दिल्ली पुलिस को टुकड़े टुकड़े गैंग के नए पैंतरे को ध्वस्त करने में एक अहम कामयाबी हाथ लगी है। ग्रेटा थनबर्ग द्वारा अनजाने में लीक हुए टूलकिट को डेवलप करने में शामिल एक कथित पर्यावरणवादी को हिरासत में लिया गया है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक विशेष ऑपरेशन लॉन्च किया, जिसमें ग्रेटा थनबर्ग द्वारा प्रकाशित टूलकिट को बनाने में शामिल लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी है। इसी दिशा में एक अहम कामयाबी मिली, जब एक 21 वर्षीय एक्टिविस्ट दिशा रवि को बेंगलुरू में हिरासत में लिया गया। फिलहाल के लिए दिशा को 5 दिन की न्यायिक हिरासत में रखा गया है।
Delhi Police Cyber Cell arrested 21-year-old climate activist Disha Ravi from Bengaluru on 13th February for her alleged role in spreading 'toolkit' related to farmers protest
— ANI (@ANI) February 14, 2021
लेकिन ये टूलकिट है क्या, और इसे फैलाने में दिशा रवि का क्या हाथ रहा है? दरअसल, कथित पर्यावरणवादी ग्रेटा थनबर्ग ने फरवरी के प्रारंभ में एक टूलकिट अपने ट्विटर अकाउंट पर अपलोड किया था, जिसे बाद में उसने डिलीट कर दिया। यह टूलकिट कहने को ‘किसान आंदोलन’ से जुडने के लिए एक अहम गाइड था, लेकिन वास्तव में ये एक ऐसा गाइड था जहां ये स्पष्ट किया गया कि किसान आंदोलन के नाम पर भारत को कैसे बर्बाद करना है। इससे ये भी सिद्ध हुआ कि जो 26 जनवरी को लाल किले पर हुआ, उसकी तैयारी तो काफी महीनों से चल रही थी।
अब इसमें दिशा रवि की क्या भूमिका है? यह एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग की Fridays For Future’s India chapter की सह संस्थापक है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, “दिशा रवि गूगल टूलकिट की प्रमुख संपादक है। उसने वॉट्सएप ग्रुप बनाया, ताकि इस टूलकिट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके। ग्रेटा जैसे लोगों के साथ मिलकर उसने ये टूलकिट तैयार किया है”।
Disha Ravi, arrested by Delhi Police, is an Editor of the Toolkit Google Doc & key conspirator in document's formulation & dissemination. She started WhatsApp Group & collaborated to make the Toolkit doc. She worked closely with them to draft the Doc: Delhi Police https://t.co/nsuXuuNZJ3 pic.twitter.com/fYB8koJnfj
— ANI (@ANI) February 14, 2021
ये इसलिए भी एक बेहद अहम कदम है, क्योंकि अभी कुछ ही दिन पहले गूगल ने भारतीय एजेंसियों को टूलकिट के निर्माताओं को ढूंढ निकालने में हर प्रकार का सहयोग देने का आश्वासन दिया था। अब जाहिर सी बात है कि इसपर वामपंथी उछलते ही, और वे उछले भी। तुरंत वे 21 वर्षीय दिशा रवि की पैरवी में सोशल मीडिया पर अश्रु गंगा बहाने लगे। अति नारीवादियों में गिने जाने वाली अधिवक्ता करुणा नंदी का कहना है, “किसान आंदोलन के समर्थन में एक सोशल मीडिया टूलकिट शेयर करने के लिए दिशा रवि को गिरफ्तार किया गया है। एकल माँ की बेटी दिशा पर ऐसे आरोप लगाना हास्यास्पद है, और उसे गिरफ्तार करना तो और भी ज्यादा”।
ऐसे ही स्क्रॉल वेबसाइट की संपादक सुप्रिया शर्मा ने ट्वीट किया, “हमें नहीं पता कि दिशा रवि को हिरासत में लिया गया है या नहीं। पर दिशा से इतना तो पता चलता है कि विरोध करने पर इस देश में क्या मिलता है”।
लेकिन दिशा रवि के समर्थन में जो स्क्रीनशॉट पोस्ट किया गया, वह तो कुछ और ही कहानी बता रही है। अगर दिशा रवि के बयानों को देखा जाए, तो उसके लिए पर्यावरण के नाम पर देशद्रोह करना बिल्कुल उचित है, जिसके लिए कोई सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए। ऐसे में दिल्ली पुलिस द्वारा दिशा रवि को हिरासत में लेना न केवल एक अहम उपलब्धि है, बल्कि इससे भारत को टुकड़ों में देखने की लालसा रखने वालों के चेहरे भी सामने आएंगे।