TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

रमिंदर और देविंदर से लेकर अर्शजोत और गुरनूर तक: सिख नामों का बदल रहा है ट्रेंड

क्या सिखों के नामों का उर्दूकरण होता जा रहा है?

Ruchi Mehra द्वारा Ruchi Mehra
7 September 2022
in प्रीमियम
Sikhs

Source- TFIPOST

Share on FacebookShare on X

दुनियाभर में अलग अलग धर्मों को मानने वाले लोग हैं। विश्व के सबसे प्रमुख धर्मों की बात करें तो ईसाई, बौद्ध, हिंदू, मुस्लिम के बाद सिख धर्म का नाम आता है। दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में से एक है सिख धर्म। आप दुनिया के किसी भी कोने में चले जाए, आपको सिख धर्म से जुड़े लोग मिल ही जाएंगे। सिख वास्तव में हिंदू धर्म के ही एक अंग हैं। अकसर यह देखने को मिलता है कि सिख धर्म और हिंदू धर्म की परपंराएं भी लगभग-लगभग एक समान ही होती हैं और इनमें कुछ ज्यादा अंतर देखने को नहीं मिलता। यहां तक कि पहले अगर आपने सिख धर्म के लोगों के नामों पर गौर किया होगा तो यह नाम सनातन संस्कृति से कहीं न कहीं से जुड़े होते थे। इनके नाम कुछ ऐसे होते थे कि उसका संस्कृत अर्थ देखने को मिलता था। परंतु बदलते समय के साथ अब यह प्रवृत्ति भी बदलती हुई दिखाई दे रही है। पहले की तुलना में देखा जाए तो अब सिखों के नाम काफी भिन्न होते जा रहे हैं। टीएफआई प्रीमियम में आपका स्वागत है। यहां हम विस्तार से समझेंगे कि कैसे अब सिख नामों का अब ट्रेंड बदलते जा रहा है और कैसे सिखों के नामों का उर्दूकरण होता जा रहा है।

और पढ़ें: खुशहाली, विवाद, राज हत्या और प्रेत आत्माएं: ‘शनिवार वाड़ा’ का इतिहास

संबंधितपोस्ट

क्यों सोने के तीर से दुश्मनों का वध करते थे गुरु गोबिंद सिंह, भगवा पगड़ी-ध्वज देकर शुरू किया खालसा पंथ: मुगलों से लड़े 14 युद्ध

मनमोहन सिंह के घर हुआ कीर्तन, पत्नी ने गाया दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री का पसंदीदा शबद: जानिए क्या होता है शबद कीर्तन

तिरुपति विवाद: जब SGPC और वक्फ बोर्ड हैं तो सनातन धर्म बोर्ड क्यों न हो!

और लोड करें

आप उदाहरण के लिए सिख शब्द को ही ले सकते हैं। सिख शब्द संस्कृत शब्द ‘शिष्य’ से निकला है, जिसका अर्थ होता है शिष्य या अनुयायी। इसके अतिरिक्त आप सिख धर्म के गुरुओं के नाम पर ही गौर कीजिए। सिखों के दूसरे गुरु का नाम था गुरु अंगद देव जी। ध्यान देने वाली बात है कि बालि के पुत्र ‘अंगद’ रावण की लंका को ध्वस्त करने वाले राम सेना के प्रमुख योद्धाओं में से एक थे। इसी तरह सिखों के चौथे गुरु गुरु रामदास जी थे। ‘रामदास’ नाम का मतलब भगवान राम का दास या भक्त होता है। ऐसे ही सिखों के अन्य गुरुओं के नाम भी कुछ इसी प्रकार रहे कि उनका सनातन धर्म से जुड़ाव रहा है।

हिंदू और सिख धर्म दोनों मूल रूप से भारत की धरती से ही निकले धर्म हैं। सिख धर्म की स्थापना गुरु नानक देव जी के द्वारा 15वीं शताब्दी में उस दौरान की गई थी, जब भारत पर मुगलों का शासन था। देखा जाए तो हिंदू और सिख धर्म में कई तरह की समानता हमेशा से ही रही हैं। वो सिख धर्म ही था, जो मुगल शासकों द्वारा हिंदुओं के जबरन धर्म परिवर्तन के विरोध में खड़ा हुआ था। गुरु नानक देव जी बाबर के विरुद्ध आवाज उठाने वाले पहले व्यक्ति थे। भारत में अंग्रेजों का शासन कायम होने से पहले तक सिख धर्म को हिंदू धर्म का ही अभिन्न अंग माना जाता रहा है। सिखों के दसवें एवं अंतिम गुरु गुरु गोविंद सिंह ने कहा था कि “सकल जगत में खालसा पंथ गाजे, जगे धर्म हिंदू सकल भंड भाजे।“

श्री गुरु ग्रंथ साहिब, जिसे सिखों का सबसे पवित्र ग्रंथ माना जाता हैं, उसमें सबसे अधिक दोहराया जाने वाला शब्द हरि है। इसके अलावा राम, प्रभु, गोपाल, गोविंद, परमात्मा, परमेश्वर जैसे कई शब्दों का उल्लेख भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मिलता है। एक समय पर तो बहुत सारे सिख स्वयं को सनातन सिख मानते थे। पहले के समय में सिख धर्म से जुड़े लोग भी अपने नाम इसी तरह रखते थे कि जिसमें सनातन धर्म से उनका जुड़ाव दिखता था। यहां तक कि सिख स्वतंत्रता सेनानियों के नाम भी कुछ इसी प्रकार के होते थे कि उनका सनातम धर्म से जुड़ाव देखने को मिल ही जाता है। जैसे कि भगत सिंह, उधम सिंह, सोहन सिंह भकना यह ऐसे कुछ प्रसिद्ध सिख रहे हैं, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। भगत का अर्थ भक्त या शिष्य होता है। इसी तरह उधम भी एक संस्कृत शब्द ही है। यहां तक कि तब राम, किशन, गोपाल, अर्जुन (अर्जन), धर्मेंद्र, जैसे नाम सिखों में आम हुआ करते थे।

परंतु वर्तमान समय में देखेंगे तो सिखों के नाम में ट्रेंड बदल रहा है। इस तरह के नाम पुराने होते गए और युवा मॉर्डन बनने या किसी अन्य कारणों से इन नामों को पसंद नहीं करते। अब बहुत कम ही सिखों के नाम आपको ऐसे देखने या सुनने को मिलेंगे, जिनकी जड़ें सनातन संस्कृति से जुड़ी मिले। हालांकि, इसके पीछे भी एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन रहा है, जिसने सिख धर्म पर से हिंदू धर्म के प्रभाव को समाप्त करने का काम किया था। सिखों के नामों की बदलती प्रवृत्तियों की उत्पत्ति 1870 के सिंह सभा आंदोलन में हुई थी। तब तक धर्मांतरण का खेल पूरे भारत में फैल चुका था। हिंदू धर्म में काफी हद तक सामान्य होने के कारण सिख भी इसका शिकार होने लगे।

यह आंदोलन तब हुआ था जब सिख साम्राज्य को औपनिवेशिक अंग्रेजों द्वारा भंग कर दिया गया था और खालसा ने अपनी प्रतिष्ठा खो दी थी। मुख्यधारा के सिख तेजी से अन्य धर्मों में परिवर्तित हो रहे थे। सिंह सभा आंदोलन के पीछे का उद्देश्य सच्चे सिख धर्म का प्रचार करना और सिख धर्म में उसकी प्राचीनता को बहाल करना था। इस आंदोलन के जरिए सिखों को हिंदू धर्म से अलग पहचान दिलाना भी था। सिखों को हिंदुओं से कोई समस्या नहीं थी, वे उन्हें दुश्मन की तरह नहीं देखते थे परंतु वे चाहते थे कि उनकी एक अलग पहचान बने, जिसके लिए ही यह आंदोलन शुरू किया गया।

और पढ़ें: Astraverse – Brahmastra का आधार ही बकवास और अपमानजनक है

जल्द ही अधिक से अधिक लोग आंदोलन से जुड़ने लग गए थे। अधिकांश लोग एक स्वयंसेवक के तौर पर इस आंदोलन में शामिल हो रहे थे, जो सिख धर्म के ऐतिहासिक और धार्मिक ग्रंथों का वितरण करते थे। आंदोलन को अधिक स्थानों में फैलने में ज्यादा समय नहीं लगा। फिर वर्ष 1902 में चीफ खालसा दीवान नामक संगठन भी अस्तित्व में आ गया। कुछ इस तरह सिख गुरुओं की शिक्षाओं का प्रचार प्रसार किया गया था।

सिखों का सनातन धर्म से स्वयं को अलग और दोनों के बीच अंतर करने का आंदोलन सफल हो रहा था। वर्ष 1909 के आनंद विवाह अधिनियम से सिखों के विवाह संस्कार को वैधानिक मान्यता मिल गई। इसके बाद वर्ष 1925 में प्रमुख ऐतिहासिक गुरुद्वारों पर प्रत्यक्ष खालसा नियंत्रण स्थापित किया गया, जो पहले ब्रिटिश समर्थित महंतों और पुजारियों द्वारा चलाए जाते थे। सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 के साथ सिखों के जीवन से सनातन प्रभाव को खत्म करने का काम किया गया।

इस दौरान अधिकांश सिख अपने बच्चों के नामकरण के लिए अपने पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पालन करने लगे थे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) अमृतसर द्वारा प्रकाशित ‘सिख रहेत मर्यादा’ दस्तावेज में बच्चों के नामकरण के दिशा-निर्देश प्रकाशित किए गए। दस्तावेज के अनुसार सिखों में बच्चे के नामकरण की प्रक्रिया काफी भिन्न होती है। नए बच्चे का नाम रखने से पहले सिखों को श्री गुरु ग्रंथ साहिब का आर्शीवाद लेना होता है। इसके लिए हर बच्चे के नाम का पहला अक्षर गुरु ग्रंथ साहिब जी की बाणी के पहले अक्षर से लिया जाता है। उदाहरण के लिए अगर ‘ग’ अक्षर चुना जाता है तो इससे ही बच्चे का नाम रखा जाता है। वहीं, यदि वो पूरा शब्द चुनते हैं तो उसका प्रयोग उपसर्ग के रूप में किया जाता है। इसके बाद से ही मीत, प्रीत, जीत, लीन, वीर, दीप, जैसे शब्दों के उपयोग करने का चलन बढ़ने लगा।

कुछ इस तरह एक बड़े आंदोलन के जरिए सिख धर्म से सनातन धर्म का प्रभाव कम होता चला गया और वे अपनी अलग पहचान बनाने लगे। इसके साथ ही सिखों के नाम की प्रवृत्ति भी बदलती चली गई। जहां पहले सिखों के नाम रमिंदर, देविंदर जैसे हुआ करते थे, जिनका सनातन धर्म से कुछ न कुछ जुड़ाव होता था। परंतु वही आज के समय में अर्शजोत, गुरनूर जैसे नाम प्रचलित होते जा रहे हैं, जिसमें उर्दू का प्रभाव देखने को मिलता है। अब आपको बिशन सिंह, किशन सिंह या फिर गोपाल सिंह जैसे सिखों के नाम देखने को नहीं मिलते होंगे।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: SGPCआनंद विवाह अधिनियमसिख धर्मसिख समुदाय
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

शुभ समाचार! यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्र इस तरह पूरी करेंगे अपनी पढ़ाई

अगली पोस्ट

देखिए ममता बनर्जी ने कैसे पूरे पश्चिम बंगाल को बदल कर रख दिया है

संबंधित पोस्ट

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध
चर्चित

भारत का अंतरिक्ष धमाका 2026: ISRO के गगनयान मिशन से टूटेगा अमेरिका का घमंड, पाकिस्तान और चीन रहेंगे स्तब्ध

3 November 2025

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, ISRO, ने एक बार फिर साबित कर दिया कि विज्ञान और तकनीक में भारत किसी से पीछे नहीं है। मार्च 2026...

क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य
इतिहास

क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

31 October 2025

रहस्य जो आज भी जीवित है जब इतिहास की किताबों में लिखा गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस 1945 में विमान हादसे में मरे, तो...

कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक
चर्चित

कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

29 October 2025

कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार के लिए यह क्षण किसी राजनीतिक झटके से कम नहीं है। राज्य की धारवाड़ बेंच ने सरकार के उस विवादास्पद सरकारी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07

‘White Collar Terror’: Is The 0.5 Front Within The Country Activated?

00:10:07

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

00:06:48

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited