TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

इतिहास की सबसे घटिया सिंगर नेहा कक्कड़ को फाल्गुनी पाठक ने सबक सिखा दिया

अब दूसरे गीतकारों को सामने आकर इन नकलचियों को सबक सिखाना चाहिए!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
24 September 2022
in चलचित्र
नेहा कक्कड़ फाल्गुनी पाठक

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

हे भगवन, यदि नीति हो तो इसी लोक में और यदि न्याय हो तो इसी संसार में हो। बहुत झेल लिया संगीत का सत्यानाश अब और नहीं रहा जाता, हम संगीत प्रेमियों को तनिक संगीत चाहिए, कान फोडू, कर्कश, बवासीर नहीं। क्षमा करें, परंतु यदि गीतों में आत्मा होती और वे मानव होते तो नेहा कक्कड़, तनिष्क बागची, बादशाह, टोनी कक्कड़ जैसे दुरात्माओं पर कुकर्म के असंख्य मुकदमे ठोके जाते और इनके दंड तय करने में स्वयं देवताओं की राय मांगनी पड़ जाती। बॉलीवुड में अब कॉपी पेस्ट ही बचा रह गया है और इसी बीच कॉपी पेस्ट का एक और खेल सामने आया है, जिसे लेकर सवाल उठे है। जी हां, हम नेहा कक्कड़ और फाल्गुनी पाठक के बारे में ही बात कर रहे हैं, जिनकी खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे फाल्गुनी पाठक ने नेहा कक्कड़ जैसे खटमल को मसल कर रख दिया है और कैसे यह एक सूचक है उन कलाकारों के लिए, जो लोकलाज के भय से अपने कला की हत्या पर मौन धारण किए रहते हैं।

दरअसल, हाल ही में “मैंने पायल है छनकाई” का रीमेक संस्करण सामने आया, जिसमें एक बार फिर नेहा कक्कड़ संगीत विद्या का निर्ममता से चीर हरण कर रही थी। नेहा कक्कड़ (Neha Kakkar O Sajna Song) ने 19 सितंबर को अपना नया गाना ‘ओ सजना’ रिलीज किया। इसमें उनके साथ क्रिकेटर युजवेंद्र चहल की पत्नी धनश्री वर्मा और टीवी एक्टर प्रियांक शर्मा को कास्ट किया गया है। म्यूजिक तनिष्क बागची का है, मतलब एक तो करेला दूजा नीम चढ़ा। अब कलयुग में मानो दु:शासन ने इस व्यक्ति का रूप धारण कर लिया था परंतु धैर्य की भी एक सीमा होती है! गाना सामने आते ही जनता ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया, नेहा कक्कड़ को इस निर्लज्जता के लिए जमकर खरी खोटी सुनाई और इस बार उनका साथ देने कोई और नहीं स्वयं फाल्गुनी पाठक सामने आईं।

संबंधितपोस्ट

बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

सलमान से शाहरुख तक, ऑपरेशन सिंदूर पर क्यों खामोश रहे ‘रील हीरोज़’?

वैष्णो देवी मंदिर के पास रशियन छोरी संग शराब पी रहा था ‘बॉलीवुड का लाल’ ओरी, पुलिस ने दिए गिरफ्तारी के आदेश

और लोड करें

और पढ़ें: भिंडरांवाले को ‘पूजने’ वाली पंजाबी म्यूज़िक इंडस्ट्री का वास्तविक चेहरा देख लीजिए

https://twitter.com/Stars_ki_Duniya/status/1573258367543701504

 

संगीत का ऐसा विनाश स्वीकार्य नहीं

हालांकि, आज भी जिनके गीत देश भर के नवरात्रि उत्सव या किसी भी सांस्कृतिक पर्व में चार चांद लगा दें और 90s के युवाओं के लिए जिनके गीत अमृत धारा से कम न हो उनकी गीतों के साथ छेड़छाड़ करोगे तो महोदया आरती तो नहीं उतारेंगी? वही किया फाल्गुनी पाठक ने। जन विरोध के असंख्य उदाहरणों को उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया और बताया कि कुछ भी कीजिए पर संगीत का ऐसा विनाश स्वीकार्य नहीं होगा। उदाहरण के लिए उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपने फैंस के पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसमें नेहा कक्कड़ को गाने के लिए कोसा गया है और फाल्गुनी पाठक की तारीफ हुई है। इस पोस्ट में लिखा है, “नेहा कक्कड़ तुम कितना नीचे जा सकती हो? हमारे लिए हमारे पुराने क्लासिक्स को बर्बाद करना बंद करो।”

Neha Kakkar
Source- Instagram

ये तो कुछ भी नहीं है। स्मरण है “याद पिया की?” हां वही गीत, जिसपर न जाने कितने टिक टॉकियों का करियर फला फूला था? ये भी फाल्गुनी पाठक की ही एक कर्णप्रिय धुन थी, जिसका पंचनामा किया तनिष्क बागची और नेहा कक्कड़ की घातक जोड़ी ने और तड़का लगाया दिव्या खोसला कुमार के ऑस्कर विनिंग एक्सप्रेशंस ने! ऐसे में अब जो लड़ाई फाल्गुनी पाठक ने प्रारंभ की है, उसे बाकी गीतकारों एवं कलाकारों को भी आगे बढ़ाना चाहिए। वो कैसे? लूडो देखी है? अरे वही नेटफ्लिक्स वाली फिल्म, जिसमें एक पुराने गीत को दर्शकों ने इतना सराहा कि आज वह वर्षों बाद पुनः वायरल हो गया और आज कई लोगों के लिए वह उनका कॉलर ट्यून बन गया है। किसे पता था कि वर्ष 1951 में भगवान दादा की फिल्म ‘अलबेला’ में आए गीत ‘ओ बेटा जी, अरे ओ बाबू जी’ पुनः सबका प्रिय बन जाएगा? ठीक इसी तरह कभी प्यासा का चर्चित गीत ‘जाने क्या तूने कही’, अब आर बाल्की की फिल्म ‘चुप’ की कृपा से पुनः लोकप्रिय बन रही है।

और पढ़ें: क्या भोजपुरी वास्तव में एक फूहड़ भाषा है? यदि नहीं, तो किसने इसे फूहड़ बनाया और क्यों ?

तो फिर समस्या कहां बन रही है और नेहा कक्कड़ जैसों से क्या दिक्कत है? एक समय होता था, जब भारत में ‘सच कह रहा है दीवाना, दिल, दिल न किसी से लगाना’, जैसे गीत भी लिखे जाते थे। गीतकार समीर अनजान को ऐसे कर्णप्रिय बोल लिखने के लिए केवल एक दिन का समय मिला था लेकिन उन्होंने तमिल फिल्म ‘मिन्नाले’ के हिन्दी रीमेक ‘रहना है तेरे दिल में’ के लिए ऐसे गीत लिखे कि आज भी लोग उसे गुनगुनाने पर विवश हैं। रूपकुमार राठौड़ जैसे धीर गंभीर ‘ग़ज़ल’ श्रेणी के गायक से भी यदि कोई ‘दिल को तुमसे प्यार हुआ’ जैसा सुरीला, मिश्री जैसा प्रेमरस से ओतप्रोत गीत कोई गवा सकता है तो वो समीर अनजान ही हैं।

आप इससे ही समझ जाइए कि उस समय का भारतीय संगीत कैसा हुआ करता था। लेकिन वो एक दौर था और आज एक अलग दौर है। आज ‘सच कह रहा है दीवाना’ नहीं, ‘कांटा लगा’ और ‘गेंदा फूल’ जैसे गीतों का बोलबाला है और जिस दिन ‘रहना है तेरे दिल में’ जैसे मधुर गीतों से परिपूर्ण फिल्म को 20 वर्ष पूरे हो रहे हो, ये ह्रास किसी आपदा से कम नहीं है। जब विजु शाह जैसे संगीतकार पाश्चात्य संगीत से धुन टीपकर ‘गुप्त’ जैसे साउन्डट्रैक निकाल सकते थे तो आप समझ जाइए कि हमारे संगीत का स्तर कैसा था।

म्यूजिक इंडस्ट्री का पतन

लेकिन ऐसा क्या हुआ कि 20 वर्ष पहले जो भारतीय संगीत उद्योग ‘रहना है तेरे दिल में’ से लेकर ‘डूबा-डूबा रहता हूं’, ‘अब मुझे रात-दिन’ जैसे मधुर संगीत देता था, वो अब रीमिक्स पर रीमिक्स निकाल रहा है? जिस उद्योग से ‘दिल को तुमसे प्यार हुआ’, ‘देखा है ऐसे भी’, ‘तेरा मेरा प्यार’, जैसे गीत निकलते थे, अब इनकी जगह ‘गेंदा फूल’, ‘बचपन का प्यार’, ‘कांटा लगा’ जैसे गीतों ने ली है, जिनमें मधुरता तो छोड़िए, संगीत भी नाम मात्र का नहीं है। कारण एक है व्यवसायीकरण, जिसपर पहले संगीतज्ञों और कलाकारों का कोई नियंत्रण नहीं था और वे लोकलाज के भय से अपनी अधिकारों पर बात करने से हिचकते थे।

परंतु एक समय ऐसा भी था, जब  भारतीय संगीत में रचनात्मकता अपने शिखर पर थी। 21 वीं सदी के प्रारंभ में ‘लगान’, ‘गदर’ जैसी फिल्में भी रिलीज हुई, जो न केवल अपनी कथाओं के लिए बेहद चर्चा में रही अपितु अपने मधुर संगीत के लिए महीनों तक चैनल वी के ब्लॉकबस्टर लिस्ट में ट्रेंड करती रही। लेकिन ये रचनात्मकता यहीं तक सीमित नहीं थी। वर्ष 2001 के समय स्वतंत्र संगीत, जिसे ‘इंडिपॉप म्यूज़िक’ भी कहा जाता है, अपने चरमोत्कर्ष पर था। ऐसा कोई भारतीय नहीं होगा जो उस समय लकी अली, कलोनियल कजिंस, अलीशा चिनॉय के संगीत पर न थिरका हो।

जैसे-जैसे समय बढ़ता गया, संगीत का दायरा बढ़ता गया। ऐसा नहीं है कि रीमिक्स तब नहीं बनते थे परंतु तब रीमिक्स में भी संगीत लोगों को थिरकने पर विवश करता था, आज की भांति कानों से खून नहीं निकलवाता था। फिर आया 2007 से 2012 का समय, जब संगीत का मानो अकाल सा पड़ गया। फिल्मी संगीत तो थोड़ा बहुत लोगों को रिझा रहे थे परंतु उनमें पहले जैसा दम नहीं था। अगर मिथून शर्मा (Mithoon) के संगीत को छोड़ दें तो तब भी फिल्मी संगीत लगभग उसी मुहाने पर था जहां पर आज है। अंतर बस इतना था कि तब रीमिक्स और कबाड़ म्यूजिक की उतनी बाढ़ नहीं थी जितनी आज है।

और पढ़ें: आत्महत्या, अतार्किक आशाएं: K-Pop की चकाचौंध के पीछे बहुत कालिख छिपी है

संगीते  के विनाश में करण जौहर का अहम रोल

फिर आया वर्ष 2011, जब भारतीय संगीत का ‘पुनरुत्थान’ शुरू हुआ। पंजाबी पॉप में हिरदेश सिंह उर्फ यो यो हनी सिंह अपनी सुप्रसिद्ध एल्बम ‘इंटेरनेश्नल विलेजर’ लेकर आए। इस एल्बम ने एक ही रात में भारतीय संगीत उद्योग का कायापलट कर दिया और एक के बाद एक पॉप और रैप म्यूजिक की बाढ़ आ गई। अगले ही वर्ष ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ में करण जौहर ने प्रसिद्ध गीत ‘डिस्को दीवाने’ का रीमेक किया। ये रीमेक अपने आप में मूल गीत के साथ किया गया एक भद्दा खिलवाड़ था और कहीं न कहीं इसी ने भारतीय संगीत के पतन की नींव रखी।

इसपर TFI ने कुछ समय पूर्व एक लेख भी लिखा था, जहां हमने बताया था कि “वर्ष 2012 में करण जौहर ने अपने दोयम दर्जे की फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ में ‘डिस्को दीवाने’ का एक घटिया रीमेक बनाया था और तब से आज तक, कभी अपने कर्णप्रिय गीतों से लोगों को थिरकने पर विवश करने वाला बॉलीवुड आज ‘कॉपी पेस्ट’ की दुकान बन चुका है। जिसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ करण जौहर को ही जाता है। लेकिन ये सिलसिला यहीं पर नहीं रुका बल्कि ‘हम्पटी शर्मा की दुल्हनिया’, ‘कपूर एंड संस’, ‘बार-बार देखो’, ‘ओके जानु’, ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ इत्यादि से इन्होंने बॉलीवुड के संगीत में रचनात्मकता को खत्म करने की नींव डाली थी।”

अब आप कहेंगे, क्यों करण जौहर को बलि का बकरा बनाते रहते हो? परंतु जैसे टीवी के सत्यानाश में एकता कपूर ने भरपूर योगदान किया है, वैसे ही फिल्मों और संगीत को अप्रिय और अझेल बनाने में करण जौहर का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रसिद्ध हॉलीवुड मूवी ‘शिन्डलर्स लिस्ट’ में एक बहुत ही गहरा संवाद कहा गया था, “जब मैं कोई काम करता हूं, तो मैं चाहता हूं कि उसकी एक पहचान हो, एक चमक हो। इसमें मैं योग्य हूं- काम करने में नहीं बल्कि उसे सजाकर पेश करने में।” करण जौहर इस संवाद के जीते जागते स्वरूप हैं। वो ऐसे व्यक्ति हैं, जो कूड़े अथवा मल को भी सोने की तश्तरी में ऐसे सजाकर पेश करेंगे कि आप उसे चखने पर विवश हो जाएंगे और इस बात को जनाब ने कुछ अधिक गंभीरता से लिया है। विश्वास नहीं होता तो ब्रह्मास्त्र को ही देख लीजिए।

हनी सिंह और बादशाह ने कूड़ा ही परोसा

इसके अलावा भाई भतीजावाद या वंशवाद बॉलीवुड के लिए कोई नई बात नहीं है, ये तो बॉलीवुड के प्रारंभ से हम देखते आ रहे हैं। लेकिन इसे बॉलीवुड के लिए एक हानिकारक विष में परिवर्तित करने का काम किया है करण जौहर ने। आज इन्हीं के कारण योग्यता और रचनात्मकता ने बॉलीवुड में बैक सीट ले ली है, चाहे वो कहानी के क्षेत्र में हो या फिर संगीत के क्षेत्र में। कट-कॉपी-पेस्ट की संस्कृति इसी व्यक्ति के कारण ही बॉलीवुड में इतने धड़ल्ले से ट्रेंडिंग बनी और इसे निर्लज्जता से इसी ने प्रोमोट करवाया क्योंकि एंड में मामला वही है- बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया।

परंतु केवल करण जौहर अकेले नहीं थे, सफलता के मद में चूर हनी सिंह और बादशाह ने भी रैप के नाम पर संगीत के साथ कुकर्म करना प्रारंभ किया। इसके लक्षण हमे ‘देसी कलाकार’ से ही दिखने लगे थे परंतु मिठास में घोले विष को पहचानने की कला सब में थोड़ी न होती है, अधिकतर भ्रमित हो ही जाते हैं। इसका असर वर्ष 2016 के पश्चात भारतीय संगीत पर दिखना प्रारंभ हो गया, जब वह संगीत न होकर कचरा बन गया। अब स्थिति यह हो चुकी है कि आज संगीत, संगीत नहीं है, कर्कश स्वर और चोरी किए म्यूज़िक की अधपकी बिरयानी है, जो इतनी सड़ी हुई है कि इसे खाना तो दूर, कोई इसके पास नहीं फटकना चाहेगा। वैसे ‘चुप’ से याद आया, अगर इसका सीक्वल बनाना है तो ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है क्योंकि संगीत की हत्या करने वाले बॉलीवुड में गली गली घूमते हैं और उनके विरुद्ध मोर्चा खोलने का समय आ चुका है।

और पढ़ें: “मेरी कंपनी का है, तो ही काम मिलेगा”, सोनू निगम ने बताया कैसे सलमान ने music industry को बर्बाद कर दिया

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: neha kakkar and falguni pathak controversyकरण जौहरनेहा कक्कड़फाल्गुनी पाठकबॉलीवुडम्यूजिक इंडस्ट्रीसमीर अनजान
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘सेक्युलरिज़्म’ भारत के संविधान में सदैव जुड़ा रहना चाहिए

अगली पोस्ट

गॉसिप और चुगलियों में भारत की जनता को इतना आनंद क्यों आता है?

संबंधित पोस्ट

शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र
चर्चित

बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

24 November 2025

सोमवार की शुरुआत सिने जगत के लिए एक दुखद ख़बर के साथ हुई। बॉलीवुड का ही-मैन, धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में मुंबई में इस...

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार
चलचित्र

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

9 August 2025

स्मृति ईरानी एक बार फिर छोटे पर्दे पर नजर आ रही हैं, और इस बार चर्चा सिर्फ नॉस्टैल्जिया तक सीमित नहीं है। ‘क्योंकि सास भी...

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”
चलचित्र

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

26 July 2025

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म "उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर" की रिलीज़ पर लगी रोक को बढ़ाने से इनकार कर दिया। इससे अब...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited