TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    टी राजा सिंह (FILE PHOTO)

    BJP के फायरब्रैंड नेता टी राजा सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफा, जानें क्या है वजह?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया की जगह डीके शिवकुमार बनेंगे CM?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया से छिनेगा CM पद!; खरगे के बयान के बाद क्या हैं अटकलें?

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    स्विमिंग पूल में 2019 के पुलवामा हमले में शामिल चार आतंकियों मोहम्मद उमर फारूक, तल्हा राशिद अल्वी, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और राशिद बिल्ला ने इसी स्विमिंग पूल में तस्वीरें खिंचवाई थीं (चित्र: द प्रिंट)

    ऑपरेशन सिंदूर के कुछ हफ्तों बाद जैश-ए-मोहम्मद ने फिर खोला बहावलपुर आतंकी केंद्र

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    कैथरीन पेरेज़-शकदम (Photo - IBT)

    कैसे मोसाद की ‘ब्लैक लेडी’ ने खामेनेई तक बनाई पहुंच, इज़रायल को दिए न्यूक्लियर ठिकानों के पते

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    टी राजा सिंह (FILE PHOTO)

    BJP के फायरब्रैंड नेता टी राजा सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफा, जानें क्या है वजह?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया की जगह डीके शिवकुमार बनेंगे CM?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया से छिनेगा CM पद!; खरगे के बयान के बाद क्या हैं अटकलें?

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    स्विमिंग पूल में 2019 के पुलवामा हमले में शामिल चार आतंकियों मोहम्मद उमर फारूक, तल्हा राशिद अल्वी, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और राशिद बिल्ला ने इसी स्विमिंग पूल में तस्वीरें खिंचवाई थीं (चित्र: द प्रिंट)

    ऑपरेशन सिंदूर के कुछ हफ्तों बाद जैश-ए-मोहम्मद ने फिर खोला बहावलपुर आतंकी केंद्र

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    कैथरीन पेरेज़-शकदम (Photo - IBT)

    कैसे मोसाद की ‘ब्लैक लेडी’ ने खामेनेई तक बनाई पहुंच, इज़रायल को दिए न्यूक्लियर ठिकानों के पते

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

श्रीमद भगवद्गीता के विभिन्न अध्याय और उनकी मुख्य अवधारणाएँ

TFI Desk द्वारा TFI Desk
24 September 2024
in ज्ञान, संस्कृति
श्रीमद भगवद्गीता के विभिन्न अध्याय और उनकी मुख्य अवधारणाएँ
Share on FacebookShare on X

श्रीमद भगवद्गीता 18 अध्यायों में विभाजित है, जिनमें से प्रत्येक में मूल्यवान शिक्षाएँ और अंतर्दृष्टियाँ दी गई हैं। श्रीमद भगवद्गीता में आत्म-साक्षात्कार, कर्तव्य, भक्ति, ज्ञान, ध्यान, संन्यास और परमात्मा के स्वरूप से संबंधित व्यापक विषय शामिल हैं। प्रत्येक अध्याय जीवन के उद्देश्य की समग्र समझ में योगदान देता है और आध्यात्मिक विकास और मुक्ति के मार्ग पर मार्गदर्शन प्रदान करता है। प्रत्येक अध्याय स्वयं में एक योग है।
अध्यायों का संक्षिप्त अवलोकन और उनमें उल्लिखित प्रमुख अवधारणाएँ इस प्रकार हैं:
अध्याय 1: अर्जुन विषाद योग (अर्जुन के विषाद का योग)
अध्याय 2: सांख्य योग (ज्ञान का योग)
अध्याय 3: कर्म योग (निःस्वार्थ कर्म का योग)
अध्याय 4: ज्ञान कर्म संन्यास योग (ज्ञान और कर्म के संन्यास का योग)
अध्याय 5: कर्म संन्यास योग (कर्म के संन्यास का योग)
अध्याय 6: ध्यान योग (ध्यान का योग)
अध्याय 7: ज्ञान-विज्ञान योग (ज्ञान और विज्ञान का योग)
अध्याय 8: अक्षर ब्रह्म योग (अक्षर ब्रह्म का योग)
अध्याय 9: राजविद्या योग (राजविद्या और राजगुह्य का योग)
अध्याय 10: विभूति योग (दिव्य विभूतियों का योग)
अध्याय 11: विश्वरूप दर्शन योग (विश्व रूप के दर्शन का योग)
अध्याय 12: भक्ति योग (भक्ति का योग)
अध्याय 13: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विभाग योग (क्षेत्र और क्षेत्रज्ञ का योग)
अध्याय 14: गुणत्रय विभाग योग (तीन गुणों का योग)
अध्याय 15: पुरुषोत्तम योग (परम दिव्य पुरुष का योग)
अध्याय 16: दैवासुर संपद विभाग योग (दैवी और आसुरी संपदाओं का विभाजन का योग)
अध्याय 17: श्रद्धात्रय विभाग योग (तीन प्रकार की श्रद्धा का योग)
अध्याय 18: मोक्ष संन्यास योग (मोक्ष और संन्यास का योग)
श्रीमद् भागवत गीता का प्रथम अध्याय भगवत् गीता कहे जाने के मूल कारण पर आधारित है। कुरुक्षेत्र के मैदान में कौरव एवं पांडवों की सेना एक दूसरे के समक्ष उपस्थित थी। युद्ध की समस्त तैयारी हो चुकी थी। इसी समय अर्जुन अपने समक्ष अपने गुरु एवं बंधु – बंधावों को देखकर युद्ध के प्रति अनिक्षा प्रकट करता है तथा अपने सारथी श्री कृष्णा से युद्ध न करने की बात कहता है। कुरुक्षेत्र के मैदान में युद्ध की अनिच्छा एवं अंतरमन की दुविधा से ग्रसित अर्जुन द्वारा श्री कृष्णा से किए गए वार्तालाप का प्रारंभ भगवत गीता की पूर्व पीठिका है। युद्ध में अपने सामने अपने रिश्तेदारों, गुरुजनों और मित्रों को देखकर अर्जुन के मन में गहरी अनिच्छा एवं विषाद उत्पन्न हुआ। यह अर्जुन के लिए गंभीर आत्मिक संकट था जहां वह अपने कर्तव्यों तथा व्यक्तिगत भावनाओं के मध्य संतुलन रख पाने में असमर्थ महसूस कर रहा था। व्यक्तिगत लगाव एवं भावनात्मक उद्वेगों के कारण अर्जुन को यह समझ नहीं आ रहा था कि धर्म और नैतिकता क्या है?  स्पष्ट रूप से भगवत गीता का प्रथम अध्याय जो अर्जुन विषाद योग के नाम से जाना जाता है, में कर्तव्य तथा व्यक्तिगत लगाव के बीच का संघर्ष प्रकट होता है। इसी संघर्ष एवं किंकर्तव्यविमूढ़ हो चुके अर्जुन के द्वंदों के निराकरण हेतु भगवान श्री कृष्ण द्वारा प्रथम अध्याय में उपदेश किया गया है।

गीता का द्वितीय अध्याय सांख्य योग कहा जाता है। सांख्य योग का अर्थ है ज्ञान का योग। आत्मा का स्वरूप एवं उसकी विभिन्न अवस्थाएं तथा आत्मभाव प्राप्ति के मार्गों की चर्चा इस अध्याय में वर्णित है। गीता का यह अध्याय भौतिक शरीर के स्थायित्व तथा पुनर्जन्म की अवधारणा को स्वीकार करता है। भारतीय वैदिक साहित्य में पुनर्जन्म की अवधारणा श्रीमद् भागवत गीता में काफी मुखर रूप से दिखाई पड़ती है। पुनर्जन्म की यह अवधारणा आत्मा को शाश्वत एवं पूर्ण रूप में स्वीकार करने से और भी प्रबल होती है। पुनर्जन्म की अवधारणा के आधार पर श्री कृष्ण यह व्याख्यायित करते हैं कि जब भौतिक शरीर की मृत्यु हो जाती है तो आत्मा एक नए शरीर में प्रवेश करती है और इस तरह से आत्मा का यह प्रवाह निरंतर जारी रहता है। आत्मा नए शरीर में तब तक प्रवेश करती है जब तक हमारे कर्मों का संस्कार उपस्थित रहता है। अनासक्त भाव से कम करते हुए एक स्थिति ऐसी आती है जब व्यक्ति द्वारा किए गए कर्म संस्कार या बीज रूप में संचित नहीं होते। श्रीमद् भागवत गीता का द्वितीय अध्याय इसी प्रकार के कर्तव्य एवं कर्म के स्वरूपों पर भी चर्चा करता है। इसका उद्घोष है कि हमें परिणाम के प्रति आसक्ति न रखकर केवल कर्तव्य पालन पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि वही हमारे अधिकार क्षेत्र में है। यह अधिकार क्षेत्र जब व्यक्ति समझ लेता है और बिना किसी लगाव के कर्म करने लगता है तो वह कर्मबंधन से मुक्त हो जाता है। परिणाम के प्रति आसक्ति को त्याग कर अपने कर्तव्यों का पालन करने वाला व्यक्ति मानसिक शांति एवं आध्यात्मिक उन्नति को प्राप्त होता है। इस प्रकार भागवत गीता के द्वितीय अध्याय में आसक्ति पर विजय, कर्तव्य का पालन एवं  अनासक्त कर्म इन प्रमुख बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है।
गीता का तृतीय अध्याय कर्म योग कहा गया है। श्रीमद् भागवत गीता में कर्म को अनासक्त कर्म के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है। इसका अर्थ है कि बिना आसक्ति तथा अपने निहित स्वार्थपूर्ण उद्देश्यों के यदि हम निर्धारित कर्तव्यों का पालन करते हैं तो बंधनों में नहीं बंधते हैं। भगवत गीता के इस अध्याय में धर्म के अनुरूप कर्म, स्वार्थपूर्ण भावना का त्याग एवं कर्तव्य पालन पर जोर दिया गया है। कर्म योग का मुख्य उद्देश्य है कि व्यक्ति अपने निर्धारित कर्तव्यों और धर्म के अनुसार कम करें। यह कर्म समाज और परिवार के लाभ के लिए होना चाहिए ना कि व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए। गीता के अनुसार इस प्रकार कर्म करते हुए व्यक्ति को कर्मों के फलों के प्रति एवं आसक्ति पर विजय प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है। जब व्यक्ति अपने कर्मों के परिणाम से जुड़े बिना कर्म करता है तो वह मानसिक तनाव एवं चिंता से मुक्त होता है। आसक्ति और परिणाम की चिंता आत्मा की उन्नति में बाधक होती है। इस प्रकार यदि हम अनासक्त भाव से कम करते हैं तो आत्मभाव में स्थिति एवं मोक्ष की प्राप्ति की तरफ अग्रसर हो सकते हैं।

संबंधितपोस्ट

आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

योग से जोड़ो, आयुर्वेद से संवारो: विश्व-व्यवस्था का भारतीय दर्शन

मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने के लिए योग का व्यपाक जन अभियान चलाएगी BJP

और लोड करें

गीता का चतुर्थ अध्याय ज्ञानकर्म सन्यास योग है। भगवत् गीता भूत वर्तमान एवं भविष्य के कार्यक्रम में इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड साइंसेज अमेरिका के डायरेक्टर प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर बलराम सिंह इस अध्याय के संबंध में कहते हैं कि गीता का यह अध्याय अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। यहां पर सामान्य रूप से ज्ञान कर्म सन्यास एवं योग को गूढ़ता से समझना आवश्यक है। उनके अनुसार सन्यास का अर्थ है सम्यक् न्यास अर्थात् पूर्ण रूप से स्थापित होना। इस प्रकार प्रोफेसर बलराम सिंह के अनुसार गीता का चतुर्थ अध्याय हमें ज्ञान कर्म को छोड़ने की बजाय अथवा इससे दूर होने के बजाय ज्ञान एवं कर्म के संपूर्ण स्वरूप को, जिसका वर्णन गीता के पिछले अध्यायों में किया जा चुका है, को समझते हुए उसके स्वरूप को स्वयं में पूर्णरूप से स्थापित करना है। यही स्थिति ज्ञान, कर्मरूपी भाव को योग के रूप में परिणित कर देती है। भगवत गीता के इस अध्याय में श्री कृष्ण स्पष्ट करते हैं कि वास्तविक ज्ञान एवं कर्म के सही प्रयोग से आत्मतत्व को जाना जा सकता है। इस अध्याय में श्री कृष्ण शाश्वत ज्ञान की परंपरा का उद्घोष करते हुए उसके स्रोत, निरंतरता एवं उद्देश्यों पर चर्चा करते हैं। श्री कृष्ण के अनुसार शाश्वत ज्ञान को जानते हुए उसके अनुरूप व्यवहार करना अत्यंत आवश्यक है। जब किसी कालखंड में उस ज्ञान के अनुरूप व्यवहार नहीं होता तो वह सुप्त अवस्था में चला जाता है। गीता के इस अध्याय में ज्ञान एवं कर्म के मध्य संबंध की भी चर्चा है। कृष्ण के अनुसार ज्ञान प्राप्ति के पश्चात् कर्म करने का तरीका बदल जाता है। जब व्यक्ति को ज्ञान हो जाता है तो वह सही कर्मों को सही उद्देश्यों के लिए प्रतिपादित करना प्रारंभ कर देता है। भगवत गीता का यह अध्याय सन्यास एवं उनके विभिन्न रूपों की अवधारणा पर भी चर्चा करता है। सन्यास की अवधारणाओं में सांसारिक सन्यास तथा आध्यात्मिक संन्यास के मध्य विभाजन मिलता है। सांसारिक सन्यास में व्यक्ति अपने मन और शरीर को संसार से अलग कर ध्यान एवं साधना की ओर केंद्रित करता है जबकि आध्यात्मिक सन्यास में व्यक्ति अपने स्वार्थ, अहंकार एवं इच्छाओं को त्याग कर आत्मतत्व की वास्तविकता को समझने लगता है। आध्यात्मिक संन्यास के अंतर्गत व्यक्ति अपने आत्मा के वास्तविक धर्म को महसूस कर स्थितप्रज्ञ की अवस्था में स्थापित हो जाता है। इस प्रकार भागवत गीता का चतुर्थ अध्याय ज्ञान, कर्म एवं सन्यास के मध्य संबंध एवं जीवन में उनकी उपयोगिताओं पर चर्चा करता है।

श्रीमद् भागवत गीता का पंचम अध्याय कर्म सन्यास योग है। इस अध्याय में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को सन्यास एवं अनासक्त कर्म के महत्व तथा उसके मध्य सामंजस्य को स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि कर्म योग एवं कर्म सन्यास दोनों ही मार्ग मुक्ति के लिए उपयुक्त हैं परंतु अनासक्त कर्म करते हुए संसार में रहकर मुक्ति प्राप्त करना श्रेष्ठ मार्ग है। इस प्रकार गीता का यह अध्याय कर्म सन्यास एवं अनासक्त कर्म के मध्य सामंजस्य की चर्चा करता है। इन दोनों में सामंजस्य की चर्चा हुई करते हुए श्री कृष्ण कहते हैं कि कार्य करने से भी आत्मा की शुद्धि होती है और उससे मोक्ष प्राप्त हो सकता है परंतु कर्मयोगी के लिए आवश्यक है कि उसका कर्म अनासक्त रूप में रहे जिससे कि वह काम उसे कर्म बंधन में न बांधे। इस प्रकार कर्म करने से व्यक्ति मानसिक रूप से अन्य किसी उद्वेगों से प्रभावित एवं विचलित नहीं होता। श्रीमद् भागवत गीता का यह अध्याय संन्यास के वास्तविक स्वरूप एवं आध्यात्मिक विकास में इसके महत्व की चर्चा करता है। संन्यास के वास्तविक स्वरूप की चर्चा करते हुए कृष्ण कहते हैं कि केवल बाहरी कर्मों का त्याग नहीं बल्कि मन, बुद्धि और अहंकार से उत्पन्न इच्छाओं एवं आसक्तियों का त्याग भी संन्यास के लिए आवश्यक है। इस प्रकार व्यवहार करता हुआ व्यक्ति भौतिक जीवन में रहते हुए भी आंतरिक रूप से स्वयं को संसार के बंधनों से मुक्त कर सकता है। यही आत्मभाव का जागरण है जो व्यक्ति के सीमित आत्मा को परमआत्मा से संबद्ध कर देता है। या यूं कहे तो परमआत्म का व्यक्ति की आत्मा में जागरण हो जाता है।

श्रीमद् भागवत गीता का छठा अध्याय ध्यान योग है। इस अध्याय में श्री कृष्ण अर्जुन को ध्यान के महत्व एवं इसके माध्यम से आत्मभाव के साक्षात्कार का वर्णन करते हैं। ज्ञान के अभ्यास इंद्रियों एवं मन पर नियंत्रण तथा योग के मार्ग पर अनुशासन एवं धैर्य के साथ आगे बढ़ना ध्यान योग का प्रमुख प्रतिपाद्य विषय है। ध्यान योग का मुख्य उद्देश्य मन एवं आत्मा को एकाग्र कर परम तत्व को स्वयं में उत्पन्न करना है। व्यवहारिक जीवन में व्यक्ति ज्ञान के माध्यम से अपने मानसिक एवं शारीरिक विचलनों से स्वयं को नियंत्रित कर कर्म पथ पर अग्रसर हो सकता है। ज्ञान हमें नियमितता एवं अनुशासन का मार्ग बताता है क्योंकि बिना अनुशासन के ध्यान संभव नहीं है। व्यवहारिक जीवन में हम सब जानते हैं कि बिना अनुशासन के किसी भी कार्य में श्रेष्ठ सफलता प्राप्त करना संभव नहीं है। युद्ध में अपने मन, इंद्रिय एवं आवेगों पर नियंत्रण कर कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ना अर्जुन का परम कर्तव्य है। श्री कृष्ण ध्यान योग के माध्यम से अर्जुन की इसी मानसिक स्थिति को जागृत करने का प्रयास करते हैं जहां वह स्वधर्म को समझते हुए अपने कर्म को कर्तव्य मानकर युद्ध के लिए तैयार हो सके। इंद्रिय, मन एवं अहंकार पर नियंत्रण व्यक्ति के आत्मिक उत्कर्ष के लिए अत्यंत आवश्यक है। श्री कृष्ण अध्याय 2 में इस प्रकार की चर्चा करते हुए कहते हैं –
क्रोधाद्भवति संमोहः संमोहात्स्मृतिविभ्रमः।
स्मृतिभ्रंशाद् बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति।
अर्थात् क्रोध से भ्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि भ्रष्ट होती है। जब बुद्धि भ्रष्ट होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट हो जाता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है। इस क्रोध को जितना जल्दी हो सके छोड़ दो। इस प्रकार योग के माध्यम से व्यक्ति अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण कर अपने जीवन को भी स्थिर कर सकता है।
क्रमशः……….

 

(डा. आलोक कुमार द्विवेदी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शनशास्ञ में पीएचडी हैं। वर्तमान में वह KSAS, लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। यह संस्थान अमेरिका स्थित INADS, USA का भारत स्थित शोध केंद्र है। डा. आलोक की रुचि दर्शन, संस्कृति, समाज और राजनीति के विषयों में हैं।)

Tags: अध्यायअर्जुनआत्माआध्यात्मिकताकर्मयोगजीवन_दर्शनज्ञानध्यानभक्तिमुक्तियोगवेदांतश्रीकृष्णश्रीमदभगवद्गीतासंन्यास
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त कराने के लिए साथ आए हिन्दू संगठन और संत समाज, बड़ा ऐलान जल्द

अगली पोस्ट

यूपी: ढाबे-रेस्तरां पर नाम-पता लिखना जरूरी, योगी सरकार की नई गाइडलाइंस पढ़िए

संबंधित पोस्ट

संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?
इतिहास

संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

27 June 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले के बयानों के बाद 'समाजवादी' और 'पंथनिरपेक्ष' ये दोनों शब्द चर्चा में हैं। देशभर में इस पर...

इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)
ज्ञान

इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

27 June 2025

इन दिनों दुनियाभर में करोड़पतियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन, इसके साथ ही इनके दूसरे देशों में बसने की प्रक्रिया भी उतनी...

विदुषी संवाद
चर्चित

विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

27 June 2025

भारतीय संस्कृति में संवाद की परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है। यह परंपरा केवल विचारों के आदान-प्रदान तक सीमित नहीं थी, बल्कि ज्ञान, तत्त्वबोध और आत्मबोध...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Ahmedabad Air India Crash: Was It Sabotage? Major Investigation Underway

Ahmedabad Air India Crash: Was It Sabotage? Major Investigation Underway

00:06:27

10% Seats for Muslims? Shocking Demand from DMK’s ally MMK Ahead of 2026!"

00:04:52

The gulf crossroads: usa stakes, China's money and Iran's nuclear threat.

00:30:34

HOW NDA IS MAKING IN- ROADS INTO TAMIL NADU?

00:05:57

the ganga treaty is about to expire. What happens next?

00:06:54
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited