आंध्र प्रदेश में लगातार ईसाई मिशनरीज का बोलबाला किसी से भी छिपा नहीं है। यहां पर्दे के पीछे से मिलने वाली सरकारी मदद के माध्यम से मिशनरी धड़ल्ले से हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कर उन्हें ईसाई बनने के लिए प्रेरित करते रहे हैं। ऐसे में अब तनाव इस बात को लेकर हो गया है कि दुर्गा पूजा जैसे पवित्र त्योहार में भी ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार हो रहा है, क्योंकि जिस टेलीविजन चैनल को दुर्गा पूजा के कार्यक्रमों के प्रसारण का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था वो हिन्दू धार्मिक संदेशों के बजाए ईसाई धर्म के संदेश प्रसारित कर रहा है। इसको लेकर जहां इलाके में तनाव व्याप्त हो गया, तो दूसरी ओर भाजपा ने भी मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर हमला बोल दिया है, कि ईसाईयों का तुष्टीकरण कर राज्य में मिशनरीज की मदद करने में जगन सरकार पराकाष्ठा पार कर चुकी है।
आंध्र प्रदेश में ईसाई मिशनरीज और हिन्दुओं के धर्मांतरण का मुद्दा हमेशा ही ज्वलंत रहा है, और एक बार फिर अब नवरात्रि के अवसर पर मिशनरीज का काला खेल सामने आया है। खबरों के मुताबिक श्री दुर्गा मल्लेश्वर स्वामीवाला देवस्थानम के पास उस तनाव व्याप्त हो गया, जब एक निजी टेलीविजन चैनल ने कथित तौर पर दूसरे धर्म का प्रचार किया, और ये प्रसारण इसाई धर्म से संबंधित था। निजी टीवी चैनल को ही ब्रॉडकास्टिंग करने की जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन वो ईसाई धर्म की चीजें दिखाने लगा।
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वहीं, दुर्गा पूजा की बजाय अन्य धर्म से जुड़े प्रसारण पर लोग नाराज हो गए हैं। कृष्णा नदी के किनारे स्थित मॉडल गेस्ट हाउस के पास लगे एलईडी स्क्रीन पर एक श्रद्धालुओं ने कथित तौर पर पत्थर फेंका। स्क्रीन क्षतिग्रस्त हो गई और कुछ अन्य भक्तों ने कथित तौर पर दुर्गा मंदिर के पास दूसरे धर्म की गतिविधियों के प्रसारण को लेकर आपत्ति जताई।
इस दौरान गेस्ट हाउस और अन्य जगहों पर तैनात पुलिस मौके पर पहुंची और श्रद्धालुओं को शांत कराया। उन्होंने मंदिर में दूसरे धर्म के कार्यक्रम का प्रसारण रोक दिया और स्थिति को नियंत्रित किया। वन टाउन के सीआई पी वेंकटेश्वरलू ने कहा कि मंदिर के कार्यकारी अधिकारी डी. ब्रमरम्बा ने मंदिर के पास अन्य धर्म के प्रसारण के मुद्दे पर शिकायत दर्ज की थी और सी-चैनल, कीर्ति क्रिएशंस और अन्य संगठनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा “हम सीसीटीवी फुटेज की पहचान कर रहे हैं और विस्तृत जांच जारी है। हालांकि, अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।”
इस मुद्दे को लेकर भाजपा नेता लंका दिनाकर ने राज्य के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर ही हमला बोल दिया और आरोप लगाया कि कैसे जगन सरकार राज्य की जनता को इसाई धर्म की ओर धकेल रही है। उन्होंने कहा, “वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश सरकार धर्मांतरण के लिए काम कर रही है। वे ऐसे अवसर पैदा करते हैं जिससे लोगों को ईसाई धर्म की ओर धकेला जा सके। यह सरकार ऐसे मामलों के पर प्रोपेगेंडा उैला रही रह है। मां दुर्गा के भक्तों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। ऐसे में आरोपी को दंडित किया जाना चाहिए, वरना हम हिंदू धर्म के खिलाफ नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ लड़ने के लिए एक बड़ा आंदोलन करेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “इस दशहरा और नवरात्रि के दौरान, मंदिर के एक तरफ रोशनी और वाईएसआरसीपी ध्वज से सजाया गया है, और दूसरी तरफ पादरी के संदेशों वाले होर्डिंग व पोस्टर से प्रोपेगैंडा होता है।”
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स्पष्ट है कि राज्य में मिशनरीज के जरिए हिन्दुओं को धर्मांतरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वहीं, हिन्दुओं के मंदिरों के तोड़ने में भी जगन सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसके चलते आंध्र की जगन सरकार भाजपा समेत हिन्दूवादी दलों के निशाने पर रहती है। इन घटनाओं के बीच अब दुर्गा पूजा के मौके पर ईसाई धर्म से संबंधित चीजों का प्रसार करने के मुद्दे पर न केवल उस टीवी चैनल के प्रबंधन को निशाने पर लिया जा रहा है, अपितु अब जगन सरकार पर भी जनता का गुस्सा भड़क उठा है।