सुशांत सिंह राजपूत की मौत और रिया चक्रवर्ती की इसमें संभावित संलिप्तता के मामले ने अब एक रोमांचक मोड़ लिया है। एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बिहार पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह दावा किया कि, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को आत्महत्या की ही नहीं, बल्कि उनकी हत्या की गई है और उनके गुनहगारों को बचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार जी तोड़ मेहनत कर रही है। बिहार सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता मनिन्दर सिंह ने यह भी दावा किया कि सुशांत की संभावित हत्या में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और विधायक आदित्य ठाकरे की भी कहीं न कहीं कोई भूमिका रही है।
मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपने बयान में कहा कि, पटना पुलिस की जांच किसी भी स्थिति में अवैध नहीं है। जब इस पर आपत्ति जताते हुए अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता श्याम दीवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भूमिका पर सवाल उठाने का प्रयास किया, तो मनिन्दर सिंह ने एक चौंकाने वाले खुलासा करते हुए दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार इस मामले को दबाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रही है –
Maninder Singh: Regarding the Bihar CM playing a role, there is also mention of Maharashtra CM's son and his involvement in the case. There is a huge political clout pressuring police not to register a FIR
— Bar and Bench (@barandbench) August 11, 2020
मनिन्दर के बयान के अनुसार, “रही बात बिहार के मुख्यमंत्री के भूमिका, तो आपको [श्याम दीवान] स्मरण करा दें कि महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री के बेटे भी इस मामले में संलिप्त पाए गए हैं। पुलिस पर एफ़आईआर न दर्ज कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है”। मनिन्दर सिंह ने इसके अलावा मुंबई पुलिस पर सभी नियमों को ताक पर रखते हुए सुशांत सिंह राजपूत के मामले में लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया। उनके अनुसार, 25 जून तक कार्रवाई तो दूर, एफ़आईआर भी दर्ज नहीं हुई थी।
ऐसे में बिहार सरकार का दावा करना कि, आदित्य ठाकरे सुशांत सिंह राजपूत के मामले में लिप्त पाए जा सकते हैं केवल सनसनीखेज ही नहीं, बल्कि कई राज़ भी खोल सकता है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में ये कहा गया कि रिया चक्रवर्ती के विरुद्ध दर्ज मामले को मुंबई स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि रिया ने ही सुशांत को आवश्यकता से ज़्यादा दवाइयाँ दी थी, और यह अफवाह फैलाई थी कि सुशांत मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं। याचिका के अनुसार, “रिया ने अभिनेता के बैंक अकाउंट पर भी कब्जा जमाते हुए उसे अपने हिसाब से चलाना प्रारम्भ किया। अभिनेता सुशांत फिल्में छोड़कर कुर्ग में organic farming करना चाहते थे, लेकिन रिया ने धमकी दी कि वह उनकी मेडिकल रिपोर्ट मीडिया को लीक करा देंगी और उन्हें पागल सिद्ध कर देंगी जिससे उन्हें कोई काम नहीं मिलेगा”।
इससे पहले टाइम्स नाऊ की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि, रिया चक्रवर्ती के कॉल रिकॉर्ड की जांच पड़ताल सीबीआई ने शुरू की, जिसमें पाया गया कि रिया ने “AU” नामक व्यक्ति को कई कॉल किया था। रिया ने इस व्यक्ति से 17 कॉल रिसीव की थी और खुद 44 से अधिक कॉल किए। इनमें से दो कॉल रिया ने 13 जून और 15 जून को भी किए थे, यानी सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु से एक दिन पहले और फिर एक दिन बाद में। तब से सोशल मीडिया पर कई थ्योरीज सामने आई हैं, जिनमें से एक ये भी है कि ये AU नामक व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि खुद आदित्य ठाकरे हैं।
अब ये बात कितनी सच है और कितनी झूठ, ये तो ईश्वर ही जाने, लेकिन एक बात बिलकुल भी झुठलाई नहीं जा सकती कि, कहीं न कहीं सुशांत की असामयिक मृत्यु में शिवसेना का भी हाथ है। रिया के पिता, इंद्रजीत चक्रवर्ती कोहिनूर अस्पताल समूह के मुख्य प्रशासक हैं। इस हॉस्पिटल के स्वामी हैं शिवसेना के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी, जिससे शिवसेना की संभावित भूमिका पर सवाल तो बनता ही है।
यही नहीं, रिया पर ये भी आरोप लगाया गया है कि, उन्होंने डिप्रेशन दूर करने के लिए सुशांत सिंह राजपूत को गलत दवाइयों का सेवन कराया, जिसके कारण उन्हें घुटन सी होने लग और ये बात उन्होंने अपनी बहन के साथ साझा भी की। ऐसे में बिहार पुलिस के दावों को सिरे से नकारना बेवकूफी ही कहलाएगा क्योंकि, अब सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु महज आत्महत्या तो बिलकुल नहीं लगती।