TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अमेरिका जवाब देने में एकदम कन्फ्यूज है और यूरोप दम तोड़ रहा है, इसी वजह से चीन कोरोना महामारी के बाद World Power बनने की ओर है

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
23 April 2020
in विश्व
अमेरिका
Share on FacebookShare on X

चीन के वुहान से निकाला वुहान वायरस ने पूरी दुनिया में लगभग 26 लाख लोगों से अधिक को संक्रमित किया है। इसके साथ ही महामारी से 1 लाख 84 हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। पूरे विश्व को पता है कि इस वायरस को महामारी बनाने में चीन की गलती है। कई ताकतवर देश चीन को खुलेआम धमकी भी दे चुके हैं और जांच की बात कर रहे हैं। परंतु यहाँ सवाल यह है कि क्या अमेरिका और यूरोप चीन की जवाबदेही तय कर पाएंगे? वौश्विक स्तर पर जिस तरह का माहौल बनता जा रहा है वह चीन के विरोध में जरूर है लेकिन अमरीका और यूरोप के अपने मसले भी हैं जो उन्हें चीन के खिलाफ कमजोर कर रहा है। एक तरफ अमेरिका चीन के विषय पर कन्फ्यूज्ड दिखाई दे रहा है तो वहीं चीन को महाशक्ति बनने में मदद करने वाले यूरोप कोरोना के कारण जीर्ण शीर्ण हो चुका है। ऐसे कमजोर नेतृत्व के साथ अगर चीन का वैश्विक स्तर पर विरोध किया जाता है तो इसका खामियाजा पहले से अधीक दुष्प्रभावी होगा और चीन उम्मीद से अत्यधिक ताकतवर बन कर वापस लौटेगा।

दरअसल, चीन द्वारा 2 मिलियन से अधिक लोगों तक कोरोना फैलाने के बाद भी कोई भी देश स्पष्ट रूप से दोषी नहीं ठहराना चाहता है और ना ही कोई चीन को अलोकतांत्रिक, ‘ज़िनोफोबिक’ और ‘नस्लवादी चीन’ कहना चाहता है जो वैश्विक अस्थिरता का जिम्मेदार है। इसका कारण सभी के सामने है कि कैसे चीन की एक हलचल ने पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी ला दिया। चीन इतना ताकतवर है कि उसके अन्य देशों को मास्क, टेस्टिंग किट बेच कर ऐसे समय में भी फायदा कमा रहा है और अन्य महाशक्ति देश मुंह लटकाए बस देख रहे हैं।

संबंधितपोस्ट

समुद्र से शक्ति प्रदर्शन: K-4 मिसाइल ने बढ़ाई भारत की प्रतिरोधक क्षमता

गणतंत्र दिवस पर हाई अलर्ट: दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए केंद्र ने 5,300 अतिरिक्त CAPF जवानों को दी मंज़ूरी

भारत–न्यूज़ीलैंड समझौता: वैश्विक व्यापार में गहरी भागीदारी की ओर कदम

और लोड करें

इतिहास उठाकर देखा जाए तो चीन को अमरीका और यूरोप ने ही बनया है चाहे वो चीन को तिब्बत के ऊपर अधिकार देना हो या फिर सेक्यूरिटी काउंसिल में वीटो दिया जाना। चीन के आर्थिक उदय के बाद पूरी दुनिया चीन से फायदा लेने में जुटी रही लेकिन इन देशों को यह पता ही नहीं चला कि वैश्विक सप्लाई चेन चीन में स्थित हो गयी जिससे पूरा विश्व चीन पर निर्भर हो गया।

आज यही कारण है कि कोरोना के लिए दोषी होने के बावजूद चीन के खिलाफ एक सुर में आवाज नहीं उठा रहे हैं। शुरुआत में डोनाल्ड ट्रम्प ने वुहान वायरस को ‘चीनी वायरस’ कह कर कुछ कोशिश की लेकिन फिर कुछ दिन बाद ही वे भी अपने सुर से बदलते दिखाई दिये। 17 मार्च को उन्होंने अपने ट्वीट में Chinese Virus लिखकर संबोधित किया।

The United States will be powerfully supporting those industries, like Airlines and others, that are particularly affected by the Chinese Virus. We will be stronger than ever before!

— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) March 16, 2020

परंतु,10 दिन बाद ही उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात करने के बाद अपने सुर बदल लिए और ट्वीट किया कि हम चीन के साथ मिलकर काम कर रहे है और उस वायरस को उन्होंने कोरोना कह कर संबोधित किया।

Just finished a very good conversation with President Xi of China. Discussed in great detail the CoronaVirus that is ravaging large parts of our Planet. China has been through much & has developed a strong understanding of the Virus. We are working closely together. Much respect!

— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) March 27, 2020

अमेरिका में अगर एक वायरस के नाम पर अगर इतना कन्फ़्यूजन है तो चीन के खिलाफ नीति बनाने में कितनी होगी, यह समझा जा सकता है।

हालांकि, अमेरिका में कई कदम उठाए गए है जैसे चीन के खिलाफ अमेरिकी अदालत में class action suit दर्ज किया गया है और अमेरिकी संसद में भी चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने वाला बिल लाया जाना है। लेकिन यह काफी नहीं है। जिस तरह अमेरिका ने WHO की फंडिंग रोक दी उस तरह चीन के खिलाफ एक्शन लेने में अमेरिका आज भी हिचकिचा रहा है। ऐसे में उससे न के बराबर ही उम्मीद है।

वहीं अगर यूरोप की बात करे तो कोरोना से यूरोप में हाहाकार मचा हुआ है। इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी और  ब्रिटेन में त्राहिमाम मचा हुआ है। इन सभी देशों में हुए मौत को अगर जोड़े तो यह अन्य देशों के कई गुना हो जाएगा। 22 अप्रैल तक यूरोप में कुल 1 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। यूरोप में सामाजिक जीवन से लेकर राजनीतिक जीवन तक जीर्णशीर्ण हो चुका है।  इसके अलावा यूरोप की चीन पर निर्भरता भी अधिक है। जब करोना वायरस ने अपने पाँव पसारना शुरू किया था तब यूरोप में चीनी लोगों से कई लोग दूरी बनाने लगे थे तब इटली में hug a Chinese के नाम से प्रोग्राम शुरू हुआ था। उसके बाद तो कोरोना ने इटली में जिस तरह का तांडव मचाया, यह देश आने वाले कई दशकों तक नहीं भूल पाएगा। यही नहीं इटली चीन के महत्वकांक्षी OBOR में भी शामिल हो चुका था। यूरोपीय संघ चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद चीन भी यूरोपीय संघ का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। 2009 और 2010 के बीच अकेले चीन में यूरोपीय संघ के निर्यात में 38% की वृद्धि हुई और यूरोपीय संघ के लिए चीन के निर्यात में 31% की वृद्धि हुई थी।

यूरोप की चीन पर इस तरह की निर्भरता और कोरोना के बाद उत्पन्न हुए हालात के बाद चीन के खिलाफ स्पष्ट रूप से विरोध करना नामुमकिन है। हालांकि, कई देशों ने कुछ कदम उठाए हैं जैसे EU ने कुछ गाइडलाइंस जारी की है जिससे चीन यूरोप की कंपनियों को नहीं खरीद सकता। वहीं, ब्रिटेन के राजनीतिक गलियारों में चीन के विरोध की लहर उठ रही है। लेकिन ये सब चीन की जवाबदेही के लिए नाकाफी है।

इन दोनों ही ताकतों का इस तरह से चीन के प्रति नरमी दिखाने का परिणाम भविष्य के लिए भयानक होने वाला है। जिस तरह से अमेरिका कन्फ़्यूजड है और यूरोप त्राहि त्राहि कर रहा है उससे कई सवाल उठते हैं। क्या गारंटी है कि चीन वुहान वायरस के कवरअप और उसके परिणाम के लिए जवाबदेह होगा? पिछले दो महीनों से हमने चीन के खिलाफ कई छोटे-मोटे निर्णय देखे, शब्दों से लड़ाई देखी लेकिन, सच देखा जाए तो यह कहा जा सकता है कि जीर्ण शीर्ण पश्चिम के देश चीन के सामने घुटनों के बल झुक जाएंगे।

अमेरिका सहित पश्चिम के देश मंदी से उबरने में ही लगे रहेंगे तब तक चीन बूस्टर शॉट लेने के बाद पहले से कहीं अधिक शक्तिशाली बन कर वापस आएगा। चीन की एक ही महत्वाकांक्षा  है और वह है अमेरिका से आगे निकलना और अब चीन पहले से कहीं ज्यादा इसके करीब है। विडंबना यह है कि यह बदलाव COVID 19 के कारण होने जा रहा है।

शेयर13ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अर्नब गोस्वामी- मोदी और शाह के बाद कांग्रेस को पटक-पटकर धोने वाला इकलौता शख्स

अगली पोस्ट

‘दक्षिणी चीन सागर’ पर इन सभी छोटे देशों की एक राय- ‘चीन को यहां से निकाल फेंको’

संबंधित पोस्ट

ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन
विश्व

पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

23 December 2025

चीन ने ताइवान पर बलपूर्वक कब्ज़ा करने की दिशा में अपनी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन की हालिया रिपोर्ट ने...

कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा
राजनीति

कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

22 December 2025

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ कथित अत्याचारों और बढ़ती असुरक्षा का मुद्दा कनाडा की संसद में उठाया गया है। कंजरवेटिव पार्टी की सांसद मेलिसा...

रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है
राजनीति

पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

22 December 2025

रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है। अब भारतीय छात्र बिना किसी प्रवेश परीक्षा के...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited