जब ‘केदारनाथ’ फिल्म के लिए एक युवती पहली बार भगवान शंकर के धाम पधारी, तो लोगों ने इसे फिल्म के शूटिंग का हिस्सा बताते हुए अधिक ध्यान नहीं दिया। 4 वर्ष बाद जब वह फिर केदारनाथ आई, तो फिर न केवल कई भक्तगण चकित हुए, अपितु कई कट्टरपंथी मुसलमान क्रोध में भभकने लगे और उसे तरह-तरह के उलाहने देने लगे। पर शायद सारा अली खान का हिसाब ही ऐसा है, जब भी सनातन धर्म के प्रति वह अपनी आस्था व्यक्त करती हैं, कट्टरपंथियों को जबरदस्त मिर्ची लगती है। अभी हाल ही में सारा अली खान केदारनाथ यात्रा पर निकली थी, लेकिन वह अकेली नहीं गई थी, वह अभिनेत्री जाह्नवी कपूर के साथ केदारनाथ पहुंची और दोनों ने भगवान शिव के दर्शन किए थे। अब उद्देश्य चाहे जो रहा हो, परंतु केदारनाथ की तीर्थ यात्रा पर जाने से दोनों ही लाइमलाइट में आए, और स्वाभाविक तौर से कट्टरपंथियों के निशाने पर भी l
जाह्नवी कपूर को लोगों ने उतना ही भाव दिया जितना उनकी फिल्मों को दिया जाता है, लेकिन सारा अली खान की केदारनाथ यात्रा से कट्टरपंथी मुस्लिम बुरी तरह भड़क गए। ऊपर से जब अपने इंस्टा पोस्ट में उन्होंने जय भोलेनाथ का नारा लगाया, तो कट्टरपंथी मुसलमानों के क्रोध का कोई ठिकाना ही नहीं रहा। उन्होंने सारा अली खान को काफिर से लेकर अनेकों प्रकार के अपशब्द सुनाए l
हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब सारा सनातन धर्म के प्रति अपनी आस्था को लेकर इन कट्टरपंथियों के निशाने पर आई हो। जुलाई में इन्होंने कामाख्या देवी मंदिर के दर्शन किए, तो उसपर भी इन्हे जमकर निशाने पर लिया गया। लेकिन सारा अली खान की यही रीति रही है। चाहे गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश का मूर्ति पूजन हो, या फिर हिन्दू देवी-देवताओं की तीर्थ यात्रा, वह सभी कार्यों में बढ़चढ़कर भाग लेती हैं।
ऐसे ही, कुछ ही दिन पहले सारा अली खान ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह को जन्मदिन पर बधाई देते हुए उनका आभार व्यक्त किया और ट्वीट किया, “गृह मंत्री अमित शाह जी को जन्मदिवस की ढेरों शुभकामनाएं”–
Warmest birthday wishes and regards to the Hon’ble Union Home Minister @AmitShah ji.
— Sara Ali Khan (@SaraAliKhan) October 22, 2021
बॉलीवुड अभिनेत्री के ट्वीट से जिसे सबसे ज्यादा तकलीफ हुई, वह निस्संदेह आरफा खानुम शेरवानी थी। द वायर की चर्चित पत्रकार, सारा अली खान के इस कदम से इतना भड़क गई कि उन्होंने ट्वीट किया, “दया आती है जब टाइगर पटौदी की पोती को ऐसी कायरता प्रदर्शित करते हुए देखती हूं। ये उस खानदान से आती है, जहां टैगोर जैसे कवि ‘Where the mind is without Fear’ जैसे पंक्तियाँ रचते थे।”
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परंतु आरफा को शायद ये आभास नहीं कि सारा कहीं न कहीं उसी कविता का अनुसरण कर रही हैं। कट्टरपंथियों के अनेक उलाहने और धमकियों के बावजूद वह चाहे फोटो सेशन के लिए ही सही, परंतु सनातन संस्कृति की ओर आकर्षित है, और इसे व्यक्त करने में उन्हें कोई हिचक नहीं है। कामाख्या देवी के साथ-साथ सारा अली खान ने वैष्णो देवी, केदारनाथ, काशी विश्वनाथ, हरिद्वार इत्यादि जैसे तीर्थस्थलों की भी यात्रा की है, जिसके बारे में वह निरंतर सोशल मीडिया पर पोस्ट करती रहती है। उद्देश्य जो भी हो, परंतु एक बात तो स्पष्ट है – सारा अली खान को कट्टरपंथियों को थर्ड डिग्री टॉर्चर देने में विशेष आनंद अवश्य आता है।