अगर आप एक सोसाइटी में रहते हैं तो आपके आस-पड़ोस में बच्चे भी रहते होंगे। आपने देखा होगा कि सिर्फ परिवार वाले ही नहीं बल्कि पड़ोसी भी उन बच्चों पर अपना स्नेह जताते हैं। सभी को बचपन प्रिय होता है इसलिए जब भी आस पड़ोस के बच्चे खेलते हैं तो अच्छा लगता है और उनके साथ खेलने का मन होता है। बच्चों से बातचीत के दौरान उनकी मासूमियत से भरे सवाल और जवाब पर हम सभी मोहित हो जाते हैं। परंतु आप कल्पना कीजिये कि आप जिन बच्चों की मासूमियत पर हंसा करते थे वही बच्चे “आज़ादी” के नारे लगाते हुए, हिंदुओं से बदला लेने का नारा लगाता हुआ आपके सामने से गुजरता है। आप उस समय कैसा महसूस करेंगे? क्या वह आज़ादी का नारा आपकी अंतरात्मा पर भारी नहीं पड़ेगा? क्या आप उन बच्चों को ये सब सिखाने वालों से मिलकर यह कहना नहीं चाहेंगे की क्या भाई साहब बच्चों को भी नहीं छोड़ा?
शाहीन बाग में जो हो रहा है उसे देख कर सभी भारतीयों के मन में यही बात आती होगी, जहां अपने एजेंडे के लिए बच्चों के दिमाग में ये आज़ादी का नारा भरा जा रहा है। CAA के विरुद्ध रैली में कुछ बच्चे तो 5 वर्ष से भी छोटे है। इससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि किस प्रकार से दिमाग में हिन्दू विरोध भरा जा रहा है।
हालांकि, बच्चों का इस्तेमाल कर अपना राजनीतिक निशाना साधने वालों के इस एजेंडे का खुलासा हो चुका है और National Committee for Protection of Child Rights यानि NCPCR ने सरकारी अधिकारियों से शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शनों में शामिल किए गए बच्चों की पहचान कर उनकी काउंसलिंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट को लिखे एक पत्र में यहा कहा है कि इन विरोध प्रदर्शनों के कारण बच्चे अफवाहों, गलतफहमी और झूठी खबरों का शिकार हो सकते हैं।
इस कमीशन ने देखा है कि इन बच्चों को उनके बड़ों ने यह बताया है कि प्रधानमंत्री [नरेंद्र मोदी] और गृह मंत्री [अमित शाह] … उन्हें नागरिकता के document दिखाने के लिए कहेंगे, और यदि वे नहीं दिखा पाये, तो उन्हें detention centres में भेज दिया जाएगा, जहां उन्हें भोजन और कपड़े भी नहीं दिए जाएंगे।”
आपको जानकर यह हैरानी होगी कि जो पत्र NCPCR ने लिखा है वह तो बस एक ट्रेलर है, पूरी कहानी तो वहाँ के बच्चों का विडियो देखने और उनसे मिलने के बाद पता चलता है। अपनी ग्राउंड रिपोर्ट्स से लिबरल ब्रिगेड के एजेंडे का पर्दाफाश करने वाली स्वाति गोएल ने भी बच्चों के brainwashing पर एक रिपोर्ट लिखा था। उन्होंने बताया था कि कैसे बच्चों का brainwash किया जा रहा है। एक बच्चे ने कहा, “हम अपने देश को बचाने के लिए यहाँ हैं। हम यहां तब तक रहने वाले हैं जब तक कि पीएम मोदी CAA और NRC को वापस नहीं ले लेते। मोदी हमारे साथ कुछ भी कर लें, सर से धड़ अलग करे या पुलिस को बुलाये, हम नहीं जा रहे हैं। हम अपनी आजादी को वापस ले लेंगे। NRC से हम सभी को हटा दिया जाएगा जा और हमें detention centres में डाल दिया जाएगा।”
रिपोर्ट में आगे लिखा है, “Detention centers में सरकार हमें पहनने के लिए कपड़े या खाने के लिए भोजन भी नहीं देगी। इसलिए जब तक NRC को वापस नहीं लाया जाता है, हम यहीं रुकने वाले हैं। पीएम मोदी ने पहले पुलिसकर्मियों को भेजा था और वे हमें जगह छोड़ने के लिए कह रहे थे लेकिन हम सभी ने ऐसा करने से मना कर दिया। यह अमित शाह और मोदी सोच रहे हैं कि वे देश के सभी मुसलमानों को मार देंगे और यहाँ अकेले रहेंगे। लेकिन हम उन्हें अकेले नहीं रहने देंगे, हम दोनों को मार देंगे। जिस तरह से वे यहां मुसलमानों को परेशान कर रहे हैं उसी तरह हम भी उन्हें परेशान करेंगे। हम दोनों को मार देंगे।”
इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस तरह बच्चों के दिमाग में नफरत का जहर भरा गया है। एक तरफ जहां CAA किसी भारतीय के लिए है ही नहीं तो वहीं NRC के कानून भी नहीं बने है तो कोई यह कैसे कह सकता NRC आने से उन लोगों को Detention centers में भेजा जाएगा।
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है कि इस तरह से बच्चों का इस्तेमाल केंद्र सरकार को झुकाने के लिए किया जा रहा हो। शाह बानो के केस के दौरान भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए थे पर उस दौरान राजीव गांधी ने वोट बैंक बचाने के चक्कर में इन प्रदर्शनों के आगे झुकते हुए इस फैसले को पलट दिया था। इसी का नमूना फिलिस्तीन भी दिखाता रहा है।
शाहीन बाग के इस प्रोपोगेंडे को Know the Nation नाम का के एक ट्विटर हैंडल ने भी पर्दाफाश किया था। एक ट्वीट किए हुए वीडियो में एक बच्ची को यह कहते सुना जा सकता है कि उन्हें detention camps में परिवारों से दूर कर दिया जाएगा तथा उनके कपड़े और खाना भी छिन लिया जाएगा।
"Families will be split up at detention camps. Our clothing & food will be snatched too!" says this girl at #ShaheenBaghProtests
Vicious lies spread on CAA & NRC goes on to tell us how great these '#महानऔरते_शहीनबागकी' actually are!#ShaheenBaghTruth #बिकाऊ_प्रदर्शनकारी pic.twitter.com/QWUZEEMj8b
— Know The Nation (@knowthenation) January 16, 2020
एक दूसरे ट्वीट में एक छोटा बच्चा कहता है कि, “मोदी सबके गले कटवा रहा है, बच्चों को मार रहा है।” इसके बाद जब रिपोर्टर ने पूछा कि कौन से चैनल पर देखा ये? तो बच्चा कहता है, “NDTV.”
Kid: "Modi sab ke galey katwa raha hai, bachho ko maar raha hai!"
Reporter: "Kaunse channel pe dekha ye?"
Kid: "NDTV!"
A child so small who could not even pronounce 'NDTV' properly. Who is brainwashing them?#ShaheenBaghProtests #बिकाऊ_प्रदर्शनकारी #ShaheenBaghTruth pic.twitter.com/hfyKpwMIqc
— Know The Nation (@knowthenation) January 16, 2020
इन विडियो को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों को किस प्रकार दूषित किया जा रहा है। अब जब, NCPCR ने शाहीन बाग के इस विरोध प्रदर्शन में आयोजकों द्वारा बच्चों के ब्रेनवॉश किए जाने के मामले पर संज्ञान लिया है तब यह समझा जा सकता है कि यह मामला गंभीर हो चुका है। NCPCR ने एक स्वागत योग्य कदम उठाते हुए सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बच्चों के काउंसलिंग की व्यवस्था की जाए। हालांकि, यह कहना भी गलत नहीं होगा कि जो आयोजक बच्चों के दिमाग में ये जहर के बीज बो रहे हैं वो किसी अक्षम्य अपराध से कम नहीं है।