TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    vijay diwas

    Vijay Diwas 2025 : 16 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है विजय दिवस, जानें पूरा इतिहास

    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    प्रधानमंत्री मोदी

    BJP ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों को पूरे सप्ताह उपस्थित रहने के दिए निर्देश, क्या लोकसभा में कुछ बड़ा होने वाला है?

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पाकिस्तान, बांग्लादेश, 1971 युद्ध, विजय दिवस

    बाँध कर नदी में खड़ा कराते, बहती थी गोलियों से भूनी हुई लाशें… भारत ने न बचाया होता तो बांग्लादेश कैसे मनाता ‘विजय दिवस’?

    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    vijay diwas

    Vijay Diwas 2025 : 16 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है विजय दिवस, जानें पूरा इतिहास

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    vijay diwas

    Vijay Diwas 2025 : 16 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है विजय दिवस, जानें पूरा इतिहास

    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    जनसंख्या के बदलते संतुलन पर असहज विमर्श प्रस्तुत करती पुस्तक ‘सेकुलरवाद और बदलती जनगणना के आंकड़े’

    प्रधानमंत्री मोदी

    BJP ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों को पूरे सप्ताह उपस्थित रहने के दिए निर्देश, क्या लोकसभा में कुछ बड़ा होने वाला है?

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    अंडमान में एक मंच पर होंगे अमित शाह और मोहन भागवत; वीर सावरकर के कार्यक्रम में संघ-भाजपा के मजबूत तालमेल का संदेश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पाकिस्तान, बांग्लादेश, 1971 युद्ध, विजय दिवस

    बाँध कर नदी में खड़ा कराते, बहती थी गोलियों से भूनी हुई लाशें… भारत ने न बचाया होता तो बांग्लादेश कैसे मनाता ‘विजय दिवस’?

    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    vijay diwas

    Vijay Diwas 2025 : 16 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है विजय दिवस, जानें पूरा इतिहास

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार: जिहादी जल्लादों ने उसकी बहन को उठाना चाहा तब हाथ में हंसिया ले अकेले कूद पड़ी नारायणी

भाग-8

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
21 September 2021
in इतिहास
नारायणी
Share on FacebookShare on X

मोपला दंगों का वृहद और विस्तृत वर्णन हमारे पूर्ववर्ती अंकों में कर दिया गया है। जनसंहार का आरंभ, विस्तार, कारण, विभीषिका, समर्थन, ऐतिहासिक विकृतिकरण और मोपला दंगों से संबंध रखने वाले सभी व्यक्ति, वस्तु, स्थान और घटनाओं के बारे में तथ्यपूर्ण परिचर्चा हम इस सीरीज में कर चुके हैं। हमारे द्वारा इस मौखिक परिचर्चा को तार्किक और तथ्यपूर्ण बनाने के साथ-साथ दर्शकों की सुगमता हेतु श्रुतितुल्य और रोचक बनाने का विनम्र प्रयास है। हम अपने दर्शकों के ज्ञान-क्षुधा और राष्ट्रप्रेम से परिचित हैं। अतः इस घोर अमानवीयता के संदर्भ में हम आपके कुछ नैसर्गिक और जिज्ञासु प्रश्न से पूर्णतः अवगत हैं। हम जानतें हैं कि हमारे विद्वत और राष्ट्रभक्त दर्शकों के मन-मस्तिष्क में ये प्रश्न अवश्य कौंधा होगा कि जब नृशंस नरसंहार का नारकीय नृत्य चल रहा था, तब क्या कोई ऐसा वीर नहीं था जिसने प्रतिकार किया हो?

क्या वीरता की संस्कृति नरसंहार के समय नपुंसकता की विकृति में परिवर्तित हो गयी थी? शौर्य कहाँ था? सामाजिक प्रतिरोध के उदाहरण कहाँ थे? नौजवान धर्मवीर उस समय कहाँ थे?

संबंधितपोस्ट

मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार का सच: इस्लाम न अपनाने पर 10,000 हिंदुओं की हत्या कर दी गई

मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार: क्यों आवश्यक है “मोपला नरसंहार दिवस”

मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार: कांग्रेस ने इसे स्वतंत्रता संग्राम और कम्युनिस्टों ने ‘कृषक क्रांति’ कहा

और लोड करें

खैर, वीरों का तो पता नहीं, लेकिन एक वीरांगना की पराक्रम-गाथा प्रतिरोध का प्रतीक बनी। इस अंक में हम आपको उसी वीरांगना की वीरगाथा सुनाएँगे। हम आपको संक्षेप किन्तु स्पष्ट रूप से यह बताएँगे की धर्मरक्षण हेतु उद्दत धर्म योद्धा कैसे अधर्मीयों के पूरे समूह पर भारी पड़ता है?

उत्तरी केरल में थुवूर और करुवायकांडी के बीच बंजर पहाड़ी पर एक कुआं है। 24 अगस्त, 1921 को इस बंजर पहाड़ी की चोटी पर मुस्लिम नेता चंब्रासेरी इम्बिची कोया थंगल ने अपने 4,000 से अधिक मुस्लिम अनुयायियों के साथ एक विशाल रैली का आयोजन किया था।

पहाड़ी पर एकान्त वृक्ष के नीचे थंगल खड़ा था और 40 से अधिक हिंदुओं का सर्वेक्षण कर रहा था, जो उसके सामने करबद्ध और नतमस्तक अवस्था में थे। उन पर लगे आरोप को पढ़कर सुनाया गया। तैंतीस हिंदुओं को मौत की सजा दी गई थी। पहले तीन की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य को एक के बाद एक पास के कुएँ में ले जाया गया, जैसे वधशाला में भेड़ के बच्चे।

जल्लाद कुएं के पास खड़ा था। वहाँ, प्रत्येक हिंदू को झुकने के लिए तख्त बनाया गया और उस पर उनके सर को रखा गया। फिर कुल्हाड़ी ने अपना वीभत्स कार्य शुरू किया। अधिकांश हिंदुओं के सिर काट दिए गए और उनके शरीर को कुएं में फेंक दिया गया। उनमें से कुछ की तत्काल मृत्यु नहीं हुई, लेकिन उन्हें गंभीर रूप से घायल कुएं में फेंक दिया गया। कुएं को ठोस चट्टान से तराशा गया था। उसके चारों ओर कोई दीवार नहीं थी। जो लोग गिरने से बच गए, उन्हें खूनी लाशों के बीच एक धीमी दर्दनाक मौत मरनी थी। खूनखराबे के तीन दिन बाद लोगों ने कुएं से चीख-पुकार सुनी लेकिन वे मदद करने नहीं आए क्योंकि वे स्वयं बहुत डरे हुए थे। जो कोई भी यहां घूमने आता, वह भयानक मृत अवशेष पाता। कुएं का तल मृतकों के कंकालों से भर गया।

चेम्ब्रसेरी के इस अमानवीय कृत्य के बाद, कई क्षेत्रों से ऐसी खबरें आई कि दंगाइयों ने दंगों में शामिल नहीं होने वालों को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाना आरंभ कर दिया था। विभीषिका की पराकाष्ठा देखिये और कल्पना कीजिये कि कैसा भयक्रांत वातावरण होगा, जब कुछ निरीह और असुरक्षित हिंदुओं को इन क्रूर मजहबी भेड़ियों की दयालुता पर छोड़ दिया गया। मैं तो कहूँगा कि यह नृशंसता, राजनैतिक नपुंसकता, सामाजिक अकर्मण्यता, वामपंथी दिग्भ्रमिता, पशुता और मानवीय मूल्यों के पतन की भी पराकाष्ठा है।

परंतु, इस प्रलय और घनघोर तम के बीच संबल और प्रतिरोध का दिया जलाती एक वीरांगना विलक्षण वीरता का उदाहरण प्रस्तुत करती है।

26 सितंबर को एरीकोड तालुक में रहनेवाली एरिनहिक्कल नारायणियम्मा के घर कुछ मोपला घुस आए। पशुता करने को उद्दत ये मोपला दंगाईयों ने रात के दौरान बाहरी दरवाजे को तोड़ नारायणी घर में प्रवेश किया। इन क्रूर जंगली पशुओं को नारायणी एक निरीह शिकार सम प्रतीत हुई। उस समय घर में कुछ अन्य महिला और उनकी बहन थीं। अतः धर्म से ही धर्मांधता की स्वीकार्यता लिए हुए इन मप्पीलाओं को नारायणी और अन्य स्त्रियाँ सिर्फ मांस के एक टुकड़ा दिख रहीं थी, जिसके मान, सम्मान, शील और जान से वो मनोरंजन और शारीरिक क्षुधा तृप्ति को आतुर थे। इतनी अमानवीयता आश्चर्यजनक है परंतु उस समय उन मप्पीलाओं के इस अमानवीयता को इस्लामिक संरक्षण और स्वीकार्यता प्राप्त थी। अतः, इस्लामिक उन्माद और शासनकाल में हिंदुओं पर ये क्रूरता आम बात थी। नारायणी को परिस्थितियों का ज्ञान था। वह सजग और सतर्क थी। बिलकुल निर्भीक। सामर्थ्य, संबल और स्वाभिमान का प्रत्यक्ष प्रतिमूर्ति।

मलाबार कलप्पम

मप्पीलाओं को प्रवेश करते देख नारायणीयम्मा ने भागकर अन्य महिलाओं के जीवन रक्षण का प्रयत्न किया। दुर्भाग्यवश, एक मप्पीला ने उन पर चाकू से वार किया। साक्षात नारायण सम शक्ति को स्वयं में समाहित किए नारायणम्मा ने भीषण प्रतिकार किया। नारायणी ने अपने कटार से उस राक्षस का वध कर दिया। नारायणी ने अद्भुत पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए अपने बहन और अन्य स्त्रियों के जीवन और शील रक्षण किया। परंतु, उनके इस भीषण प्रहार से अचंभित 10-15 आताताइयों ने एकसाथ उन्हें घेर लिया। दो-तीन लोगों को घायल कर नारायणी  गिर गई। इस चहुंदिशी प्रहार ने शौर्य को शारीरिक क्षमताओं की सीमा में बांध दिया लेकिन, विरोध करने वाली और उनकी बहन इस हलचल से बच निकली। यह सब सुनने के बाद, मदद हेतु आगे आए कृष्णन नायर ने मप्पिलाओं पर हमला कर दिया परंतु मोपलाओं उन्हें भी धराशायी कर दिया तथा उन्हें मृत मानकर छोड़ दिया। अगले दिन, नारायणी को कोझीकोड अस्पताल लाया गया। उनके देह पर अनगिनत घाव थे। उनकी मृत्यु को वैज्ञानिक भाषा में समझाएँ तो इसे ‘death after death’ कहते हैं।

के माधवन नायर की मलयाली भाषा में प्रकाशित पुस्तक मलाबार कलप्पम के पृष्ठ संख्या 204 पर नारायणी के इस अद्वितीय वीरता का सजीव चित्रण किया गया है। उनकी इस अतुलनीय वीरता का वर्णन एरनाड कलप्पम नामक मलयाली लोकगीत के माध्यम से भी किया गया है। मलयाली भाषा में कलप्पम का अर्थ दंगों से है। शौर्य और शक्ति की समझ हेतु भावी पीढ़ियों को इसका अवश्य ही अध्ययन करना चाहिए।

राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ ऐसी वीरांगना के नाम पर वीरता का प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को “women for exemplary bravery’’ का पुरस्कार देकर नारायणी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहती है। यह प्रशंसनीय है। पीढ़ियों को उनके बारे में ज्ञात होना चाहिए।

इस सच्ची घटना से हम अपने दर्शकों को दो बात समझाना चाहते हैं। प्रथम, जितने प्रहार नारायणी के शरीर पर किया गया वो इस्लामिक धर्मांधता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। और नारायणी का प्रतिकार ‘धर्मो रक्षति रक्षतः’ का प्रतिबिंब। नारायणी का साहस यह दर्शाता है कि अगर हम धर्म की रक्षा करें तो धर्म अवश्य हमारी रक्षा करेगा। यह इस्लामिक धर्मांधता पर सनातन विजय है। इस कहानी के माध्यम से आप इस्लामिक क्रूरता का दर्शन करें और धर्मपरायणता हेतु उद्दत हों। इस बात को समझें कि एकता में ही शक्ति है। इसी शक्ति से आप संरक्षित रहेंगे। अन्यथा इस्लाम आपको एक कर देगा काफिर के नाम पर। धर्मो रक्षति रक्षतः से यत: धर्मोस्ततः जयः की सीख मोपला दंगों पर हमारे इस प्रस्तुतीकरण को सार्थकता देगी।

भाग 1 – मोपला नरसंहार: कैसे टीपू सुल्तान और उसके पिता हैदर अली ने मोपला नरसंहार के बीज बोए थे

भाग 2- मोपला नरसंहार: टीपू सुल्तान के बाद मोपला मुसलमानों और हिंदुओं के बीच विभाजन का कारण 

भाग 3- मोपला नरसंहार: 1921 कोई अकेली घटना नहीं थी, 1836 से 1921 के बीच 50 से अधिक दंगे हुए थे

भाग 4- कैसे ओट्टोमन साम्राज्य के विध्वंस ने खिलाफत आंदोलन की नींव रखी जिसके कारण मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार हुआ

भाग 5- मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार का सच: इस्लाम न अपनाने पर 10,000 हिंदुओं की हत्या कर दी गई

भाग 6- मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार: कांग्रेस ने इसे स्वतंत्रता संग्राम और कम्युनिस्टों ने ‘कृषक क्रांति’ कहा

भाग-7: मोपला हिंदू विरोधी नरसंहार: क्यों आवश्यक है “मोपला नरसंहार दिवस”

 

Tags: मोपला नरसंहार
शेयर93ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पहली बार CCP ने PLA के पूर्व सैन्यकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है और यह उनके लिए घातक होगा

अगली पोस्ट

त्रिपुरा में तैयार हो रहा है बीजेपी का अभेद्य किला, लाख कोशिशों के बावजूद नहीं भेद पाएगी TMC

संबंधित पोस्ट

पाकिस्तान, बांग्लादेश, 1971 युद्ध, विजय दिवस
इतिहास

बाँध कर नदी में खड़ा कराते, बहती थी गोलियों से भूनी हुई लाशें… भारत ने न बचाया होता तो बांग्लादेश कैसे मनाता ‘विजय दिवस’?

16 December 2025

16 दिसंबर, यानी 'विजय दिवस' - वो दिन, जब भारत ने पूर्वी पाकिस्तान, यानी बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ाद करवाया। पाकिस्तानी फ़ौज की क्रूरता से...

16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था
इतिहास

ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

16 December 2025

16 दिसंबर 1971 को ढाका में भारतीय और बांग्लादेशी कमांडरों की मौजूदगी में एक शांत लेकिन ऐतिहासिक दृश्य सामने आया, जब पाकिस्तान की ईस्टर्न कमांड...

vijay diwas
इतिहास

Vijay Diwas 2025 : 16 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है विजय दिवस, जानें पूरा इतिहास

16 December 2025

16 दिसंबर 2025 को भारत में विजय दिवस (Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है. 1971 में इसी दिन भारत ने पाकिस्तान सेना से...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited