TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Mahua Moitra Pinaki Mishra

    65 के पिनाकी मिश्रा की हुईं 50 की महुआ मोइत्रा, गठबंधन पर क्यों हो रही इन विवादों की चर्चा?

    Sharmistha Panoli Calcutta High Court

    शर्मिष्ठा पनोली को जमानत के साथ हिदायत, कोर्ट रूम में क्या हुआ?

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    कांग्रेस सरेंडर का इतिहास

    नेहरू से राहुल तक सरेंडर की विरासत, और आज कांग्रेस अलाप रही ‘Narendra Surrender’! जानें कैसा रहा है कांग्रेस का इतिहास

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    Westminster Court, Quran, London, Blasphemy Law, Britain, United Kingdom, UK

    कुरान जलाने पर कोर्ट ने दी सजा, क्या यूनाइटेड किंगडम में लौट आया ईशनिंदा कानून?

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Mahua Moitra Pinaki Mishra

    65 के पिनाकी मिश्रा की हुईं 50 की महुआ मोइत्रा, गठबंधन पर क्यों हो रही इन विवादों की चर्चा?

    Sharmistha Panoli Calcutta High Court

    शर्मिष्ठा पनोली को जमानत के साथ हिदायत, कोर्ट रूम में क्या हुआ?

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

    कांग्रेस सरेंडर का इतिहास

    नेहरू से राहुल तक सरेंडर की विरासत, और आज कांग्रेस अलाप रही ‘Narendra Surrender’! जानें कैसा रहा है कांग्रेस का इतिहास

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    Westminster Court, Quran, London, Blasphemy Law, Britain, United Kingdom, UK

    कुरान जलाने पर कोर्ट ने दी सजा, क्या यूनाइटेड किंगडम में लौट आया ईशनिंदा कानून?

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    पाकिस्तान को ADB से $800 मिलियन की फंडिंग मिलने का भारत ने किया कड़ा विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

लोकसभा 2024: बिहार में ‘उत्तर-प्रदेश 2014’ की पुनरावृति करने जा रहे हैं अमित शाह

'सीमांचल' में अमित शाह यूं नहीं गए थे!

TFI Desk द्वारा TFI Desk
28 September 2022
in राजनीति, समीक्षा
bihar
Share on FacebookShare on X

साल 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर विपक्षी दलों ने विपक्षी एकता का झुनझुना बजाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, सपा, टीएमसी एनसीपी, आप जैसे राजनैतिक दल इस कवायद में जुट गए हैं। इन सभी राजनैतिक दलों की मंशा बस इतनी सी है कि किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 के चुनाव में सत्ता से हटाया जाए, लेकिन TFI आपको पहले ही बता चुका है कि किस तरह से यह बिखरा हुआ विपक्षी कुनबा प्रधानमंत्री मोदी के लिए 2024 की राजनैतिक लड़ाई को आसान बनाने का कारण बनेगा। भले ही विपक्ष बिखरा हो लेकिन जिन राज्यों में भाजपा के सामने दो से ज्यादा राजनैतिक दलों का चक्रव्यूह है, वहां पार्टी ने अपनी चुनावी प्लानिंग शुरू कर दी है और मैदान पर भाजपा के राजनैतिक चाणक्य यानी गृहमंत्री अमित शाह उतर चुके हैं।

इस लेख में जानेंगे कि कैसे अमित शाह‌ लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिहार में ‘उत्तर-प्रदेश 2014‘ की पुनरावृति करने जा रहे हैं।

संबंधितपोस्ट

RCB की विक्ट्री परेड में मची भगदड़: 11 लोगों की हुई मौत, 50 से अधिक लोग घायल

हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

भास्कर के बाद TOI ने मांगी माफी, कर्नल कुरैशी व विंग कमांडर व्योमिका को BJP के प्रचार से जोड़ते हुए दी थी ‘फेक न्यूज़’

और लोड करें

और पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2024 में 400+ सीटें जीतने की योजना पर काम कर रही है बीजेपी

2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां

दरअसल, विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। ऐसे में भाजपा भी धीरे-धीरे चुनावी मोड में आ चुकी है‌, इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि पार्टी आने वाले चुनावों को लेकर अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद में कोई बदलाव नहीं करने वाली है। अर्थात 2024 के लोकसभा चुनावों तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद जेपी नड्डा के पास ही होगा। वहीं अब भाजपा के चाणक्य अमित शाह भी राष्ट्रीय राजनीति के लिहाज़ से जनता की नब्ज टटोलने के लिए मैदान में उतर चुके हैं।‌ अहम बात यह है कि उन्होंने अब चुनावी लिटमस टेस्ट की शुरुआत बिहार से की है।

वर्तमान राजनैतिक समीकरणों में भाजपा को सबसे बड़ा झटका बिहार में लगा है। यहां उसके पुराने सहयोगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी को एक बार फिर झटका देते हुए विपक्षी गठबंधन आरजेडी कांग्रेस के महागठबंधन का दामन थाम लिया। चुनाव के परिप्रेक्ष्य में देखें तो बिहार एक महत्वपूर्ण राज्य है ऐसे में भाजपा बिहार को लेकर सक्रिय हो गई है‌। हाल ही गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार के पूर्णिया में एक जनसभा को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर तगड़ा हमला बोला है।

अमित शाह गठबंधन टूटने के बाद पहली बार बिहार पहुंचे और यहां उन्होंने सीमांचल से बिहार सरकार और विपक्षी दलों की सरकार पर तगड़ा हमला बोला है।‌ अमित शाह ने कहा, “स्वार्थ के लिए नीतीश कुमार  लालू यादव की गोदी में जाकर बैठ गए। मोदी सरकार में किसी को डरने की जरूरत नहीं है। नीतीश कुमार ने स्वार्थ और सत्ता के चलते धोखा दिया है।” शाह ने कहा, “आज मैं जब बिहार में आया हूं तब लालू और नीतीश की जोड़ी को पेट में दर्द हो रहा है। वो कह रहे हैं कि बिहार में झगड़ा लगाने आए हैं, कुछ करके जाएंगे। लालू जी झगड़ा लगाने के लिए मेरी जरूरत नहीं है, आप झगड़ा लगाने के लिए पर्याप्त हैं, आपने पूरा जीवन यही काम किया है।”

अपनी सीमांचल की रैली के दौरान अमित शाह ने कहा, “नीतीश जी, लालू जी की गोद में बैठ गए हैं. अब यहां डर का माहौल बन गया है लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है। आपके साथ मोदी जी की सरकार है।” अमित शाह ने सीमांचल में कहा, “हमने जो वादा किया था, उसका हिसाब लेकर आया हूं. नीतीश जी मेरा भाषण सुन रहे होंगे। उनसे कहना चाहूंगा कि कागज-कलम लेकर बैठें और इस हिसाब को नोट करें।” अमित शाह ने बिहार में भाजपा की जीत का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि बिहार की जनता ने आपको (सीएम नीतीश कुमार) लंबे समय तक संदेह का लाभ दिया, अब वे जानते हैं कि इस बार न तो लालू की पार्टी आएगी और न ही आपकी पार्टी। केवल इस बार बिहार में पीएम मोदी का कमल खिलेगा।”

और पढ़ें- ब्रिटिश युग के कानूनों में बदलावों को लेकर क्या है प्लानिंग, अमित शाह ने बताया

अमित शाह अचानक बिहार क्यों पहुंच गए?

अब अहम बात यह है कि फिलहाल बिहार में कोई चुनाव नहीं है और फिर भी अमित शाह अचानक बिहार क्यों पहुंच गए? तो इसकी इसकी वजह है कि वे राजनैतिक लिटमस टेस्ट कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साल 2024 की चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है और उन्होंने सबसे पहले बिहार के उस हिस्से का दौरा किया है जहां पर भाजपा की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। दरअसल, सीमांचल के इस क्षेत्र में अररिया, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया जिले आते हैं। भाजपा को इन जिलों में कभी कोई विशेष लाभ होता नहीं दिखायी दिया। पार्टी की स्थिति यहां निम्न स्तर की रही है।

अहम बात यह है कि सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिमों की एक बड़ी आबादी रहती है जोकि इस क्षेत्र में चुनावी समीकरणों को सबसे अधिक प्रभावित करने के साथ ही यह निर्णय भी करती है कि किस पार्टी की विजय यहां सुनिश्चित होगी। मुस्लिम समुदाय के बहुसंख्यक होने के चलते यह स्वाभाविक है कि सीमांचल के क्षेत्र में भाजपा की स्थिति दयनीय है। इस क्षेत्र में एक समय आरजेडी का दबदबा था, इसके बाद पप्पू यादव ने भी सीमांचल की भूमि पर मुस्लिम यादव समीकरण बनाया। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में यहां असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने सभी राजनैतिक दलों का खेल खराब कर दिया और पार्टी ने 5 सीटें जीत लीं।

सीमांचल की जनसांख्यिकी की बात करें तो क्षेत्र में बांग्लादेश से पलायन करके आए मुस्लिम घुसपैठियों की एक बड़ी आबादी है जिन्होंने अवैध तरीके से नागरिकता प्राप्त कर ली है। ऐसे में अमित शाह सीमांचल की भूमि पर आकर यह संभावनाएं तलाश रहे हैं कि क्या इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र में हिंदुत्व के माध्यम से पार्टी कुछ सफलता प्राप्त कर सकती है या नहीं? कोरोना महामारी के दौरान केंद्रीय गृह मंत्रालय यह कह चुका था कि कोरोना के बाद देश में सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर कदम उठाए जाएंगे। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अमित शाह सीमांचल में एनआरसी का गणित सेट कर रहे हैं।

जानकारों की मानें तो अमित शाह अब जल्द ही एनआरसी लागू करने की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।‌ ऐसे में यह संभव है कि घुसपैठियों से भरी सीमांचल की इस भूमि से एनआरसी के माध्यम से मुसलमानों की संख्या में कमी आए जिससे इस क्षेत्र में हिंदुत्व के मुद्दे पर राजनैतिक सफलता पायी जा सके। महत्वपूर्ण बात यह है कि बिहार में जेडीयू और आरजेडी समेत सभी विरोधी दल भी मुस्लिम वोटों को अपने समीकरण में अवश्य रखते हैं, जिसके चलते यह माना जा रहा है कि यदि NRC लागू होता है तो उसका लाभ न केवल सीमांचल बल्कि पूरे बिहार‌ में भाजपा के हिस्से आ सकता है।

और पढ़ें- CAA विरोधियों के लिए पेश है अमित शाह का नया ऐलान

महागठबंधन का चक्रव्यूह

बिहार में नीतीश कुमार के कथित महागठबंधन वाले चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए अमित शाह 2014 में उत्तर प्रदेश में चला गया दांव अपना सकते हैं। बिहार की राजनीति में जातिगत समीकरण सबसे ज्यादा है और जेडीयू और आरजेडी इसी जातिगत समीकरण के दम पर भाजपा को बिहार से बुरी तरह हराने का दावा कर रही है। सबसे पहले इस बात पर ध्यान देना होगा कि भाजपा को आज भी बिहार की शहरी सीटों पर लाभ देखने को मिलता है, पटना, मुजफ्फरपुर, गया जैसे जिलों में भाजपा की अच्छी पकड़ मानी जाती है। जिसके चलते माना जा रहा है कि अमित शाह को बिहार की 3 सीटों पर अधिक संघर्ष नहीं करना पड़ेगा।

साल 2014 के लोकसभा चुनावों में अमित शाह उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे। यहां पूरी रणनीति के तहत भाजपा ने क्षत्रिय वोट बैंक को साधने के लिए राजनाथ सिंह को आगे किया, ब्राह्मण वोट के लिए कलराज मिश्र, ओबीसी वोट बैंक के लिए केशव प्रसाद मौर्य आगे आए। भाजपा ने यहां छोटी-छोटी जातियों को भी साधने के प्रयास किए। पार्टी ने राज्य में अलग-अलग जातियों के अलग-अलग प्रतिनिधि खड़े कर दिए जिस से प्रत्येक जाति के लोगों को यह भान हो कि भाजपा में उनकी पकड़ मजबूत हैं।

इसके अलावा 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा ने और दूसरी पार्टियों को साधने के लिए उन्हीं की जाति के नेताओं को खड़ा कर लोगों के मन में पार्टी के प्रति विश्वास पैदा करने का प्रयास किया। प्रत्येक जाति के शीर्ष नेताओं को अहमियत देकर पार्टी ने उन्हें चुनावों में वोट दिलाने का जिम्मा दिया और अमित शाह का यह दांव सही साबित हुआ, भाजपा ने यहां अपने दम पर 80 में से 71  सीटें जीत ली थी। इसी के साथ उत्तर प्रदेश की राजनीति में भगवाकरण का शंखनाद भी हो गया।

ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तर प्रदेश का 2014 वाला फार्मूला बिहार में भी लागू कर सकते हैं बिहार में यादव, भूमिहार, ब्राह्मïण, राजपूत, कायस्थ, कोईरी, कुर्मी, दलित, बनिया, कहार, धानुक, मल्लाह आदि जातियां अति सक्रिय मानी जाती हैं। इसके अलावा नीतीश कुमार ने यहां दलित महादलित का कार्ड भी खेला हुआ है। अब बिहार के चुनावी जातिगत समीकरण के लिहाज से देखें तो इन प्रमुख जातियों में चुन-चुनकर अपने बेहतरीन नेता आगे कर सकते हैं जो कि इन जातियों के बीच जिला स्तर से लेकर बूथ स्तर तक सम्मेलनों का आयोजन कर अपनी जाति के लोगों को लुभाने की कोशिश करेंगे।

और पढ़ें- ‘साइबर जिहाद’ से लड़ने के लिए तैयार है भारत, अमित शाह ने किया ऐलान

हिंदुत्व का मुद्दा

वहीं भाजपा को यह पता है कि राष्ट्रीय राजनीति में पार्टी का हिंदुत्व का मुद्दा अन्य राजनैतिक दलों पर सबसे अधिक भारी पड़ता है। ऐसे में पार्टी यहां हिंदुत्व के रास्ते पर चलकर बड़े वोट बैंक को अपनी तरफ कर सकती है। पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में, साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में इसी हिंदुत्व की राह पर चलकर जातिगत समीकरणों को बुरी तरह तोड़ा दिया था। माना जा रहा है कि इस बार बिहार में भी भाजपा इसी राह पर चलकर नीतीश के कथित महागठबंधन वाले चक्रव्यूह को ध्वस्त कर जीत को पा सकेगी।

साल 2014 के लोकसभा चुनावों को देखें तो आरजेडी जेडीयू सभी के विपरीत लगने के बाद भी भाजपा ने यहां पर एक बड़ी राजनैतिक बढ़त बनायी थी जिसका परिणाम यह था कि NDA  ने राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 28 पर अपना कब्जा जमाया था। यह दिखाता है कि भाजपा की केंद्रीय राजनीति को लेकर बिहार में एक विशेष लोकप्रियता है जोकि पार्टी के लिए लाभप्रद हो सकती है। 2019 के चुनावों में भाजपा को एक बड़ी क्षति इसलिए पहुंची क्योंकि उसने जदयू से गठबंधन कर लिया और उसे अपने जीते सांसदों को बैठाना पड़ा।‌

बिहार में साल 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और नीतीश का गठबंधन था लेकिन इस गठबंधन की जीत की महत्वपूर्ण कड़ी भाजपा साबित हुई जिसने जेडीयू की सत्ता विरोधी लहर के बाद भी 70 से अधिक सीटें जीती पर इसी का परिणाम था कि एनडीए ने सरकार बनायी। ऐसे में माना जा रहा है कि साल 2024 के लोकसभा चुनावों में जिन्होंने मजबूरी में जेडीयू को भाजपा को जिताने के उद्देश्य से वोट किया था, वे जेडीयू से नाराज होकर भाजपा के पाले में जा सकते हैं जिसका बड़ा लाभ भाजपा को होगा।

और पढ़ें- अमित शाह ने केजरीवाल को दिखायी उनकी औकात

बिहार के वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य और अमित शाह की अति सक्रियता यह दर्शा रही है कि एक तरफ जहां देश में एनआरसी की आहट हो सकती है तो वहीं जातिगत समीकरणों को तोड़ने के लिए पार्टी उत्तर प्रदेश का 2014 वाला फार्मूला लागू कर सकती है जिससे साल 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी एकता का गुब्बारा एक छोटी सी पिन से फोड़ सके।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: 2024 लोकसभा चुनावBJPJDUअमित शाहनीतीश कुमारभाजपा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

Festival Essay in Hindi with Explanation of few festivals

अगली पोस्ट

How to make Corn flour in Hindi with Uses and Harm

संबंधित पोस्ट

Mahua Moitra Pinaki Mishra
Uncategorized

65 के पिनाकी मिश्रा की हुईं 50 की महुआ मोइत्रा, गठबंधन पर क्यों हो रही इन विवादों की चर्चा?

5 June 2025

जब बात नशे की हो तो देश में पारंपरिक महुआ शराब का नाम आ ही जाता है। एक ऐसा पेड़ जो कई गुणों से भरपूर...

Sharmistha Panoli Calcutta High Court
चर्चित

शर्मिष्ठा पनोली को जमानत के साथ हिदायत, कोर्ट रूम में क्या हुआ?

5 June 2025

मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने शर्मिष्ठा पनोली केस में सुनवाई की। अदालत ने मुस्लिम समुदाय के बारे में की गई टिप्पणियों पर आपत्ति जताने के...

शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति
समीक्षा

शपथ से विश्वासघात: जनप्रतिनिधियों द्वारा राष्ट्रीय एकता को कमजोर करने की खतरनाक प्रवृत्ति

5 June 2025

शपथ एक गंभीर वादा है कि जनप्रतिनिधि भारत की संप्रभुता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करेंगे। जब ये प्रतिनिधि इस शपथ का उल्लंघन करते हैं—सरकारी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited