देश में जब भी किसी मासूम के साथ रेप की घटना सामने आती है तो अंदर से यही आवाज निकलती है ऐसे अपराधियों को ऐसी सजा दी जाए जिससे भविष्य में अपराध करने वालों की रूह काँप जाए..या वो इस तरह के अपराध करने से पहले एक बार जरुर सोचे. परन्तु हमारे देश में अपराधी पकड़ा तो जाता है लेकिन एक लंबी सुनवाई के बाद मासूम को न्याय मिल पाता है. अब तो कानून के शिकंजे से बचने के लिए अपराधियों ने क्रूरता से बच्चियों की हत्या करने का सिलसिला भी शुरू कर दिया है ऐसे में सख्त से सख्त कदम उठाये जाने की जरूरत है। इसी तरह के एक मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक खतरनाक अपराधी नाजील को मुठभेड़ के दौरान पकड़ लिया है। यह अपराधी रामपुर जिले में छह साल की बच्ची का अपहरण, बलात्कार और बेरहमी से हत्या करने का आरोपी है। रामपुर पुलिस के अधीक्षक आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा ने एक मुठभेड़ में इस आरोपी के घुटनों में गोली मरकर उसे घायल कर दिया है।
No FIR, No Talk, Faisla On The Spot!!
SP of Rampur Mr. #ajaypalsharma shot 3 bullets to the rape accused of 6 year old girl and tried to reach him to the 72 Hoors.
Sir @myogiadityanath that's what we want. ? pic.twitter.com/HZY78cfGcM
— Supernova (@supernova6543) June 23, 2019
आईपीएस अजयपाल शर्मा के इस एक्शन से क्रांति फिल्म के हीरो बॉबी देओल का एक डायलाग फिर से तजा हो गया.. , नो FIR..नो अरेस्ट..नो टॉक..फैसला आन द स्पॉट। कुछ ऐसा ही आईपीएस अजयपाल शर्मा ने किया। बलात्कारी आरोपी नाजिल ने भागने की कोशिश की और शर्मा ने दौड़ाकर गोली मार दी। बता दें कि आईपीएस अजयपाल शर्मा एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाते हैं।
SP of Rampur(UP) #AjayPalSharma shot an accused of child rape with 3 bullets during an encounter.The accused, Najib, who is currently under medical supervision had allegedly kidnapped & raped a girl of 6yrs of age.
Extremely proud of him; rapists must be shot down on first sight. pic.twitter.com/jeeBm2HJpB— NarendraKumar ?? (@nk_prajapat) June 23, 2019
मुठभेड़ में गोली लगने के बाद नाज़िल की गिरफ्तारी की सूचना रामपुर पुलिस ने मीडिया को दी। उस अपराधी पर 7 मई को एक लड़की का अपहरण कर उसका बलात्कार करने और उसकी हत्या करने का आरोप है। फ़िलहाल, आरोपी एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती है, जिसके बाद उसे आधिकारिक रूप से पुलिस हिरासत में भेज दिया जाएगा।
रेप के आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रामपुर की पुलिस प्रशंसा की हकदार है। हालांकि, इसका सारा श्रेय रामपुर में पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा को जाता हैं, जिन्होंने खुद इस अभियान का नेतृत्व किया था। अब यह व्यक्ति कौन है और उत्तर प्रदेश के ‘सिंघम’ के रूप में इसका स्वागत क्यों किया जा रहा है?
डॉ. अजय पाल शर्मा लुधियाना, पंजाब से आईपीएस अधिकारी हैं। वह पेशे से एक दंत चिकित्सक रहे हैं जिन्होंने राष्ट्र की सेवा करने के लिए पुलिस अधिकारी बनने की ठानी और वह 2011 में आईपीएस के यूपी कैडर में शामिल हुए। उन्होंने गाजियाबाद, हाथरस, शामली, गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) और प्रयागराज जैसे विभिन्न जिलों में अपनी सेवा दी है। एनकाउंटरों में उनकी निरंतर भागीदारी रहती है। इसी वजह से उन्हें यूपी के ‘सिंघम’ के रूप में जाना जाता है। डॉ. अजयपाल शर्मा अपने सख्त रवैये के लिए बेहद प्रसिद्ध हैं और व्हाट्सएप और ट्विटर पर उनकी मौजूदगी युवाओं को देशसेवा के लिए प्रेरित कर रही है।
थाना सिविल लाइन क्षेत्र में हुई पुलिस मुठभेड़ के संबंध में पुलिस अधीक्षक, रामपुर द्वारा दी गई बाइट #uppolice @Uppolice @adgzonebareilly @digmoradabad @upcoprahul @News18UP @bstvlive @Knewsindia @samachar_plus @DynamiteNews pic.twitter.com/BqRSMBsDtR
— Rampur police (@rampurpolice) June 22, 2019
हालांकि, उन्होंने कभी इसपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। उन्होनें मीडिया को दिए अपने एक बयान में कहा भी था कि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट जैसा कुछ खास नहीं है। यह सारे एनकाउंटर मेरी इच्छा से नहीं हुआ बल्कि ऐसे हालात बने कि एनकाउंटर करना पड़ता है।
उन्होनें कहा,’हमलोग अपराधियों को पकड़ना चाहते हैं और ज्यादा से ज्यादा उनकी खबर जुटाना चाहते हैं ताकी अपराधियों के ठिकानो के बारे में पता लगाया जा सके। एनकाउंटर सबसे अंतिम विकल्प होता है। हमें नहीं पता होता है कि मौके पर क्या स्थिति पैदा होगी।‘
डॉ. अजयपाल शर्मा उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स की प्रतिष्ठित व प्रखर लीग में चमकते हुए सितारे हैं। स्पेशल टास्क फोर्स की स्थापना 1997-98 में हुई थी जब कल्याण सिंह फिर से मुख्यमंत्री बने थे और क्राइम रेट अपने उच्चतम स्तर पर था। इससे पहले यूपी पुलिस अपने लापरवाह रवैया के कारण बदनाम था लेकिन इस टास्क फोर्स के गठन के बाद और गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ल की 22 सितंबर 1998 को मार गिराने के बाद लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है।
सालों बाद जब योगी आदित्यनाथ ने 2017 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता संभाली तब उन्होनें पुलिस को एनकाउंटर की छुट दी थी। इसके बाद अपराधियों के सामने फिर से संकट आ गयी। और तथाकथित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के लाख बोलने पर भी अपने तरीके से क्राइम रेट पर काबू करने में लगे रहे और एनकाउंटर की इसमे अहम भूमिका रही है। उत्तर प्रदेश में लगातार अपराधियों का सरैंडर हुआ जब योगी सरकार ने स्थिति अपने काबू में किया। डॉ. अजय पाल शर्मा जैसे पुलिस अफसर प्रशंसा के पात्र है। हम आशा करते हैं कि अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लेंगे और देशहित मे कम करेंगे।