पूरी दुनिया में नकली टेस्टिंग किट्स और नकली मास्क बेचकर कोरोना की तबाही को और ज़्यादा बढ़ाने वाले चीन ने अब आखिर अपनी गलती मान ली है और अपने यहां टेस्टिंग किट्स और मास्क बनाने वाली अनाधिकृत कंपनियों को बंद करने का फैसला लिया है।इससे पहले स्पेन, चेक रिपब्लिक और इटली जैसे देशों ने चीन की किट्स पर नकली होने का आरोप लगाया था और कहा था कि ये टेस्टिंग किट्स सही रिज़ल्ट दे ही नहीं पाती है और किसी कोरोना पॉज़िटिव व्यक्ति के टेस्ट को भी नेगेटिव ही बताती हैं।
इन खराब टेस्टिंग किट्स की वजह से स्पेन और इटली जैसे देशों में भारी तबाही आ गयी, और इस तबाही के बाद अब चीन ने अपने देश में अनाधिकृत फ़ैक्टरियों को टेस्टिंग किट्स और मास्क एक्सपोर्ट नहीं करने के लिए कहा है। चीन अपनी इस गलती को छुपाने के लिए चाहे कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले, लेकिन दुनिया को चीन के इस अपराध के लिए अब बिलकुल भी माफ नहीं करना चाहिए।
चीन दुनिया के बाकी देशों के नागरिकों की जान की कीमत को कितना ज़रूरी समझता है, इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जिन कंपनियों को चीन में ये टेस्टिंग किट्स बेचने की इजाजत नहीं थी, उन कंपनियों को भी टेस्टिंग किट्स एक्सपोर्ट करने की छूट दे दी गयी है। कंपनियों को चीन में सिर्फ एक्सपोर्ट लाइसेन्स लेने की आवश्यकता थी, उन्हें किसी तरह का क्वालिटी लाइसेन्स लेने की ज़रूरत नहीं थी। कुल मिलाकर चीन ने अपने देश में ऐसा सिस्टम तैयार कर लिया जिसके कारण उसके यहां तो बढ़िया गुणवत्ता वाला सामान बिकता रहा, लेकिन बाकी दुनिया में खराब टेस्टिंग किट्स एक्सपोर्ट होती रही।
जब इन किट्स के खरीददार देशों ने चीन की खराब टेस्टिंग किट्स की शिकायत की, तो चीन ने पहले तो यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की, कि उन देशों को इन किट्स को सही ढंग से इस्तेमाल करना ही नहीं आता है। बाद में जब और भी कई देशों ने चीन के सामान का बहिष्कार करना शुरू किया तब जाकर चीन की आँखें खुली।
पिछले हफ्ते तक चीन में 102 कंपनियाँ ये मेडिकल किट्स बना-बनाकर दूसरे देशों में भेज रही थीं, लेकिन चीन में मेडिकल किट्स बेचने की इजाजत सिर्फ 21 कंपनियों को ही है। सोचिए अगर स्पेन और इटली जैसे देश समय रहते चीन की किट्स की शिकायत नहीं करते, तो ये अवैध कंपनियाँ ऐसे ही दुनियाभर में इन घटिया टेस्टिंग किट्स का एक्सपोर्ट जारी रखती जिससे दुनिया में कोरोना की और भी बड़ी तबाही आ जाती। हालांकि, अब भी नुकसान कुछ कम नहीं हुआ है, जिसकी भरपाई चीन को करनी ही चाहिए।
अब आपको बताते हैं किन-किन देशों ने चीन की घटिया टेस्टिंग किट्स की शिकायत की थी। कोरोना की टेस्टिंग के लिए स्पेन ने चीन से 6 लाख से ज़्यादा टेस्टिंग किट्स इम्पोर्ट की थी, लेकिन बाद में यह सामने आया कि इन टेस्टिंग किट्स का accuracy level सिर्फ 30 प्रतिशत है और 70 प्रतिशत बार ये टेस्टिंग किट्स किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी नहीं दे पाती हैं। इसके बाद स्पेन ने अब चीन से अपनी किट्स को वापस लेने को कहा था।
इसके अलावा इससे पहले चेक रिपब्लिक भी चीनी किट्स को लेकर ऐसी ही बात कह चुका है। ताइवान के एक न्यूज़ पोर्टल की माने तो चीन ने दोयम दर्जे के टेस्ट किट चेक गणराज्य को भेजे थे, जिसके लिए उसने बहुत मोटी रकम वसूली। एक चेक न्यूज़ साइट iROZHLAS की माने तो चीन ने डेढ़ लाख टेस्ट किट के बदले 14 मिलियन चेक क्राउन ऐंठे थे।
परन्तु उन टेस्ट किट्स में से 80 प्रतिशत घटिया दर्जे के निकले। वहीं तुर्की ने भी चीन से इन किट्स को इम्पोर्ट किया था। हालांकि, उसने बिना इस्तेमाल करे ही इन किट्स को वापस चीन को सौंपने का ही फैसला लिया है।
चीन ने पहले गलत जानकारी देकर कोरोना को फैलाने में हाथ बंटाया तो वहीं बाद में घटिया टेस्टिंग किट्स बांटकर देशों में तबाही मचाई, अब चीन को उसके इन अपराधों की सजा मिलनी ही चाहिए और सभी देशों को मिलकर चीन से भरपाई की मांग करनी चाहिए।