अगर आपकी हिन्दू धर्म के प्रति आस्था है, और आप यदि भगवान श्रीराम समेत 33 कोटि देवी-देवताओं के प्रति सम्मान का भाव रखते हैं, तो आपको वामपंथियों द्वारा कथित आधुनिकता के नाम पर ट्रोल किया जाता रहेगा। वहीं आजकल देश के कुछ विश्वविद्यालयों में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी हिन्दुओं की आस्था का मजाक बनाने में तनिक गुरेज नहीं किया जाता है। इसका हालिया उदाहरण दिल्ली के एम्स में मिला है, जहां ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म Unacademy द्वारा आयोजित कथित रामलीला के कार्यक्रम में हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के प्रयास किए गए हैं। इसमें भगवान राम से लेकर उनके पिता दशरथ, माता सीता समेत सभी पात्रों को अपमानित किया गया है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर Unacademy के विरुद्ध लोगों का गुस्सा भड़क उठा है।
दिल्ली एम्स में भगवान श्रीराम का अपमान
भगवान श्रीराम को लेकर सदैव आलोचनात्मक बयान वामपंथियों और हिन्दू विरोधियों द्वारा सामने आते रहे हैं। इसके विपरीत अब अजीबो-गरीब बात ये है कि हिन्दुओं की इस आस्था को ठेस पहुंचाने के लिए लोग उन्हीं पात्रों का चोला धारण कर रहे हैं। दिल्ली एम्स के छात्रों द्वारा एक रामलीला का आयोजन किया गया था, जिसका प्रायोजक कोई और नहीं ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म Unacademy था। वहीं रामलीला का नेतृत्व शोएब आफताब ने किया था। ऐसे में रामलीला के वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें रामायण के अलग-अलग पात्रों का मजाक उड़ाया गया है। इस वीडियो में भगवान श्रीराम के पिता राजा दशरथ को एक कमजोर व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है। इतना ही नहीं, इस पूरी रामलीला में अश्लीलता की भरमार है, और अमर्यादित शब्दों का धड़ल्ले से प्रयोग किया गया है।
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सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल हो रहे वीडियो में भगवान राम के अपमान की भरमार है। भगवान राम और राजा दशरथ का नाम इसमें जिस तरह सम्बोधित किया गया, वो प्रत्येक हिन्दू के लिए शर्मनाक बात है। लोगों का मानना है कि ये हिन्दू धर्म की आने वाली पीढ़ी पर दुष्प्रभाव डाल सकता है, खास बात ये है कि इसमें लंका को JNU कहा गया है।
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लोगों का निकला आक्रोश
रामायण के पात्रों को लेकर इस तरह हिंदू विरोधी मजाक को प्रायोजित करने के लिए ‘Unacademy’ का विरोध किया जा रहा है। वहीं, इस पूरे प्रकरण के बीच यक्षप्रश्न यही रह जाता है कि क्या इस प्रकार की शिक्षा ही Unacademy द्वारा देश के डिजिटल माध्यमों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को भी दी जा रही है? इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि, “जो प्रभु श्री राम दुनिया के पालनहार है, आज उन्हीं का अपमान इस तरह किया जा रहा है, ये दुष्कृत्य सहना और इसे देखकर इसका समर्थन करना हर हिन्दू के लिए शर्मनाक बात होगी।” वहीं सोशल मीडिया यूजर्स की मांग है कि एम्स प्रशासन से लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि ये हिन्दू संस्कृति को चोट पहुंचाने की साजिश का संकेत देता है।
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वहीं इस मौके पर लोगों ने Unacademy को भी निशाने पर लिया है, क्योंकि लोगों का मानना है कि ये ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म हिन्दुओं के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाने में सबसे आगे निकल चुका है। खबरों के मुताबिक कुछ दिन पहले ही Unacademy ने एक ऐसा सवाल पूछा था, जिसमें ये दिखाने की कोशिश की गई थी कि मुस्लिमों को हिन्दू बहुल इलाकों से निकलने पर मारा और प्रताड़ित किया जाता है। हालांकि, जमीनी स्तर पर यथार्थ एकदम विपरीत है। इसके चलते लोगों ने जमकर उनकी आलोचना की थी, जिसका नतीजा ये हुआ था Unacademy को वो सवाल डिलीट करना पड़ा था।
ऐसे में एक बार फिर हिन्दुओं के विरुद्ध एजेंडा चलाने के बाद अब Unacademy कथित रामलीला के नाम पर मुस्लिम छात्रों के जरिए भगवान श्रीराम का अपमान करवा रहा है, जिसके चलते कि एम्स के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही Unacademy को सबक सिखाना आवश्यक है।