TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू-  14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    उत्तर प्रदेश भाजपा में संगठन बदलाव की तैयारी शुरू- 14 दिसंबर को होगा नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान

    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

वर्तमान हिंदी ‘राष्ट्रभाषा’ बनने के लिए उपयुक्त ही नहीं है, इसे पहले मूल स्वरूप में लाना होगा

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
20 September 2019
in संस्कृति
हिन्दी

PC: financialexpress

Share on FacebookShare on X

मेरी मातृभाषा हिन्दी है। मैं हिन्दी में लिखता हूँ, हिन्दी में सोचता हूँ, स्वप्न भी हिन्दी में ही देखता हूँ। मैं अँग्रेजी अच्छी बोल लेता हूँ परंतु मैं हिन्दी में सोच कर अनुवाद करता हूँ फिर बोलता हूँ। मुझे हिन्दी गद्य, काव्य सब से प्रेम है। निराला से लेकर जयशंकर प्रसाद तक और परसाई से लेकर श्रीलाल शुक्ल तक सबकी रचनाएँ पढ़ी हैं और सराही हैं। मैं कवितायें भी लिखता हूँ और उनमें से अधिकतर हिन्दी में ही होती हैं। परंतु मेरा यह मानना है की अपने वर्तमान स्वरूप में हिन्दी राष्ट्रभाषा बनने के लिए कदापि उपयुक्त नहीं हैं और देश की अधिकतर प्रादेशिक भाषाएँ हमारी मूल-भाषा संस्कृत के अधिक निकट है। ओडीशा की ओडिया हो या महाराष्ट्र की मराठी यह सभी भाषाएँ संस्कृत से अधिक निकट है। सर्वप्रथम हिन्दी को उसके मूल स्वरूप में लाने की आवश्यकता है। अभी जो हम हिन्दी बोलते और लिखते हैं वो एक मिश्रित भाषा है। जहां फारसी और उर्दू शब्दों की अधिकता है। हम सब ‘ताज़े’ फल खाते हैं, ‘अख़बार’ पढ़ते हैं, ‘अदालत’ के ‘फैसलों’ के बारे में सुनते हैं, वो चलचित्र देखते हैं जिनमें गीत नहीं ‘तराने’ होते हैं जहां प्रेमी नहीं ‘आशिक’ हैं, जिनके हृदय नहीं ‘दिल’ हैं, जिनके गृह नहीं ‘आशियाने’ हैं, जहां दीप नहीं ‘शमा’ जलती है। सबल ताक़तवर है, निर्बल कमजोर है, कायर बुज़दिल है। ये भाषा नहीं उर्दू ‘topping’ वाला हिन्दी ‘pizza’ है। बॉलीवुड के गीतकारों, मीडिया के पत्रकारों और आधुनिक खिचड़ी लेखकों ने हिन्दी की आत्मा में उर्दू कुछ इस प्रकार संलग्न कर दिया है कि अब यह निर्धारित करना जटिल है कि हिन्दी क्या है और उर्दू क्या है।

हिन्दी के समाचार पत्रों में भी उर्दू और फारसी के शब्दों की ही अधिकता होती है। उदाहरण के लिए आज के समाचार पत्र में एक समाचार का शीर्षक था ”राम जन्म भूमि मामले में 18 अक्टूबर तक पूरी हो बहस” इसी पंक्ति में 2 शब्द उर्दू के हैं। जिसे हम लोग उर्दू कहते हैं वह दिल्ली के बाज़ारों में उत्‍पन्‍न हुई भाषा बतलाई जाती है। दिल्ली के बाजार में मु्स्लिमों के संपर्क से अरबी, फारसी और तुर्की के कुछ शब्‍द हमारी शब्दावली में आ मिले। तब से मु्स्लिम लोग जहाँ-जहाँ इस देश में गए, इस मिश्रित भाषा को अपने साथ लेते गए। हिन्दी शब्दावली पर विदेशी भाषाओं का प्रभाव ऐसा रहा कि मूल भाषा का स्वरूप ही परिवर्तित हो गया। ‘कचहरी’ एक बड़ा ही प्रचलित शब्द है, और साहित्यिक भाषा में भी चलता रहता है परन्तु है यह पुर्तगाली भाषा का एक शब्द है। शक और हूणों के भाषा के शब्द भी प्राकृत और अपभ्रंश से होकर हिन्दी में आये हैं, परन्तु हिन्दी भाषा में सबसे अधिक शब्द फारसी, अरबी और अंग्रेजी के पाये जाते हैं।

संबंधितपोस्ट

‘हिम्मत है तो माहिम दरगाह जाकर उर्दू बोलने वालों को पीटें’: निशिकांत दुबे की ठाकरे परिवार को चुनौती

तुम्हें पीएम मोदी की हिंदी नहीं उनकी सफलता खल रही है क्योंकि तुम्हारी सोच गुलाम है

स्पेन में DMK सांसद कनिमोझी के दिए गए ब्यान के क्या हैं असल मायने? एकता और विविधता को बताया भारत की राष्ट्रीय भाषा

और लोड करें

900 ईस्वी के लगभग जब मुहम्मद बिन कासिम ने भारत पर आक्रमण किया था तब भारत के एक बड़े प्रदेश में मु्स्लिमों की यह पहली विजय थी। उसके बाद 100 वर्षों तक पंजाब में मु्स्लिमों का राज्य रहा, तदुपरान्त वे धीरे-धीरे भारत के कई क्षेत्रों में फैल गये और लगभग 800 वर्षों तक उनका शासन विभिन्न क्षेत्रों में चलता रहा। विजेता की भाषा का कितना प्रभाव विजित पर पड़ता है, यह अप्रकट नहीं। इस आठ सौ वर्ष के कालखंड में उर्दू फारसी ने कितना अधिकार भारतीय भाषाओं पर जमाया, इसका प्रमाण भारतीय भाषाएँ आज स्वयं देती हैं। जहाँ जहां पर इस्लामिक साम्राज्य थे, वहाँ के भाषाएँ सदा के लिए अपना मूल स्वरूप त्याग उर्दू और फारसीकृत हो गई।

मु्स्लिम भारत में अरब से ही नहीं, ईरान और तुर्किस्तान से भी आये थे। इसलिए हिन्दी भाषा पर अरबी, फारसी और तुर्की तीनों का प्रभाव पड़ा। इन भाषाओं के लेखक अयोध्या सिंह हरिऔध के अनुसार अधिकतर शब्द संज्ञा रूप में गृहीत हुए हैं। मु्स्लिमों के साथ बहुत से ऐसे पदार्थ और सामान भारत में आये, जिनका कोई संस्कृत और देशज नाम नहीं था, इसलिए हिन्दी में उनका अरबी, फारसी आदि नाम ही व्यवहार में आया। जैसे साबुन, चिलम, नैचा, हुक्का, रिकाबी, तश्तरी आदि। प्राय: देखा जाता है कि शिक्षित जन ही नहीं, अपठित लोग भी राजकीय भाषा बोलने में अपना गौरव समझते हैं, इस कारण अनेक संस्कृत और हिन्दी शब्दों के स्थान पर भी अरबी, फारसी एवं तुर्की शब्दों का प्रचार हुआ।

हिन्दी में विदेशी शब्दों का आधिक्य हुआ। आजकल जल, वायु, मसिभाजन, लेखनी आदि के स्थान पर पानी, हवा, ‘दवात’ और कलम आदि का ही अधिक प्रयोग देखा जाता है। शरमाना, फरमाना, कबूलना, बदलना, बख्शना, आदि ऐसी ही क्रियाएँ हैं। शर्म, फरमान, कबूल, बदल, बख्श, आदि संज्ञाओं के अन्त में हिन्दी का धातु लगाकर इन्हें क्रिया का रूप दिया गया, और आजकल उनसे सभी काल की क्रियाएँ हिन्दी व्याकरण के नियमानुसार बनती रहती हैं। इन भाषाओं के आधार से बहुत से ऐसे शब्द भी बन गये हैं, जिनका आधा भाग हिन्दी है, और दूसरा आधा हिस्सा अरबी-फारसी इत्यादि का कोई शब्द। जैसे पानदान, पीकदान, हाथीवान, समझदार, ठेकेदार आदि। इस प्रकार की कुछ क्रियाएँ भी बना ली गई हैं। जैसे खुश होना, रवाना होना, दिल लगाना, ज़ख्म पहुँचाना, इलाज करना, हवा हो जाना आदि। हिन्दी सभी लिपियों से शक्तिशाली है और इसमें यह गुण है, कि जो लिखा जाता है, वही पढ़ा जाता है।

दिल्ली, मुस्लिम सम्राटों की राजधानी उनके अन्तिम समय तक थी। दिल्ली के आसपास और उसके समीपवर्ती मेरठ के भागों में जो हिन्दी बोली जाती है, उसी का नाम शाहजहाँ के समय उर्दू पड़ा। तुर्की भाषा में सेना को उर्दू कहते हैं, ज्ञात हो कि मुगल सेना के अधिकतर सिपाही इसी भाषा का प्रयोग करते हैं।

इसके बाद सौ वर्ष के भीतर हिंदी में बहुत से यूरोपियन विशेषकर अंग्रेजी शब्द भी मिल गये और दिन-प्रतिदिन मिलते ही जा रहे हैं। रेल, तार, डाक, मोटर आदि कुछ ऐसे शब्द हैं, जो शुद्ध रूप में ही हिन्दी में व्यवहृत हो रहे हैं, और लालटेन, लैम्प आदि कितने ऐसे शब्द हैं, जिन्होंने हिन्दी रूप ग्रहण कर लिया है और आजकल इनका प्रचार इसी रूप में है।

स्वतन्त्रता के बाद हिंदी की इस दुर्दशा ले किए बॉलीवुड और आधुनिक खिचड़ी लेखक भी बड़े कारण हैं। बॉलीवुड ने हिन्दी सिनेमा के नाम पर हिंदी में जो मिलावट की है उससे यह अब उर्दू में परिवर्तित हो चुका है। फिल्म इंडस्ट्री में अंग्रेजी का भी बोलबाला है। । ऐसी पटकथाएँ यहां कम ही देखने को मिलती हैं। मुकुल केशवन अपने आलेख – उर्दू, अवध एंड तवायफ- द इस्लामिकेट रुटस् ऑफ हिन्दी सिनेमा-में कहते है कि, “हिन्दी-सिनेमा का महल बहुमंजिला तो है लेकिन इसका स्थापत्य इस्लामी रुपकारों से प्रेरित है। इन इस्लामी रुपकारों का सबसे प्रकट उदाहरण है उर्दू।

इसी बात का एक विस्तार नसरीन मुन्नी कबीर की किताब ‘टॉकिंग फिल्मस्: कॉन्वर्सेशन्स ऑन हिंदी सिनेमा विद् जावेद अख्तर’ में मिलता है। इसमें जावेद अख्तर कहते हैं- “भारत की बोलती फिल्मों ने अपना बुनियादी ढांचा उर्दू फारसी थियेटर से हासिल किया। इसलिए बोलती फिल्मों की शुरुआत उर्दू से हुई। यहां तक कि कलकत्ता का नया थियेटर भी उर्दू के लेखकों का प्रयोग करता था। अगर हम तनिक भी ध्यान दें तो लगभग सभी पंक्तियों में उर्दू का एक शब्द मिल ही जाएगा।

अगर मेरी बात हो तो मैं शुद्ध हिंदी भाषा में लिखना और पढ़ना पसंद करता हूँ, एक दो त्रुटियाँ अवश्य होती हैं पर उन्हें सुधारने का प्रयत्न करता हूँ। अगर हिन्दी को बचाना है, उसका प्रचार-प्रसार करना है तो सर्वप्रथम उसे अपने प्राचीन स्वरूप में लाना होगा। जब वह अपने प्राचीन स्वरूप यानि “संस्कृतनिष्ठ हिन्दी” में आ जाएगा तब ही इसकी स्वीकृति बढ़ेगी। इसके पश्चात ही हिन्दी सभी भाषाओं के निकट आएगी तथा संस्कृत के प्रचार-प्रसार करने में मदद मिलेगी। हिन्दी को शुद्ध करने के लिए इसे एक जन आंदोलन बनाना पड़ेगा। इसके लिए प्रत्येक हिन्दी भाषी को केवल और केवल हिन्दी और संस्कृत शब्दों का प्रयोग करना चाहिए, समाचार पत्रों में लिखने वाले पत्रकारों को भी शुद्ध हिन्दी का प्रयोग करना चाहिए। जब समाचार पत्र में संस्कृतनिष्ठ हिन्दी के शब्दों का प्रयोग होगा तब यह सामान्य जन भाषा बन जाएगी और इसके पश्चात यह सभी भाषाओं को जोड़ने वाली भाषा भी बन जाएगी।

Tags: उर्दूफारसीराष्ट्रीय भाषाहिंदी
शेयर1ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

वित्तमंत्री 100% सही हैं: मारुति के चेयरमैन ने निर्मला सीतारमण के ओला-ऊबर वाले बयान का समर्थन किया

अगली पोस्ट

ट्रेड वार के साथ अब तिब्बती धर्मगुरु के उत्तराधिकारी पर भी अमेरिका चीन में तनातनी

संबंधित पोस्ट

भारतीय दर्शन और संविधान
इतिहास

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

2 December 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में नागरिकता (Citizenship) का विचार आधुनिक “राज्य–नागरिक” (State–Citizen) ढाँचे से भले अलग रहा हो, पर इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और बहुआयामी...

तालोम रुकबो
इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

1 December 2025

कुछ ऐसे राष्ट्रनायक हुए हैं, जिनके योगदान को सामने लाने में इतिहास ने हमेशा कोताही बरती है। अरुणाचल प्रदेश के तालोम रुकबो भी उन्ही में...

26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस
इतिहास

संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

26 November 2025

भारत में संविधान दिवस  प्रतिवर्ष  26 नवंबर को मनाया जाता है। यह मात्र एक स्मृति-दिवस नहीं, बल्कि उस ऐतिहासिक क्षण का उत्सव है जब 1949...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited