जब–जब भारत के एक वर्ग के लिए उसकी आवाज़ उठाने के लिए कोई प्रयास करने उठता है तो कुछ कट्टरपंथी धड़े उस आवाज़ पर हावी होने का भरसक प्रयास करते हैं। यह वर्ग है हिन्दू धर्म के अनुयायियों का जिन्हें इतने वर्षों तक अपने होने का एहसास कराने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती आई है। आज के कालखण्ड में अपनी आवाज़ बुलंद करने का सबसे आसान ज़रिया सोशल मीडिया है पर अब उस सोशल मीडिया पर वही गिद्ध अपना आधिपत्य जमा रहे हैं जो अबतक ज़मीन पर हिन्दुओं को धुतकारते आए हैं। ताज़ा मामला देश के प्रख्यात फ़िल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री से जुड़ा है जिनका ट्विटर अकाउंट मात्र इस वजह से निलंबित कर दिया क्योंकि उनकी आगामी फ़िल्म कश्मीर में हुए नरसंहार और पलायन के सत्य को दर्शाती है। ऐसे में इतने दिनों से शांत पड़े ट्विटर से जुड़े विवादों ने एक बार फिर से तुल पकड़ लिया है।
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बता दें, बॉलीवुड फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री का ट्विटर अकाउंट कथित तौर पर इसलिए निलंबित कर दिया गया है क्योंकि वह ‘द कश्मीर फाइल्स‘ नाम से एक फिल्म बना रहे हैं। दरअसल, यह फिल्म 1990 के दशक की शुरुआत में जिहादी विद्रोह के कारण कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी बताती है।
विवेक अग्निहोत्री के कई समर्थक ट्विटर की मनमानी कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि माइक्रो–ब्लॉगिंग साइट ने विवेक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया है और यह तब हुआ है जब उन्होंने इसके किसी भी दिशानिर्देश का उल्लंघन नहीं किया है।
यह पहली बार नहीं है जब ट्विटर की ओर से ऐसा दुस्साहस किया गया है, बीता 2021 पूरा वर्ष ट्विटर के इन्हीं कर्मकांडों से भरा रहा था। कभी वो किसी नेता का अकाउंट ब्लॉक कर रहा था तो कभी किसी का। पिछले वर्ष भारत के कई शीर्ष पदों पर विद्यमान नेताओं जिनमें उपराष्ट्रपति एम॰ वैंकेया नायडू तक शामिल हैं जिनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ब्लूटिक हटा दिया गया था। ऐसी अनगिनत घटनाएँ बीते वर्ष देखने को मिली थीं जिसके बाद तत्कालीन ट्विटर सीईओ जैक डॉर्सी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था और अंततः उन्होंने नवंबर 2021 में अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और उनकी जगह भारतीय मूल के पराग अग्रवाल ने ली थी।
पराग की नियुक्ति के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा था कि अब वह सब पुनः नहीं दोहराया जाएगा जो डॉर्सी के कार्यकाल में हुआ। पर जैसा की विवेक अग्निहोत्री को ट्विटर अकाउंट अब निलंबित किया गया है इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि भले ही व्यक्ति बदल गया है परंतु आज भी ट्विटर की सोच भारतीय मूल के विरूद्ध है।
ऐसे में यह उम्मीद है कि जल्द ही विवेक को कानूनी मदद मिलेगी। हाल ही में, आरती टीकू नाम की एक पत्रकार ने ट्विटर द्वारा उनके खाते को इसी तरह से निलंबित किए जाने के बाद अदालत का रुख किया। उन्होंने केस जीत लिया और उनका खाता बहाल कर दिया गया।
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विवेक ने अपनी 2019 की फिल्म ‘द ताशकंद फाइल्स‘ के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा – संवाद के लिए प्रसिद्ध राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है। उनकी आने वाली फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स‘ में मिथुन चक्रवर्ती, अनुपम खेर, दर्शन कुमार, पल्लवी जोशी, पुनीत इस्सर, प्रकाश बेलावाड़ी हैं।
Twitter is right .
विवेक अग्निहोत्री वो कुत्ता है, जिसकी पूंछ कभी नहीं सीधी हो सकती!