हाल ही में बॉलीवुड के ड्रग्स प्रेम के संबंध में एक रोमांचक मोड़ आया, जब रिया चक्रवर्ती से संबंधित टैलेंट मैनेजर जया साहा के व्हाट्सएप चैट में शीर्ष बॉलीवुड अभिनेत्रियों द्वारा ड्रग्स के सेवन की बात सामने आई, और इन्हीं में दीपिका पादुकोण का नाम भी सामने आया। इसी परिप्रेक्ष्य में दीपिका पादुकोण को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने समन किया है और वे 25 सितंबर को एनसीबी के सामने अपना बयान दर्ज करेंगी।
रिपब्लिक की रिपोर्ट के अनुसार, “सूत्रों से पता चला है कि बुधवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने गुरुवार यानि 24 सितंबर को दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, रकुल प्रीत सिंह, सारा अली खान, करिश्मा प्रकाश एवं सिमोन खंबाटा को ड्रग्स के सेवन के सिलसिले में तलब [समन] किया है। जहां रकुल और सिमोन को 24 सितंबर को समन किया गया, वहीं गोवा में शूटिंग के कारण दीपिका 25 सितंबर को उपस्थिति दर्ज करेंगी”। दीपिका से संबन्धित टैलंट मैनेजर करिश्मा प्रकाश को पहले ही एनसीबी ने पूछताछ के बुलाया था, और करिश्मा की कंपनी KWAN टैलेंट एजेंसी के सीईओ से भी पूछताछ की गई।
परंतु इन्हें पूछताछ के लिए क्यों बुलाया गया? दरअसल, ड्रग्स के सेवन के मामले में गिरफ्तार अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती से जुड़ी टैलेंट मैनेजर जया साहा से संबन्धित जांच पड़ताल में एनसीबी के हाथ व्हाट्सएप के कुछ चैट लगे, जिसमें जया कथित तौर पर नामचीन बॉलीवुड अभिनेत्रियों के लिए ड्रग्स जुटाने की बातें भी कर रही हैं। इनमें से कुछ अभिनेत्रियों के लिए विशेष कोडनेम भी थे, और जब एनसीबी ने थोड़ा ज़ोर डाला, तो जया ने बताया कि इनमें से एक कोडनेम डी अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के लिए था, जो उनसे कथित पर माल यानि Hash के लिए पूछती थी। इसी संबंध में दीपिका पादुकोण को एनसीबी ने पूछताछ के लिए बुलाया है।
दीपिका पादुकोण का विवादों के साथ चोली दामन का नाता रहा है, और ड्रग्स सेवन का आरोप उनके साथ जुड़ा पहला विवाद नहीं है। 2020 के प्रारम्भ में उनके जेएनयू दौरे के कारण उन्हें चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ा था। जब जेएनयू में वामपंथी और दक्षिणपंथी गुटों के बीच लड़ाई हुई थी, तो दीपिका ने न केवल वामपंथी गुट के सम्मेलन में हिस्सा लिया, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से वामपंथियों को अपना समर्थन भी दिया। कई लोगों का मानना है कि उन्होंने ये सब अपनी आने वाली फिल्म ‘छपाक’ के प्रोमोशन के लिए किया। अब ये अलग बात है कि छपाक के ऊपर इस ‘प्रोमोशनल’ अभियान का उल्टा असर पड़ा, और ब्लॉकबस्टर तो दूर की बात, घरेलू बॉक्स ऑफिस पर वह अपना बजट का पैसा भी नहीं निकाल पाई।
पर सच कहें दीपिका की विवादों के साथ शुरुआत 2015 में ही हो चुकी थी, जब उन्होंने वोग इंडिया मैगज़ीन के विवादित वीडियो ‘माई चॉइस’ में हिस्सा लिया था। नारीवाद का नारा बुलंद करने वाली इस वीडियो में दीपिका पादुकोण प्रमुख तौर पर व्यभिचार यानि एक से अधिक व्यक्ति के साथ यौन संबंध रखने को बढ़ावा दे रही थीं, जिसके कारण उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। यही नहीं दीपिका ने वीडियो में यह भी कहा था कि एक औरत की मर्जी है कि वह साइज जीरो होना चाहती है या साइज 15, इस तर्क पर दीपिका को आड़े हाथों लेते हुए लोगों ने कहा था कि औरत के साइज के बारे में बात करने वाली दीपिका खुद क्यों वजन कम करने वाले ऐड्स करती हैं।
इसके अलावा डिप्रेशन पर अपने विचार को लेकर हाल ही में वो विवादों के घेरे में भी आयी थीं। दरअसल, डिप्रेशन को लेकर दीपिका ने सुशांत सिंह राजपूत के मामले में भी ट्वीट किया था तब आम जनता ने उन्हें खरी-खरी सुनाई थी। 14 जून की शाम को दीपिका ने ट्वीट जब सुशांत सिंह राजपूत के अवसाद को लेकर ट्वीट किया था तब जनता ने उन्हें जवाब देते हुए कहा था कि “14 जून की शाम से सुशांत के नाम पर डिप्रेशन की मनगढ़ंत कहानी बुनकर इसका गलत फायदा उठाने के लिए जनता दीपिका पादुकोण से नफरत करती है। तुम्हें शर्म आनी चाहिए दीपिका, तुम्हारा भी एक परिवार है, इस तरह की अमानवीय हरकत तुमने कैसे की? #justiceforSSR.” अब डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्या को लेकर उनके व्यवसायिक सोच के बारे में जितना कम बोलें, उतना ही अच्छा।
इसके अलावा दीपिका पादुकोण पर पाकिस्तानी एजेंट्स के साथ सांठगांठ का भी आरोप लगा है, जिसके बारे में TFIपोस्ट ने प्रकाश भी डाला था। अब दीपिका ने ड्रग्स का सेवन किया था या नहीं, ये तो एनसीबी की जांच पड़ताल के बाद ही सामने आएगा, लेकिन इतना तो स्पष्ट है कि दीपिका पादुकोण नारिवाद की वो प्रतीक नहीं है, जिसे बॉलीवुड और लिबरल ब्रिगेड स्थापित करना चाहती है।