TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    शब्द और स्त्री: ‘मैडम’, ‘औरत’ और ‘स्त्री’ का सांस्कृतिक विमर्श

    शब्द और स्त्री: ‘मैडम’, ‘औरत’ और ‘स्त्री’ का सांस्कृतिक विमर्श

    झारखंड में तनाव: जेएमएम और कांग्रेस के बीच दरार, इंडी ब्लॉक के लिए चिंता का विषय

    झारखंड में तनाव: जेएमएम और कांग्रेस के बीच दरार, इंडी ब्लॉक के लिए चिंता का विषय

    उद्धव और राज ठाकरे दो दशक बाद एक मंच पर साथ आए

    ‘भाषाई चरमपंथ’ के ज़रिए सियासी ज़मीन बचा रहे हैं उद्धव और राज ठाकरे!

    टीम बी की तैयारी: 2026 के तमिलनाडु चुनावों में डीएमके का बड़ा हथियार बन सकता है टीवीके

    2026 के तमिलनाडु चुनावों में कैसे DMK का हथियार बन सकते हैं थलापति विजय?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपी परमाणु हथियारों की कमान, सीआईए के पूर्व जासूस का बड़ा खुलासा

    पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपी परमाणु हथियारों की कमान, सीआईए के पूर्व जासूस का बड़ा खुलासा

    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    INS तमाल ने युद्धपोत आयात का किया अंत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    INS तमाल के बाद अब युद्धपोत का आयात नहीं करेगा भारत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपी परमाणु हथियारों की कमान, सीआईए के पूर्व जासूस का बड़ा खुलासा

    पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपी परमाणु हथियारों की कमान, सीआईए के पूर्व जासूस का बड़ा खुलासा

    निहाल मोदी

    नीरव मोदी का भाई निहाल मोदी अमेरिका में हुआ गिरफ्तार, भारत लाने की तैयारी शुरू

    अमेरिका में पिता को अंतिम विदाई : शवयात्रा में अचानक आसमान से फूलों के साथ बरसने लगे पैसे

    पिता को अंतिम विदाई : शवयात्रा में अचानक आसमान से फूलों के साथ बरसने लगे पैसे

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    शब्द और स्त्री: ‘मैडम’, ‘औरत’ और ‘स्त्री’ का सांस्कृतिक विमर्श

    शब्द और स्त्री: ‘मैडम’, ‘औरत’ और ‘स्त्री’ का सांस्कृतिक विमर्श

    झारखंड में तनाव: जेएमएम और कांग्रेस के बीच दरार, इंडी ब्लॉक के लिए चिंता का विषय

    झारखंड में तनाव: जेएमएम और कांग्रेस के बीच दरार, इंडी ब्लॉक के लिए चिंता का विषय

    उद्धव और राज ठाकरे दो दशक बाद एक मंच पर साथ आए

    ‘भाषाई चरमपंथ’ के ज़रिए सियासी ज़मीन बचा रहे हैं उद्धव और राज ठाकरे!

    टीम बी की तैयारी: 2026 के तमिलनाडु चुनावों में डीएमके का बड़ा हथियार बन सकता है टीवीके

    2026 के तमिलनाडु चुनावों में कैसे DMK का हथियार बन सकते हैं थलापति विजय?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपी परमाणु हथियारों की कमान, सीआईए के पूर्व जासूस का बड़ा खुलासा

    पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपी परमाणु हथियारों की कमान, सीआईए के पूर्व जासूस का बड़ा खुलासा

    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    INS तमाल ने युद्धपोत आयात का किया अंत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    INS तमाल के बाद अब युद्धपोत का आयात नहीं करेगा भारत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपी परमाणु हथियारों की कमान, सीआईए के पूर्व जासूस का बड़ा खुलासा

    पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपी परमाणु हथियारों की कमान, सीआईए के पूर्व जासूस का बड़ा खुलासा

    निहाल मोदी

    नीरव मोदी का भाई निहाल मोदी अमेरिका में हुआ गिरफ्तार, भारत लाने की तैयारी शुरू

    अमेरिका में पिता को अंतिम विदाई : शवयात्रा में अचानक आसमान से फूलों के साथ बरसने लगे पैसे

    पिता को अंतिम विदाई : शवयात्रा में अचानक आसमान से फूलों के साथ बरसने लगे पैसे

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कनाडा खालिस्तानियों का अड्डा कैसे बन गया? भिंडरावाले से लेकर जगमीत सिंह तक की कहानी

जयशंकर के इस बयान ने कनाडा में पनप रही खालिस्तानी ताकतों में मचाई खलबली

TFI Desk द्वारा TFI Desk
23 September 2022
in विश्व
खालिस्तानी कनाडा
Share on FacebookShare on X

विभाजन से पहले और बाद में भी भारत को खंडित करने वाली ताकतें हमेशा से ही मौजूद रही हैं। देश को पहली बार तोड़ने का षड्यंत्र मोहम्मद अली जिन्ना ने रचा था और वो अपनी इस षड्यंत्र में सफल भी रहे, जिसका परिणाम यही निकला कि पाकिस्तान के रूप में एक कट्टर इस्लामिक राष्ट्र बनकर सामने आया। वहीं भारत को तोड़ने का दूसरा बड़ा षड्यंत्र सिख धर्म के आधार पर खालिस्तान बनाने की होती रही है। 60 के दशक से बदले राजनीति परिदृश्य के बाद से आए दिन खालिस्तान का मुद्दा चर्चाओं का हिस्सा बना रहता है। देखा जाए तो वर्तमान समय में यह खालिस्तानी ताकतें सबसे अधिक कनाडा में सक्रिय हो रही है और यहीं से अपने भारत विरोधी एजेंडे को संचालित कर रही हैं।

कनाडा में जनमत संग्रह

कनाडा में इस समय पंजाब को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर जनमत संग्रह का आयोजन तक किया जाने लगा है और इस खतरनाक मुहिम को वहां Khalistan Referendum नाम दिया गया है। अभी 18 सितंबर को ही कनाडा के ओंटारियो शहर में भारत में प्रतिबंधित आंतकी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने जनमत संग्रह का आयोजन कराया था।

संबंधितपोस्ट

‘पंजाब में खालिस्तानी तुष्टिकरण की इंदिरा गांधी वाली नीति दोहरा रही है AAP’

जी-7 से पहले दिखा PM मोदी का दम, भारत और कनाडा बीच अहम डील खलिस्तानियों को आईना

अमेरिका में इज़रायली दूतावास के कर्मियों की हत्या पर भारत ने क्या कहा?

और लोड करें

भारत के खिलाफ अक्सर जहर उगलने वाला गुर पतवंत सिंह पन्नू सिख फॉर जस्टिस आतंकी गुट का प्रमुख है। पन्नू पाकिस्तान के इशारे पर भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। यहां गौर करने वाली बात यह रही कि खालिस्तान पर जनमत संग्रह का भारतीयों ने तो कड़ा विरोध किया है, इसके साथ साथ कनाडा में रहने वाले सिखों के गुटों ने भी इसके खिलाफ खड़े नजर आए, जो कि खालिस्तानी आतंकी संगठनों के लिए किसी झटके से कम नहीं था। वैसे इससे पहले ब्रिटेन में भी खालिस्तान को लेकर ऐसी ही नौटंकी होती हुई देखने को मिल चुकी है।

वहीं यहां बड़ी बात यह भी रही कि  कनाडा की ट्रूडो सरकार ने इसे ‘शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रक्रिया’ बताते हुए जनमत संग्रह पर रोक लगाने से ही इनकार कर दिया था। दरअसल, अवैध जनमत संग्रह को लेकर भारत ने कनाडा के समक्ष अपनी आपत्तियां जाहिर की और ट्रूडो सरकार से इसे रोकने के लिए भी कहा गया था।

जिस पर उनकी तरफ से टुड्रो सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कनाडा में व्यक्तियों को इकट्ठा होने और अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। वैसे इससे पूर्व कुछ दिन पहले ही कनाडा में खालिस्तानियों द्वारा स्वामीनारायण मंदिर को निशाना बनाकर वहां हमला किया गया था। इन हालिया घटनाक्रम को देखकर साफ पता चलता है कि कनाडा में किस तरह से भारत विरोधी मानसिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है। वो कोई और नहीं कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ही हैं, जिनके कारण कनाडा में यूं खालिस्तानी ताकतें फल-फूल रही हैं।

और पढ़ें- इस्लामिक आतंकवादी, खालिस्तानी और स्थानीय सरगनाओं के गठजोड़ पर NIA की ‘सर्जिकल स्ट्राइक’

जयशंकर की प्रतिक्रिया

जाहिर तौर पर इसके पीछे कनाडा के वोट बैंक की राजनीति है, जिस कारण ट्रूडो यूं कनाडा में खालिस्तानियों का समर्थन करते नजर आते हैं। परंतु इस पूरे मामले को लेकर भारत की तरफ से ऐसा हड़काया गया, जिससे कनाडा में मौजूद खालिस्तानियों में खलबली मच गई। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा– “अगर हमारे यहां आपस में विभाजन होगा तो दुनिया में ऐसी ताकतें होंगी जो इसका फायदा उठाना चाहेंगी और पहले उठा भी चुके हैं। हमारे लिए घर में एकता बनाए रखना आवश्यक है। अगर बाहर की सरकारें अगर ऐसा कुछ करती हैं, जिससे हमें नुकसान पहुंचता है, तो हमें यह बर्दाश्त नहीं करना चाहिए और ना ही चुप रहना चाहिए और हमें जवाब देना चाहिए, जो हम कर भी रहे हैं।”

जयशंकर ने अपने बयान में आगे यह भी कहा- “कनाडा को अपनी यह वोट बैंक की राजनीति अपने देश तक ही सीमित रखनी चाहिए और इसका असर भारत पर नहीं पड़ना चाहिए।“ भारत के इस रुख पर कनाडा से ज्यादा वहां के कट्टरपंथी खालिस्तानी संगठन भड़के हुए हैं।

और पढ़ें- पाकिस्तानी आतंकी यासीन मलिक को सजा मिलने पर क्यों बिलबिलाने लगे खालिस्तानी आतंकी ?

खालिस्तान का विचार कैसे अस्तित्व में आया?

परंतु यहां कई तरह के प्रश्न उठते है कि आखिर सिखों के लिए अलग राज्य की मांग कब और कैसे अस्तित्व में आई और अलगाववादी आंदोलन को हवा देने वाले कौन थे? और कैसे यह बढ़ते-बढ़ते दूसरे देशों तक पहुंचने लगी?

पंजाब की राजनीति की शुरुआत में कांग्रेस ने कुछ वर्षों तक शासन किया लेकिन फिर वहां शिरोमणि अकाली दल की राजनीति ने कांग्रेस को परेशान करना शुरू कर दिया। यह संगठन मूल रूप से सिखों को प्रमोट करने के लिए और सिख अधिकारों को बढ़ावा देने की बात करता था। ऐसे में 1970 का दशक आते-आते यहां अकाली दल का प्रभाव बढ़ गया जिसके बाद कांग्रेस के लिए पंजाब में मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई।

जब कांग्रेस पंजाब में अपने पैर पसारने की सोच रही थी तो उस दौरान ही जरनैल सिंह भिंडरावाला का उदय होता है। वो लगातार अकाली दल के खिलाफ आंदोलन कर रहा था। कांग्रेस को लगा कि इसके माध्यम से वह अपनी राजनीतिक विरासत को हासिल कर सकती है। कांग्रेस ने भिंडरावाले को पैसा हथियार सबकुछ दिया और परिणाम यह रहा कि पंजाब में कांग्रेस की स्थिति मजबूत होती चली गई। वहीं अब भिंडरावाले स्वयं को एक राजनेता के तौर पर पेश कर रहा था।

साल 1977 में भले ही इंदिरा गांधी की चुनाव में हार हुई हो, लेकिन साल 1980 में इंदिरा के आने के बाद एक बार फिर पंजाब की राजनीति में भिंडरावाले का कद मजबूत हो गया। इसके विपरीत जो जिन्न कांग्रेस ने विपक्षियों को परेशान करने के लिए छोड़ा था वह स्वयं ही उनके लिए मुसीबत बन गया। पंजाब में नशे के विस्तार से लेकर आतंकवाद तक में भिंडरावाले की अहम भूमिका थी‌ और सबसे अहम बात यह कि भिंडरावाले के समर्थक हिंदुओं को भी निशाने पर लेने लगे थे। भिंडरावाले ने स्वर्ण मंदिर तक को बंधक बना लिया। इस प्रकरण से निपटने के लिए पहले इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लूस्टार चलाकर भिंडरावाले को मरवाया और फिर उन्हें अलगाववादियों और भिंडरावाले के समर्थकों ने ही मौत के घाट उतार दिया था।

पनपने लगी आतंकवाद की भावना

इसके बाद हुए सिख विरोधी दंगों में बड़ा नरसंहार हुआ और इसका असर यह था कि पंजाब में अलगाववाद और आतंकवाद की भावना पनपने लगी। 90 का दशक शुरू हुआ और तब पुलिस अधिकारी केपीएस गिल को प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव की तरफ से फ्री हैंड मिल गया जिसके बाद आतंकियों और अलगाववादियों के खिलाफ कार्रवाई होने लगीं। जो भी खालिस्तान की मांग करता उनकी खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाता था।

ऐसे में खालिस्तानी आतंकी जहां भारतीय एजेंसियों की कार्रवाई से बचने के लिए भागने लगे, वहीं दूसरी ओर पंजाब का एक तबका आर्थिक तंगी और आतंकवाद से छुटकारा पाने के लिए भी पंजाब छोड़ विदेशों का रूख करने लगे थे। विदेशों में उनके लिए कनाडा एक सहज जगह साबित हुई‌। यहां क्षेत्रफल बड़ा और जनसंख्या कम होने के चलते कनाडा सरकार भी सिखों को खूब सपोर्ट करती रही। वहीं इन सिखों ने कनाडा में काम करने के साथ ही यहां की नागरिकता लेकर अपना रहन-सहन तक जमा लिया। इन सिखों की कनाडा के वैंकोवर से टोरंटो आदि शहरों में बड़ी तादाद हो गई थी।

कनाडा सरकार से सिखों को समर्थन मिला, तो यहां धीरे-धीरे खालिस्तानी लोगों के मन में वही इच्छा उमड़ने लगी। सिख फॉर जस्टिस से लेकर बब्बर खालसा जैसे आतंकी संगठन बन गए। इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का भी साथ मिला और प्लेन हाईजैक करने से लेकर उन्हें ब्लास्ट कराने तक में इन आतंकी संगठनों की भूमिका सामने आने लगी।

और पढ़ें- खालिस्तानियों को ट्रूडो के खुले समर्थन के कारण स्वामीनारायण मंदिर पर हमला हुआ

ट्रूडो को खालिस्तानियों का समर्थन

भारत ने अपने विरोधियों में उठने वाली आवाजों को विदेशों में भी चुप कराया, परंतु कोई इनके विरुद्ध कोई कार्रवाई तो नहीं कर पाया है। इसकी वजह यह है कि खालिस्तान की मांग करने वाले और सिख अधिकारों की बात करने वाले इन लोगों की संख्या कनाडा और फ्लोरिडा के इलाकों में कुछ ज्यादा ही है। साथ ही कनाडा में तो इन्हें  जस्टिन ट्रूडो की पार्टी को समर्थन भी मिलता है।

खालिस्तानी सोच रखने वाले लोग ट्रूडो की कैबिनेट तक में शामिल हैं। यदि यह मंत्री और राजनेता समर्थन वापस ले लें तो कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार तक गिर सकती है। यही कारण है कि ट्रूडो भी पर्दे के पीछे से खालिस्तानी संगठनों का समर्थन करते हैं।

हालांकि जिस तरह से जनमत संग्रह कराकर भारत के बाहर खालिस्तानी ताकतों को मजबूत करने का पूरा खेल चल रहा है, उसको लेकर सरकार की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अब स्पष्ट कर दिया है कि जस्टिन ट्रूडो अपनी सत्ता चलाने के लिए या राजनीतिक दांव पेंच के लिए भारत की संप्रभुता से खिलवाड़ करने वाले लोगों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल न करें और यदि वे करते भी हैं तो इसे कनाडा तक ही सीमित रखें। एस जयशंकर का यही बयान कनाडा में मौजूद खालिस्तानी ताकतों में उथल-पुथल मचा रहा है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: खालिस्तानजनमत संग्रहजयशंकरट्रूडो
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन बाइडन यूं ही नहीं कर रहे हैं, षड्यंत्र लंबा है

अगली पोस्ट

‘पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना’ को बंद करने का वक्त आ गया है?

संबंधित पोस्ट

पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपी परमाणु हथियारों की कमान, सीआईए के पूर्व जासूस का बड़ा खुलासा
AMERIKA

पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपी परमाणु हथियारों की कमान, सीआईए के पूर्व जासूस का बड़ा खुलासा

5 July 2025

अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के एक पूर्व जासूस ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। जॉन किरियाको नाम के इस...

निहाल मोदी
AMERIKA

नीरव मोदी का भाई निहाल मोदी अमेरिका में हुआ गिरफ्तार, भारत लाने की तैयारी शुरू

5 July 2025

पंजाब नेशनल बैंक के घोटाले में भारत सरकार की ओर से भगोड़ा घोषित नीरव मोदी के भाई निहाल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया...

अमेरिका में पिता को अंतिम विदाई : शवयात्रा में अचानक आसमान से फूलों के साथ बरसने लगे पैसे
AMERIKA

पिता को अंतिम विदाई : शवयात्रा में अचानक आसमान से फूलों के साथ बरसने लगे पैसे

5 July 2025

भारत में तो बुजुर्गों को अंतिम विदाई देने की परंपरा भावनाओं और सम्मान से भरी होती है। लेकिन, अमेरिका में हुई एक घटना ने इस...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Murugan Wave Rattles INDIA Bloc, Triggers Reactionary Meet in Madurai

Murugan Wave Rattles INDIA Bloc, Triggers Reactionary Meet in Madurai

00:08:10

Rage on stage: why a police officer resigned quit after CM's outburst

00:03:40

Right to religion vs duty to identify: where should India draw the line?

00:04:34

Junior Kharge Calls to Ban RSS Amid Karnataka Congress Civil War!

00:10:02

Kerala Muslim Groups oppose Zumba classes for School Children

00:07:21
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited