TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    4 जून को हरियाणा पहुंचेंगे राहुल गाँधी

    हरियाणा कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई और नेता प्रतिपक्ष का चयन जैसे मुद्दे सुलझा पाएंगे राहुल गांधी, चंडीगढ़ दौरे के क्या हैं मायने?

    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    सोलीमन को बोल्डर काउंटी जेल में बंद कर दिया गया है (चित्र: सोशल मीडिया)

    कौन है अमेरिका में इज़रायल विरोधी नारे लगाकर लोगों को आग लगाने वाला मोहम्मद सोलीमन?

    Ukrainian Drones Strike Russia

    क्या है रूस के खिलाफ यूक्रेन का ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’?

    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    4 जून को हरियाणा पहुंचेंगे राहुल गाँधी

    हरियाणा कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई और नेता प्रतिपक्ष का चयन जैसे मुद्दे सुलझा पाएंगे राहुल गांधी, चंडीगढ़ दौरे के क्या हैं मायने?

    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    सोलीमन को बोल्डर काउंटी जेल में बंद कर दिया गया है (चित्र: सोशल मीडिया)

    कौन है अमेरिका में इज़रायल विरोधी नारे लगाकर लोगों को आग लगाने वाला मोहम्मद सोलीमन?

    Ukrainian Drones Strike Russia

    क्या है रूस के खिलाफ यूक्रेन का ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’?

    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कनाडा खालिस्तानियों का अड्डा कैसे बन गया? भिंडरावाले से लेकर जगमीत सिंह तक की कहानी

जयशंकर के इस बयान ने कनाडा में पनप रही खालिस्तानी ताकतों में मचाई खलबली

TFI Desk द्वारा TFI Desk
23 September 2022
in विश्व
खालिस्तानी कनाडा
Share on FacebookShare on X

विभाजन से पहले और बाद में भी भारत को खंडित करने वाली ताकतें हमेशा से ही मौजूद रही हैं। देश को पहली बार तोड़ने का षड्यंत्र मोहम्मद अली जिन्ना ने रचा था और वो अपनी इस षड्यंत्र में सफल भी रहे, जिसका परिणाम यही निकला कि पाकिस्तान के रूप में एक कट्टर इस्लामिक राष्ट्र बनकर सामने आया। वहीं भारत को तोड़ने का दूसरा बड़ा षड्यंत्र सिख धर्म के आधार पर खालिस्तान बनाने की होती रही है। 60 के दशक से बदले राजनीति परिदृश्य के बाद से आए दिन खालिस्तान का मुद्दा चर्चाओं का हिस्सा बना रहता है। देखा जाए तो वर्तमान समय में यह खालिस्तानी ताकतें सबसे अधिक कनाडा में सक्रिय हो रही है और यहीं से अपने भारत विरोधी एजेंडे को संचालित कर रही हैं।

कनाडा में जनमत संग्रह

कनाडा में इस समय पंजाब को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर जनमत संग्रह का आयोजन तक किया जाने लगा है और इस खतरनाक मुहिम को वहां Khalistan Referendum नाम दिया गया है। अभी 18 सितंबर को ही कनाडा के ओंटारियो शहर में भारत में प्रतिबंधित आंतकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने जनमत संग्रह का आयोजन कराया था।

संबंधितपोस्ट

अमेरिका में इज़रायली दूतावास के कर्मियों की हत्या पर भारत ने क्या कहा?

जयशंकर ने बताया कैसे हुआ भारत-पाक का सीज़फायर? ट्रंप के दावे की बताई सच्चाई

विदेश मंत्री एस जयशंकर की तालिबान से सीधी बातचीत के क्या हैं मायने?

और लोड करें

भारत के खिलाफ अक्सर जहर उगलने वाला गुर पतवंत सिंह पन्नू सिख फॉर जस्टिस आतंकी गुट का प्रमुख है। पन्नू पाकिस्तान के इशारे पर भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। यहां गौर करने वाली बात यह रही कि खालिस्तान पर जनमत संग्रह का भारतीयों ने तो कड़ा विरोध किया है, इसके साथ साथ कनाडा में रहने वाले सिखों के गुटों ने भी इसके खिलाफ खड़े नजर आए, जो कि खालिस्तानी आतंकी संगठनों के लिए किसी झटके से कम नहीं था। वैसे इससे पहले ब्रिटेन में भी खालिस्तान को लेकर ऐसी ही नौटंकी होती हुई देखने को मिल चुकी है।

वहीं यहां बड़ी बात यह भी रही कि  कनाडा की ट्रूडो सरकार ने इसे ‘शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रक्रिया’ बताते हुए जनमत संग्रह पर रोक लगाने से ही इनकार कर दिया था। दरअसल, अवैध जनमत संग्रह को लेकर भारत ने कनाडा के समक्ष अपनी आपत्तियां जाहिर की और ट्रूडो सरकार से इसे रोकने के लिए भी कहा गया था।

जिस पर उनकी तरफ से टुड्रो सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कनाडा में व्यक्तियों को इकट्ठा होने और अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। वैसे इससे पूर्व कुछ दिन पहले ही कनाडा में खालिस्तानियों द्वारा स्वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाकर वहां हमला किया गया था। इन हालिया घटनाक्रम को देखकर साफ पता चलता है कि कनाडा में किस तरह से भारत विरोधी मानसिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। वो कोई और नहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ही हैं, जिनके कारण कनाडा में यूं खालिस्तानी ताकतें फल-फूल रही हैं।

और पढ़ें- इस्लामिक आतंकवादी, खालिस्तानी और स्थानीय सरगनाओं के गठजोड़ पर NIA की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’

जयशंकर की प्रतिक्रिया

जाहिर तौर पर इसके पीछे कनाडा के वोट बैंक की राजनीति है, जिस कारण ट्रूडो यूं कनाडा में खालिस्तानियों का समर्थन करते नजर आते हैं। परंतु इस पूरे मामले को लेकर भारत की तरफ से ऐसा हड़काया गया, जिससे कनाडा में मौजूद खालिस्तानियों में खलबली मच गई। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा– “अगर हमारे यहां आपस में विभाजन होगा तो दुनिया में ऐसी ताकतें होंगी जो इसका फायदा उठाना चाहेंगी और पहले उठा भी चुके हैं। हमारे लिए घर में एकता बनाए रखना आवश्यक है। अगर बाहर की सरकारें अगर ऐसा कुछ करती हैं, जिससे हमें नुकसान पहुंचता है, तो हमें यह बर्दाश्त नहीं करना चाहिए और ना ही चुप रहना चाहिए और हमें जवाब देना चाहिए, जो हम कर भी रहे हैं।”

जयशंकर ने अपने बयान में आगे यह भी कहा- “कनाडा को अपनी यह वोट बैंक की राजनीति अपने देश तक ही सीमित रखनी चाहिए और इसका असर भारत पर नहीं पड़ना चाहिए।“ भारत के इस रुख पर कनाडा से ज्यादा वहां के कट्टरपंथी खालिस्तानी संगठन भड़के हुए हैं।

और पढ़ें- पाकिस्तानी आतंकी यासीन मलिक को सजा मिलने पर क्यों बिलबिलाने लगे खालिस्तानी आतंकी ?

खालिस्तान का विचार कैसे अस्तित्व में आया?

परंतु यहां कई तरह के प्रश्न उठते है कि आखिर सिखों के लिए अलग राज्य की मांग कब और कैसे अस्तित्व में आई और अलगाववादी आंदोलन को हवा देने वाले कौन थे? और कैसे यह बढ़ते-बढ़ते दूसरे देशों तक पहुंचने लगी?

पंजाब की राजनीति की शुरुआत में कांग्रेस ने कुछ वर्षों तक शासन किया लेकिन फिर वहां शिरोमणि अकाली दल की राजनीति ने कांग्रेस को परेशान करना शुरू कर दिया। यह संगठन मूल रूप से सिखों को प्रमोट करने के लिए और सिख अधिकारों को बढ़ावा देने की बात करता था। ऐसे में 1970 का दशक आते-आते यहां अकाली दल का प्रभाव बढ़ गया जिसके बाद कांग्रेस के लिए पंजाब में मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई।

जब कांग्रेस पंजाब में अपने पैर पसारने की सोच रही थी तो उस दौरान ही जरनैल सिंह भिंडरावाला का उदय होता है। वो लगातार अकाली दल के खिलाफ आंदोलन कर रहा था। कांग्रेस को लगा कि इसके माध्यम से वह अपनी राजनीतिक विरासत को हासिल कर सकती है। कांग्रेस ने भिंडरावाले को पैसा हथियार सबकुछ दिया और परिणाम यह रहा कि पंजाब में कांग्रेस की स्थिति मजबूत होती चली गई। वहीं अब भिंडरावाले स्वयं को एक राजनेता के तौर पर पेश कर रहा था।

साल 1977 में भले ही इंदिरा गांधी की चुनाव में हार हुई हो, लेकिन साल 1980 में इंदिरा के आने के बाद एक बार फिर पंजाब की राजनीति में भिंडरावाले का कद मजबूत हो गया। इसके विपरीत जो जिन्न कांग्रेस ने विपक्षियों को परेशान करने के लिए छोड़ा था वह स्वयं ही उनके लिए मुसीबत बन गया। पंजाब में नशे के विस्तार से लेकर आतंकवाद तक में भिंडरावाले की अहम भूमिका थी‌ और सबसे अहम बात यह कि भिंडरावाले के समर्थक हिंदुओं को भी निशाने पर लेने लगे थे। भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर तक को बंधक बना लिया। इस प्रकरण से निपटने के लिए पहले इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाकर भिंडरावाले को मरवाया और फिर उन्हें अलगाववादियों और भिंडरावाले के समर्थकों ने ही मौत के घाट उतार दिया था।

पनपने लगी आतंकवाद की भावना

इसके बाद हुए सिख विरोधी दंगों में बड़ा नरसंहार हुआ और इसका असर यह था कि पंजाब में अलगाववाद और आतंकवाद की भावना पनपने लगी। 90 का दशक शुरू हुआ और तब पुलिस अधिकारी केपीएस गिल को प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की तरफ से फ्री हैंड मिल गया जिसके बाद आतंकियों और अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई होने लगीं। जो भी खालिस्तान की मांग करता उनकी खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाता था।

ऐसे में खालिस्तानी आतंकी जहां भारतीय एजेंसियों की कार्रवाई से बचने के लिए भागने लगे, वहीं दूसरी ओर पंजाब का एक तबका आर्थिक तंगी और आतंकवाद से छुटकारा पाने के लिए भी पंजाब छोड़ विदेशों का रूख करने लगे थे। विदेशों में उनके लिए कनाडा एक सहज जगह साबित हुई‌। यहां क्षेत्रफल बड़ा और जनसंख्या कम होने के चलते कनाडा सरकार भी सिखों को खूब सपोर्ट करती रही। वहीं इन सिखों ने कनाडा में काम करने के साथ ही यहां की नागरिकता लेकर अपना रहन-सहन तक जमा लिया। इन सिखों की कनाडा के वैंकोवर से टोरंटो आदि शहरों में बड़ी तादाद हो गई थी।

कनाडा सरकार से सिखों को समर्थन मिला, तो यहां धीरे-धीरे खालिस्तानी लोगों के मन में वही इच्छा उमड़ने लगी। सिख फॉर जस्टिस से लेकर बब्बर खालसा जैसे आतंकी संगठन बन गए। इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का भी साथ मिला और प्लेन हाईजैक करने से लेकर उन्हें ब्लास्ट कराने तक में इन आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आने लगी।

और पढ़ें- खालिस्तानियों को ट्रूडो के खुले समर्थन के कारण स्वामीनारायण मंदिर पर हमला हुआ

ट्रूडो को खालिस्तानियों का समर्थन

भारत ने अपने विरोधियों में उठने वाली आवाजों को विदेशों में भी चुप कराया, परंतु कोई इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई तो नहीं कर पाया है। इसकी वजह यह है कि खालिस्तान की मांग करने वाले और सिख अधिकारों की बात करने वाले इन लोगों की संख्या कनाडा और फ्लोरिडा के इलाकों में कुछ ज्यादा ही है। साथ ही कनाडा में तो इन्हें  जस्टिन ट्रूडो की पार्टी को समर्थन भी मिलता है।

खालिस्तानी सोच रखने वाले लोग ट्रूडो की कैबिनेट तक में शामिल हैं। यदि यह मंत्री और राजनेता समर्थन वापस ले लें तो कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार तक गिर सकती है। यही कारण है कि ट्रूडो भी पर्दे के पीछे से खालिस्तानी संगठनों का समर्थन करते हैं।

हालांकि जिस तरह से जनमत संग्रह कराकर भारत के बाहर खालिस्तानी ताकतों को मजबूत करने का पूरा खेल चल रहा है, उसको लेकर सरकार की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अब स्पष्ट कर दिया है कि जस्टिन ट्रूडो अपनी सत्ता चलाने के लिए या राजनीतिक दांव पेंच के लिए भारत की संप्रभुता से खिलवाड़ करने वाले लोगों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल न करें और यदि वे करते भी हैं तो इसे कनाडा तक ही सीमित रखें। एस जयशंकर का यही बयान कनाडा में मौजूद खालिस्तानी ताकतों में उथल-पुथल मचा रहा है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: खालिस्तानजनमत संग्रहजयशंकरट्रूडो
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन बाइडन यूं ही नहीं कर रहे हैं, षड्यंत्र लंबा है

अगली पोस्ट

‘पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना’ को बंद करने का वक्त आ गया है?

संबंधित पोस्ट

बांग्लादेश की नई करेंसी
विश्व

बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

2 June 2025

बांग्लादेश की यूनुस सरकार इन दिनों चौतरफा दबाव में घिरती नज़र आ रही है, जिन स्टूडेंट्स नेता के कंधे पर बंदूख रखकर यूनुस ने सत्ता...

सोलीमन को बोल्डर काउंटी जेल में बंद कर दिया गया है (चित्र: सोशल मीडिया)
विश्व

कौन है अमेरिका में इज़रायल विरोधी नारे लगाकर लोगों को आग लगाने वाला मोहम्मद सोलीमन?

2 June 2025

अमेरिकी के कोलोराडो के बोल्डर शहर में रविवार को एक मॉल में 'टारगेटेड आतंकी हमले' को अंजाम दिया गया है। 45 साल के मोहम्मद सबरी...

Ukrainian Drones Strike Russia
विश्व

क्या है रूस के खिलाफ यूक्रेन का ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’?

2 June 2025

Operation Spider Web: रविवार का दिन रूस-यूक्रेन युद्ध के इतिहास में एक नया मोड़ लेकर आया। यूक्रेन ने रूस के भीतर अब तक का सबसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited