इस समय दो लोगों का भाग्य सबसे खराब चल रहा है – राजदीप सरदेसाई और इमरान खान। दोनों कुछ भी करते हैं, तो सोशल मीडिया पर हंसी के पात्र बन जाते हैं, और कभी-कभी तो अपने-अपने देशों के लिए चिंताजनक भी। ऐसे ही लाल किले पर अराजक तत्वों को भड़काने आरोपों से घिरे राजदीप ममता बनर्जी की छवि साफ करने के लिए कलकत्ता आए, पर उलटे उन्होंने ऐसा इंटरव्यू ले लिया, जिसपे राजदीप और ममता की जमकर खिंचाई हो रही है।
इस इंटरव्यू में मानो ममता बनर्जी को केंद्र सरकार के विरुद्ध अपनी भड़ास निकालने का सुनहरा अवसर मिल गया है। गणतंत्र दिवस पर लाल किले में हुई अराजकता के लिए केंद्र सरकार को ही दोषी ठहराया हुए कहा कि सब कुछ केंद्र सरकार का ही किया कराया है। उन्होंने ये भी कहा कि वे सिख किसानों के साथ और सरकार को ममता के अलावा केजरीवाल, एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे इत्यादि की बातें सुननी चाहिए
लेकिन ये तो बस शुरुआत थी। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उनके अनुसार, “अमित शाह, मेरे भैया, ने बताया कि उनके उनके पास 51 लाख वॉट्सएप ग्रुप है, जिससे वे किसानों को बदनाम करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। मीडिया को सरकार ने खरीद लिया है”
इसके अलावा ममता बनर्जी ने लाल किले के हमले को लेकर कहा, “मुझे नहीं लगता कि उन्होंने ऐसा कुछ भी किया है। जिसने किया है, उसकी फोटो अमित शाह के साथ है। वह भाजपा को करीब से जानता है।” इसी को कहते हैं, नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
परंतु ममता की बकवास यहीं पे नहीं रुकी। वे इस बात का भी रोना रो रही थी कि कैसे केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की सारी स्वतंत्रता ‘हर’ ली है। उनके अनुसार जय श्री राम का नारा नेताजी के जन्मदिवस के समारोह में अनुचित था, और यह एक राजनीतिक नारा था
बता दें कि ममता बनर्जी की तृणमूल काँग्रेस ने जय श्री राम को मानो एक आपराधिक बयान बनाने का निर्णय ले लिया है। हाल ही में बंगाल विधानसभा ने जय श्री राम के विरुद्ध निन्दा प्रस्ताव पारित करवाया। लेकिन बात यहीं पे खत्म नहीं होती। ममता के अनुसार, भाजपा जो दंगे, हत्या कराना चाहती है, वो भी उन्हे मंजूर नहीं है।
लेकिन इस इंटरव्यू के बाद अब राजदीप का भी भाग्य साथ नहीं दे रहा है। जानबूझकर झूठी खबर फैलाने के लिए उन्हे इंडिया टुडे ने हफ्तों के लिए ऑफ एयर किया और उनकी एक महीने का वेतन भी जब्त कर लिया है। अब खबर आ रही है कि वे शायद इंडिया टुडे भी छोड़ सकते हैं। ऐसे में ममता बनर्जी के हास्यास्पद इंटरव्यू से बढ़िया विदाई तो कोई हो ही नहीं सकती।