देश का बाशिंदा और नागरिक होने में बहुत फर्क है. नागरिकता प्राप्त करने हेतु आपको कुछ कानूनी और संवैधानिक प्रक्रियाएं पूरी करनी पड़ेगी, लेकिन सच्चा राष्ट्रभक्त देशवासी आप अपनी माटी से प्रेम किये बिना नहीं बन सकते. राहुल बाबा को देखकर कभी कभी यही लगता है कि वो इस देश के नागरिक मात्र हैं. राजनेता बनना तो दूर उन्हें देखकर बस यही कामना रहती है कि कम से कम राहुल बाबा एक सच्चे देशभक्त तो बन जाए. अधिकतर समय विदेश में रहते हैं. जनता से ज्यादा अपने विदेशी दोस्ती की फ़िक्र करते हैं और उन्हीं से मिलने को बेचैन रहते हैं.
इस समय राहुल गांधी की यूके यात्रा सुर्खियां बटोर रही है, कांग्रेस के वंशज ने कैम्ब्रिज के एक कार्यक्रम में विस्फोटक दावे करते हुए कहा कि भारत अब एक डीप स्टेट के कब्जे में है. अब इंडियन ओवरसीज कांग्रेस द्वारा पोस्ट की गई सैम पित्रोदा और विवादास्पद यूके सांसद जेरेमी कॉर्बिन के साथ राहुल गांधी की एक तस्वीर पर भाजपा ने कांग्रेस को घेर लिया है. जेरेमी कॉर्बिन के साथ भाजपा का रोष जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर सांसद के कई भारत विरोधी ट्वीट्स से उपजा है.
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भाजपा ने बोला जोरदार हमला
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तीखा ट्वीट किया करते हुए लिखा, “चाहे वह जेरेमी कॉर्बिन जैसे भारत विरोधी तत्वों से मिलना हो, जो कश्मीर पर पाकिस्तान के प्रचार को प्रतिध्वनित करते हैं या चीन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हैं और चीनी धन को राजीव गांधी फंड में ले जाते हैं या डोकलाम के दौरान चीनी से मिलते हैं, राहुल हमेशा भारत और भारतीय सेना के विरोधी के साथ खड़े दिखाई देते हैं.” पीएम मोदी का विरोध करने की कोशिश में आखिर देश का विरोध क्यों? पूनावाला ने अपने ट्वीट में “कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन” पर कॉर्बिन के ट्वीट और राहुल गांधी की चीन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की एक तस्वीर भी संलग्न की.
वहीं, भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी कांग्रेस नेता पर निशाना साधा और ट्वीट किया, “राहुल गांधी ब्रिटेन के सांसद और लेबर नेता जेरेमी कॉर्बिन के साथ. जेरेमी भारत के प्रति अपने विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं, कश्मीर के अलगाव की वकालत करते हैं और स्पष्ट रूप से हिंदू विरोधी हैं. गांधी को आखिरकार अपना विदेशी सहयोगी मिल गया है, जो भारत को सभी तरह से बदनाम करता है.”
Rahul Gandhi with UK MP and Labour leader Jeremy Corbyn.
Jeremy is known for his visceral dislike for India, advocates Kashmir’s secession and is unequivocally anti-Hindu.
Gandhi has finally found his overseas collaborator, who denigrates India with the same impunity as him. pic.twitter.com/Cn9U4fsCCK
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) May 24, 2022
अपने ही झूठ में फंसे कांग्रेसी
जिसके बाद सालों से गांधी परिवार के करीबी रहे सैम पित्रोदा ने भाजपा के ट्वीट्स पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “वह (कॉर्बिन) मेरे निजी दोस्त हैं और होटल में एक कप चाय के लिए आए थे. इसमें राजनीतिक कुछ भी नहीं है.” कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला भी इस लड़ाई में उतर गए. सुरजेवाला ने पीएम मोदी की कॉर्बिन से हाथ मिलाते हुए एक फोटो के साथ लिखा, “आखिरकार, क्या मैं अपने मीडिया मित्रों से भी नीचे दी गई तस्वीर में दो लोगों की पहचान करने और वही प्रश्न पूछने के लिए कह सकता हूं? क्या इसका मतलब यह है कि पीएम ने भारत पर जेरेमी कॉर्बिन के विचारों का समर्थन किया है?”
सुरजेवाला के इस ट्वीट को कोई भारतीय नहीं झुठालायेगा कि कभी पीएम मोदी कोर्बिन से मिले थे, लेकिन हम सभी जानते हैं कि पीएम मोदी उससे एक देश के राष्ट्राध्यक्ष की हैसियात से मिले थे. वो मुलाकात प्रोटोकॉल के हिसाब से थी. कोर्बिन लेबर पार्टी के नेता हैं और वहां की संसद के प्रमुख विपक्षी नेता भी. पर, क्या सुरजेवाला बता सकते हैं कि राहुल किस हैसियत से उनसे मिले थे. अगर वो एक दोस्त के हिसाब से मिले थे तो क्या एक राष्ट्रविरोधी को मित्र बनाना जायज है?
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