आज पश्चिम बंगाल की स्थिति को देखकर ऐसा लग रहा है कि भारत दुबारा 1947 के दौर में जा चुका है। डायरेक्ट एक्शन डे के समय कैसे हालात रहे होंगे इसका अंदाजा आज पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा को देखकर लगाया जा सकता है। भाजपा कार्यालयों में तोड़फोड़, भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले, उनके घरों में आगजनी, हत्या का सिलसिला लगातार जारी है। वैसे तो यह सब चुनाव से पहले से ही हो रहा था, लेकिन चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ऐसा लग रहा है जैसे तृणमूल कार्यकर्ताओं को बंगाल में हिंसा करने का नवगठित सरकार की ओर से आदेश मिला हो। क्या कांग्रेस, क्या लेफ्ट सभी के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। हर जगह ममता की आलोचना हो रही है।
पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने के बाद लोकतंत्र का उत्सव मनाते तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता।चुनाव के बाद अब BJP को वोट देनेवाले मतदाताओं और कार्यकर्ताओं का सम्मान किया जा रहा है। pic.twitter.com/kwsfu0JnAy
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) May 3, 2021
जीत के साथ ही पश्चिम बंगाल के TMC के गुंडों ने गुंडागर्दी शुरू कर दी है।
कोरोना काल में BJP के दफ्तर में घुसने की कोशिश कर रहे हैं।#TMC #WestBengal #ElectionResults2021— Mahima Pandey (@Mahimapandey90) May 2, 2021
भाजपा ने अब तक अपने 6 कार्यकर्ताओं की मौत की पुष्टि की है। इनकी हत्या पिछले दो दिनों में हुई है। हालांकि, ट्विटर पर चल रही खबरों के अनुसार मारे गए लोगों की संख्या 30 के करीब है। कोलकाता के भेड़ाघाट इलाके में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की पीट पीट कर हत्या कर दी गई है। TMC के कार्यकर्ताओं की नफरत इस हद तक बढ़ चुकी है कि अभिजीत सरकार की एक पालतू कुतिया के छोटे बच्चों को मार दिया गया है।
Within 24 hours of Trinamul's Victory with OB vans still ferrying the state
TMC's Khela has begun..'They thrashed my puppies & my NGO' said Avijit Sarkar, a local BJP karyakarta in his Fb Live, hours before he was stabbed to death. Avijit held TMC's workers responsible#Bengal pic.twitter.com/TCg9OxiPss
— Deeksha Negi (@NegiDeekshaa) May 3, 2021
एक भाजपा कार्यकार्य की माँ की भी हत्या की खबर है। सोवा रानी मंडल अपने बेटे को मॉब लिंचिंग से बचाने गईं थीं, उनकी भी पीट पीट कर हत्या कर दी गई।
बिष्णुपुर में एक भाजपा कार्यकर्ता के घर पर आग लगा दी गई, नंदीग्राम के तो शुभेन्दु अधिकारी के काफिले पर हमला किया गया। वहाँ भी भाजपा कार्यालय जला दिया गया। इसके अतिरिक्त एक वीडियो में तृणमूल कार्यकर्ता महिलाओं को पीटते नजर आ रहे हैं। यहाँ तक कि तृणमूल कार्यकर्ताओं पर दो महिला पोलिंग एजेंट के सामुहिक बलात्कार की खबर भी सामने आई है।
BJP's explosive allegation at TMC after poll results, 2 women poll agents gang-raped by Trinamool goons. @PoulomiMSaha with more details. #IndiaFirst pic.twitter.com/lQ7kY1P4ay
— IndiaToday (@IndiaToday) May 3, 2021
हालात इतने बिगड़ गए हैं कि भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने घरों से भागना पड़ा है। एक फोन कॉल की रिकॉर्डिंग वायरल हुई है जिसमें कथित रूप से एक भाजपा कार्यकर्ता इस बात की पुष्टि कर रहा है कि कई लोग अपने घरों से फरार हैं, जिससे वह तृणमूल के लोगों से अपनी जान बचा सकें।
https://twitter.com/DeepakJ02841911/status/1389263616726028288?s=19
यही नहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी ट्वीट कर बंगाल से हिंसा की कड़ी निंदा की।
https://twitter.com/SitaramYechury/status/1389267415033278465?s=20
यह सब भारत के लिए नई बात नहीं है, पिछले 1000 वर्षों से यह भारतीय इतिहास का हिस्सा। यह भी सर्वविदित है कि लिबरल गैंग इस सेक्युलर हिंसा पर मौन रहेगा। अगर कुछ लोग आलोचना करते भी हैं तो उससे हिंसा नहीं रुकेगी।
इस हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी अब केंद्र सरकार की है। एक ओर तो मार खा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की सुरक्षा भाजपा सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है ही, साथ ही देश के प्रत्येक नागरिक को संविधान के अनुसार मिलने वाली जीवन की सुरक्षा एवं स्वतंत्रता का अधिकार भी अक्षुण्ण रहे, यह भी केंद्र की संवैधानिक जिम्मेदारी है। न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि सुप्रीम कोर्ट और कोलकाता हाईकोर्ट भी जिम्मेदार है जो समय रहते हिंदुओं का पलायन रोक सकता है।
1990 में कश्मीर से मार कर भगाए गए हिन्दू अपने ही देश में शरणार्थी हो गए। यह विश्व इतिहास का एक अनोखा उदाहरण है जहाँ बहुसंख्यक समुदाय, अल्पसंख्यकों के अत्याचार के कारण शरणार्थी बनने को मजबूर हो गया। पश्चिम बंगाल की जो स्थिति है, उसे देखकर ऐसा लगता है कि दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल कश्मीर घाटी के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।