“दुनिया में प्यार जब बरसे, न जाने दिल ये क्यों तरसे” …….
अरे नहीं बंधुओं, ये समस्या हमारी नहीं, उन सभी लोगों की है, जो माया कोडनानी के बाहर निकलने का मातम मना रहे हैं। माया क्या बाहर निकली, मानो सब कुछ इनके लिए खत्म हो गया। खान मार्केट बिरादरी में तो कुछ दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित हुआ है। इस लेख में जानिये माया कोडनानी का अनुभव, और कैसे इनकी रिहाई पर लिबरल ऐसे रो रहे हैं, जैसा कोई इनका लॉलीपॉप चुरा गया हो।
कौन है माया कोडनानी?
सर्वप्रथम प्रश्न : आखिर माया कोडनानी है कौन? एक समय ये भाजपा की कद्दावर नेताओं में से एक थी, जिन्हे प्रारंभ से ही विपत्तियों का सामना करना पड़ा था, परंतु इन्होंने पराजय नहीं स्वीकार थी। अगर इनका नाम माया मिर्ज़ा या माया फर्नांडीज़ होता, तो अब तक इनके जीवन पर बायोपिक बन चुका होता, मगर….
माया के माता पिता मूल रूप से सिंध प्रांत के निवासी थे, जिन्हे विभाजन के बाद भारत के ईटानगर में शरण लेना पड़ा। परंतु इन्होंने हिम्मत नहीं हारी। माया प्रारंभ से आरएसएस के प्रति आकृष्ट थी, और राष्ट्रीय सेविका समिति की सदस्या भी बनी। इन्होंने धीरे धीरे अपने आप को एक सफल चिकित्सक के रूप में स्थापित किया।
जब गुजरात में भाजपा का प्रभाव बढ़ने लगा, तो माया कोडनानी ने इसमें अपने लिए एक अवसर खोजा। 1995 से वह भाजपा की सक्रिय सदस्य बनी, और तीन बार नरोडा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी जीता। परंतु 2002 में भड़के दंगों में जब तहलका ने कथित तौर पर एक स्टिंग ऑपरेशन किया, तो इसमें माया को दंगे भड़काने का आरोपी बनाया गया, और इसी रिपोर्ट के आधार पर इन्हे “नरोडा पाटिया नरसंहार” की प्रमुख दोषी करार दिया गया।
Extreme hypocrisy
Jaipur blast accused acquitted –> ecosystem calls them as heroes. Asks who will give back their yrs in jail
Naroda accused acquitted –> they say "shameful moment"
Who will give back dignity of Dr Maya Kodnani, unfairly called as terrorist & murderer for yrs
— Abhishek (@AbhishBanerj) April 21, 2023
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ये जलन ये चुभन
परंतु यह सारी दलीलें अंत में निष्फल सिद्ध हुई, जब 2018 में ट्रायल कोर्ट के निर्णय को रद्द करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने माया कोडनानी को निर्दोष सिद्ध किया। अब हाल ही में सेशन कोर्ट ने लगभग सभी मामलों में माया कोडनानी को निर्दोष सिद्ध किया है।
परंतु यही बात लिबरलों को बिल्कुल नहीं पच रही, जो तन मन धन से माया को गुजरात की डायन मानके बैठे हैं।
2002 Naroda Gam case: All accused, including Maya Kodnani, Babu Bajrangi, acquitted – India Today no justice for the Gujarat 2002 riots. Sick making https://t.co/sOxQeMImmi
— Swati Chaturvedi (@bainjal) April 20, 2023
इनकी माने तो इस निर्णय से गुजरात की हत्या हुई है। विश्वास नहीं होता तो हमारे खाजदीप, क्षमा करें, राजदीप भाईजान की करुण पुकार सुन लें।
ये ट्वीट करते हैं, “नरोदा गाम में कोई नहीं मरा। सब निर्दोष है। ये फिर से सांप्रदायिक हिंसा पर न्यायिक व्यवस्था द्वारा दोषियों को दंडित करने की अक्षमता को दर्शाता है”।
NO ONE KILLED 11 people in Naroda Gam in Gujarat 2002, court acquits all accused. Yet another sad and shameful moment in the Indian judicial system’s repeated failure to prosecute the guilty in communal violence cases. https://t.co/ItCHf0sO7j
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) April 20, 2023
अंकल जी, ऊ सब छोड़ो, सच सच बताना, ब्लू टिक जाने का दर्द ज़्यादा है न? है न? इतनी जल्दी तो आप विचलित होते नहीं, फिर माया की रिहाई पे अश्रुगंगा क्यों? तंदूरी चिकन नहीं मिलता क्या अब?
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ये तो प्रारंभ है
परंतु ये तो कुछ भी नहीं है। राणा अयूब कोडवर्ड में मातम मना रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर स्वाति चतुर्वेदी ने इस निर्णय को न्याय पर प्रहार बताया। जमा जमा यूं है कि माया कोडनानी ने सम्पूर्ण वामपंथी बिरादरी को रिहा होकर ऐसे घाव दिए हैं, जिसके लिए बरनॉल भी पर्याप्त नहीं होगा।
Good news for rana bibi in the holy month .. she was crying .. exhibit H exhibit H over the news of release of Maya Kodnani https://t.co/vpGCkruMGG pic.twitter.com/KZRHw7H7f4
— exsecular(Modi ka Parivar) (@ExSecular) April 21, 2023
परंतु जफरुल इस्लाम खान की हरकतों को देखकर लगता है कि घाव कुछ ज्यादा ही गहरे हैं। भाईसाब अब मकसद की बातें करने लगे हैं। यहाँ तक ट्वीट कर दिए कि अल्लाह के अदालत से कौन बचाएगा।
All 60 accused, incl. Maya Kodnani, Babu Bajrangi acquitted in Naroda Gam riot case in which 11 Muslims were killed! Kodnani, convicted in Naroda Patiya in which 97 Muslims were massacred, was also let off by Guj. HC. Who will save them from Allah's court?https://t.co/CYjYk9bn5R
— Zafarul-Islam Khan (@khan_zafarul) April 20, 2023
ये किसी प्रकार की धमकी नहीं होंगी, परंतु किसी व्यक्ति ने एक राज्य के प्रवासियों पर अत्याचार पे रिपोर्टिंग क्या कर दी, उसके अपने प्रशासन से लेकर दूसरा राज्य तक उसका जीवन नारकीय बनाएगा और रासुका तक लगाएगा। ये एक्सेप्टेबल नहीं है बंधुओं।
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