TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    चुनाव आयोग का पलटवार: राहुल गांधी के आरोप झूठे, हार की हताशा में उठाई उंगली

    चुनाव आयोग का पलटवार: राहुल गांधी के आरोप झूठे, हार की हताशा में उठाई उंगली

    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    बथानी टोला नरसंहार: बिहार के जंगलराज का सबसे काला सच

    बथानी टोला नरसंहार: बिहार के जंगलराज का सबसे काला सच

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान की हैंगोर डील: चीन की कमाई, फौज की मलाई और जनता पर बोझ

    पाकिस्तान की ‘हंगोर सबमरीन’ डील: चीन की कमाई, फौज की मलाई और जनता पर बोझ

    जैश के बाद अब लश्कर के आतंकी ने खोली पाकिस्तान की पोल

    जैश के बाद लश्कर ने भी खोली पाकिस्तान की पोल, आतंक की फैक्ट्री का सच उजागर, देखें वीडियो

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान की हैंगोर डील: चीन की कमाई, फौज की मलाई और जनता पर बोझ

    पाकिस्तान की ‘हंगोर सबमरीन’ डील: चीन की कमाई, फौज की मलाई और जनता पर बोझ

    जैश के बाद अब लश्कर के आतंकी ने खोली पाकिस्तान की पोल

    जैश के बाद लश्कर ने भी खोली पाकिस्तान की पोल, आतंक की फैक्ट्री का सच उजागर, देखें वीडियो

    UN में फेल हुई पाकिस्तान-चीन की साजिश, बलूच मुद्दे पर अमेरिका ने लगाया वीटो, जानें भारत के लिए इसके मायने?

    UN में फेल हुई पाकिस्तान-चीन की साजिश, बलूच मुद्दे पर अमेरिका ने लगाया वीटो, जानें भारत के लिए इसके मायने?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    जंगलराज की जड़ें: बिहार के अंधेरे दौर की शुरुआत

    जंगलराज : लालू-राबड़ी राज की स्याह विरासत

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    चुनाव आयोग का पलटवार: राहुल गांधी के आरोप झूठे, हार की हताशा में उठाई उंगली

    चुनाव आयोग का पलटवार: राहुल गांधी के आरोप झूठे, हार की हताशा में उठाई उंगली

    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    बथानी टोला नरसंहार: बिहार के जंगलराज का सबसे काला सच

    बथानी टोला नरसंहार: बिहार के जंगलराज का सबसे काला सच

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान की हैंगोर डील: चीन की कमाई, फौज की मलाई और जनता पर बोझ

    पाकिस्तान की ‘हंगोर सबमरीन’ डील: चीन की कमाई, फौज की मलाई और जनता पर बोझ

    जैश के बाद अब लश्कर के आतंकी ने खोली पाकिस्तान की पोल

    जैश के बाद लश्कर ने भी खोली पाकिस्तान की पोल, आतंक की फैक्ट्री का सच उजागर, देखें वीडियो

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान की हैंगोर डील: चीन की कमाई, फौज की मलाई और जनता पर बोझ

    पाकिस्तान की ‘हंगोर सबमरीन’ डील: चीन की कमाई, फौज की मलाई और जनता पर बोझ

    जैश के बाद अब लश्कर के आतंकी ने खोली पाकिस्तान की पोल

    जैश के बाद लश्कर ने भी खोली पाकिस्तान की पोल, आतंक की फैक्ट्री का सच उजागर, देखें वीडियो

    UN में फेल हुई पाकिस्तान-चीन की साजिश, बलूच मुद्दे पर अमेरिका ने लगाया वीटो, जानें भारत के लिए इसके मायने?

    UN में फेल हुई पाकिस्तान-चीन की साजिश, बलूच मुद्दे पर अमेरिका ने लगाया वीटो, जानें भारत के लिए इसके मायने?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    सऊदी–पाकिस्तान रक्षा समझौता: भारत क्यों चिंतित नहीं?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    पाकिस्तान का असली चेहरा: आतंकवाद की राज्य-नीति और भारत का उभरता नैरेटिव

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    अमेरिका का रक्तपिपासु सभ्यता-नैरेटिव और भारत का शांतिपूर्ण विकल्प

    जंगलराज की जड़ें: बिहार के अंधेरे दौर की शुरुआत

    जंगलराज : लालू-राबड़ी राज की स्याह विरासत

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

पर्दे पर राष्ट्रवादी, वास्तविक जीवन में कम्यूनिस्ट- जॉन अब्राहम की यही है सच्चाई

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
28 September 2019
in मत
पर्दे पर राष्ट्रवादी, वास्तविक जीवन में कम्यूनिस्ट- जॉन अब्राहम की यही है सच्चाई
Share on FacebookShare on X

सोशल मीडिया के बारे में अच्छी बात यह है कि यहां कोई भी कितना भी लोकप्रिय क्यों न हो लंबे समय तक अपनी सच्चाई नहीं छुपा पाता। वेब पोर्टल “द क्विंट” के साथ एक साक्षात्कार में, जॉन अब्राहम ने टिप्पणी की कि केरल मोदीमय इसलिए नहीं हुआ क्योंकि इस राज्य के नागरिकों ने अपने साम्यवादी दृष्टिकोण को सामने रखा।

लेखक मुरली के. मेनन की किताब की लिखी किताब ‘द गॉड हू लव्ड मोटरबाइक्स’ के लोकार्पण में पहुंचे जॉन अब्राहम से जब नम्रता जकारिया ने पूछा कि उन्हें ऐसा क्यों लगता है कि उनका गृह राज्य अभी तक ‘मोदी-केंद्रित’ नहीं हुआ है और केरलवासी बाकी देश से अलग क्यों हैं? तो इस पर जॉन ने उत्तर दिया:

संबंधितपोस्ट

पाकिस्तान की ‘हंगोर सबमरीन’ डील: चीन की कमाई, फौज की मलाई और जनता पर बोझ

जैश के बाद लश्कर ने भी खोली पाकिस्तान की पोल, आतंक की फैक्ट्री का सच उजागर, देखें वीडियो

UN में फेल हुई पाकिस्तान-चीन की साजिश, बलूच मुद्दे पर अमेरिका ने लगाया वीटो, जानें भारत के लिए इसके मायने?

और लोड करें

‘यही केरल की खूबसूरती है। आप वहां हर 10 मीटर के दायरे में मंदिर, मस्जिद और चर्च को देख सकते हैं। वहां किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है। जबकि पूरी दुनिया में ध्रुवीकरण हो रहा है, केरल एक ऐसे जगह का उदाहरण है जहां अलग-अलग धर्म और समुदाय के लोग एक-दूसरे के साथ शांतिपूर्वक रह सकते हैं।’

अपने तर्क का समर्थन करने के लिए, उन्होंने आगे कहा, “जब फिदेल कास्त्रो(क्यूबा के कम्युनिस्ट नेता) की मौत हुई थी, तब मैं केरल गया था और वो इकलौता राज्य था, जहां पोस्टर और होर्डिंग्स लगे हुए थे और उनकी मौत पर शोक प्रकट किया जा रहा था। तो एक तरह से केरल सचमुच कम्युनिस्ट है। मेरे पिता ने पढ़ने के लिए मुझे मार्क्सवाद से जुड़ा काफी साहित्य दिया था। कई सारे मल्लु (मलयाली लोग) लोगों का एक कम्युनिस्ट पक्ष भी होता है। हम सभी एक समान जीवन और धन के समान वितरण में विश्वास रखते हैं और केरल इसका चमकता हुआ उदाहरण है।’

अब जॉन अब्राहम के राजनीतिक झुकाव पर आगे कोई टिप्पणी करने से पहले, आइए देखें कि फिदेल कास्त्रो कौन थे।

फिदेल कास्त्रो क्यूबा के एक साम्यवादी नेता थे जिन्होंने प्रसिद्ध ‘क्यूबा क्रांति’ के माध्यम से अपने और अपने साथी के लिए सत्ता हासिल करने के लिए राष्ट्रपति फुलगेन्सियो बतिस्ता (फुलगेन्सियो बतिस्ता) की सत्ता को उखाड़ फेंका। इसके बाद वर्ष 1959 से 2008 तक क्यूबा पर शासन किया। उन्होंने 2016 में अंतिम सांस ली थी।

उन्होंने जिस तरह से क्यूबा को दरिद्रता के मुहाने पर खड़ा कर दिया था यह बहुत कम लोगों को ही पता है। 1959 में जब वे सत्ता में आए थे, तो उन्होंने क्यूबा का कायापलट करने का दावा किया था, परंतु बहुत कम ही लोगों को पता था कि कायापलट से उनका अर्थ किस परिप्रेक्ष्य में था। लाखों लोगों को बिना वजह ही कारावास में डाल दिया गया, साम्यवाद के नाम पर अश्वेत वर्ग का खूब दमन किया गया, और समलैंगिकों के विरुद्ध तो कास्त्रो और उनके विश्वासपात्र कहे जाने वाले चे ग्वेरा (Che Guevara) ने एक अलग ही दमनकारी अभियान चलाया, जिसे देख तो हिटलर और स्टालिन के अत्याचार भी फीके लगने लगेंगे। ऐसे व्यक्ति जॉन अब्राहम के आदर्श हैं।

कास्त्रो के शासनकाल से पहले, क्यूबा 1958 में आयरलैंड और ऑस्ट्रेलिया की तुलना में standard of living काफी उच्च था। साथ ही क्यूबा का प्रति व्यक्ति आय जापान और स्पेन की तुलना में दोगुना था, आज यह दुनिया में 118 वें स्थान पर है। कभी कैरेबियन क्षेत्र का एक समृद्ध देश क्यूबा अब फिदेल कास्त्रो के दमनकारी नीति और समाजवादी सिद्धांत के कारण आज दिवालिया बन कर रह गया है।

इससे बुरा क्या हो सकता है कि क्यूबा में अभी 90% साक्षरता दर है जो 1958 में 80% साक्षरता दर हासिल कर चुका था। मतलब यह कि इतने सालों में भी क्यूबा के साक्षरता दर में केवल 10 प्रतिशत की ही बढ़त हुई। मजेदार तथ्य, यहां तक कि जॉन अब्राहम का गृह राज्य केरल साक्षरता के मामले में फिदेल कास्त्रो के क्यूबा से बेहतर है। लगभग 6 दशकों में सिर्फ 10% की प्रगति दर निश्चित रूप से गर्व की बात नहीं है। आपको क्या लगता है, यह गर्व करने वाली बात है?

लेकिन यह दिवालियापन जॉन अब्राहम जैसे लोगों के लिए आदर्श है। जॉन ने एक बार सिल्वर स्क्रीन पर मोहनदास करमचंद गांधी की गोली मारकर हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे के जीवन को चित्रित करने की मंशा ज़ाहिर की थी। अब इसे हिपोक्रिसी न कहें तो किसे कहें भाई?

अगर हम उनके वर्तमान कथनों को देखें, तो क्या यह अवसरवाद का एक शानदार उदाहरण नहीं है? ‘परमाणु’, ‘रोमियो अकबर वाल्टर’ और यहां तक कि बाटला हाउस जैसे फिल्मों का चयन कर जॉन अब्राहम राष्ट्रवादी फिल्मों के लिए अक्षय कुमार के बाद नए ‘पोस्टर बॉय’ बने थे। मोदी सरकार के आने से पहले, ये दोनों ही अभिनेता ‘गरम मसाला’, देसी बॉयज’ जैसी फिल्मों तक ही सीमित थे। लेकिन जैसे ही में मोदी सरकार का आगमन हुआ तो इन दोनों ने राष्ट्रवाद को केंद्र में रखकर रुपये कमाने का जरिया ढूंढ लिया और लगातार ऐसी ही फिल्में बनाई।

परन्तु इस इंटरव्यू के बाद जॉन अब्राहम का मुखौटा उतर गया है और सभी को पता चल गया है कि वह वास्तविक जीवन में कम्यूनिस्ट का समर्थन करते हैं और केवल अपने वित्तीय फायदे के लिए देशभक्ति फिल्मों का सहारा लेते हैं। मोदी सरकार पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाने के लिए एक ऐसे क्षेत्र का उदाहरण देना, जो स्वयं आईएसआईएस जैसे खतरनाक आतंकवादी संगठनों को शरण देने के लिए बदनाम है, किसी स्थिति में प्रशंसनीय नहीं है। पर जॉन अब्राहम अपने बयान से यही सिद्ध करना चाहते हैं, और ये निस्संदेह उनके व्यक्तित्व का एक स्याह पहलू उजागर करता है।

शेयर28ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

संयुक्त राष्ट्र महासभा में इमरान खान ने दी अब तक की सबसे घटिया स्पीच

अगली पोस्ट

असम राइफल्स, ITBP और BSF का नियंत्रण भारतीय सेना को देना साबित होगा निर्णायक कदम

संबंधित पोस्ट

चुनाव आयोग का पलटवार: राहुल गांधी के आरोप झूठे, हार की हताशा में उठाई उंगली
चर्चित

चुनाव आयोग का पलटवार: राहुल गांधी के आरोप झूठे, हार की हताशा में उठाई उंगली

19 September 2025

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर चुनावी संस्थाओं पर सवाल उठाने की कोशिश की। उन्होंने दावा...

फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति
इतिहास

फ़ैज़पुर 1937: तिरंगे की डोर और राजनीति की स्मृति

19 September 2025

दिसंबर 1937 की ठंडी सुबह। महाराष्ट्र का छोटा-सा कस्बा फ़ैज़पुर उस दिन भारत की राजनीति का केंद्र बन गया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली...

बथानी टोला नरसंहार: बिहार के जंगलराज का सबसे काला सच
क्राइम

बथानी टोला नरसंहार: बिहार के जंगलराज का सबसे काला सच

19 September 2025

जुलाई की उमस भरी शाम थी। बक्सर ज़िले के सहार थाना क्षेत्र का छोटा-सा गाँव बथानी टोला हमेशा की तरह अपनी धीमी रफ़्तार में था।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

What Pakistan Planned After Hyderabad’s Surrender Will Shock You| Untold Story of Op Polo

What Pakistan Planned After Hyderabad’s Surrender Will Shock You| Untold Story of Op Polo

00:03:43

Inside the Waqf Case: What SC’s Interim Order Really Means?

00:19:34

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

00:05:16

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited