TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

    भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

    एनडीए के नये नारे से बिहार में बढ़ी राजनीतिक हलचल, जानें क्या है इसका संदेश

    एनडीए के नये नारे से बिहार में बढ़ी राजनीतिक हलचल, जानें क्या है इसका संदेश

    चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: अब हर बूथ पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करेंगी बुर्कानशीं महिलाओं की पहचान की जांच

    चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: अब हर बूथ पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करेंगी बुर्कानशीं महिलाओं की पहचान की जांच

    मोहन भागवत ने बताया भारत का अगला लक्ष्य, अब PoK को कब तक रोक पाएंगे मुल्ला मुनीर?

    मोहन भागवत ने बताया भारत का अगला लक्ष्य, अब PoK को कब तक रोक पाएंगे मुल्ला मुनीर?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत का वैश्विक विस्तार: मुक्त व्यापार समझौतों से आर्थिक आत्मनिर्भरता की नई परिभाषा

    भारत का वैश्विक विस्तार: मुक्त व्यापार समझौतों से आर्थिक आत्मनिर्भरता की नई परिभाषा

    भारत के फैसलों पर सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकता अमेरिका, ट्रंप के सहयोगी ने ही अमेरिका को सुनाया

    भारत के फैसलों पर सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकता अमेरिका, ट्रंप के सहयोगी ने ही अमेरिका को सुनाया

    भ्रष्टाचार की सड़ांध और चेन्नई से Wintrack Inc की विदाई: जब सरकार और अफ़सर दोनों जिम्मेदार हों

    भ्रष्टाचार की सड़ांध और चेन्नई से Wintrack Inc की विदाई: जब सरकार और अफ़सर दोनों जिम्मेदार हों

    साम्राज्य का क्षय बनाम राष्ट्र का उत्थान: अमेरिका और भारत की दो राहें

    साम्राज्य का क्षय बनाम राष्ट्र का उत्थान: अमेरिका और भारत की दो राहें

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    हिंद महासागर की गहराइयों से आसमान तक: राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा और भारत की रणनीतिक मजबूती

    हिंद महासागर की गहराइयों से आसमान तक: राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा और भारत की रणनीतिक मजबूती

    पाकिस्तान फिर दहला: बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को उड़ाया, कई डिब्बे पटरी से उतरे

    पाकिस्तान फिर दहला: बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को उड़ाया, कई डिब्बे पटरी से उतरे

    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    ट्रंप की मध्य-पूर्व शांति पहल: गाज़ा समझौते पर दबाव, नेतन्याहू अब भी संशय में

    ट्रंप की मध्य-पूर्व शांति पहल: गाज़ा समझौते पर दबाव, नेतन्याहू अब भी संशय में

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हिंद महासागर की गहराइयों से आसमान तक: राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा और भारत की रणनीतिक मजबूती

    हिंद महासागर की गहराइयों से आसमान तक: राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा और भारत की रणनीतिक मजबूती

    पाकिस्तान फिर दहला: बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को उड़ाया, कई डिब्बे पटरी से उतरे

    पाकिस्तान फिर दहला: बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को उड़ाया, कई डिब्बे पटरी से उतरे

    भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

    भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    मोहन भागवत ने बताया भारत का अगला लक्ष्य, अब PoK को कब तक रोक पाएंगे मुल्ला मुनीर?

    मोहन भागवत ने बताया भारत का अगला लक्ष्य, अब PoK को कब तक रोक पाएंगे मुल्ला मुनीर?

    महाराष्ट्र में धर्मांतरण रैकेट का खुलासा: ‘बिज़नेस’ के नाम पर चल रहा था धर्मांतरण का एजेंडा

    महाराष्ट्र में धर्मांतरण रैकेट का खुलासा: ‘बिज़नेस’ के नाम पर चल रहा था धर्मांतरण का एजेंडा

    कैसे अटल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी को संयुक्त राष्ट्र तक पहुँचाकर रचा इतिहास और संयुक्त राष्ट्र के हॉल में गूंजाई भारत की आवाज़

    कैसे अटल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी को संयुक्त राष्ट्र तक पहुँचाकर रचा इतिहास और संयुक्त राष्ट्र के हॉल में गूंजाई भारत की आवाज़

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

    भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

    एनडीए के नये नारे से बिहार में बढ़ी राजनीतिक हलचल, जानें क्या है इसका संदेश

    एनडीए के नये नारे से बिहार में बढ़ी राजनीतिक हलचल, जानें क्या है इसका संदेश

    चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: अब हर बूथ पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करेंगी बुर्कानशीं महिलाओं की पहचान की जांच

    चुनाव आयोग का बड़ा फैसला: अब हर बूथ पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करेंगी बुर्कानशीं महिलाओं की पहचान की जांच

    मोहन भागवत ने बताया भारत का अगला लक्ष्य, अब PoK को कब तक रोक पाएंगे मुल्ला मुनीर?

    मोहन भागवत ने बताया भारत का अगला लक्ष्य, अब PoK को कब तक रोक पाएंगे मुल्ला मुनीर?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत का वैश्विक विस्तार: मुक्त व्यापार समझौतों से आर्थिक आत्मनिर्भरता की नई परिभाषा

    भारत का वैश्विक विस्तार: मुक्त व्यापार समझौतों से आर्थिक आत्मनिर्भरता की नई परिभाषा

    भारत के फैसलों पर सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकता अमेरिका, ट्रंप के सहयोगी ने ही अमेरिका को सुनाया

    भारत के फैसलों पर सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकता अमेरिका, ट्रंप के सहयोगी ने ही अमेरिका को सुनाया

    भ्रष्टाचार की सड़ांध और चेन्नई से Wintrack Inc की विदाई: जब सरकार और अफ़सर दोनों जिम्मेदार हों

    भ्रष्टाचार की सड़ांध और चेन्नई से Wintrack Inc की विदाई: जब सरकार और अफ़सर दोनों जिम्मेदार हों

    साम्राज्य का क्षय बनाम राष्ट्र का उत्थान: अमेरिका और भारत की दो राहें

    साम्राज्य का क्षय बनाम राष्ट्र का उत्थान: अमेरिका और भारत की दो राहें

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    हिंद महासागर की गहराइयों से आसमान तक: राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा और भारत की रणनीतिक मजबूती

    हिंद महासागर की गहराइयों से आसमान तक: राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा और भारत की रणनीतिक मजबूती

    पाकिस्तान फिर दहला: बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को उड़ाया, कई डिब्बे पटरी से उतरे

    पाकिस्तान फिर दहला: बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को उड़ाया, कई डिब्बे पटरी से उतरे

    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    ट्रंप की मध्य-पूर्व शांति पहल: गाज़ा समझौते पर दबाव, नेतन्याहू अब भी संशय में

    ट्रंप की मध्य-पूर्व शांति पहल: गाज़ा समझौते पर दबाव, नेतन्याहू अब भी संशय में

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हिंद महासागर की गहराइयों से आसमान तक: राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा और भारत की रणनीतिक मजबूती

    हिंद महासागर की गहराइयों से आसमान तक: राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा और भारत की रणनीतिक मजबूती

    पाकिस्तान फिर दहला: बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को उड़ाया, कई डिब्बे पटरी से उतरे

    पाकिस्तान फिर दहला: बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को उड़ाया, कई डिब्बे पटरी से उतरे

    भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

    भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    पाकिस्तान जो अपने ही लोगों पर बम बरसाए, कश्मीर पर बोलने का हक नहीं रखता

    मोहन भागवत ने बताया भारत का अगला लक्ष्य, अब PoK को कब तक रोक पाएंगे मुल्ला मुनीर?

    मोहन भागवत ने बताया भारत का अगला लक्ष्य, अब PoK को कब तक रोक पाएंगे मुल्ला मुनीर?

    महाराष्ट्र में धर्मांतरण रैकेट का खुलासा: ‘बिज़नेस’ के नाम पर चल रहा था धर्मांतरण का एजेंडा

    महाराष्ट्र में धर्मांतरण रैकेट का खुलासा: ‘बिज़नेस’ के नाम पर चल रहा था धर्मांतरण का एजेंडा

    कैसे अटल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी को संयुक्त राष्ट्र तक पहुँचाकर रचा इतिहास और संयुक्त राष्ट्र के हॉल में गूंजाई भारत की आवाज़

    कैसे अटल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी को संयुक्त राष्ट्र तक पहुँचाकर रचा इतिहास और संयुक्त राष्ट्र के हॉल में गूंजाई भारत की आवाज़

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अमेरिका को अपना लोकतंत्र ‘रिपेयर’ करने की ज़रूरत है, भारत से सीख सकते हैं

स्वतंत्र होने के करीब 245 वर्ष बाद भी अमेरिका का लोकतंत्र परिपक्व नहीं हो पाया!

Ruchi Mehra द्वारा Ruchi Mehra
26 June 2022
in चर्चित, विश्व
america

Source- TFIPOST.in'

Share on FacebookShare on X

अमेरिका पूरी दुनिया को लोकतंत्र को लेकर ज्ञान बांटता हैं। वो विश्व को अमेरिका से सीखने की सलाह भी देता है। परंतु यहां सवाल यह है कि क्या दुनिया को ऐसे देश से सीखने की जरूरत है जहां महिलाओं से गर्भपात का अधिकार ही छीना जा रहा हो?

जी हां, अमेरिका में अब गर्भपात संवैधानिक अधिकार नहीं रहेगा। अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में हाल ही में एक बड़ा फैसला सुनाया। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पांच दशक पुराने गर्भपात को कानूनी मंजूरी देने वाले फैसले को पलटकर रख दिया है, जिसके बाद अमेरिकी महिलाओं के लिए गर्भपात के हक का कानूनी दर्जा समाप्त हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर पूरे अमेरिका में भारी विरोध हो रहा है। अमेरिका में कोर्ट के फैसले को लेकर बवाल मच गया। फैसले के विरुद्ध में महिलाओं सड़कों पर उतर आई हैं।  कोर्ट के इस निर्णय को अमेरिका को पीछे धकेलने वाला बताया जा रहा है।

संबंधितपोस्ट

हिंद महासागर की गहराइयों से आसमान तक: राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा और भारत की रणनीतिक मजबूती

भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

पासनी पोर्ट से ड्रोन तक: भारत को घेरने की पाकिस्तान की नई साजिश

और लोड करें

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का फैसला

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसला देते हुए कहा कि संविधान गर्भपात का अधिकार नहीं देता। हमारी और Roe vs Wade केस को खारिज किया जा रहा। हालांकि कोर्ट की तरफ से यह भी साफ किया गया कि अमेरिका में सभी राज्य गर्भपात से संबंधित अपने नियम कानून बना सकते है।ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आधे से अधिक अमेरिकी राज्य गर्भपात कानून को लेकर प्रतिबंध लागू कर सकते हैं। 13 राज्यों द्वारा पहले ही गर्भपात को गरकानूनी करार देने वाले कानून को पारित कर चुके हैं। यहां अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह कानून लागू हो जाएंगे।

और पढ़ें: पिछले 18 महीनों से भारत में अमेरिका का कोई राजदूत न होना दर्शाता है बाइडेन का दोहरा चरित्र

क्या है Roe vs Wade का मामला?

पूरा मामला Roe vs Wade से जुड़ा हुआ है। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए आपको लगभग 50 साल पीछे जाना होगा। अमेरिका के टेक्सास में रहने वाली के महिला जिनका नाम नॉर्मा मैककॉर्वी था। उन्होंने कोर्ट में गर्भपात के लिए एक याचिका लगाई थी।  अदालती कार्यवाही में उनको ‘जेन रो’ नाम दिया गया। दरअसल, मैककॉर्वी अबॉर्शन कराना चाहती थीं। उनके पहले से दो बच्चे थे और वो तीसरा बच्चा नहीं चाहती थी। उस दौरान टेक्सास में गर्भपात असंवैधानिक था। केवल उन मामलों में ही महिलाओं को गर्भपात का अधिकार था जिनकी जान को खतरा हो।

साल 1973 में नौ जजों की बेंच ने 7:2 से फैसला मैककॉर्वी के पक्ष में सुनाया। तब कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य सरकारों के पास गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने की शक्ति नहीं है। अदालत ने फैसला दिया था कि किसी भी महिला को गर्भपात कराना है या फिर नहीं, यह फैसला लेने का अधिकार उनको है। Roe vs Wade मामले में कोर्ट का यह फैसला ऐतिहासिक था, जिसके बाद एक तय सीमा तक गर्भपात की इजाजत अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई थीं। अब कोर्ट ने इसी 5 दशक पुराने फैसले को पलटा है, जिसके बाद अमेरिका में भारी तनाव की स्थिति है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला महिला विरोधी है, जो महिलाओं को उनसे जुड़े फैसले लेने के अधिकार को छीनता है। इसके साथ ही यह फैसला महिलाओं की जान के साथ भी खिलवाड़ ही है।

बाइडेन फैसले के विरोध में

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा कोर्ट के इस फैसले को बड़ी दुखद गलत बताया है। जो बाइडेन ने कहा कि अदालत का यह फैसला अमेरिका को 150 साल पीछे धकेल देगा। देश को संबोधित करते हुए जो बाइडेन ने कहा- “स्पष्ट तौर पर अदालत द्वारा एक ऐसे संवैधानिक अधिकार को छीना है, जो अमेरिकियों का मौलिक अधिकार भी था। मेरे अनुसार यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई एक दुखद गलती है।”

बाइडेन ने आश्वासन देते हुए यह भी कहा कि वो उन राज्यों में गर्भपात संबंधी नियमों के मद्देनजर महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए अपनी क्षमतानुसार हरसंभव प्रयास करेंगे, जहां इन्हें प्रतिबंधित किया जाएगा। इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी कोर्ट के इस फैसले का विरोध करते हुए इसे लाखों अमेरिकियों की आवश्यक क्षमता पर हमला बताया। बाइडेन ने कहा कि राजनेताओं को उन फैसला में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो कि महिलाओं और चिकित्सक के बीच होगा।

और पढ़ें: उइगर पुरुषों की जबरन नसबंदी, महिलाओं का गर्भपात और फिर उन्हें कंसंट्रेशन कैंप में भेज रहा चीन

ट्रंप फैसले से खुश

इसके विपरित पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अदालत के इस फैसले के समर्थन में है। ट्रंप ने कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए एक साक्षात्कार में कहा- “यह फैसला संविधान का पालन और अधिकारों को बहाल करने जैसा है। इस तरह का फैसला बहुत पहले ही आ जाना चाहिए था।“

गर्भपात को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट

यहां ध्यान देने वाली बात यह भी है कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से कुछ दिनों पहले अमेरिका में महिलाओं के गर्भपात से जुड़ी एक रिपोर्ट भी सामने आई थीं। रिपोर्ट के बताया कि साल 2020 में अमेरिकी महिलाओं के गर्भपात के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिलीं। इस दौरान अमेरिका ने हर पांच में से एक महिला ने गर्भपात कराया। ‘गुट्टमाकर इंस्टीट्यूट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार 2020 में अमेरिका में 9,30,000 से अधिक गर्भपात के मामले सामने आए। 

अमेरिका को भारत से सीख लेने की जरूरत

अमेरिका के मुकाबले भारत में देखा जाए तो गर्भपात से जुड़ा कानून काफी बेहतर है। भारत में शर्तों के साथ एक निश्चित अवधि के दौरान महिलाओं को गर्भपात कराने की अनुमति है। गर्भपात तभी हो सकता है जब भ्रूण 12 हफ्ते से ज्यादा का न हो। भारत में गर्भपात से जुड़ा मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कानून 1971 में बनाया गया था, जिसमें बीते साल ही यानी 2021 में संशोधन किया गया। भारत में कोई डॉक्टर तभी गर्भपात कर सकता है, जब भ्रूण 12 सप्ताह से अधिक का ना हो। हालांकि इसके लिए ठोस वजह होना जरूरी है। नए कानून के अनुसार गर्भपात के लिए कई श्रेणियां बनाई गई है। विशेष परिस्थितियों में महिलाओं के गर्भपात के लिए समयसीमा को बढ़ाकर 20 सप्ताह से 24 सप्ताह कर दिया गया।

इसमें बलात्कार पीड़ित महिलाएं, कैटंबिक व्यभिचार (यानी किसी नजदीक द्वारा यौन उत्पीड़ना) का शिकार महिलाओं और नाबालिग को 24 हफ्ते तक गर्भपात की इजाजत दी जाती है। इसके अतिरिक्त गर्भवास्था के दौरान जिन महिलाओं की वैवाहिक स्थिति बदल गई हो (यानी विधवा हो गई हो या फिर तलाक हो गया हो) और दिव्यांग महिलाओं को भी 24 हफ्तों तक अबॉर्शन कराने का अधिकार मिलता है। भ्रूण में अगर ऐसी विकृति या फिर गंभीर बीमारी हो, उसके जन्म के बाद मानसिक या शारीरिक विकृति आने और गंभीर विकलांगता का शिकार होने का खतरा हो,  इस स्थिति में भी महिलाएं 24 हफ्तों के भीतर गर्भपात करा सकती हैं।

यानी इससे साफ है कि गर्भपात को लेकर भारत में अमेरिका से कहीं बेहतर है। भारत में गर्भपात का फैसला महिलाओं को लेने का अधिकार दिया जाता है न कि उन पर इस तरह का सख्त कानून थोपा जाता है। अगर महिलाओं या फिर भ्रूण किसी को कोई समस्या हो या फिर उनकी जान को खतरा हो, तो गर्भपात कराने की इजाजत दी जाती है। परंतु अमेरिका में इन सभी मानवीय संवेदनाओं को ताक पर रखकर महिलाओं से गर्भपात के अधिकार को छीना जा रहा है। ऐसे में जो अमेरिका हर किसी को सीखने का ज्ञान बांटता हैं, उसे जरूरत है कि वो भारत से सीखे कि उसे किसी तरह महिलाओं को उनके जीवन और शरीर से जुड़े फैसले लेने की स्वतंत्रता देनी चाहिए।

और पढ़ें: ओह! तुम्हारे सुर कैसे बदल गए, अमेरिका ने ‘मानवाधिकार’ की बांसुरी बजाना बंद किया

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: ‘गुट्टमाकर इंस्टीट्यूट’अमेरिकागर्भपातजो बाइडेनभारतमहिलाओं
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अब कपड़ा उद्योग में नहीं रहेगा बांग्लादेश का वर्चस्व, भारत जल्द लेकर आ रहा है PLI स्कीम

अगली पोस्ट

कथित पत्रकार रवीश कुमार ‘पांडे’ को ‘ब्राह्मण बस्ती’ से क्या समस्या है?

संबंधित पोस्ट

हिंद महासागर की गहराइयों से आसमान तक: राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा और भारत की रणनीतिक मजबूती
आयुध

हिंद महासागर की गहराइयों से आसमान तक: राजनाथ सिंह का ऑस्ट्रेलिया दौरा और भारत की रणनीतिक मजबूती

7 October 2025

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जा रहे हैं। यह यात्रा भारत और ऑस्ट्रेलिया की रणनीतिक साझेदारी की पांचवीं वर्षगांठ के मौके...

पाकिस्तान फिर दहला: बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को उड़ाया, कई डिब्बे पटरी से उतरे
क्राइम

पाकिस्तान फिर दहला: बलूच विद्रोहियों ने जाफर एक्सप्रेस को उड़ाया, कई डिब्बे पटरी से उतरे

7 October 2025

पाकिस्तान एक बार फिर अपने ही घर में जल रहा है। बलूचिस्तान में आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे बलूच विद्रोहियों ने मंगलवार को एक बार...

भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें
क्राइम

भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

7 October 2025

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर उस सच्चाई को उजागर कर दिया है, जिसके बारे में देश वर्षों से आंखें मूंदे बैठा था।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why India’s Dhvani Missile Is a Bad News for Pakistan and China?

Why India’s Dhvani Missile Is a Bad News for Pakistan and China?

00:05:16

Why Are Kashmir’s So-Called Leaders Silent on Pakistan’s Brutality in PoK?

00:06:23

How Pakistan Air Force was Grounded by IAF During 'Operation Sindoor'?

00:06:03

Narrative War in UP: Why Ecosystem Fears Yogi’s Bulldozer of Truth

00:06:53

Why Electoral Roll Purification Is India’s National Priority? | Special Intensive Revision |

00:08:22
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited