ब्रिटेन में भारत विरोधी एजेंडा चलाने वाले लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन को अब उनकी ही पार्टी ने झटका देते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ये वही शख्स हैं जिन्होंने भारत के खिलाफ कश्मीर को लेकर हमेशा ही दुष्प्रचार किया है। उन पर लंबे वक्त से मानवतावाद के खिलाफ बयानबाजी के आरोप लगते रहे हैं। उनके खिलाफ जांच के बाद रिपोर्ट में भी इस बात की पुष्टि हुई है। ये बेहद ही दिलचस्प और हास्यास्पद है कि जो शख्स भारत को मानवतावाद सिखाता था वो खुद इन आरोपों की पुष्टि के चलते सस्पेंड हुआ है।
दरअसल, लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन के खिलाफ चल रही जांच में आई मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में उन्हें एंटि-सेमेंटिस्ट बताया गया है। इसके दोषी पाए जाने के बाद जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। पार्टी ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि कॉर्बिन से हाउस ऑफ कॉमन्स से लेबर व्हिप का अधिकार भी छीन लिया गया है, और पार्टी का उनके बयानों या कार्यों से कोई सरोकार नहीं है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, “जेरेमी आए दिन घटिया तरह के बयान देते थे, जिस पर किसी को भी आपत्ति हो सकती थी। इसके बावजूद न वो अपने बयान को लेकर कोई माफी मांगते थे, न ही किसी तरह का खेद जताते थे। इसीलिए उनके कारनामों की जांच की जा रही थी जिसमें दोषी पाए जाने के बाद उन्हें निकाल दिया गया है।”
ईएचआरसी की रिपोर्ट में कहा गया कि जब तक कॉर्बिन पार्टी प्रेसिडेंट के पद पर थे तब तक वो लगातार घृणात्मक बातें करते थे, और ये एक विफलता की बात है कि वो कभी भी इन बयानों पर खेद नहीं जता सके। गौरतलब है कि कॉर्बिन अब निलंबन के बाद ब्रिटेन की संसद में बनने वाले किसी भी कानून के दौरान वोटिंग नहीं कर पाएंगे। कॉर्बिंन 2015 से 2020 तक लेबर पार्टी के नेता और विपक्ष के नेता के रूप में कार्यरत थे। 2019 के आम चुनावों में, लेबर पार्टी को सिर्फ 32 फीसदी वोट मिले थे और 202 सीटें जीती थीं। ये 1935 के बाद का पहला ऐसा मौका था जब लेबर पार्टी को इतनी कम सीटें मिली थीं।
गौरतलब है जेरेमी कॉर्बिन लगातार यहूदियों, रंगभेद और भारत के कश्मीर मुद्दे के विरोध से जुड़े बयान आए दिन देते रहते थे। सस्पेंशन से ठीक एक दिन पहले ही ह्यूमन राइट्स को लेकर उन्होंने इसी तरह का बयान दिया था। ऐसे में ये माना जा रहा है कि लेबर पार्टी के द्वारा किया ये फैसला सही है क्योंकि पार्टी की दुर्गति कराने में पिछले पांच सालों में कॉर्बिन ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसलिए पार्टी ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया है। गौरतलब है कि उन्होंने पीएम पद का चुनाव भी लड़ा था लेकिन वो बुरी तरह हार गए थे। वो सपना देखते थे कि वो ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे, लेकिन आज हालात यहां तक आ गए कि उनकी राजनीतिक पार्टी ने भी उनसे पल्ला झाड़ लिया गया है।
कॉर्बिन अपने वक्तव्यों में अनेकों बार भारत में ह्यूमन राइट्स के मुद्दे उठा चुके हैं। वो कश्मीर में भारत के दावे को गलत मानते हुए लगातार वहां सेना के द्वारा ज़ुल्म होने की झूठी और बेबुनियाद बातों को हवा देने का काम भी करते रहे हैं। ये हमेशा सामने आया है कि भारत के ऐसे विवादों पर बोलने वाले लोग भारत की राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के साथ जरूर दिखते हैं और हम आपकों अपनी एक रिपोर्ट में बता चुके हैं कि कांग्रेस इन्हें कितना पसंद करती थी, जिसके चलते कॉर्बिन से इनके संबंध थे।
ह्यूमन राइट्स और इंसानियत के खिलाफ लगातार बेतुकी बयानबाजी करने वाले जेरेमी कॉर्बिन को सस्पेंड करके ब्रिटेन की लेबर पार्टी ने एक सकारात्मक निर्णय लिया है जो कि भारत के साथ रिश्तों को लेकर भी ब्रिटेन के लिए एक अच्छी खबर है और वो शख्स जो एक वक्त देश का अगला प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब संजोए था उसे उसकी पार्टी ने ही धक्के मारकर निकाल दिया गया है।