दुनिया तकनीक के मामले में जितना आगे बढ़ रही है और प्रगति कर रही है उतना ही टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल भी हो रहा है। हाल ही में नागालैंड के शिक्षा मंत्री तेमजें अलोंग को धमकी भरे मैसेज आने लगे। उनका कहना था कि जब वे अपने कुछ साथियों के साथ थे तो एक नंबर से उन्हें बार-बार वीडियो कॉल आ रही थी।
बाद में उसी नंबर से उन्हें एक वीडियो क्लिप भेजी गई, जिसमे अश्लील ग्राफिक्स दृश्यों में किसी और के शरीर पर उनकी तस्वीर लगाई गई थी। थोड़ी ही देर में उन्हें एक फोन आया जिसमे दूसरी तरफ से आवाज़ आई, “मैं आपकी वीडियो यूट्यूब, ट्विटर, फेसबुक और बाकी सभी सोशल मीडिया चैनल पर डाल रही हूं, बोलो डिलीट या वायरल।”
Dear Friends,
Mostly, I have been active on social media platforms to connect with my fellow citizens and interact with them. I have also been interacting with people through Video Calls. pic.twitter.com/yqpR185Rd8
— Temjen Imna Along(Modi Ka Parivar) (@AlongImna) June 2, 2022
हालाँकि उस तरफ से कोई रकम नहीं बताई गई लेकिन उसकी ओर से “डिलीट या वायरल, तुम्हारी मर्जी” जैसे मैसेज आते रहे। अलोंग नागालैंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। अलोंग पूरे मामले को पब्लिक डोमेन में लेकर आए और उन्होंने FIR भी दर्ज करवाई। लेकिन यह कोई पहली बार नहीं हुआ है कि कोई बड़ा नेता सेक्सटॉर्शन का शिकार हुआ हो। इससे पहले शिवसेना के विधायक प्रकाश सुर्वे, राजस्थान के मंत्री रामलाल जाट और बीजेपी की एमपी प्रज्ञा ठाकुर जैसे कई नेता इसका शिकार हो चुके हैं।
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सेक्सटॉर्शन एक गंभीर अपराध है। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक सेक्सटॉर्शन वर्चुअल सेक्स और फिर होने वाली उगाही से मिलकर बना है। इसमें साइबर ठग फेक आईडी बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। फ्रेंडली माहौल बनाने के बाद अश्लील बातें की जाती हैं। कुछ देर या दिन बाद वीडियो कॉल शुरू हो जाती हैं। फिर इन्ही रिकॉर्डेड वीडियो के जरिए ब्लैकमेलिंग की जाती है।
पुरुष पीड़ितों के मामले में साइबर ठग महिला बनकर उनसे जुड़ते हैं। और महिला को जब ठगना होता है तो साइबर ठग पुरुष की आईडी बनाकर उनसे जुड़ते हैं। हालांकि ज़रूरी नहीं है कि सेक्सटॉर्शन में केवल नामी व्यक्ति ही फंसे। कई बार आम इंसान या कोई विद्यार्थी भी इसका शिकार बन जाता है। साल 2021 में दिल्ली के पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता का कहना था कि उसे एक लड़की की फेसबुक रिक्वेस्ट मिली जिसे उसने एक्सेप्ट कर लिया। कुछ दिन बाद उसने अपना व्हाट्सप्प नंबर भी उस लड़की को दे दिया और फिर एक दिन उस लड़की ने व्हाट्सप्प वीडियो कॉल किया।
जिसमें अश्लील सामग्री थी। इसके बाद उसे एक वीडियो क्लिप भेजी गई और उस वीडियो क्लिप में उसका चेहरा था। उस लड़की ने उन तस्वीरों और वीडियो को डिलीट करने के लिए 1.96 लाख की मांग की। उस दोषी की व्हाट्सप्प की प्रोफाइल पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की तस्वीर थी।
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में ऐसी ही कई और शिकायतें भी आईं हैं। इसके बाद पुलिस एक्शन में आई है। दिल्ली पुलिस की छानबीन उन्हें राजस्थान के छोटे से गाँव भरतपुर तक ले गई जहाँ उन्होंने हकमुद्दीन नाम के एक शख्श को पकड़ा जो फेसबुक और व्हाट्सप्प के जरिए लोगों को सेक्सटॉर्शन का शिकार बनाता था।
24 साल का यह आदमी पिछले डेढ़ वर्षों से इस काम में था और लगभग 300 लोगों से 30 लाख रूपए लूट चूका था। दसवीं तक पढ़े हकमुद्दीन के परिवार के तीन साथी मौके से फरार हो गए। बतौर हकमुद्दीन ये सेक्सटॉर्शन का धंधा उन लोगों का फैमिली बिज़नेस है।
हालांकि अब अपराधियों को सेक्सटॉर्शन के लिए फोन करने की भी ज़रूरत नहीं है। क्योंकि अब ‘डीपफेक’ और ‘डीप-न्यूड’ जैसी नवीनतम और इनोवेटिव तकनीक के जरिए साइबर ठग लोगों को फंसा रहे हैं। इस तकनीक में पीड़ित का चेहरा एक अश्लील वीडियो में किसी और के चेहरे पर लगा दिया जाता है और यह इतने परिष्कृत ढंग से किया जाता है कि पहचान पाना मुश्किल हो जाता है कि यह वही इंसान है या उसके चेहरे के पीछे कोई और।
2021 में गुजरात में कैबिनेट के एक मंत्री सेक्सटॉर्शन का शिकार हुए। दरअसल, मंत्री जी की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी महिला के साथ बातचीत शुरू हुई। महिला ने भी खुद को पार्टी का सदस्य बताया। बातें बढ़ीं तो व्हाट्सप्प नंबर भी शेयर किए गए और एक दिन मंत्री जी को एक अश्लील वीडियो क्लिप भेजा गया, जिसमें वे मौजूद थे।
वीडियो भेजने वाले ने उनसे 5 लाख रूपए की मांग की। वे पहले ही उसे 50,000 दे चुके थे, दो लाख और देने के बाद जब वे और पैसे देने की स्थिति में नहीं थे तो उन्होंने पुलिस में जाकर इसकी शिकायत दर्ज़ करवाई। पुलिस की छानबीन में पता चला कि वह जिस महिला से बात कर रहे थे वह असल में थी ही नहीं बल्कि एक आदमी इन हरकतों को अंजाम दे रहा था।
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इसके साथ ही भारत में बहुत से ऐसे कानून हैं जिनका दुरुपयोग भी महिलाएं कर रही हैं। इनमें सबसे पहला नाम POCSO का है। हाल ही में मुंबई पुलिस ने निर्देश जारी किए हैं, जिनके अनुसार कोई भी POCSO का केस तब तक दर्ज नहीं होगा, जबतक कि ACP रैंक के पुलिस अफसर से अनुशंसित और DCP रैंक के पुलिस अफसर से अनुमित नहीं मिल जाती।
मुंबई पुलिस को यह निर्देश जारी करने पड़े क्योंकि POCSO के झूठे केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया को एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि POCSO के मामले निजी दुश्मनी निकालने का एक टूल बन गया है। इसके साथ और भी ऐसे कई कानून हैं जिनका महिलाएं दुरुपयोग कर रही हैं।
सेक्सटॉर्शन के मामले पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी बढ़ते ही जा रहे हैं। अगर इन मामलों और अपराधियों पर लगाम नहीं कसी गई तो वह दिन दूर नहीं जब यह अपराधी अपना दायरा बहुत बड़ा कर लेंगे। जरूरी है कि आप या आपके बच्चे जब भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें तो अपनी निजी जानकारी या प्राइवेट तस्वीरें शेयर करने से बचें। अगर कोई बार बार परेशान कर रहा हो तो पुलिस के साइबर सेल में शिकायत अवश्य करें। सतर्क रहे।
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