किसी को भी कम नहीं समझना चाहिए। अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के द्वारा भारत को हमेशा से ही कमतर आंका गया है। परंतु अब भारत विश्व पटल पर हर रोज एक नयी कहानी लिखता चला जा रहा है। कुछ वर्षों पहले का समय ऐसा था जब हर क्षेत्र में भारत काफी हद तक दूसरे देशों पर निर्भर होकर काम करता था परंतु देर से ही सही अब हमें आत्मनिर्भरता का महत्व समझ आ गया। अब देश में आत्मनिर्भरता अभियान कुछ यूं जोर पकड़ा है कि वर्तमान समय में कई-कई चीजे न केवल बना रहा है बल्कि अन्य देशों को भी निर्यात कर रहा है।
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हथियार खरीदने में रुचि
रक्षा क्षेत्र में देखा जाए तो भारत एक बड़े निर्यातक देश के रूप में उभरता हुआ नजर आ रहा है। आज के समय में भारत कई देशों को अपने रक्षा उपकरण निर्यात करता दिख रहा है। वहीं कई देश भारत से हथियार खरीदने के लिए कतार में खड़े हैं। दक्षिण एशियाई देश लगातार भारत के साथ हथियार खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। इसके बाद अब एक पूर्वी अफ्रीकी देश भारतीय हथियारों का अगला ग्राहक बन सकता हैं।
दरअसल, तंजानिया भी भारत से रक्षा उपकरण खरीदने की तैयारी में है। सोमवार, 29 अगस्त को तंजानियाई समकक्ष डॉ. स्टरगोमेना लॉरेंस टैक्स के नेतृत्व में तंजानिया के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) की निर्माण सुविधाओं का दौरा किया था। बीडीएल द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार इस दौरान तंजानिया सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी, तंजानिया से मान्यता प्राप्त भारतीय रक्षा सलाहकार और भारत के रक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी साथ में मौजूद रहे थे। BDL ने तंजानिया के रक्षा मंत्री को उन उत्पादों की जानकारी दी, जो वो उन्हें निर्यात के लिए पेश कर रहा है।
बीडीएल की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कंपनी अफ्रीकी राष्ट्र को एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, अंडरवॉटर हथियार, ड्रोन-लॉन्चड हथियार शामिल है। इसको लेकर बीडीएल द्वारा किए गये ट्वीट में कहा गया कि “यह यात्रा भारत और तंजानिया के बीच मौजूद रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगी और ‘मेड इन इंडिया’ रक्षा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देगी।”
Honoured by the visit of HE Dr Stergomena Lawrence Tax, Defence Minister,Tanzania at BDL today.The visit will further strengthen Defence Cooperation existing between India and Tanzania and will give a fillip to export of 'Made in India' defence products. pic.twitter.com/5X1jD2MQG4
— Bharat Dynamics Limited (@bharat_dynamics) August 27, 2022
इससे पहले बीते शुक्रवार ही भारत और तंजानिया ने रक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाने के लिए कार्य बल गठित करने का फैसला किया है। यह निर्णय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तंजानियाई रक्षा मंत्री स्टरगोमेना लॉरेंस टैक्स के बीच व्यापक वार्ता के दौरान लिया गया। द्विपक्षीय रक्षा समझौतों और सेना के बीच सहयोग बढ़ाने से दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध और मजूबत होंगे। वहीं इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तंजानियाई समकक्ष को भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता और डेफ एक्सपो (Def Expo) में भी आमंत्रित किया, जो 18-22 अक्टूबर 2022 के बीच गुजरात के गांधीनगर में होने वाला है।
मई महीने में भारत के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिश्री मई महीने में पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्रों के साथ रक्षा संबंध मजबूत करने के लिए तंजानिया की यात्रा पर गए थे। अपनी यात्रा के दौरान मिश्री ने तंजानिया के शीर्ष नेतृत्व के साथ एक सुरक्षा साझेदारी पर चर्चा की थी, जिसमें समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाना और तंजानिया की रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारतीय रक्षा उत्पादों के निर्यात पर चर्चा करना शामिल था। इसके बाद अब तंजानिया की रक्षा मंत्री भारत दौरे पर आयी।
भारत के प्रति अफ्रीका का भरोसा दिखता है
यह भारत के प्रति अफ्रीका के भरोसे को दिखाता है कि अफ्रीकी देश भारत के पास लगातार रक्षा सहयोग बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं। अफ्रीकी देशों की नीतिगत प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं को भारत द्वारा महत्व दिया गया। अफ्रीका के साथ संबंध मजबूत करने के लिए भारत ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, कृषि, रक्षा और सुरक्षा, विज्ञान एवं तकनीक, क्षमता के निर्माण और मूलभूत ढांचे के विकास जैसी सहायता मुहैया करायी और भारत की इन कोशिशों की काफी प्रशंसा भी हुई।
यहां तक कि कोरोना महामारी के दौर में भी भारत, अफ्रीका के साथ मजबूती से खड़ा रहा। महामारी के दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे के यहां मौजूद अपने नागरिकों को विशेष उड़ानों के माध्यम से स्वदेश भेजने का काम आसानी से किया। इसके अतिरिक्त जब अफ्रीका पर कोरोना ने कहर बरपाया तो भारत ने अपनी पूरी क्षमता से अफ्रीकी देशों को कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध कराने के प्रयास किए। 25 अफ्रीकी देशों को 50 लाख डॉलर की सहायता और इसके साथ ही 42 अफ्रीकी देशों को कोविड-19 के स्वदेशी टीकों की 39.65 मिलियन डोज उपलब्ध करायी।
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बताया था कि वर्ष 2021-2022 के दौरान भारत और अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 89.5 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है जो पिछले साल तक 56 अरब डॉलर ही था। आज अफ्रीका के कुल वैश्विक आयात में भारत के निर्यात की हिस्सेदारी 5.2 फीसदी पहुंच चुकी है।
इन घटनाक्रमों से यह समझना आसान है कि भारत और अफ्रीका के बीच संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। अफ्रीकी देश भारत पर लगातार भरोसा जताते हुए रिश्ते बेहतर करने में जुटे हैं। अफ्रीका हमेशा से ही समस्याओं से घिरा रहा है और ऐसे वक्त में उसे एक ऐसे साथ की आवश्यकता है जो उसकी सहायता कर सकें। भारत तो लगातार अफ्रीकी देशों की मदद करता आ रहा है। अब अफ्रीका भारत का अगला रक्षा ग्राहक भी बनने की तैयारी में है।
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