उनका कहना था कि वो जिस कार्य के लिए जेल से बाहर निकले थे वो कार्य समाप्त हो गया तो उनका बाहर रहना उनके कर्तव्यपरायणता के विरुद्ध है।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    सीएम हिमंत का आरोप

    हिंदू नामों से कांग्रेस के लिए किया जा रहा है ‘ऑनलाइन जिहाद’! असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने समझाया पूरा खेल

    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    RJD सुप्रीमो लालू यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    आंबेडकर का अपमान बनेगा बिहार चुनाव का मुद्दा, पीएम मोदी के बयान के क्या हैं मायने?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    Hindu temples in Iran

    मुस्लिम देश ईरान में हैं कई हिंदू मंदिर, जंग से जूझ रहे देश में जानें सनातन का स्थान

    Is America Enter in Israel Iran War

    क्या इजरायल-ईरान जंग में कूदने जा रहा है अमेरिका? डूम्सडे प्लेन की उड़ान और ORDER01 ने बढ़ाई चिंता

    ग्रेटर इज़रायल को दो नदियों के बीच का क्षेत्र माना गया है (चित्र: MEPEI)

    बाइबिल का वादा पूरा करने लिए युद्ध में उलझे हैं नेतन्याहू!, जानें क्या है ग्रेटर इज़रायल?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

    सीएम हिमंत का आरोप

    हिंदू नामों से कांग्रेस के लिए किया जा रहा है ‘ऑनलाइन जिहाद’! असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने समझाया पूरा खेल

    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    RJD सुप्रीमो लालू यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    आंबेडकर का अपमान बनेगा बिहार चुनाव का मुद्दा, पीएम मोदी के बयान के क्या हैं मायने?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    Hindu temples in Iran

    मुस्लिम देश ईरान में हैं कई हिंदू मंदिर, जंग से जूझ रहे देश में जानें सनातन का स्थान

    Is America Enter in Israel Iran War

    क्या इजरायल-ईरान जंग में कूदने जा रहा है अमेरिका? डूम्सडे प्लेन की उड़ान और ORDER01 ने बढ़ाई चिंता

    ग्रेटर इज़रायल को दो नदियों के बीच का क्षेत्र माना गया है (चित्र: MEPEI)

    बाइबिल का वादा पूरा करने लिए युद्ध में उलझे हैं नेतन्याहू!, जानें क्या है ग्रेटर इज़रायल?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जब राजनीति ने विज्ञान से सीखा… लाल बहादुर शास्त्री और मेरी क्युरी, जेल की दीवारों के बीच देशसेवा वाला कनेक्शन

बीमार बेटा-बेटी से ऊपर राष्ट्र को चुना

Anupam K Singh द्वारा Anupam K Singh
2 October 2024
in चर्चित, राजनीति
लाल बहादुर शास्त्री, मेरी क्युरी

जेल में मैडम मेरी क्युरी के बारे में पढ़ कर प्रभावित हुए थे लाल बहादुर शास्त्री

Share on FacebookShare on X

2 अक्टूबर का दिन पूरे भारत के लिए ख़ास होता है। हो भी क्यों न, आखिर इस दिन महात्मा गाँधी की जयंती जो होती है। मोहनदास करमचंद गाँधी, जिन्हें ‘राष्ट्रपिता’ कहा जाता है। हालाँकि, ये कोई आधिकारिक दर्जा नहीं है और न ही संविधान या किसी भी अन्य दस्तावेज में ऐसा कुछ नहीं लिखा है। 2 अक्टूबर को स्कूलों में बच्चों के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ होती हैं, दिल्ली में महात्मा गाँधी के समाधि स्थल राजघाट पर नेताओं का जमावड़ा लगता है, कहीं-कहीं तो हमें वीडियो में कुछ लोग रोते-बिलखते हुए भी दिख जाते हैं। बापू के आदर्शों पर चलने की बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं।

लेकिन, क्या आपको पता है कि 2 अक्टूबर का दिन एक और कारण से खास है। इस दिन भारत के एक और गुदड़ी के लाल का जन्म हुआ था। उनका नाम था – लाल बहादुर शास्त्री। भारत के वो प्रधानमंत्री, जिनकी लंबाई महज 5 फुट 2 इंच थी और वजन मात्र 45 किलो था, लेकिन इरादे चट्टान की तरह मजबूत थे और हौसले हिमालय की तरह आसमान चूमते थे। बीच में तो कई वर्ष ऐसे भी बीत गए जब 2 अक्टूबर के दिन किसी ने लाल बहादुर शास्त्री को याद ही नहीं किया। मैं ये नहीं कह रहा कि हमें महात्मा गाँधी को याद नहीं करना चाहिए, जिनके लिए वो आदर्श हैं वो उन्हें याद करें।

संबंधितपोस्ट

जब नेहरू वाली गलती दोहराने वाले थे लालबहादुर शास्त्री….

प्रधानमंत्री के रेस से लेकर विधायकी का चुनाव हारने तक, के कामराज के पतन की कहानी

लाल बहादुर शास्त्री की हत्या किसने की? संभावित संदिग्ध- CIA और इंदिरा गांधी!

और लोड करें

लेकिन, साथ-साथ हमें लाल बहादुर शास्त्री को भी नहीं भूलना चाहिए। अप्रैल 2019 में जब निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स’ रिलीज हुई, उसके बाद से लाल बहादुर शास्त्री को लेकर लोगों को उत्सुकता जगी, युवाओं ने उनके बारे में पढ़ना शुरू किया, उनके जीवन और योगदानों में रुचि लेना शुरू किया। लेकिन, अब एक नई समस्या आ गई है। दिक्कत ये है कि हमने लाल बहादुर शास्त्री को सिर्फ ताशकंद में ही समेट दिया है। जब भी उनकी बात होती है, उनकी मृत्यु से ही शुरू होती है और मृत्यु पर ही खत्म हो जाती है। हम स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान पर बात नहीं करते, भारत के रेल मंत्री रहते हुए उनके द्वारा किए गए कार्यों की बात नहीं करते, अंतरराष्ट्रीय दबाव के सामने कैसे वो सीना तान के खड़े रहते थे इस पर चर्चा नहीं करते।

लाल बहादुर शास्त्री और मैडम मेरी क्यूरी

आइए, उनकी जयंती के मौके पर कुछ ऐसी बातें करते हैं, जो ताशकंद तक ही सीमित न हो। असल में अंग्रेजों के समय में लाल बहादुर शास्त्री का जेल आना-जाना लगा रहता था। जेल में उन्होंने कई विदेशी विद्वानों को पढ़ा। इनमें से जिस एक शख्सियत से वो सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए – वो थीं मैडम मेरी क्युरी। जो विज्ञान के विद्यार्थी हैं, वो मैडम मेरी क्युरी को बहुत अच्छे से जानते हैं। जो नहीं जानते हैं, उन्हें बता दूँ कि रेडियोएक्टिव के क्षेत्र में रिसर्च करने वाली मेरी क्युरी नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला थीं, 2 बार नोबेल जीतने वाली पहली शख्सियत थीं और 2 अलग-अलग क्षेत्रों में नोबेल जीतने वाली भी पहली व्यक्ति थीं। ‘थ्योरी ऑफ रेडियोएक्टिविटी’ देने वाली मेरी क्युरी ने कभी अपनी खोज को पेटेंट नहीं कराया, जबकि ऐसा कर के वो मालामाल हो सकती थीं।

उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना किया, लेकिन अपने उसूलों से समझौता नहीं किया। लाल बहादुर शास्त्री को उनके ये गुण पसंद आए और उन्होंने भी अपने जीवन में कुछ ऐसे ही त्याग का परिचय दिया। जब वो जेल में थे तो हुआ यूँ कि एक बार खबर आई कि उनकी बेटी काफी बीमार है, अंग्रेजों ने शर्त रखी कि उन्हें पेरोल तभी मिलेगा जब वो लिख कर दें कि जेल से बाहर निकलने के बाद वो आन्दोलनों में हिस्सा नहीं लेंगे। देशसेवा का जुनून ऐसा कि उन्होंने परिवार के ऊपर राष्ट्र को चुना, ऐसा कोई भी लिखित आश्वासन देने से साफ़ इनकार कर दिया। उनकी जिद के आगे अंग्रेज अधिकारियों को भी झुकना पड़ा और उन्हें 15 दिनों के पेरोल पर रिहा कर दिया गया। दुःख की बात ये रही कि जब वो घर पहुँचे तब तक उनकी पुत्री की मृत्यु हो चुकी थी। आप जानते हैं लाल बहादुर शास्त्री ने इसके बाद क्या किया? वो तुरंत ही जेल लौट गए। उनका कहना था कि वो जिस कार्य के लिए जेल से बाहर निकले थे वो कार्य समाप्त हो गया तो उनका बाहर रहना उनके कर्तव्यपरायणता के विरुद्ध है। सिर्फ एक बार नहीं, इस उन्होंने देश के लिए कई बार त्याग किया।

एक बार वो जेल में थे तो खबर आई कि उनके बेटे को भारी बुखार है। फिर से वही लिखित आश्वासन वाली बात, उन्होंने फिर मना कर दिया। फिर से अंग्रेजों को झुकना पड़ा और उन्हें एक सप्ताह के लिए जेल से बाहर निकाला गया। बेटे की तबीयत ठीक नहीं हुई तो अंग्रेजों ने साफ़-साफ़ कह दिया कि अबकी लिख कर देना ही होगा कि वो किसी आंदोलन में भाग नहीं लेंगे, तभी कुछ हो पाएगा। एक तरफ बेटे को 106 डिग्री बुखार, एक तरफ अनुनय-विनय करते परिजन और एक तरफ उन्हें जेल ले जाने के लिए बेचैन अंग्रेज। लाल बहादुर शास्त्री ने एक बार फिर से इन सबके बीच देश को चुना।

परिवार से ऊपर देश को रखा

भारत माता के शरीर में बँधी जंजीरों की आवाज़ के आगे उन्हें अपने बेटे की चीख भी सुनाई नहीं दी। बेटे से उन्हें बहुत स्नेह था, लेकिन उनके लिए राष्ट्र के प्रति उनके कर्तव्यों की राह में कुछ नहीं आ सकता था। उन्हें भारत माता के अनगिनत गुलाम बेटे-बेटियों की चिंता थी, सिर्फ अपने बेटे की नहीं। ये कुछ ऐसा ही था, जैसे मेरो क्युरी ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मानवता की सेवा की थी। उन्होंने कई छोटे-छोटे मोबाइल रेडियोग्राफी यूनिट्स बनाए, जिन्हें ‘लिटिल क्यूरी’ कहा गया।

युद्धक्षेत्र में सैनिकों का इलाज कर रहे सर्जनों को इससे बहुत सहायता मिली। फिजिक्स और केमिस्ट्री दोनों में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली मेरी क्युरी का जीवन भी काफी संघर्षों में बीता था। यही कारण है कि लाल बहादुर शास्त्री ने उनकी जीवनी को न सिर्फ पढ़ा और इससे प्रभावित हुए, बल्कि इसका हिंदी में अनुवाद भी किया ताकि भारत के आम लोग भी इसे पढ़ सकें, सीख सकें।

आइए, लाल बहादुर शास्त्री के शब्दों में ही समझते हैं। लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था, “साधन बहुत क्षीण, और मार्ग कंटककिरण होते हुए भी इस बालिका ने स्वतः प्रयास से जितनी सफलता प्राप्त की, वो प्रत्येक नर-नारी के लिए अनुकरणीय है। मेरी क्युरी ने उच्चतम शिक्षा प्राप्त की और धनोपार्जन किया, परन्तु अपने हाथ से काम करना बंद नहीं किया।” ध्यान दीजिए, ये लाल बहादुर शास्त्री के शब्द हैं। मैडम मेरी क्युरी को लेकर उन्होंने आगे कहा था, “उनका जीवन तप और त्याग का था। महान वैज्ञानिक होते हुए भी वह देश और समाज को नहीं भूलीं। बड़े से बड़े निर्णय करने में भी उन्हें विलम्ब नहीं होता था। विश्व युद्ध के समय उन्होंने नोबेल पुरस्कार की पाई-पाई अपने देश फ़्रांस को अर्पित कर दी।” ये थे लाल बहादुर शास्त्री के शब्द। मेरी क्यूरी की तरह ही उन्होंने भी वही फैसले लिए, जो देशहित में हो। पाकिस्तान के साथ युद्ध हो या फिर उस दौरान अमेरिका की मिली धमकी, लाल बहादुर शास्त्री ने वही किया जो भारत के लिए अच्छा था।

तो आइए, हम सिर्फ लाल बहादुर शास्त्री को ताशकंद तक ही सीमित कर के न रखें। ये भी बात करें कि कैसे उन्होंने अपने बेटे और बेटी के स्वास्थ्य से भी देशसेवा से ऊपर रखा। ये भी बात करें कि जैसे मेरी क्युरी ने अपनी खोज का पेटेंट नहीं कराया, लाल बहादुर शास्त्री भी कभी श्रेय के लिए नहीं भागे। यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

स्रोत: Lal Bahadur Shastri, लाल बहादुर शास्त्री, Marie Curie, मेरी क्युरी, History, इतिहास, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, Indian Independence Movement
Tags: Lal Bahadur ShastriMadam Marie Curieमैडम मेरी क्युरीलाल बहादुर शास्त्री
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

वर्ल्ड वॉर-3 की आहट? ईरान का इजरायल पर 181 मिसाइलों से अटैक, IDF बोला- सही वक्त पर जवाब देंगे

अगली पोस्ट

‘हिन्दू धर्म में प्रेत की पूजा वर्जित’: मंदिरों से हटाई जा रहीं साईं बाबा की मूर्तियां, शंकराचार्य ने बताया था ‘चांद मियां’

संबंधित पोस्ट

केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?
चर्चित

केरल में स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘राज्यपाल के अधिकारों’ का चैप्टर, जानें क्या है मामला?

21 June 2025

केरल में हाल ही में CPI(M)-नेतृत्व वाली सरकार द्वारा स्कूलों के पाठ्यक्रम में राज्यपाल के अधिकारों को शामिल करने का जो निर्णय लिया गया है,...

सीएम हिमंत का आरोप
चर्चित

हिंदू नामों से कांग्रेस के लिए किया जा रहा है ‘ऑनलाइन जिहाद’! असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने समझाया पूरा खेल

21 June 2025

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य की कांग्रेस पार्टी पर एक बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए राजनीतिक माहौल को और अधिक गर्म कर...

1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता
चर्चित

विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

21 June 2025

6 अप्रैल 1991 को भारत और पाकिस्तान ने "सैन्य अभ्यासों, युद्धाभ्यासों और सैनिक टुकड़ियों की आवाजाही की पूर्व सूचना पर समझौता" पर हस्ताक्षर किए। यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

when the God leaves the temple to be with his devotees.

when the God leaves the temple to be with his devotees.

00:05:31

R.P. Singh Exposes AAP: Following Indira's Model of Separatist Appeasement?

00:11:04

kamakhya Devi and the Power of Menstruation: Ambubachi Mela Explained.

00:04:47

From love to murder- how five plots took down raja raghuvanshi

00:04:38

Marriage gone murderous: expert explains the gruesome murder case.

00:13:01
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited