Pine Labs, Zeta services और Razorpay कुछ ऐसी भारतीय Fintech कंपनियों के नाम हैं, जो अब अपने operations को भारत से बाहर विस्तृत करने की योजना बना रहे हैं, और पहला क्षेत्र इनके निशाने पर है – दक्षिण पूर्व एशिया! इन कंपनियों को लगता है कि दक्षिण एशियाई देश आज ऐसी स्थिति में हैं जहां आज से करीब 2 वर्ष पहले भारत हुआ करता था, ऐसे में भारत के अनुभवों से सीख लेकर ये देश दक्षिण एशियाई देशों में अपनी किस्मत आज़माना चाहते हैं।
Nikkei Asia की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय Unicorn Pine Labs, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 3 बिलियन डॉलर है, उसने मलेशिया में हाल ही में एक लोकप्रिय “Buy Now, Pay Later” स्कीम को जारी किया है। इसके तहत कंपनी ने क्षेत्रीय बैंकों के साथ अनुबंध कर Credit Cards को जारी करने की योजना बनाई है, जिसके जरिये लोग पहले सामान खरीदकर बाद में उस Credit कार्ड की सहायता से किश्तों में भुगतान कर सकते हैं।
अप्रैल महीने में ही Pine Labs ने मलेशियाई start-up “Fave” को खरीदा था, जिसके पहले से ही करीब 350 कर्मचारी ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देने पर काम कर रहे हैं। Pine Labs के CEO अमरीश राव के मुताबिक, “कंपनी इसी Buy Now, Pay Later स्कीम को सिंगापुर, इंडोनेशिया, फिलीपींस और थाईलैंड में भी लॉंच करने की योजना बना रही है। मलेशिया में अभी लॉकडाउन लगा है लेकिन उसके बाद ऑनलाइन लेन-देन में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।”
इसी प्रकार 1.45 बिलियन की अनुमानित कीमत वाली Zeta कंपनी ने भी दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए एक अलग टीम का गठन कर लिया है। CEO भाविन तुरखिया के मुताबिक, अमेरिका में कंपनी की एक टीम पहले ही काम कर रही है। Online लेन-देन को सुगम बनाने वाली कंपनी Razorpay भी दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में अपने operations को विस्तृत करने का प्लान बना रही है।
CEO हर्षिल माथुर के मुताबिक “यही सही समय है कि हम भारत के बाद मिले-जुले बाज़ारों जैसे दक्षिण-एशियाई देशों में अपने operations को लेकर जाएँ। हम अभी इंडोनेशिया, मलेशिया, वियतनाम और फिलीपींस पर नज़र लगाए हुए हैं इस वित्तीय वर्ष के अंत तक हम इनमें से किन्हीं दो देशों में तो operations शुरू कर ही लेंगे।” Razorpay के पास अभी कुल 1400 कर्मचारी हैं, जिसे कंपनी बढ़ाकर 2 हज़ार से अधिक करना चाहती है। कंपनी की अनुमानित कीमत 3 बिलियन डॉलर है।
बड़ी आबादी के पास इंटरनेट की आसान पहुंच होने के कारण, और नोटबंदी के कारण ऑनलाइन लेन-देन में बेहद तीव्र उफ़ान आने की वजह से भारत में भारतीय Fintech कंपनियों को मजबूती मिली है।
भारत में करीब 50 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स हैं, जिनके जरिये वित्तीय वर्ष 2020 में करीब 40 ट्रिलियन रुपयों का लेन-देन हुआ। भारत में अधिकतर भारतीय Fintech कंपनियाँ अभी भी नुकसान ही उठा रही हैं लेकिन निवेशकों के भरोसे के कारण ये कंपनियाँ भारत से बाहर भी विस्तृत करने की योजना बना रही हैं।
Mobile Payments क्षेत्र में भी भारत में प्रतिस्पर्धा बेहद भीषण होती जा रही है। PayTM, PhonePe और Google Pay जैसी कंपनियों के आने के कारण प्रतिस्पर्धा बेहद कड़ी हो गयी है। PayTM इस वित्तीय वर्ष में एक सार्वजनिक कंपनी बन सकती है और वह Credits और अन्य वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में किस्मत आज़मा सकती है।
भारत के विशाल बाज़ारों ने भारतीय कंपनियों को अच्छा-खासा अनुभव प्रदान कर दिया है, जिसके कारण दक्षिण-एशियाई देशों में अपने operations विस्तृत करने में इन कंपनियों को अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।