TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

श्रीलंका की सत्ता में राजपक्षे बंधुओं का आना, भारत के लिए बिल्कुल चिंता का विषय नहीं है

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
17 November 2019
in विश्व
श्रीलंका की सत्ता में राजपक्षे बंधुओं का आना, भारत के लिए बिल्कुल चिंता का विषय नहीं है
Share on FacebookShare on X

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रविवार को मतदानों की गिनती शुरू हो गई है। यूं तो उच्च पद के लिए 35 दावेदार हैं, परंतु असली लड़ाई है यूनाइटेड नेशनल पार्टी के सजीत प्रेमदासा और श्रीलंका पोडुजना पेरामुना पार्टी के गोताबाया राजपक्षे के बीच। बता दें कि गोताबाया राजपक्षे श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई होने के साथ-साथ श्रीलंका के पूर्व डिफेंस सेक्रेटरी भी रह चुके हैं। उन्हें 2009 में 37 वर्ष लंबे लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम) द्वारा फैलाये गए अलगाववाद को खत्म करने में एक अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है।

यूं तो संभावित मतदाताओं का कोई ओपिनियन पोल नहीं किया गया, पर मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इतना तो स्पष्ट है कि इस चुनाव में गोताबाया राजपक्षे जीत रहे हैं। इस साल अप्रैल माह में श्रीलंका में ईस्टर के दौरान हुए आतंकी हमलों के बाद विशेष रूप से गोतबया राजपक्षे की लोकप्रियता बढ़ी है। इन दिनों श्रीलंका में राष्ट्रीय सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। राजपक्षे भाइयों को पारंपरिक रूप से तमिल विद्रोहियों की हार और श्रीलंका को गृहयुद्ध से बाहर निकालने का श्रेय दिया जाता है। ऐसी परिस्थितियों में, श्रीलंकाई राष्ट्रवाद को गोताबाया राजपक्षे ने चुनाव में अच्छे से भुना दिया है, जिसके कारण वे अपने प्रतिद्वंदी प्रेमदासा से अधिक मजबूत और लोकप्रिय माने जा रहे हैं।

संबंधितपोस्ट

राजपक्षे ने शुरू की श्रीलंका के इस्लामी कट्टरवाद पर कार्रवाई, मदरसों का पंजीकरण और पाठ्यक्रम का पुनर्मूल्यांकन करने के दिए निर्देश

श्रीलंका की जनता ने पहचाना इस्लामिक आतंकवाद का खतरा, किया टर्मिनेटर गोटाबाया का चुनाव

और लोड करें

प्रारंभिक चुनाव परिणाम के रुझान भी अपेक्षित तर्ज पर है। राजपक्षे को उनके और प्रेमदासा के बीच मुकाबले में संभावित विजेता के रूप में देखा जा रहा है। वर्तमान खबरों के मुताबिक, राजपक्षे 52.87 फीसदी मतों के साथ आगे चल रहे हैं, जबकि साजिथ प्रेमदासा के पास गिने गए कुल 5 लाख वोटों में से 39.67 फीसदी थे। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि गोतबाया राजपक्षे श्रीलंका का नेतृत्व कर सकते हैं। मौजूदा गिनती के आधार पर गोतबाया जीत का ऐलान भी कर चुके हैं।

जहां गोताबाया राजपक्षे श्रीलंका के राष्ट्रपति बनने के लिए बिल्कुल तैयार हैं, वहीं उनके बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को अगले साल संसदीय चुनावों के बाद प्रधानमंत्री का पद मिलने की आशा है। वह वर्तमान संसद में विपक्ष के नेता हैं और उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए एक स्पष्ट विकल्प के रूप में देखा जा रहा हैं। सच कहें तो पिछले वर्ष महिंद्रा राजपक्षे ने कुछ समय के लिए श्रीलंका के प्रधानमंत्री के पद पर कब्जा कर लिया था, क्योंकि उन्होंने श्रीलंका में अस्थायी तख्तापलट किया था। सिरीसेना और विक्रमसिंघे के बीच संबंध टूटने के बाद सिरीसेना ने उन्हें श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में स्थापित किया था और पीएम रानिल विक्रमसिंघे की कुर्सी चली गई थी। हालांकि, राजपक्षे ने बाद में एक अदालती लड़ाई के दौरान इस्तीफा दे दिया, जिसके कारण उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने से भी रोक दिया गया था।

चूंकि गोतबाया राजपक्षे राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए वास्तव में सहज दिख रहे हैं, इसलिए ये व्यापक रूप से प्रचारित किया जा रहा है कि श्रीलंका में चीन समर्थक शासन लौटने वाला है। ये आशंकाएं काफी हद तक 2005 से 2015 तक महिंद्रा राजपक्षे के दस साल के शासन पर आधारित हैं, जिस दौरान चीन ने श्रीलंका में पैर पसार लिए थे। यह उनके कार्यकाल के दौरान विवादित हंबनटोटा बंदरगाह परियोजना थी, जिसे अब दुनिया भर में चीन के ‘ऋण जाल कूटनीति’ (Debt trap) के एक जीवित उदाहरण के रूप में देखा जाता है।

प्रतिकूल व्यवहार रिपोर्ट के बावजूद चीन द्वारा वित्तपोषित और भारत द्वारा मना करने के बाद ये पोर्ट कार्यकुशलता में पूरी तरह विफल सिद्ध हुआ। दुनिया के सबसे व्यस्त शिपिंग लेन से कई हज़ार जहाज गुजरते हैं, लेकिन 2012 से अब तक हंबनटोटा बंदरगाह से मात्र 34 जहाज ही गुजरे हैं। राजपक्षे शासन को इन्ही कारणों से 2015 में निष्कासित किया गया था, लेकिन नई सरकार को राजपक्षे शासन द्वारा लिए गए कर्जों को भरने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। अंत में, श्रीलंका को बंदरगाह और एक 15000 एकड़ की विशाल भूमि को चीन को सौंपनी पड़ी। यह चीन के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि इससे भारत के तटों से दूरी काफी कम हो गयी थी।

हिंद महासागर क्षेत्र में श्रीलंका भारत और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा का एक बिंदु माना जाता है। यही कारण है कि भारत की घरेलू श्रीलंकाई राजनीति में भी काफी गहरी दिलचस्पी रही है। ऐसे समय में जब पूरा कवरेज इस बात को लेकर है कि कैसे एक राजपक्षे का शासन फिर से श्रीलंका को चीन की ओर ढकेल सकता है,  तो हमें ये जानना चाहिए कि आखिर क्यों राजपक्षे परिवार वास्तव में भारत के प्रति विरोधी नहीं है।

पिछले कुछ समय से श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारत उनके लिए एक प्रतिकूल देश नहीं है। पिछले वर्ष उन्होंने भारत का दौरा किया, जिससे ये स्पष्ट संदेश गया था कि वे न भारत के लिए विरोधी हैं, और न ही उनकी सत्ता वापसी के बाद भारत उनके खिलाफ होगा। महिंदा राजपक्षे राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं थे, उनके भाई ने उनकी जगह ले ली है। हाल ही में एक इंटरव्यू में, महिंदा राजपक्षे ने एक बार फिर भारत के प्रति अपनी मित्रता व्यक्त करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था- ‘’हम पर चीन समर्थक होने का आरोप बिल्कुल निराधार है, श्रीलंका हमेशा से भारत का अच्छा दोस्त रहा है।‘’

जबकि राजपक्षे शासन को “चीन समर्थक” करार दिया गया था, तो  इस मुद्दे को सही संदर्भ में देखना महत्वपूर्ण है। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि अमेरिका ने 2007 में श्रीलंका को सैन्य सहायता समाप्त कर दी थी। उस समय श्रीलंका तमिल विद्रोहियों से लड़ रहा था। चीन ने इस स्थिति का फायदा उठाया और श्रीलंका का सबसे बड़ा दानदाता बन गया। चीन ने इस अवसर का उपयोग हंबनटोटा बंदरगाह परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए भी किया। ऋण जाल कूटनीति के बीजिंग की रणनीति अभी भी विश्व को अच्छी तरह से पता नहीं थी और कोलंबो जल्द ही चीन के जाल में फंस गया। इसका यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि श्रीलंका में राजपक्षे शासन भारत के हितों के विरोधी थे। भारत को द्वीपीय देश में चीनी उपस्थिति के मुकाबले के लिए एक रणनीति तैयार करनी चाहिए थी।

बीबीसी की रिपोर्ट से…

यहां यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि श्रीलंका के अंदर यह धारणा थी कि भारत की नीति तमिलनाडु से बहुत प्रभावित है। यूपीए के दौर में डीएमके जब सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा थी, तो इस गलत धारणा को और भी मजबूती मिली। 2013 में, तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने कॉमनवेल्थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट मीटिंग (CHOGM) को छोड़ने का फैसला किया था। इससे यह स्पष्ट हुआ कि घरेलू राजनीति रणनीतिक संबंधों में हस्तक्षेप कर रही थी।

Had an extensive meeting with the Leader of Opposition, Mr. Mahinda Rajapaksa.

We discussed the need for close collaboration between India and Sri Lanka in the fields of counter terrorism, security and economic development. @PresRajapaksa pic.twitter.com/uOs7BSTBuH

— Narendra Modi (@narendramodi) June 9, 2019

परंतु जब 2014 में भाजपा सत्ता में आई थी, तो श्रीलंकाई मीडिया में टिप्पणीकारों के एक वर्ग ने राहत की सांस ली। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि भारत-श्रीलंका संबंध अब सही दिशा में जाने के लिए तैयार हैं। अब पिछली बातों को भूलकर आगे बढ़ने और निकट संबंधों को बनाने का दायित्व दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व पर है। भारत के पास अच्छा मौका है क्योंकि चीन के कर्ज का मारा श्रीलंका अब कोई दूसरा हाथ खोज रहा है, ऐसे में बिछड़े यार से मिलने का सबसे सही वक्त हमारे सामने है।

 

Tags: गोटाभाया राजपक्षेमहिंदा राजपक्षेश्रीलंका चुनाव
शेयर32ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘नमाज़ पढ़ो-ज़मीन हड़पो-मस्जिद बनाओ गैंग’ को Akhilesh Govt ने गले लगाया तो CM योगी ने चलाया चाबुक

अगली पोस्ट

सबरीमाला पर CPI(M) ने बदला अपना सुर क्योंकि केरल के हिंदुओं ने सिखाया वो सबक जो वे कभी न भूल पाएंगे!

संबंधित पोस्ट

गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा
इतिहास

गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

15 September 2025

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में कई मोर्चे हैं—कुछ किताबों के पहले पन्नों पर दर्ज हैं, तो कुछ हाशिये पर दबे रह गए। 1947 में...

भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम
अमेरिकाज़

भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

15 September 2025

जब भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस त्रिकंद भूमध्यसागर की लहरों पर उतरा, तो यह सिर्फ एक साधारण तैनाती नहीं थी। यह उस भारत की पहचान...

भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी
अर्थव्यवस्था

भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

15 September 2025

फरवरी की ठंडी सुबह, वाशिंगटन के व्हाइट हाउस से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान आया—“भारत टॉप ऑफ द पैक है, लेकिन हमें रेसिप्रोकल टैरिफ चाहिए।”...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited