कुछ वामपंथी मीडिया पोर्टल एवं स्वयंभू फैक्ट चैकर्स की आदत रही है कि मोदी सरकार के मंत्रियों के बयान के आधार पर डेटा के साथ खिलवाड़ कर दुष्प्रचार फैलाएं। कुछ ऐसा ही एक फैक्ट चेकर पोर्टल ने भी किया है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कुटीर एवं लघु उद्योग के रजिस्ट्रेशन के संबंध में दिए गए बयान को लेकर एक फैक्ट चेक किया है। इसमें निर्मला सीतारमण के उस बयान को गलत बताया गया है जिसमें उन्होंने ये कहा था कि उत्तर प्रदेश में एमएसएमई देश में सर्वाधिक 90 लाख हैं। अब फैक्ट चेक में बताया गया है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने लोकसभा में 29 लाख का आंकड़ा दिया था।
आंकड़ों की भिन्नता के आधार पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला बोलते हुए उन्हें झूठा घोषित किया गया। ये झूठ फैलाने में वामपंथी मीडिया तो आगे है ही इसके साथ ही इसमें कांग्रेस पार्टी भी शामिल है।
इस पूरे झूठे अभियान से इतर सत्य ये है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने जो आंकड़ा दिया है वो उद्योग आधार पोर्टल पर रजिस्टर्ड आंकड़ा है। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो आंकड़ा दिया है वो उत्तर प्रदेश का NSS द्वारा एकत्र किया गया आंकड़ा है।
दरअसल, हाल ही में उत्तर प्रदेश के दौरे पर लखनऊ गईं केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने योगी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने बताया, “उत्तर प्रदेश में एमएसएमई की संख्या सबसे अधिक है और इसने ‘एक जिला एक उत्पाद’ कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू किया है जो कि ‘उबरते सितारे’ फंड जैसी पहल की सफलता के लिए आदर्श पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है और यहां करीब 90 लाख एमएसएमई स्थापित हैं।”
कथित फैक्ट चैकर्स को इसी बयान से परेशानी है। उन्होंने अपना एजेंडा फैलाना शुरू कर दिया और कहने लगे कि कैसे वित्त मंत्री ने अपने ही केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के लोकसभा में दिए गए आंकड़ों को झुठलाया है।
Smt @nsitharaman addresses the audience at the launch of 'Ubharte Sitaare Fund' in Lucknow. The Ubharte Sitaare Fund will go a long way in making India a major exporting hub. The fund was announced by the hon’ble FM in her budget speech in 2020. pic.twitter.com/TQmifZqwUz
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) August 21, 2021
फैक्ट चेक के अनुसार, नारायण राणे द्वारा लोकसभा में दिए गए बयान के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 29 लाख के करीब एमएसएमई हैं। वहीं, निर्मला सीतारमण ने 90 लाख का आंकड़ा दिया है। आंकड़ों की भिन्नता के इसी आधार पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमले किए जाने लगे।
सत्य ये है कि ये फैक्ट चेक ही दरअसल एक फेक न्यूज़ है। फैक्ट चेकिंग के नाम पर फैक्ट के साथ ही खिलवाड़ किया गया है। दरअसल, सत्य ये है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने जो आंकड़ा दिया है वो 29 लाख के करीब का ही है, लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है कि ये आंकड़ा केवल उद्योग रजिस्ट्रेशन पोर्टल के रजिस्टर्ड एमएसएमई का ही है।
पहली नजर में किसी को भी इस आंकड़े के बाद ये भ्रम हो सकता है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने झूठ बोला है। जबकि असलियत यह है कि कुटीर एवं लघु उद्योग से जुड़ी जानकारी आम जनता द्वारा ही उद्योग आधार पोर्टल पर रजिस्टर की जाती हैं।
उद्गोय आधार पोर्टल पर MSME को रजिस्टर करवाना अनिवार्य नहीं होता है। यह एक तरह से स्वैच्छिक होता है। ऐसे में बहुत से लोग अपना सूक्ष्म, लघु या फिर मध्यम स्तर का व्यापार संचालित करते हैं लेकिन वो इसका रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं।
ऐसे कई लोग हैं, जो एमएसएमई के अंतर्गत व्यापार करते हैं, किन्तु उनके इंटरप्राइजेज सरकारी पोर्टल पर रजिस्टर नहीं हैं। इसको और आसानी से समझिए। भारत में मत देना अनिवार्य नहीं है। लोग स्वैच्छा से मत देते हैं। बड़ी संख्या में लोग मतदान नहीं करते हैं। यहां दो संख्या हमारे सामने आ जाएंगी। पहली संख्या कुल मतदाता कितने हैं।
दूसरी संख्या कितने मतदाताओं ने मतदान किया। बिल्कुल इसी तरह से केंद्रीय मंत्री नारायण राणे वो संख्या बता रहे थे जोकि पोर्टल पर रजिस्टर्ड है और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण वो संख्या बता रही थीं जोकि वास्तव में काम कर रहे हैं।
ऐसे में असल आंकड़ा रजिस्टर्ड आंकड़े से कहीं अधिक होता है। निर्मला सीतारमण ने इसी आंकड़े का उल्लेख करके बताया कि उत्तर प्रदेश में 90 लाख से अधिक एमएसएमई हैं। ये आंकड़ा बिल्कुल भी गलत या झूठा नहीं है, ये NSS का आंकड़ा है। NSS की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि साल 2020-21 में एमएसएमई का ये अनुमानित आंकड़ा 89.99 लाख अर्थात 90 लाख का है, जोकि उद्योग आधार पोर्टल पर रजिस्टर ही नहीं है।
संगठित एवं असंगठित क्षेत्र का ये अंतर एमएसएमई में भी देखने को मिलता है। ऐसे में यदि कोई ये कहता है कि निर्मला सीतारमण द्वारा दिया गया बयान गलत है, और वो नारायण राणे के बयान से इतर झूठ बोल रही हैं तो ये फैक्ट चेक करने वालों पर ही प्रश्न उठाता है।
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कांग्रेस और विपक्ष की दूसरी पार्टियां वित्त मंत्री के इस बयान को तोड़मरोड़ कर पेश करने के प्रयास कर रही हैं, जबकि यथार्थ ये है कि निर्मला सीतारमण का बयान एकदम सही है। तथ्यपरक है। बस उन्होंने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के उद्योग पोर्टल की बजाए NSS का आंकड़ा दिया है। ऐसे में इन दोनों आंकड़ों का अंतर ना समझकर वामपंथी मीडिया पोर्टल और तथाकथित फैक्ट चेकर वित्त मंत्री के विरुद्ध झूठा एजेंडा चलाने में जुटे हैं।