TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    जंगलराज की जड़ें: बिहार के अंधेरे दौर की शुरुआत

    जंगलराज : लालू-राबड़ी राज की स्याह विरासत

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    यूएन में भारत का प्रहार: पाकिस्तान की असफलता और भारत की मजबूती का खुलासा

    यूएन में भारत का प्रहार: पाकिस्तान की असफलता और भारत की मजबूती का खुलासा

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    जंगलराज की जड़ें: बिहार के अंधेरे दौर की शुरुआत

    जंगलराज : लालू-राबड़ी राज की स्याह विरासत

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    जंगलराज की जड़ें: बिहार के अंधेरे दौर की शुरुआत

    जंगलराज : लालू-राबड़ी राज की स्याह विरासत

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    रणनीति और दृष्टि: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व की असली पहचान

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    सीजफायर पर ट्रंप की किरकिरी, पाकिस्तान ने भी माना भारत का पक्ष

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    यूएन में भारत का प्रहार: पाकिस्तान की असफलता और भारत की मजबूती का खुलासा

    यूएन में भारत का प्रहार: पाकिस्तान की असफलता और भारत की मजबूती का खुलासा

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    जंगलराज की जड़ें: बिहार के अंधेरे दौर की शुरुआत

    जंगलराज : लालू-राबड़ी राज की स्याह विरासत

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    पेरियार: मिथक, वास्तविकता और तमिल अस्मिता के साथ विश्वासघात

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है’; समझिए रिलीजन और धर्म के बीच का अंतर

रिलीजन, कर्मकांड और पारलौकिक शक्तियों पर आधारित होता है

Dr Alok Kumar Dwivedi द्वारा Dr Alok Kumar Dwivedi
19 November 2024
in ज्ञान, संस्कृति
'सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है'; समझिए रिलीजन और धर्म के बीच का अंतर

'सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है'; समझिए रिलीजन और धर्म के बीच का अंतर

Share on FacebookShare on X

‘सनातन‘ का शाब्दिक अर्थ है – ‘शाश्वत’ या ‘सदा बना रहने वाला‘, यानी जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म (Sanatana Dharma) एक प्राचीन भारतीय धर्म है, जिसे आमतौर पर हिंदू धर्म के रूप में जाना जाता है। ‘सनातन‘ का अर्थ है ‘शाश्वत‘ या ‘नित्य’, और ‘धर्म‘ का अर्थ है ‘धारण करने वाला’, ‘व्यवस्था’, या ‘कर्तव्य’। सनातन धर्म का तात्पर्य एक ऐसी जीवनशैली और मूल्य प्रणाली से है जो सदियों से चली आ रही है और जिसका मूल उद्देश्य सत्य, नैतिकता, और मानवता की भलाई है। इस प्रकार धर्म अत्यंत व्यापक अर्थ में प्रयुक्त होता है। यह सामान्य रिलीजन के अर्थ से भिन्न है। रिलीजन, कर्मकांड और पारलौकिक शक्तियों पर आधारित होता है। किसी रिलीजन के लिए कुछ प्रमुख शर्तों का होना आवश्यक होता है –

  • एक प्रमुख धर्मग्रंथ
  • एक पारलौकिक सत्ता का अस्तित्व
  • उस पारलौकिक सत्ता मात्र में अखंड आस्था
  • इस विशेष सत्ता में आस्था रखने वाले लोगों का संगठन
  • पारलौकिक सत्ता और लोगों के मध्य एक मध्यस्त (पैगम्बर)

इस रूप में सेमेटिक रिलीजन को रिलीजन कहा जाता है। सेमेटिक का अर्थ है नोहा के पुत्र सेम के वंशज। यहूदी, ईसाई और इस्लाम को सेमेटिक रिलीजन कहा जाता है। परन्तु इसके विपरीत धर्म एक व्यापक अवधारणा है। यह स्वयं में अनेकों जीवन पद्धतियों को समाहित किए हुए मूल्य और आचरण प्रधान विचार है। इसी कारण मनु ने धर्म की व्याख्या करते हुए कहा –
धृति: क्षमा दमोऽस्‍तेयं शौचमिन्‍द्रियनिग्रह:।
धीर्विद्या सत्‍यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम्‌।
अर्थात् धैर्य, क्षमा,संयम,चोरी न करना ,शौच (भीतर व बाहर की पवित्रता ), इन्द्रिय निग्रह (इन्द्रियों को धर्माचरण में लगाना ),बुद्धि, विद्या  सत्य और क्रोध नहीं करना) धर्म के दस लक्षण हैं।

संबंधितपोस्ट

नरेंद्र मोदी: वडनगर से विश्व मंच तक, राजनीति के नए युग की कहानी

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

मोहन भागवत: 75 की उम्र में भारत की सभ्यतागत आवाज़

और लोड करें

इसी प्रकार महर्षि कणाद धर्म की व्याख्या करते हुए कहते हैं – यतो अभ्युदय निःश्रेयस् सिद्धि  सह धर्मः। अर्थात् जो व्याहारिक उन्नति और पारमार्थिक कल्याण करे, वह धर्म है। सनातन धर्म के लिए इस सन्दर्भ में स्पष्ट उद्घोष है कि व्यक्ति का विचार और व्यवहार उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। वर्ष 1990 में महाराष्ट्र में शिवसेना के मनोहर जोशी ने कांग्रेस के भाऊराव पाटिल को हराया। पाटिल ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (RPA) की धारा 123 के तहत भ्रष्ट आचरण के आधार पर जोशी के चुनाव को चुनौती दी थी। उनके अनुसार हिंदू धर्म के नाम पर वोट मांगना जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपीए) के अनुसार भ्रष्ट आचरण है।

सुप्रीम कोर्ट ने 1995 के अपने फैसले में कहा था कि चुनाव में हिंदुत्व का इस्तेमाल गलत नहीं है क्योंकि हिंदुत्व धर्म नहीं बल्कि एक जीवन शैली है। कोर्ट के अनुसार ‘हिंदुत्व शब्द भारतीय लोगों के जीवन पद्धति की ओर इशारा करता है। इसे सिर्फ उन लोगों तक सीमित नहीं किया जा सकता, जो अपनी आस्था की वजह से हिंदू धर्म को मानते हैं।‘ इस प्रकार अनेक अवसरों पर सामाजिक चिंतकों और सुप्रीम कोर्ट सहित अनेकों संस्थाओं ने हिन्दू धर्म को जीवन दर्शन मानते हुए सनातन धर्म के रूप में मान्यता प्रदान की है।

तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक एवं कलाकार संघ द्वारा आयोजित समारोह में बोलते हुए तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कडगम (द्रमुक) की युवा इकाई के सचिव एवं राज्य के युवा कल्याण मंत्री व मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू वायरस एवं मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए बल्कि नष्ट करना चाहिए। अपने राजनीतिक हितों के लिए जब ऐसी ओछी और विभेदकारी वक्तव्य दिए जाते हैं तो देश में सेक्युलर ध्वजवाहक की पूरी लॉबी की अचेतनता की स्थिति को प्राप्त हो जाती है।

सेक्युलर झंडे के नीचे अल्पसंख्यक हितों का लबादा ओढ़कर छाती पीटने वाले बौद्धिक प्रलापियों के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता कि जिस सनातन धर्म के विचार से उनके पुरखे भारत में बचे रहे और जिसकी रक्षा के लिए भारत के करोड़ों राष्ट्रप्रेमियों ने अपना अमूल्य बलिदान दिया है, उसको अपने राजनीतिक लाभ के लिए मिटा देने का ऐलान करने वाले लोग सत्ता भोग करते हुए देश की नीतियों में अपना योगदान दे रहे हैं। यह सत्य है कि इस प्रकार के ओछे वक्तव्य सनातन को रंचमात्र भी डिगा नहीं सकते। यह सनातन धर्म ही हिंदुत्व की जीवन शैली है और हिंदुत्व का विचार ही राष्ट्र के विचार का प्रकटन है। इस प्रकार सनातन, हिन्दू और राष्ट्र एक ही हैं।

1909 में श्री अरविंद ने इसी विचार का उद्घोष करते हुए कहा था – ‘जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं वह वास्तव में सनातन धर्म है क्योंकि वह सार्वभौम धर्म है जो अन्य सभी को अपने में समाहित कर लेता है। यदि कोई धर्म सार्वभौम नहीं है तो वह सनातन नहीं हो सकता। एक संकीर्ण धर्म, एक सांप्रदायिक धर्म, एक एकनिष्ठ धर्म एक सीमित समय और सीमित उद्देश्य के लिए ही जीवित रह सकता है। सनातन धर्म ही एक ऐसा धर्म है जो विज्ञान के आविष्कारों और दर्शन के चिंतनों का पूर्वानुमान करके और उन्हें आत्मसात् करके भौतिकवाद के ऊपर विजय प्राप्त कर सकता है। वह अकेला एक ऐसा धर्म है जो हमारे प्रति ईश्वर की निकटता पर बल देकर मानवता को बताता है और अपने में उन सभी संभव साधनों को संजोये है जिनके द्वारा मनुष्य ईश्वर के समीप जा सकता है। वही एक ऐसा धर्म है जो सभी धर्मों द्वारा स्वीकृत इस सत्य पर प्रतिक्षण जोर देता है कि ईश्वर सभी मनुष्यों और चराचर वस्तुओं में विद्यमान है और उसी में हम चलते, फिरते और वास करते हैं। केवल यही धर्म हमें इस सत्य को समझने और उस पर विश्वास करने में न केवल सहायता करता है बल्कि अपने अस्तित्व के हर भाग से उसका एहसास कराता है। यही एक धर्म विश्व को बताता है कि यह संसार है क्या, कि वह वासुदेव की ही एक लीला है। यही धर्म है जो हमें बताता है कि उस लीला में, उसके सूक्ष्मतम विधानों में, उसके उत्कृष्टतम नियमों में हम अच्छी से अच्छी तरह अपनी भूमिका कैसे निभा सकते हैं। यही एक धर्म है जो छोटे से छोटे ब्यौरे में भी जीवन को धर्म से अलग नहीं करता, जो यह जानता है कि अमरत्व क्या है और जिसने हमसे मृत्यु की विभीषिका को बिल्कुल दूर हटा दिया है…। मैंने कहा था (पिछले वर्ष) कि यह आंदोलन एक राजनैतिक आंदोलन नहीं है, और राष्ट्रवाद राजनीति नहीं बल्कि एक धर्म है, एक सिद्धांत है, एक विश्वास है। मैं फिर आज उसे दोहराता हूं, पर उसे दूसरी तरह प्रस्तुत करता हूं। मैं अब यह नहीं कहता कि राष्ट्रवाद एक सिद्धांत है, एक धर्म है, एक विश्वास है: मैं कहता हूं यह सनातन धर्म है जो हमारे लिए राष्ट्रवाद है।… सनातन धर्म ही राष्ट्रवाद है। यही वह संदेश है जो मैं तुम्हें बताना चाहता हूं।’ जिन भी विचारधाराओं का अस्तित्व विभाजनकारी मूल्यों पर आधारित होगा वह राष्ट्र, राष्ट्रीय चरित्र, हिंदुत्व, और सनातन के मूल्यों का विराट दर्शन नहीं समझ सकते। उदयनिधि स्टालिन जैसे लोगों की मानसिकता अपने स्वार्थ तक सीमित है। उन्हें यह एहसास ही नहीं है कि राष्ट्र सदैव व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर होता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी 2003 की अपनी अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में सनातन धर्म और राष्ट्रवाद को एक सामान बताते हुए प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में अरबिंदो आश्रम की श्री माँ को उनकी 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए सनातन धर्म को हिंदू धर्म और राष्ट्रीयता के बराबर बताया गया। इसमें कहा गया, “यह श्री अरबिंदो का दृढ़ विश्वास था कि हिंदू धर्म कोई और नहीं बल्कि सनातन धर्म है, जो वास्तव में हमारे देश की असली राष्ट्रीयता है। सनातन धर्म का उत्थान और पतन हिंदू राष्ट्र के उत्थान और पतन से जुड़ा है। श्री अरविन्द की तरह ही श्री माँ का भी दृढ़ विश्वास था कि विभाजन अवास्तविक है, उसे खत्म होना है और यह होकर रहेगा।”

‘सनातन धर्म, हिंदू राष्ट्र है’

आरएसएस के दूसरे सरसंघचालक एमएस गोलवलकर ने अपनी पुस्तक बंच ऑफ थॉट्स में सनातन धर्म को कई परंपराओं का समूह बताया है। गोलवलकर कहते हैं, “तर्क और इतिहास भी इस बात पर सहमत नहीं हैं कि धर्म के विचार संकीर्ण और आर्थिक हित अधिक व्यापक हैं… भारत, नेपाल आदि ऐसे राज्य हैं जिनका गठन तो आर्थिक आधार पर हुआ। लेकिन ये सभी मानते सनातन धर्म (इसमें सभी वैदिक, गैर–वैदिक और इस भूमि में पैदा हुए अन्य धर्म शामिल हैं) को हैं। इसलिए यह स्पष्ट है कि धर्म का अनुसरण एक व्यापक आधार देता है, जबकि आर्थिक हित संबंधों को संकीर्ण बनाते हैं।”

अगस्त 2022 में त्रिपुरा में एक मंदिर का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने कहा था, “भारत में लोगों का खान–पान, संस्कृति और परंपराएं अलग–अलग हैं। इन सबके बावजूद हम सभी एक दूसरे से जुड़े होने की भावना रखते हैं। सभी समुदायों की सोच में भारतीयता है, वे सनातन धर्म का गुणगान करते हैं। हमें सनातन धर्म की रक्षा करनी है। यह धर्म सभी को अपना मानता है। यह किसी को परिवर्तित नहीं करता है क्योंकि यह जानता है कि सच्चे दिल से किसी से प्रार्थना करना किसी को उसके भगवान तक ले जाता है।” जनवरी 2023 में नागपुर में एक भाषण के दौरान भागवत ने सनातन धर्म की तुलना हिंदू राष्ट्र से की थी। उन्होंने कहा था, “धर्म इस देश का सत्व (स्वभाव) है और सनातन धर्म हिंदू राष्ट्र है। हिन्दू राष्ट्र जब भी आगे बढ़ता है तो उस धर्म के लिए ही आगे बढ़ता है। और अब यह भगवान की इच्छा है कि सनातन धर्म का उत्थान हो और इसलिए हिंदुस्तान का उत्थान निश्चित है।”

स्रोत: सनातन धर्म, हिंदू राष्ट्र, सेमेटिक रिलीजन, महर्षि कणाद, सुप्रीम कोर्ट, उदयनिधि स्टालिन, श्री अरविंद, मोहन भागवत, आरएसएस, Sanatan Dharma, Hindu Rashtra, Semitic Religion, Maharshi Kanada, Supreme Court, Udhayanidhi Stalin, Sri Aurobindo, Mohan Bhagwat, RSS,
Tags: Hindu RashtraMaharshi KanadaMohan Bhagwatrsssanatan dharmaSemitic ReligionSri AurobindoSupreme CourtUdhayanidhi Stalinआरएसएसउदयनिधि स्टालिनमहर्षि कणादमोहन भागवतश्री अरविंदसनातन धर्मंसुप्रीम कोर्टसेमेटिक रिलीजनहिंदू राष्ट्र
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

प्रसादम विवाद: ‘तिरुपति मंदिर में काम करने वाला हर शख्स हिंदू हो’… टीटीडी बोर्ड का फैसला, गैर हिंदुओं पर यह सुझाव

अगली पोस्ट

अपने ड्राइवर के ड्राइवर बने नेताजी: शादी पर बीजेपी MLA ने संभाली दूल्हेराजा की कार की स्टीयरिंग

संबंधित पोस्ट

पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव
इतिहास

पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

18 September 2025

पाकिस्तान का जन्म ही असुरक्षा और कट्टरता की ज़मीन पर हुआ था। 1947 के बाद से ही उसने अपनी राजनीतिक असफलताओं को छुपाने और जनता...

अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प
AMERIKA

अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

18 September 2025

दुनिया का इतिहास अक्सर विजेताओं के शब्दों में लिखा गया है। लेकिन कभी-कभी, अगर हम गहराई से देखें तो इस इतिहास की तहों में रक्त,...

जंगलराज की जड़ें: बिहार के अंधेरे दौर की शुरुआत
इतिहास

जंगलराज : लालू-राबड़ी राज की स्याह विरासत

18 September 2025

बिहार की राजनीति में जब “जंगलराज” शब्द उभरा, तो यह किसी विपक्षी नेता की गढ़ी हुई परिभाषा नहीं थी। यह उस दौर की सच्चाई थी,...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Inside the Waqf Case: What SC’s Interim Order Really Means?

Inside the Waqf Case: What SC’s Interim Order Really Means?

00:19:34

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

00:05:16

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited