भारत में भगवान सूर्य के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जिनका अपना महत्व है। भारत में वैदिक काल से ही भगवान सूर्य की पूजा होती आ रही है। भगवान सूर्य को समर्पित भारत में कई सूर्य मंदिर हैं। कुछ मंदिरों की कलाकृतियां अद्भुत हैं तो कुछ मंदिर की वास्तुकला का कोई जोड़ नहीं है। इस लेख में हम भारत में स्थित कुछ प्राचीन और अद्भुत सूर्य मंदिरों (Sun temple list in Hindi) के बारे में क्रमानुसार जानेंगे।
सूर्य मंदिरों की सूची
कोणार्क सूर्य मंदिर
कोणार्क सूर्य मंदिर (Sun temple) भगवान सूर्य के सबसे विख्यात मंदिरों में से एक है जो ओडिशा भारत के कोणार्क में स्थित है। वर्ष 1984 में इस मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था। मान्यता है कि यहां भगवान के साक्षात् दर्शन होते हैं। इस मंदिर का निर्माण सूर्य देव के रथ के आकार में किया गया है जिसमें 12 जोड़ी पहिए हैं और 7 घोड़ों के द्वारा जिसे खींचते हुए दिखाया गया है। यह 7 घोड़े 7 दिन के प्रतीक हैं और 12 जोड़ी पहिए दिन के 24 घंटों को दर्शाते हैं। मध्यकालीन वास्तुकला का यह मंदिर उत्कृष्ट उदाहरण है।
और पढ़ें: कैलाश मंदिर: इंजीनियर्स के लिए आज भी रहस्य, औरंगजेब नष्ट करना चाहता था लेकिन हार गया
देवार्क सूर्य मंदिर
देवार्क सूर्य मंदिर (Sun temple) भारत बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित है जिसे देव सूर्य मंदिर, देवार्क सूर्य मंदिर या देवार्क नाम से भी जाना जाता है। हजारों वर्ष पुराना यह अद्भुद सूर्य मंदिर काले और सफेद पत्थरों से बना हुआ है। इस मंदिर की कलाकृतियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने एक रात में किया था।
उलार्क सूर्य मंदिर
उलार्क सूर्य मंदिर (Sun temple) बिहार के पटना से 50 किलोमीटर दक्षिण में पालीगंज के पास उलार में स्थित है। इस मंदिर को उलार नाम से भी जाना जाता है। कोणार्क और देवार्क के बाद उलार्क को भगवान सूर्य के सबसे बड़े तीसरे आर्क स्थल के रूप में माना जाता है। मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र शाम्ब ऋषि-मुनियों के श्राप के कारण कुष्ठ रोग से पीड़ित हो गए थे। बाद में देवताओं के सुझाने पर उन्होंने उलार के तालाब में स्नान कर सवा महीने तक सूर्य की उपासना की थी। जिसके बाद वो इस रोग से मुक्त हो गए थे। मुगल काल में क्रूर मुगल शासक औरंगजेब द्वारा उलार मंदिर को बहुत क्षति पहुंचायी गई थी। जिसके बाद 1950-54 में संत अलबेला बाबा ने लोगों के सहयोग से मंदिर की मरम्मत कराई थी। जन सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया।
मोढेरा सूर्य मंदिर
मोढेरा सूर्य मंदिर (Sun temple) गुजरात के मेहसाना जिले के मोढेरा नामक स्थान पर है जिसे सोलंकी वंश से संबंध रखने वाले और सूर्यदेव में गहन आस्था रखने वाले सूर्यवंशी राजा भीमदेव प्रथम ने निर्मित करवाया था। यह सूर्य मंदिर (Sun temple) गुजरात राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों का मुख्य केंद्र है जिसकी कलाकृतियां अद्भुत हैं। मंदिर की दीवारों पर पौराणिक कथाओं का चित्रण किया गया है। मंदिर परिसर में एक गर्भगृह, एक सभा मंडप और एक कुंड भी बनाया गया है।
कटारमल सूर्य मंदिर
प्राचीनतम कटारमल सूर्य मन्दिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है जिसे दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर (Sun temple) माना जाता है। कहा जाता है कत्यूरी शासक कटारमल देव के द्वारा इसे बनवाया गया। इस सूर्य मंदिर को बड़ आदित्य सूर्य मंदिर भी कहते हैं क्योंकि यहां भगवान सूर्य की मूर्ति बरगद की लकड़ी से बनी हैं। मंदिर की दीवारों पर आकर्षिक कलाकृतियां हैं। यहां सूर्यदेव की दो प्रतिमाएं तो हैं ही साथ ही भगवान विष्णु, भगवान शिव और गणेशजी की प्रतिमाएं हैं।
रनकपुर सूर्य मंदिर
सफेद संगमरमर के पत्थर से बना रनकपुर सूर्य मंदिर (Sun temple) राजस्थान के रणकपुर में स्थित है। कहते हैं कि इसे जैनियों के द्वारा बनवाया गया जहां भगवान सूर्य की रथ पर सवार मूर्ति स्थापित है। मंदिर की दीवारों पर योद्धाओं, घोड़ों और स्वर्गीय पिंडों की अद्भुत चित्रकला दिखाई गई है।
दक्षिणार्क सूर्य मंदिर
दक्षिणार्क सूर्य मंदिर (Sun temple) बिहार के गया जिले में स्थित है। छठ पूजा के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालू यहां जुटते हैं। इस मंदिर में कई देवियों की प्रतिमाएं स्थापित हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चन्द्रगुप्त मौर्य के जन्म से भी पहले हुआ था। भगवान सूर्य की उपासना के लिए ये एक प्रमुख धर्म स्थल है।
और पढ़ें: बृहदेश्वर मंदिर मानव इतिहास की उत्कृष्ट कलाओं में से एक क्यों है?
मार्तंड सूर्य मंदिर
मार्तंड मंदिर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कारकोटा राजवंश के शासक ललितादित्य के द्वारा मध्यकालीन युग में 7वीं से 8वीं शताब्दी के दौरान कराया गया था। बताया जाता है कि राजा ललितादित्य सूर्य की पहली किरण निकलने पर सूर्य मंदिर (Sun temple) में पूजा कर चारों दिशाओं में देवताओं का आह्वान कर ही अपनी दिनचर्या प्रारंभ करते थे। इस मंदिर के दर्शन के लिए देश के अलग अलग कोनों से लोग आते हैं।
सूर्यनार कोइल मंदिर
सूर्यनार कोइल मंदिर तमिलनाडु में कुंभकोणम के पास है, यहां पर सभी ग्रह देवताओं के अलग-अलग मंदिर हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा करने से कई समस्याएं दूर हो जाती हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चोल राजाओं ने कराया था।
और पढ़ें: कैसे अजमेर शरीफ दरगाह ने विश्व के इकलौते ब्रह्मा जी के मंदिर ‘पुष्कर महातीर्थ’ को निगल लिया?
सूर्य मंदिर, रांची
रांची के बुंडू के पास स्थित यह सूर्य मंदिर (Sun temple) एक विशाल रथ के आकार में बनाया गया है। जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। रथ को खीचने के लिए 9-9 घोड़े भी लगे हुए हैं जो बिल्कुल सजीव प्रतीत होते हैं। इस मंदिर में छठ के पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। यहां आने वाले भक्त खाली हाथ नहीं लौटते और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
लेख में हमने आपको देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित सूर्यदेव के मंदिरों के बारे में बताया है, भले ही यह सूची 10 सूर्यमंदिरों की है लेकिन अपने अंदर अनोखेपन को समेटे और भी कई सूर्य मंदिर है। हालांकि की हमने 10 मंदिरों की ही सूची बनाई है। अब आज जान गए होंगे ये मंदिर अपने आप में कितने अद्भुत हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=aIH6DSmx410
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।