फेक न्यूज़, एजेंडा और झूठे आक्रोश को बढ़ावा देने की अगर कोई प्रतियोगिता हो तो भारतीय मीडिया को इसमें पहला स्थान जरुर प्राप्त होगा। मीडिया अक्सर ही फेक न्यूज़ को बढ़ावा देते हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के जगन्नाथ मंदिर की यात्रा को लेकर भी मीडिया ने विवाद पैदा करने की पूरी कोशिश की थी और एक बार फिर से मीडिया ने कुछ ऐसा ही किया था। इसके बाद देश के प्रधानमंत्री के फिटनेस चैलेंज को लेकर झूठी खबर फैलानी शुरू कर दी थी। दरअसल, हाल ही में खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ में फिटनेस चैलेंज शुरू किया था जिसे स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक फिटनेस वीडियो पोस्ट किया था। इस फिटनेस वीडियो में पीएम मोदी कई तरह के योगाभ्यास करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को लेकर मीडिया ने ये खबर फैलानी शुरू कर दी कि ये वीडियो सरकारी खर्च पर बनाया गया था।
Here are moments from my morning exercises. Apart from Yoga, I walk on a track inspired by the Panchtatvas or 5 elements of nature – Prithvi, Jal, Agni, Vayu, Aakash. This is extremely refreshing and rejuvenating. I also practice
breathing exercises. #HumFitTohIndiaFit pic.twitter.com/km3345GuV2— Narendra Modi (@narendramodi) June 13, 2018
यहां तक कि मीडिया द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के ‘फिटनेस वीडियो’ को लेकर फैलाए गये झूठ पर कांग्रेस ने भी अवसर मिलते ही हमला शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक खबर का हवाला देते हुए वीडियो पर 35 लाख रुपये खर्च होने का दावा तक कर रहे थे लेकिन तब भी सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने स्पष्ट किया था कि इस वीडियो पर कोई पैसा खर्च नहीं किया गया है। शशि थरूर ने कहा था कि, ‘‘योग दिवस के मौके पर विज्ञापनों पर 20 करोड़ रुपये खर्च किया गये, प्रधानमंत्री के फिटनेस वीडियो पर 35 लाख रुपये खर्च हुआ। इस सरकार में उम्मीद की जगह हव्वा तैयार किया जाता है। उम्मीदों को इन्होंने बर्बाद कर दिया है।’’
20 crore rupees in ads for #YogaDay, 35 lambs for @PMOIndia's fitness video! Disgraceful. This government is all about smoke & mirrors. Hype is their substitute for hope — the hopes they have destroyed.https://t.co/vmYZINkRD2
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 2, 2018
कांग्रेस नेता के ट्वीट के जवाब में राठौड़ ने कहा था कि, ‘‘श्री थरूर, झूठ आपके लिए तथ्यों का विकल्प बन गया है। प्रधानमंत्री के वीडियो पर कोई पैसा खर्च नहीं किया गया। यह प्रधानमंत्री कार्यालय के वीडियोग्राफर द्वारा रिकॉर्ड किया गया।”
Not surprised Mr @ShashiTharoor, falsehoods is ur substitute 4 facts
No money ws spent 4 PM’s fitness vid. It ws recorded by PMO videographer. This article is based on 'solid proof' of hearsay
And I assure you sir,not a single 'lamb' was sacrificed for the vid, let alone 35! ? https://t.co/xiC52ak7iw
— Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) July 2, 2018
खेल मंत्री ने पहले ही कांग्रेस नेता के झूठ को सामने रख दिया था लेकिन फिर भी मीडिया ने इस झूठी खबर को खूब तुल दी थी। यहां तक कि केरल में आई प्राकृतिक आपदा पर भी राजनीति की। केंद्र सरकार द्वारा केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए 500 करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा पर भी राजनीति करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा कि, “पीएम नरेंद्र मोदी केरल के लोगों के जान-माल से राजनीति कर रहे हैं, उन्होंने फिटनेस वीडियो पर 35 करोड़ खर्चे किये तो फिर केरल को सिर्फ 500 करोड़ क्यों?” यहां भी कांग्रेस झूठे तथ्यों को पेश कर रही है। केरल के लिए और सहायता राशि की मांग सही है लेकिन इससे इस तरीके से झूठे तथ्यों के साथ पेश किया जाना क्या दर्शाता है?
बार-बार बेनकाब होने के बावजूद कांग्रेस और लुटियंस मीडिया पीएम मोदी के फिटनेस वीडियो पर फेक न्यूज़ फैलाने से बाज नहीं आई। अब आरटीआई आवेदन के आधिकारिक जवाब में मीडिया और कांग्रेस दोनों का ही झूठ बेनकाब हो गया है। आरटीआई आवेदन के आधिकारिक जवाब में पीएमओ ने स्पष्ट किया कि, “वीडियो बनाने में कोई खर्च नहीं किया गया था। पीएम मोदी ने जो वीडियो पोस्ट किया था उसके फिल्मांकन पर एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया है। ये वीडियो को प्रधानमंत्री आवास पर फिल्माया गया था। वीडियोग्राफी पीएमओ के कैमरामैन द्वारा की गई थी।“ आरटीआई आवेदन के आधिकारिक जवाब से मोदी के प्रति अंधी नफरत रखने वालों का पर्दाफाश हो गया है उनका झूठ जनता के सामने आ गया है।
पीएम मोदी ने सिर्फ खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ में फिटनेस चैलेंज को स्वीकार करते हुए फिटनेस का वीडियो शेयर किया था और योगाभ्यास के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ये कदम उठाया था। वो देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए हर तरह की कोशिश कर रहे हैं कभी अभियान तो कभी संदेश तो कभी खुद उसका हिस्सा बन रहे हैं लेकिन विपक्ष और मुख्यधारा की मीडिया हर प्रयास पर राजनीति करने का एक अवसर नहीं छोड़ रही। यहां तक कि अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए झूठी खबरें तक प्रकाशित कर रहे हैं।