फिल्म उद्योग हो या राजनीति, न समृद्धि कभी स्थाई होती है, न ही करियर। परंतु कुछ ऐसे भी नाम होते हैं, जो जितने...
“अमरेन्द्र बाहुबली यानी मैं....” जब बाहुबली के द्वितीय संस्करण में हिन्दी में यह संवाद गूंजा था तो थियेटर छोड़िए, यूट्यूब पर बवाल मच...
Dilip Indira Controversy - देश की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बारे में तो आप जानते ही होंगे, साथ ही आप...
“अशर्फियां लुटे, कोयलों पर मोहर” नामक मुहावरा बॉलीवुड पर पता नहीं क्यों अधिक सूट करता है। ये वो रेयर समुदाय है, जिसे अपने...
“भैया, मेरे मुंह से निकल गई, मेरी ज़बान टूट गई हाय....!” यह मीम कब यथार्थ में परिवर्तित हो गया, पता ही नहीं चला।...
'अर्धसत्य' से आपका पाला पड़ा है कभी? यदि नहीं, तो फिर उसका मूल उद्देश्य बताते हैं। आज के अंधे युग में जो सत्य...
कहते हैं कि सिनेमा समाज का दर्पण है। अगर यह बात सत्य है तो विश्वास मानिए, हमारा समाज घोर संकट में है। कभी...
“आपके पांव देखे, बड़े हसीन हैं, इन्हें जमीन पर मत रखिएगा मैले हो जाएंगे!” किसी रोज़ जब राजकुमार ने “पाकीज़ा” में ये संवाद...
Pathaan box office collection: आवश्यक सूचना: यह विचार यथार्थ की जड़ों से जुड़े हुए हैं। इसका सभी पात्रों से कहीं न कहीं वास्ता...
क्या देश को सर्वोपरि मानना अपराध है? क्या देश की संस्कृति का मान रखना अक्षम्य है? कुछ घटनाओं को देखकर तो ऐसे प्रश्न...
“ए दिल है मुश्किल जीना यहां, जरा हटके, जरा बचके, यह है बॉम्बे मेरी जान” यदि आप पुराने फिल्मों के प्रशंसक हैं, तो...
कभी सोचा है कि एंड्रॉयड और iOS के अलावा मोबाइल संचालन प्रणाली यानी ऑपरेटिंग सिस्टम का कोई विकल्प क्यों नहीं है? क्या आपने...
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