TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

आचार्य प्रशांत: असली धर्मगुरु या ब्रैंडिंग से बने बाबा, क्या हैं उनके आलोचक और समर्थकों के दावे?

आचार्य प्रशांत के समर्थकों का तर्क है कि वह सनातन की अंधविश्वास और पोंगापंथी रीति-रिवाजों के खिलाफ बोलते हैं

khushbusingh1 द्वारा khushbusingh1
15 March 2025
in चर्चित
आचार्य प्रशांत की शिक्षा को लेकर भी कई लोगों ने सवाल उठाए हैं

आचार्य प्रशांत की शिक्षा को लेकर भी कई लोगों ने सवाल उठाए हैं

Share on FacebookShare on X

प्रयागराज महाकुंभ 2025 को अपनी दिव्यता एवं भव्यता के साथ संपन्न हुए दो सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है। दुनिया के उस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में करीब 66 करोड़ लोगों ने गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पवित्र संगम पर स्नान किया था। इसी दौरान जनवरी 2025 में प्रशांत त्रिपाठी उर्फ आचार्य प्रशांत नाम के एक कथित धर्मगुरु का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर आया, जिसमें वे कुंभ को अंधविश्वास बता रहे थे। इसको लेकर जमकर बवाल हुआ। गुस्से में लोगों ने प्रशांत की सैकड़ों किताबें जला दीं। इन किताबों को बाँटने वाले प्रशांत के लोगों पर भी हमला करने की बात मीडिया में आई। दक्षिणपंथी लोगों ने इस वीडियो को खूब शेयर किया और सोशल मीडिया पर आचार्य प्रशांत की जमकर आलोचना शुरू कर दी। जयपुर डायलॉग्स के संजय दीक्षित, इंडिया स्पीक्स डेली के संजय देव और इस्कॉन से जुड़े कुछ सोशल मीडिया अकाउंट ने प्रशांत की जमकर आलोचना की।

हालाँकि, प्रशांत के समर्थकों ने इस फर्जी वीडियो बताया और कहा कि दक्षिणपंथी प्रशांत को बदनाम करने के लिए यह फर्जी वीडियो वायरल कर रहे हैं। प्रशांत एवं उनसे जुड़े ने तर्क दिया कि कुंभ को अंधविश्वास बताने वाले वीडियो प्रशांत के एनजीओ से जुड़े लोगों ने नहीं बनाए थे। उनका कहना था कि आचार्य प्रशांत को बदनाम करने के लिए एक साजिश के तहत इस वीडियो को डाला गया और लोगों को भड़काया गया। हालाँकि, दक्षिणपंथी लोगों ने इस वीडियो को सही और प्रशांत का ही बताया। उस समय से शुरू हुआ यह हालिया विवाद महाकुंभ खत्म होने के बाद भी सोशल मीडिया पर लगातार जारी है।

संबंधितपोस्ट

धर्मध्वजा स्थापना और राम मंदिर की पूर्णता अर्थात् – भारत के स्वत्व जागरण की पुनर्यात्रा

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

जैस्मिन जाफर ने गुरुवायूर मंदिर के पवित्र तालाब में पैर धोकर बनाया वीडियो, मंदिर को शुद्धिकरण के लिए किया बंद-हिंदू मंदिरों की आस्था पर बार-बार हमला क्यों?

और लोड करें

सोशल मीडिया पर लोग प्रशांत के आचार, व्यवहार, आख्यानों, भाषणों को शेयर कर रहे हैं और उन्हें फर्जी बाबा बता रहे हैं। उनके विरोधियों का कहना है कि आचार्य प्रशांत एक फर्जी धर्मगुरु हैं, जो चरक एवं आचार्य रजनीश के सेक्स एवं समाधि का कॉकटेल बनाकर लोगों के बीच पेश कर रहे हैं। उनका आरोप है कि वे आधुनिकता के आवरण में परिवार, शादी, विवाह जैसे सामाजिक एवं भारतीय परंपराओं एवं धार्मिक मूल्यों को आडंबर बताकर उनकी आलोचना कर रहे हैं और ये सब फर्जी कथा-कहानियों एवं धार्मिक ग्रंथों की गलत व्याख्याओं के जरिए कर रहे हैं। कई सोशल मीडिया उनके बयानों को तर्क के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं।

आचार्य प्रशांत एवं उनके समर्थकों का कहना है कि वे अद्वैत एवं वेदांत को सरल शब्दों में लोगों तक पहुँचाने का काम करते हैं। उनका तर्क है कि सनातन की अंधविश्वास और पोंगापंथी रीति-रिवाजों के खिलाफ बोलते हैं, जिसने लोगों को सनातन के वास्तविक मूल्यों से दूर कर दिया है। इसलिए लोगों को इन पाखंड और आडंबरों से दूर होना चाहिए। उनका मानना है कि प्रशांत लोगों को शुद्ध वेदांत से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए धर्म का इस्तेमाल अपने स्वार्थ के लिए करने वाले लोग उनका विरोध कर रहे हैं। उनके अनुयायी प्रशांत को भगवान बुद्ध और भगवान महावीर से लेकर आदि शंकराचार्य, संत कबीर, संत रविदास, गुरु नानक तक से लेकर राजा राममोहन राय, स्वामी दयानंद सरस्वती, ज्योतिबा फुले, ईश्वर चंद्र विद्यासागर जैसे सुधारकों से करते हैं।

दरअसल, सोशल मीडिया पर 7 करोड़ से अधिक अनुयायियों वाले आचार्य प्रशांत कर्मकांड को आडंबर बताते हैं। वे जातिवाद, पितृसत्ता और अंधविश्वास को समाज की प्रगति में सबसे बड़ी रुकावट मानते हैं। वे विवाह, श्राद्ध जैसी प्राचीन परंपराओं पर सवाल उठाते हैं। इतना ही नहीं, इन सबकी की व्याख्या भी वे अपने ढंग से करते हैं। वे हिंदू एकता के भी विरोधी हैं। उनका मानना है कि इस तरह का प्रयास धर्म के असली उद्देश्यों से दूर कर देता है और कुछ विशेष समूहों को लाभ पहुँचाता है।

वे पूरी व्यवस्था को ही गलत साबित कर अराजकता वाली स्थिति पैदा करने की कोशिश करते दिखते हैं। अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, “इस दुनिया में मज़े मारने नहीं आते हैं आप, लुटने आते हो। ये जगत है ही इसीलिए कि हमको मूर्ख बना-बनाकर हमें लूटता जाए। एक-एक चीज़, एक-एक व्यवस्था, आप जिसमें शामिल हैं, आप अगर देख पायें तो दिखेगा कि कैसे उसमें आपका शोषण होता है। एक अस्पताल में आपका जन्म हुआ, जिनके आँख होगी उन्हें दिखेगा, पहले आप यही बोलते थे, अरे! सरकारी अस्पताल है, गंदे पड़े हैं, डॉक्टर देर से आता है, भीड़ बहुत है। आज आपके अस्पताल फाइव स्टार होटल जैसे हो गए हैं। तो आपको ये भ्रम हो जाता है कि मामला बढ़िया है।”

वे दुनिया को गुलामी का अड्डा बताते हैं। वे आगे लिखते हैं, “आबादी में रोगियों का अनुपात बढ़ा है या कम हुआ है? पहले हज़ार लोगों में कितनों को कैंसर था, आज कितनों को है? लेकिन आप ख़ुश बहुत हो, क्योंकि अब बहुत सारे अस्पताल आ गये हैं जो कहते हैं कि हम कैंसर ट्रीटमेंट में सुपरस्पैशलाइज़ करते हैं। ये आप पूछते ही नहीं कि इतने कैंसर रोगी आ कहाँ से गये, पहली बात। हमें पता ही नहीं चलता कि हमारा उपचार हो रहा है या हमें सबसे पहले बीमार बनाया जा रहा है ताकि उपचार करा जा सके।” ऐसी अनेक बातें हैं, जिन्हें लिखी जाए को वो कई वॉल्यूम में किताब बन जाएगी। उनके वीडियो के देखा जाए तो साफ लगेगा कि उनकी बातें सतही हैं। उनसे बेहतर एक दूर-दराज के गाँव में रहने वाला व्यक्ति धर्मशास्त्रों की व्याख्या उनसे बेहतर कर सकता है।

दरअसल, प्रशांत लोगों को आत्मज्ञान का मार्ग बताने के बाद मानव स्वरूप के एक अंग असंतोष को अपना हथियार बनाकर लोगों को उकसाने का काम करते हैं। प्रशांत भूल जाते हैं कि मानव जीवन में कर्म की प्रधानता है। वे कर्म को प्रभावी बनाने वाली बातें कम, कोसने का काम करते ज्यादा दिखता है। उनकी बातें सुनने से व्यवहारिक लग सकती हैं, लेकिन आध्यात्मक को थोड़ा सा भी समझने वाला व्यक्ति उसे सतही मानेगा। उनकी बाते करने का अक्खड़ स्वाभाव, शब्दों का चयन, उनका उच्चारण साफ बताता है कि वे धर्मशास्त्रों का गहन अध्ययन नहीं कर पाए हैं। वे भारतीय परंपरा को भी अच्छे से नहीं समझते हैं।

वे खुद को बौद्ध और हिंदुओं के वेदांत एवं अद्वैतवाद का जानकार होने का दावा करते हैं, लेकिन उनकी बातों में ‘ज्ञान’ का तत्व दिखेगा। इससे अलग ज्ञानी के स्वभाव वाले शांत, संयम, धीर, विनम्र आदि गुण तो उनमें हैं ही नहीं। वे आलोचना करने वालों को ना धमकाते और उन्हें नकारा बताते रहे हैं। वे अपने वेबसाइट पर लिखा है, “छोटे आदमी की पहचान ही ये होती है कि हर छोटा मुद्दा उसके लिए बहुत बड़ा हो जाता है।” वे आदमी को छोटा और बड़ा की दृष्टि से देखते हैं, जो संत भाव के बिल्कुल विपरीत है। वहीं, उनके फॉलोवर आलोचना करने वालों को गाली-गलौच और धमकी तक देते हैं। उनका यह व्यवहार उन्हें आम आदमी भी नहीं साबित करता है।

कोट-पैंट पहनकर, लेकिन दाढ़ी और बाल लंबे करके अद्वैतवाद एवं वेदांत की बात करने वाले आचार्य प्रशांत का मूल नाम प्रशांत त्रिपाठी है। वे विभिन्न विषयों पर 160 किताबें लिखने का दावा करते हैं। वे IIT, दिल्ली से इंजीनियरिंग और IIM, अहमदाबाद से प्रबंधन में मास्टर डिग्री लेने का दावा करते हैं। ये सब कुछ उनकी वेबसाइट पर बताया गया है। हालाँकि, उन्होंने ये नहीं बताया है कि उन्होंने IIT और IIM में कहाँ पढ़ाई की है। उन्होंने यहाँ तक दावा किया गया है कि उन्होंने जिस साल IIM की परीक्षा पास की थी, उसी साल UPSC की परीक्षा भी पास किया था, लेकिन IAS कैडर नहीं मिलने के कारण वे IIM में चले गए। इसके बाद वहाँ से निकलकर वे कॉरपोरेट वर्ल्ड में आए। हालाँकि, उन्होंने कंपनी आदि के बारे में कुछ नहीं बताया है, जहाँ उन्होंने काम किया है। उन्होंने अपने जन्मस्थान और माता-पिता के बारे में भी कुछ नहीं बताया है।

आचार्य प्रशांत के आलोचक उन्हें ढोंगी और फ्रॉड बताते हैं। उनका कहना है कि आचार्य प्रशांत कभी IIT या IIM नहीं गए और इन सर्वोच्च संस्थानों के नाम पर अपनी ब्रांडिंग कर रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर सवाल उठा रहे हैं कि आचार्य प्रशांत बताएँ कि वे किस साल में IIT और IIM गए और उनके कुछ प्रसिद्ध सहपाठी लोगों के नाम बताएँ। उनके आलोचक तर्क देते हैं कि प्रशांत ने सोशल मीडिया पर ऐड देकर और पीआर कंपनी के जरिए अपनी इमेज बिल्डिंग की और अब धर्मगुरू का आवरण धारण कर रहे हैं। हालाँकि, आलोचक जो कहें, लेकिन ये सच है कि धर्मगुरु बनने के लिए किसी डिग्री की जरूरत नहीं है। जरूरत है तो बस आत्मज्ञान और ईश्वर के प्रति श्रद्धा की। हालाँकि, ये सच है कि धर्मशास्त्रों का मन माफिक व्याख्या करना भी सही नहीं है।

स्रोत: महाकुंभ 2025, आचार्य प्रशांत, सनातन धर्म, वेदांत, हिंदू धर्म, Maha Kumbh 2025, Acharya Prashant, Sanatan Dharma, Vedanta, Hinduism,
Tags: Acharya PrashantHinduismMaha Kumbh 2025sanatan dharmaVedantaआचार्य प्रशांतमहाकुंभ 2025वेदांतसनातन धर्मंहिंदू धर्म
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मनुस्मृति पार्ट-2: जन्म आधारित जाति और वर्ण व्यवस्था पर तीखा प्रहार करने वाले ग्रंथ में क्या बताया गया है?

अगली पोस्ट

‘ऐ सिपाही, ठुमका नहीं लगाओगे तो सस्पेंड कर देंगे’: होली पर तेज प्रताप यादव की ‘गुंडागर्दी’, पुलिसकर्मी को नाचने पर किया मजबूर

संबंधित पोस्ट

शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र
चर्चित

बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

24 November 2025

सोमवार की शुरुआत सिने जगत के लिए एक दुखद ख़बर के साथ हुई। बॉलीवुड का ही-मैन, धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में मुंबई में इस...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे
चर्चित

राहुल गांधी का ह्यूस्टन इवेंट आयोजित करने वाली संस्था CAIR अमेरिका में आतंकी संगठन घोषित, हिंदू घृणा फैलाने वाली संस्था के अलकायदा, हमास जैसे आतंकी संगठनों से मिले रिश्ते

20 November 2025

राहुल गांधी के विदेशी खासकर अमेरिकी दौरों को लेकर राजनीति होती रही है, लेकिन अब अमेरिका से जो जानकारी सामने आई है, वो राजनीति से...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited