देकर लौटी महिला, बताये स्वर्ग के रहस्यमय और हैरान कर देने वाले राज़

अगली पोस्ट

भारत को भारत के अनुरूप समग्र आदर्श विकसित बनाने का लक्ष्य

संबंधित पोस्ट

नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है
चर्चित

हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

1 December 2025

हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए 20 IAS-IPS अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए हैं। यह फेरबदल...

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा
राजनीति

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

27 November 2025

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार में दिन-रात मेहनत कर विजय सुनिश्चित करने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं के कंधों पर अब बंगाल फतह की सबसे...

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited