वुहान वायरस के प्रकोप में मामूली कमी आने के साथ-साथ विभिन्न देशों के फिल्म एवं टीवी उद्योग पुनः प्रारम्भ हो चुके हैं, और इसी कड़ी में बॉलीवुड के विभिन्न सितारे अपने अपने फिल्मों की शूटिंग करने के लिए विदेश जा रहे हैं। अभिनेता आमिर खान भी इसीलिए सुर्खियों में है, परंतु गलत कारणों से।
दरअसल, फिल्मों की शूटिंग पुनः प्रारम्भ होने के कारण आमिर खान अपनी आगामी फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की अधूरी पड़ी शूटिंग को पूरा करने के लिए तुर्की निकल पड़े। इसी बीच खबरें आई कि उन्होंने न केवल अपने फिल्म की शूटिंग प्रारम्भ की, अपितु तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष Recep Tayyip Erdoğan के परिवार से भी मिले।
इस बारे में स्वयं एर्दोगन की बीवी एमीन एर्दोगन ने इसकी पुष्टि करते हुए ट्वीट किया, “मुझे ये बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि मैं इस्तांबुल में विश्व प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता एवं निर्देशक आमिर खान से मिली। मैं बहुत खुश हूँ कि वे अपने फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की शूटिंग तुर्की के विभिन्न भागों में पूरी करेंगे। मैं बड़ी उत्सुकता से इस फिल्म की प्रतीक्षा कर रही हूँ”।
I had the great pleasure of meeting @aamir_khan, the world-renowned Indian actor, filmmaker, and director, in Istanbul. I was happy to learn that Aamir decided to wrap up the shooting of his latest movie ‘Laal Singh Chaddha’ in different parts of Turkey. I look forward to it! pic.twitter.com/3rSCMmAOMW
— Emine Erdoğan (@EmineErdogan) August 15, 2020
जिस समय भारत तुर्की के बीच के संबंध रसातल में हो, जिस समय हमारे देश के दुश्मनों को बढ़ावा देने में तुर्की का तानाशाह कोई कसर न छोड़ रहा हो, जिस समय पूर्वोत्तर दिल्ली में भड़के दंगों में तुर्की की भूमिका स्पष्ट रूप से सामने आई हो, ऐसे में आमिर खान जैसे अभिनेता का तुर्की जाना, और विशेष रूप से तुर्की के तानाशाह एर्दोगन के परिवार से मिलने का तात्पर्य क्या है?
जिस परिस्थिति में आमिर खान नेतुर्की की प्रथम महिला एमीन एर्दोगान (Emine Erdogan) मुलाक़ात की है, वो निस्संदेह कई सवाल खड़े करता है। तुर्की ने एर्दोगन के नेतृत्व में यह सिद्ध करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है कि उससे धर्मांध और भारत विरोधी शायद ही कोई हो। हाल ही में ईसाई जगत को आँखें दिखाते हुए तुर्की ने इस्तांबुल के प्राचीन हागिया सोफिया परिसर को पुनः मस्जिद में परिवर्तित करने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं, तुर्की ने कश्मीर के मुद्दे पर न सिर्फ पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया है, अपितु भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के विशेष रूप से असामाजिक तत्वों की सहायता भी कर रहा है। हाल ही में इस बात की पुष्टि भी हुई है कि पूर्वोत्तर दिल्ली में जो दंगे भड़के थे, उसके लिए दंगाइयों को तुर्की के रास्ते वित्तीय सहायता भी मिली थी।
इससे पहले भी बॉलीवुड के कई हस्तियों के भारत विरोधी तत्वों के साथ फोटो सामने आई हैं, पर ये पहली बार है कि किसी चर्चित अभिनेता ने सार्वजनिक तौर पर तुर्की की प्रथम महिला से मुलाक़ात की है, जिसके भारत विरोधी रुख से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। तुर्की का यह दौरा आमिर खान के लिए कोई नई बात नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी उनका नाम भारत विरोधी तत्वों के साथ जुड़ा चुका है। ऐसे में तुर्की की प्रथम महिला एमीन एर्दोगान (Emine Erdogan) से मिलने का क्या अर्थ है?
जब वामपंथी गिरोह नर्मदा बचाओ आंदोलन के नाम पर सरदार सरोवर बांध के निर्माण में रोड़े अटका रहा था, तो आमिर खान ने स्पष्ट रूप से उन राष्ट्रद्रोहियों को अपना समर्थन दिया था। इसके अलावा जब असहिष्णुता का विवाद भारत में बल पकड़ रहा थ, तब आमिर खान ने ये कहकर तहलका मचा दिया था कि उन्हें इस देश में डर लगता है। मतलब किसी बात को वामपंथी मीडिया द्वारा बढ़चढ़कर दिखाये जाने पर इन्हें भारत में रहने में डर लगता है, पर तुर्की के भारत विरोधी तानाशाह के परिवार से मिलने में कोई समस्या नहीं है?
ऐसे परिप्रेक्ष्य में आमिर खान का तुर्की जाकर शूटिंग करना, और विशेष रूप से तुर्की के तानाशाह एर्दोगन के परिवार से मिलना यही सिद्ध करता है कि बॉलीवुड के एलीट वर्ग, विशेषकर आमिर खान जैसे लोगों के लिए भारत की संप्रभुता और अखंडता कोई मायने नहीं रखती। मायने रखता है तो सिर्फ अपना निजी स्वार्थ।