वंशवाद पर थरूर का वार, कांग्रेस बैकफुट पर, क्या राहुल-प्रियंका अब भी ‘राष्ट्रीय विकल्प’ कहे जा सकते हैं?
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

वंशवाद पर थरूर का वार, कांग्रेस बैकफुट पर, क्या राहुल-प्रियंका अब भी ‘राष्ट्रीय विकल्प’ कहे जा सकते हैं?

क्या थरूर ने वह सवाल पूछ दिया है, जिसे कांग्रेस हमेशा से दबाकर रखना चाहती थी? राहुल-प्रियंका पर नेतृत्व संकट, BJP को सीधा फायदा। पूरा विश्लेषण पढ़ें।

Vibhuti Ranjan द्वारा Vibhuti Ranjan
4 November 2025
in चर्चित, भारत, मत, राजनीति, समीक्षा
वंशवाद पर थरूर का वार, कांग्रेस बैकफुट पर, क्या राहुल-प्रियंका अब भी ‘राष्ट्रीय विकल्प’ कहे जा सकते हैं?

थरूर ने खोली कांग्रेस की पोल: क्या राहुल-प्रियंका अब भी राष्ट्रीय विकल्प?

Share on FacebookShare on X

बिहार के चुनावी शोर के बीच आई शशि थरूर की यह टिप्पणी किसी साधारण वैचारिक बहस का हिस्सा नहीं थी, बल्कि कांग्रेस के भीतर से उठी वह आवाज़ थी जो सीधे गांधी परिवार की जड़ों को चुनौती देती है। भारतीय राजनीति में वंशवाद के ख़तरों पर थरूर का लेख केवल राहुल गांधी को नहीं, बल्कि प्रियंका गांधी को भी एक ही झटके में सवालों के घेरे में लाता है। इस बयान ने न केवल कांग्रेस की चुनावी रणनीति को अस्थिर किया है, बल्कि बीजेपी को एक बार फिर वही हथियार सौंप दिया है जिसके बल पर वह 2014 से लगातार राष्ट्रीय नैरेटिव नियंत्रित करती आई है “कामदार बनाम नामदार”।

थरूर ने यह हमला किसी टीवी बहस में या कांग्रेस मंच से नहीं किया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय थिंक-लिंक्ड पब्लिकेशन में लिखकर किया। यानी यह एक बयान नहीं, एक वैचारिक घोषणा थी। उनके शब्दों में वंशवाद भारतीय लोकतंत्र के लिए “सबसे घातक विष” है, और यही वाक्य वह दरार बन गया है जिसने कांग्रेस की सबसे बड़ी थ्योरी “गांधी परिवार के बिना कांग्रेस नहीं चल सकती” को सीधे तौर पर चुनौती दी है। और इतना ही नहीं, बीजेपी ने इस बयान को उसी क्षण एक राजनीतिक मिसाइल की तरह उठाया, लपका, और हवा में घुमाकर राहुल गांधी के सिर पर दे मारा।

संबंधितपोस्ट

कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है
और लोड करें

कांग्रेस के लिए यह सिर्फ एक वैचारिक चोट नहीं, बल्कि चुनावी जोखिम है। बिहार विधानसभा चुनाव अपने निर्णायक मोड़ पर है, राहुल-प्रियंका को कांग्रेस के केंद्रीय चेहरे के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन अचानक उन्हीं की पार्टी का एक वरिष्ठ नेता यह कह देता है कि वंशवाद लोकतंत्र की हत्या है। इसका मतलब यह है कि राहुल और प्रियंका केवल चुनाव प्रचार का चेहरा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक समस्या का हिस्सा बनाए जा रहे हैं। यह हमला बाहर से नहीं, भीतर से आया है। और जब हमला भीतर से आता है, तो वह पार्टी को कमजोर नहीं, खोखला करता है।

बीजेपी के लिए ‘भगवान द्वारा भेजा गया चुनावी उपहार’

यही कारण है कि बीजेपी के प्रवक्ताओं ने इसे भगवान द्वारा भेजा गया चुनावी उपहार करार दिया। शहजाद पूनावाला, जो पहले खुद कांग्रेस के भीतर वंशवाद के विरुद्ध बगावत कर चुके हैं, उन्होंने कहा कि थरूर “खतरों के खिलाड़ी” बन गए हैं, और यह साफ संकेत है कि कांग्रेस पहले उन पर चुप्पी साधेगी, फिर उन्हें निशाने पर लेगी। यह प्रतिक्रिया केवल तंज नहीं, बल्कि उस इतिहास पर आधारित है जिसमें कांग्रेस ने हर उस आवाज़ को दंडित किया है, जिसने गांधी परिवार की वंशवादी राजनीति पर सवाल उठाया हो। चाहे वह सुषमा स्वराज की चुनौती का उत्तर हो, या फिर कांग्रेस के भीतर के नेताओं की निकासी या फिर 2017 में ही राहुल के वंशवाद के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले पूनावाला का हाशिए पर जाना।

थरूर ने इस लेख में केवल गांधी परिवार को ही नहीं, बल्कि पूरे उपमहाद्वीप की राजनीति को वंशवादी पिंजरे में कैद बताया है। पाकिस्तान में भुट्टो-शरीफ मॉडल, बांग्लादेश में शेख-जिया परिवार, श्रीलंका में राजपक्षे परिवार। लेकिन जब सूची भारत की आती है, तो सबसे पहले नेहरू-गांधी परिवार का नाम आता है और यह कोई संयोग नहीं है। थरूर ने साफ लिखा है कि कांग्रेस की राजनीति दशकों से एक ही परिवार के आगोश में है, और यह राजनीति का ब्रांड-कंट्रोल मॉडल है, जिसमें लोकप्रियता, सत्ता और भरोसा सब कुछ एक रक्त संबंध से संचालित होता है। यह वाक्य केवल विचार नहीं, कांग्रेस के राजनीतिक तंत्र का एक्स-रे है।

दो हिस्सों में बंटती जा रही पार्टी

कांग्रेस के लिए असली खतरा यह नहीं कि बीजेपी इस बयान का फायदा उठाएगी, बीजेपी तो 2014 से ही इसे कर रही है। असली खतरा यह है कि पार्टी के भीतर की चुप्पी टूट रही है। 2024 के चुनावी पराभव के बाद से कांग्रेस इतने बड़े झटके में है कि पार्टी के भीतर की सोच दो हिस्सों में बंटती दिखाई दे रही है। एक तरफ वे लोग हैं जो मानते हैं कि केवल गांधी परिवार ही कांग्रेस को सत्ता तक वापस ले जा सकता है, और दूसरी तरफ वे लोग हैं जो अब मानते हैं कि गांधी परिवार कांग्रेस के लिए संपत्ति नहीं, बोझ बन चुका है। थरूर का लेख उसी दूसरी धारा का प्रतिनिधित्व है—एक कूटनीतिक बगावत, एक वैचारिक विद्रोह।

हालांकि, यह बात भी सत्य है कि यह विद्रोह अचानक नहीं हुआ है। शशि थरूर ने पहले भी कई मौकों पर गांधी परिवार की नीतियों से अलग बयान दिए हैं। पाकिस्तान पर उनकी टिप्पणी, जम्मू-कश्मीर पर सवाल, यहां तक कि पार्टी की चुनावी रणनीति पर भी उन्होंने कई बार सार्वजनिक तौर पर असहमति जताई। लेकिन, इस बार मामला केवल वैचारिक विरोध का नहीं, बल्कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की वैधता पर चोट का है। यह सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी, जो लगातार चुनाव हारते आए हैं, और प्रियंका गांधी, जो अब तक एक भी चुनाव नहीं जीतीं, क्या वे सचमुच भारत के “राष्ट्रीय विकल्प” हो सकते हैं?

अब जवाब कैसे देगी कांग्रेस?

बीजेपी इस सवाल को आग की तरह हवा दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “नामदार बनाम कामदार” का फ़ॉर्मूला देश को एक नारा नहीं, बल्कि एक वैचारिक धुरी के रूप में थमा दिया है। यही धुरी 2014, 2019 और 2024 के चुनावों में निर्णायक साबित हुई। थरूर का बयान इसी धुरी को नया ऑक्सीजन देता है। बीजेपी को इसके लिए अब प्रचार बनाने की जरूरत नहीं—कांग्रेस अपने ही नेता के ज़रिए उसे मुफ्त में दे रही है।

अब सवाल यह है कि कांग्रेस इसका जवाब कैसे देगी? पार्टी जैसा कि अपने इतिहास में करती आई है, पहले चुप्पी, फिर असहमति को “नाराज़गी”, उसके बाद “अनुशासनहीनता” का नाम देकर आंतरिक बहस को कुचलने का प्रयास। लेकिन इस बार मामला इतना सरल नहीं है। क्योंकि थरूर देश के सबसे पढ़े-लिखे, ग्लोबल नेटवर्क वाले, अंग्रेज़ी-भाषी लिबरल इंटेलिजेंसिया के प्रिय चेहरों में एक हैं। उन्हें हटा देना, उन्हें चुप करा देना, उतना आसान नहीं है जितना किसी राज्य स्तरीय असंतुष्ट को किनारे करना। और यही बात कांग्रेस को इस बार बैकफुट पर लाती है।

विवाद का पहला मैदान बना बिहार चुनाव

बिहार का चुनाव इस विवाद का सबसे पहला मैदान बना है। तेजस्वी यादव, जिन्हें थरूर ने अप्रत्यक्ष रूप से “नेपो-किड” कहकर कटघरे में खड़ा किया, वे उसी गठबंधन का चेहरा हैं जिसमें कांग्रेस भी भागीदार है। यानी थरूर का वार केवल गांधी परिवार पर नहीं, बल्कि कांग्रेस के सहयोगियों की नेतृत्व संरचना पर भी हमला है। यह भीतर से फूटने वाली साज़िश नहीं, बल्कि विचारधारा का बाहर आकर टकराना है। यही वह क्षण है जब बीजेपी एक तीर से दो निशाने साध सकती है, पहले कांग्रेस की नेतृत्व संरचना को अविश्वसनीय दिखाकर और फिर विपक्ष के पूरे गठबंधन को “वंशवादी क्लब” कहकर।

कांग्रेस के लिए ‘आगे कुआं, पीछे खाई’ वाली स्थिति

कांग्रेस के पास अब दो ही रास्ते हैं या तो थरूर पर एक्शन ले, या उन्हें नज़रअंदाज़ करे। लेकिन दोनों रास्ते दलदल हैं। अगर एक्शन लेती है, तो यह साफ संदेश जाएगा कि कांग्रेस में लोकतांत्रिक बहस की कोई जगह नहीं। अगर अनदेखा करती है, तो यह दिखेगा कि पार्टी में अनुशासनहीनता पर नेतृत्व कमजोर है। दोनों ही स्थितियां कांग्रेस की केंद्रीय समस्या उजागर करती हैं। ए​​क बात और, कांग्रेस नेतृत्व से जनसमर्थन लगभग कट सा गया है, विचारधारा से संगठन कट गया है, और अब नेतृत्व को चुनौती पार्टी के भीतर से मिल रही है।

थरूर ने एक सवाल पूछा है कि क्या भारत योग्यता को वंशवाद के ऊपर रख सकता है? यह सवाल सिर्फ कांग्रेस तक सीमित नहीं, लेकिन जब यह सवाल कांग्रेस के सांसद द्वारा पूछा जाता है, तो यह सवाल कांग्रेस पर वापस लौटकर थप्पड़ बन जाता है। राहुल गांधी के पास योग्यता का परिचय उनके राजनीतिक प्रदर्शन से होना चाहिए था। लेकिन 2014, 2017, 2019, 2022, 2024 की हार की शृंखला ने उन्हें “योग्य” नहीं, “अपरिहार्य उत्तराधिकारी” बना दिया है। और लोकतंत्रों में अपरिहार्यता, लोकतांत्रिक सिद्धांत का सबसे बड़ा शत्रु है।

थरूर ने वह ताला खोल दिया है जिसे कांग्रेस ने वर्षों से बंद रखा था। अब सवाल यह नहीं कि कांग्रेस के भीतर बहस होगी या नहीं, सवाल यह है कि कांग्रेस इस बहस का सामना कर सकती है या नहीं।

बीजेपी के वार का जवाब भी नहीं दे सकती कांग्रेस

यह वही पार्टी है जिसने सत्तर वर्षों तक भारतीय राजनीति पर प्रभुत्व रखा, लेकिन आज उसका अस्तित्व गांधी परिवार की निजी लोकप्रियता पर टिका हुआ है। और यह लोकप्रियता अब देशव्यापी नहीं, प्रदेशीय हो चुकी है। 2024 चुनावों में कांग्रेस ने भले सीटें बढ़ाई हों, पर नेतृत्व को स्वीकार्यता नहीं बढ़ी। और यही वह बिंदु है जहां थरूर की कॉलम-रूप चिंगारी एक पूर्ण राजनीतिक विस्फोट में बदल सकती है।

बीजेपी इसका इंतज़ार नहीं करेगी, वह इसे भुनाएगी, और भुना भी चुकी है। यही कारण है कि थरूर के बयान के बाद कांग्रेस से पहले बीजेपी की प्रतिक्रिया सामने आई। इसका अर्थ सीधा है—बीजेपी जानती है कि कांग्रेस इस वार का जवाब नहीं दे सकती। क्योंकि इस वार का जवाब देना, गांधी परिवार की वैधता पर बहस को स्वीकार करना है और यह कांग्रेस कभी नहीं करेगी।

अब सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि क्या राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अब भी भारत के “राष्ट्रीय विकल्प” कहे जा सकते हैं? या यह सिर्फ कांग्रेस के भीतर की एक वंशवादी थ्योरी है जिसे पार्टी स्वयं भी अब बचा नहीं पा रही? अगर थरूर ने यह सवाल एक बार पूछ दिया है, तो अब इसे चुप करा पाना संभव नहीं होगा। यह सवाल अब पार्टी के बाहर भी उठेगा, मीडिया में उठेगा, युवाओं में उठेगा, गठबंधन दलों में उठेगा, और सबसे ज़रूरी कांग्रेस के भीतर भी उठेगा।

इन सबके इतर, जब किसी राजनीतिक पार्टी के भीतर यह सवाल उठ जाए कि “क्या नेतृत्व वैध है?” तो उसका पतन शुरू माना जाता है। यह लेख, यह विवाद, यह बयान, सब केवल चुनावी क्षण नहीं हैं। यह संकेत हैं कि कांग्रेस अब एक वैचारिक मोड़ पर खड़ी है। या तो वह गांधी परिवार से परे सोचने की क्षमता विकसित करे, या वह राजनीति के इतिहास के पन्नों में एक वंशवादी प्रयोग के रूप में दर्ज हो जाए।

इतिहास में हर पार्टी का पतन तब तेज़ होता है जब उसका नेतृत्व अपनी आलोचना को अपराध मान लेता है। सवाल अब यह नहीं कि बीजेपी इस बयान को कितना भुनाएगी। सवाल यह है कि क्या कांग्रेस इस बयान को सह पाएगी या इसका दबाव ही उसे भीतर से तोड़ देगा।

Tags: BJP vs Congress narrativeCongress 2025 strategyDynasty in CongressINDIA bloc crisisLok Sabha election preparationModi vs Rahul leadership comparisonopposition alliance failurePriyanka Gandhi national alternativeRahul Gandhi leadership questionShashi Tharoor vs Gandhi familyकांग्रेस 2025 रणनीतिकांग्रेस में वंशवादप्रियंका गांधी राष्ट्रीय विकल्पबीजेपी बनाम कांग्रेस नैरेटिवमोदी बनाम राहुल नेतृत्व तुलनाराहुल गांधी नेतृत्व सवाललोकसभा चुनाव तैयारीविपक्षी गठबंधन असफलताशशि थरूर vs गांधी परिवार
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

लालू परिवार की टूटती राजनीति और तेजस्वी–तेजप्रताप टकराव: बिहार विधानसभा चुनाव में RJD का अस्थिर परिदृश्य और NDA की रणनीतिक चुनौती

अगली पोस्ट

सागरिका घोष और कांग्रेस का फर्जी मोदी-विरोधी नैरेटिव: अमेरिका में बांग्लादेशी महिला को गुजरात बता कर भारत की छवि को किया शर्मसार

संबंधित पोस्ट

बाबरी विध्वंस
क्राइम

6 दिसंबर के दिन राजधानी को दहलाने की थी तैयारी, पहले हो गया धमाका! ‘बाबरी विध्वंस’ के दिन 6 बड़े हमलों की तैयारी में थे आतंकी

13 November 2025

जांच एजेंसियों के मुताबिक, 6 दिसंबर को दिल्ली-NCR में छह धमाके करने की साजिश रची गई थी। यह वही दिन है जब अयोध्या में विवादित...

बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट
भारत

ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

12 November 2025

पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) अब बांग्लादेश में सक्रिय अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (ARSA) और अन्य रोहिंग्या संगठनों के साथ अपना गठजोड़ और मजबूत कर...

जमात ए इस्लामी के ठिकानों पर छापेमारी
चर्चित

दिल्ली धमाका: जम्मू कश्मीर में जमात ए इस्लामी से जुड़े 200 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी, वाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल से जुड़े हो सकते हैं तार

12 November 2025

दिल्ली धमाके के तार कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़ने के बाद एजेंसियों ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।  जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आज एक...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07

‘White Collar Terror’: Is The 0.5 Front Within The Country Activated?

00:10:07

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

00:06:48

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited